आदरणीय भागवत सर जी, एक इलतिजा, एक गुज़ारिश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 17 सितम्बर को 75 साल तो हो रहे हैं, अल्लाह उन्हें सलामत रखे, खुश रखे, आबाद रखे, उम्रदराज़ रखे, प्लीज़ 75 साल रिटायरमेंट नियम से उन्हें छूट दे दो ना, आडवाणी जी, मुरली मनोहर जी और दूसरे इतने लोकप्रिय कहाँ थे, उन्हें हटा दिया तो हटा दिया, मार्गदर्शन मंडल में चुप्पी है तो है, संघ के नियम सख्त हैं , लेकिन मोदी जी तो विनम्र हैं ना, उन्हें तो छूट दे दो ना, क्योंकि जनता तो उनकी दीवानी है, पाकिस्तान, अमेरिका को आंख दिखाने के लिये ऐसे ही जांबाज़ को रहने दो ना, फिर भाजपा में यूं भी नरेंद्र जी मोदी , अमित शाह जी के अलावा और है ही कोन, भाजपा को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल नहीं रहा, अडानी , अम्बानी, रेल, एयरपोर्ट, लालकिला, लड़ाकू विमान सम्भाले हुए है, शंकराचार्य बोल कर भी चुप, चुप हैं, प्रवीण जी तोगड़िया सर की स्थिति राजस्थान वालों ने देखी है, खेर प्लीज़ , मोदी जी को ही रहने दो ना, सिद्धांतों का क्या है, कुर्सी हित में बदले जा सकते हैं, अख़्तर
आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 जुलाई 2025
मै जहां रहूँ,मै कहीं भी हूँ
मूसलाधार बारिश में कोटा से भवानीमंडी पहुंचकर लिया शहर का 145 वां नेत्रदान
मूसलाधार बारिश में कोटा से भवानीमंडी पहुंचकर लिया शहर का 145 वां नेत्रदान
2. महिलाओं,बच्चों ने सामने देखी नेत्रदान की प्रक्रिया
शहर भवानीमंडी में राम नगर ,निवासी प्रॉपर्टी व्यवसायी,विमल सेठिया का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हुआ।
विमल
के भतीजे,धीरज और ज्योति मित्र विवेक जैन ने पुत्र राहुल सेठिया,पत्नी
सुमन सेठिया बेटियाँ श्वेता,प्रियंका से नेत्रदान के लिए बात की, चुंकि
परिवार पहले से सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़ा हुआ है,ऐसे में परिवार
की ओर से सहज स्वीकृति प्रदान कर दी गई। सहमति लेने के उपरांत, शाइन
इंडिया फाउंडेशन के शहर संयोजक कमलेश दलाल को नेत्रदान सम्पन्न करवाने का
आग्रह किया ।
कमलेश दलाल की सूचना पर,रात दस बजे कोटा से ईबीएसआर-
बीबीजे चैप्टर के डॉ कुलवंत गौड़ तुरंत नेत्र संकलन वाहिनी,ज्योति रथ लेकर
भवानीमंडी के लिये रवाना हो गये। कोटा से बाहर निकलते ही पूरी रात के घर
मूसलाधार तेज बारिश थी ।
रात 12 बजे,परिवार के सदस्यों के बीच में
डॉ कुलवंत गौड़ ने निवास स्थान पर पहुंच नेत्रदान का कार्य संपन्न किया।
नेत्रदान प्रक्रिया के दौरान परिवार के सभी सदस्यों ने करीब से नेत्रदान की
प्रक्रिया को देखा,महिलाओं को नेत्रदान से सम्बन्धित जो शंका थी, वह मौके
पर दूर हुई ।
शहर संयोजक कमलेश दलाल ने बताया कि, क्षेत्र में 145
दिवंगतो के नेत्रदान हो चुके हैं । नेत्रदान के प्रति लोगों की जागरूकता
बढ़ती चली जा रही है ।नेत्रदान प्रक्रिया में दामाद संजय जैन भानपुरा, कोमल
जैन, संजय लोटखेड़ी, धीरज जैन, विवेक जैन आदि ने सहयोग किया ।
पुत्र
राहुल सेठिया ने बताया कि उनके पिता हमेशा भवानीमंडी के नेत्रदान
कार्यक्रम के समर्थक रहे हैं, एवं उनकी अंतिम इच्छा भी नेत्रदान की रही है।
पिता का नेत्रदान करके उनकी अंतिम इच्छा को पूर्ण करके परिवार ने एक
आत्मिक संतोष को प्राप्त किया है।
वह ख़ुदा को कुछ आसमानों में और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) उसी का है और (आखि़रत में) काफिरों को लिए जो सख़्त अज़ाब (मुहय्या किया गया) है अफसोस नाक है
सूरए इब्रहिम मक्का में नाजि़ल हुआ और इसमें बावन (52) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
