मित्रों, सलमान खुर्शीद ने चीन से तीन समझौते किये ..तब जाकर चीन पीछे हटा ..और इसे भारत की बड़ी हार कहा जा सकता है
१- भारत भी इस एरिया में अपनी सेना पीछे हटा लेगा और इस एरिया में सड़क,
बंकर, हेलीपैड या दूसरे कोई भी निर्माण कार्य नही करेगा | जबकि चीन इस
एरिया में सडको और बंकरो का जाल बिछा चूका है और आठ हेलीपैड और एक हवाई
पट्टी भी बना चूका है |
२- भारत
किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच और यूएन में तिब्बत की आज़ादी के हक में नही
बोलेगा और भारत को तिब्बत चीन का अभिन्न अंग है ये मानना पडेगा ..तथा भारत
अपनी भूमि पर तिब्बती लिबरेशन में लगे लोगो को नही रहने देगा |
३-
अंडमान निकोबार के आगे नए उभरे द्वीप जिन्हें न्यू मूर द्वीप कहा जाता है
उन द्वीपों को भारत बंगला देश के हवाले करेगा जिससे उन द्वीपों पर चीन अपना
नौसैनिक अड्डा बना सके |
सोचिये मित्रों, सरकार के प्रवक्ता और
मीडिया कल से ऐसे कह रहे है जैसे चीन को भारत ने पीछे हटने पर मजबूर कर
दिया है ..जबकि सच्चाई ये है की भारत पीछे हटा है और भारत ने इस डील की
भारी कीमत चुकाई है
Like · · 7 minutes ago · मित्रों, सलमान खुर्शीद ने चीन से तीन समझौते किये ..तब जाकर चीन पीछे हटा ..और इसे भारत की बड़ी हार कहा जा सकता है
१- भारत भी इस एरिया में अपनी सेना पीछे हटा लेगा और इस एरिया में सड़क, बंकर, हेलीपैड या दूसरे कोई भी निर्माण कार्य नही करेगा | जबकि चीन इस एरिया में सडको और बंकरो का जाल बिछा चूका है और आठ हेलीपैड और एक हवाई पट्टी भी बना चूका है |
२- भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच और यूएन में तिब्बत की आज़ादी के हक में नही बोलेगा और भारत को तिब्बत चीन का अभिन्न अंग है ये मानना पडेगा ..तथा भारत अपनी भूमि पर तिब्बती लिबरेशन में लगे लोगो को नही रहने देगा |
३- अंडमान निकोबार के आगे नए उभरे द्वीप जिन्हें न्यू मूर द्वीप कहा जाता है उन द्वीपों को भारत बंगला देश के हवाले करेगा जिससे उन द्वीपों पर चीन अपना नौसैनिक अड्डा बना सके |
सोचिये मित्रों, सरकार के प्रवक्ता और मीडिया कल से ऐसे कह रहे है जैसे चीन को भारत ने पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है ..जबकि सच्चाई ये है की भारत पीछे हटा है और भारत ने इस डील की भारी कीमत चुकाई है