"अजीब
हैं देश के जज ...जिलों के जज जूते खाने से भयभीत हैं ...आप राष्ट्रपति के
यहाँ जाओ जूते नहीं उतारने पड़ते ...प्रधानमंत्री /मंत्री /अधिकारी के यहाँ
जाओ जूते नहीं उतारने पड़ते ...अदालत में मुलजिम जूते उतार कर खडा होता है
क्यों ? ---जज साहब को डर है क़ि कहीं मुलजिम उनके जूते न मारे ...गज़ब आत्म
विश्वास है ." ----राजीव चतुर्वेदी
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