अलिफ़ लाम रा ऐ रसूल ये (क़ुरान वह) किताब है जिसकों हमने तुम्हारे पास
इसलिए नाजि़ल किया है कि तुम लोगों को परवरदिगार के हुक्म से (कुफ्र की)
तारीकी से (इमान की) रौशनी में निकाल लाओ ग़रज़ उसकी राह पर लाओ जो सब पर
ग़ालिब और सज़ावार हम्द है (1)
वह ख़ुदा को कुछ आसमानों में और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) उसी
का है और (आखि़रत में) काफिरों को लिए जो सख़्त अज़ाब (मुहय्या किया गया)
है अफसोस नाक है (2)
वह कुफ्फार जो दुनिया की (चन्द रोज़ा) जि़न्दगी को आखि़रत पर तरजीह देते
हैं और (लोगों) को ख़ुदा की राह (पर चलने) से रोकते हैं और इसमें ख़्वाह मा
ख़्वाह कज़ी पैदा करना चाहते हैं यही लोग बड़े पल्ले दर्जे की गुमराही में
हैं (3)
और हमने जब कभी कोई पैग़म्बर भेजा तो उसकी क़ौम की ज़बान में बातें करता
हुआ (ताकि उसके सामने (हमारे एहक़ाम) बयान कर सके तो यही ख़ुदा जिसे चाहता
है गुमराही में छोड़ देता है और जिस की चाहता है हिदायत करता है वही सब पर
ग़ालिब हिकमत वाला है (4)
और हमने मूसा को अपनी निशनियाँ देकर भेजा (और ये हुक्म दिया) कि अपनी
क़ौम को (कुफ्र की) तारिकियों से (इमान की) रौशनी में निकाल लाओ और उन्हें
ख़ुदा के (वह) दिन याद दिलाओ (जिनमें ख़ुदा की बड़ी बड़ी कुदरतें ज़ाहिर
हुयी) इसमें शक नहीं इसमें तमाम सब्र शुक्र करने वालों के वास्ते (कुदरते
ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं (5)
और वह (वक़्त याद दिलाओ) जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि ख़ुदा ने जो
एहसान तुम पर किए हैं उनको याद करो जब अकेले तुमको फिरआऊन के लोगों (के
ज़ुल्म) से नजात दी कि वह तुम को बहुत बड़े बड़े दुख दे के सताते थे
तुम्हारा लड़कों को जबाह कर डालते थे और तुम्हारी औरतों को (अपनी खि़दमत के
वास्ते) जिन्दा रहने देते थे और इसमें तुम्हारा परवरदिगार की तरफ से
(तुम्हारा सब्र की) बड़ी (सख़्त) आज़माइश थी (6)
और (वह वक़्त याद दिलाओ) जब तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हें जता दिया कि
अगर (मेरा) शुक्र करोगें तो मै यक़ीनन तुम पर (नेअमत की) ज़्यादती करुँगा
और अगर कहीं तुमने नाशुक्री की तो (याद रखो कि) यक़ीनन मेरा अज़ाब सख़्त है
(7)
और मूसा ने (अपनी क़ौम से) कह दिया कि अगर और (तुम्हारे साथ) जितने रुए
ज़मीन पर हैं सब के सब (मिलकर भी ख़ुदा की) नाशुक्री करो तो ख़ुदा (को ज़रा
भी परवाह नहीं क्योंकि वह तो बिल्कुल) बे नियाज़ है (8)
और हम्द है क्या तुम्हारे पास उन लोगों की ख़बर नहीं पहुँची जो तुमसे
पहले थे (जैसे) नूह की क़ौम और आद व समूद और (दूसरे लोग) जो उनके बाद हुए
(क्योकर ख़बर होती) उनको ख़ुदा के सिवा कोई जानता ही नहीं उनके पास उनके
(वक़्त के) पैग़म्बर मौजिज़े लेकर आए (और समझाने लगे) तो उन लोगों ने उन
पैग़म्बरों के हाथों को उनके मुँह पर उलटा मार दिया और कहने लगे कि जो
(हुक्म लेकर) तुम ख़ुदा की तरफ से भेजे गए हो हम तो उसको नहीं मानते और जिस
(दीन) की तरफ तुम हमको बुलाते हो बड़े गहरे शक में पड़े है (9)
(तब) उनके पैग़म्बरों ने (उनसे) कहा क्या तुम को ख़ुदा के बारे में शक है
जो सारे आसमान व ज़मीन का पैदा करने वाला (और) वह तुमको अपनी तरफ बुलाता
भी है तो इसलिए कि तुम्हारे गुनाह माफ कर दे और एक वक़्त मुक़र्रर तक तुमको
(दुनिया में चैन से) रहने दे वह लोग बोल उठे कि तुम भी बस हमारे ही से
आदमी हो (अच्छा) अब समझे तुम ये चाहते हो कि जिन माबूदों की हमारे बाप दादा
परसतिश करते थे तुम हमको उनसे बाज़ रखो अच्छा अगर तुम सच्चे हो तो कोई साफ
खुला हुआ सरीही मौजिज़ा हमे ला दिखाओ (10)
16 जुलाई 2025
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