वॉशिंगटन।। मंगल
ग्रह पर जीवन के सबूत तलाशते वैज्ञानिकों को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल,
हाल में ही इस लाल ग्रह पर खोज के दौरान पत्थरों का बना एक 5.6 किमी. ऊंचा
टीला मिला था। साइंटिस्ट्स इस टीले में कभी पानी की बड़ी झील होने के
साक्ष्य तलाश रहे थे। नई जांच में शंका जताई गई है कि टीला मंगल पर मौजूद
धूल भरे वातावरण की वजह से बना होगा, पानी की मौजूदगी से नहीं। गौरतलब है
कि वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं की तलाश में यहां पानी की
मौजूदगी की थिअरी पर काम कर रहे हैं।
मंगल पर 154 किमी. चौड़े ज्वालामुखी के क्रेटर में माउंट शार्प नाम का टीला मौजूद है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी का मानना है कि यह टीला यहां चलने वाली तेज हवाओं की वजह से बन गया होगा। बता दें कि अगस्त में अमेरिकी मानव रहित विमान मार्स रोवर क्यूरियोसिटी माउंट शार्प के करीब ही उतरा था। दिसंबर में क्यूरियोसिटी को मिटी, वॉटर मॉलेक्यूल और ऑर्गेनिक कंपाउंड के साक्ष्य मिले थे। इन कंपाउंड्स के माउंट शार्प से किसी किस्म के संबंध होने की संभावना पर काम चल रहा है।
मंगल पर 154 किमी. चौड़े ज्वालामुखी के क्रेटर में माउंट शार्प नाम का टीला मौजूद है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी का मानना है कि यह टीला यहां चलने वाली तेज हवाओं की वजह से बन गया होगा। बता दें कि अगस्त में अमेरिकी मानव रहित विमान मार्स रोवर क्यूरियोसिटी माउंट शार्प के करीब ही उतरा था। दिसंबर में क्यूरियोसिटी को मिटी, वॉटर मॉलेक्यूल और ऑर्गेनिक कंपाउंड के साक्ष्य मिले थे। इन कंपाउंड्स के माउंट शार्प से किसी किस्म के संबंध होने की संभावना पर काम चल रहा है।
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