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19 अक्तूबर 2011

एक साल में ‘एनी टाइम सिलेंडर डिलीवरी’ स्कीम सभी शहरों में

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नई दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्रालय ने अपनी एनी टाइम सिलेंडर डिलीवरी स्कीम को एक साल के अंदर देश के सभी क्षेत्रों में शुरू करने का लक्ष्य तय किया है। जबकि अगले छह महीने में इसे उन सभी शहरों में शुरू करने की कवायद शुरू की जा रही है जिनकी आबादी दस लाख या अधिक है।

पिछले साल जुलाई में शुरू हुई यह योजना फिलहाल 16 शहरों में चल रही है। इनमें नई दिल्ली,मुंबई,गुड़गांव,नोएडा,फरीदाबाद, सोनीपत,पुणे,थाणे,नवी मुंबई, कल्याण, मीरा भायंदर शामिल हैं। इस योजना के तहत एक निर्धारित शुल्क पर ग्राहक सिलेंडर की डिलीवरी अपने मनचाहे समय पर ले सकता है।

वित्त मंत्रालय की ओर से आयोजित किए जाने वाले आर्थिक संपादकों के सम्मेलन के लिए तैयार पुस्तिका में पेट्रोलियम मंत्रालय ने यह इरादा जताते हुए कहा कि दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के मुकाबले इससे कम आबादी वाले शहरों में डिलीवरी के लिए चार्ज कम होगा।

साढ़े पांच करोड़ नए कनेक्शन

मंत्रालय ने वर्ष 2015 तक 5.5 करोड़ नए कनेक्शन देने का लक्ष्य रखते हुए इस समयावधि तक एलपीजी कवरेज 75 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पाइप के सहारे घरों में गैस पहुंचाने वाली सिटी गैस सेवा का दायरा भी सौ से बढ़ाकर 2 सौ शहर कर दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि 1 सितंबर 2011 तक देश में एलपीजी कवरेज 66.73 प्रतिशत था। इसे बढ़ाने के लिए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। गांव में सिलेंडर पहुंचाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरक योजना शुरू की गई है।

मनचाहे समय पर सिलेंडर डिलीवरी का चार्ज
समय 10लाख वाले शहर कम आबादी वाले शहर

सुबह 8 से पहले 50 रुपए 40 रुपए
सुबह8-11 बजे 25 रुपए 20 रुपए
11-3 बजे तक 25 रुपए 20 रुपए
3-6 बजे तक 25 रुपए 20 रुपए
6-8 बजे तक 50 रुपए 40 रुपए
शनिवार-रविवार 25 रुपए 20 रुपए
(सुबह 8 से शाम 6 बजे तक)

अब दीवार के दूसरे पार देख सकेंगे

वाशिंगटन। फंतासी कहानियों और फिल्मों के हीरो की तरह अब हम भी मोटी दीवारों के पार देख सकेंगे। एमआईटी के लिंकन लैब के शोधकर्ता ग्रेगोरी चार्वट और जॉन पीबॉडी ने इसके लिए एक सिस्टम बनाया है। इसकी मदद से 60 फीट दूर से भी दीवार के दूसरी ओर हो रही गतिविधियों को देखा जा सकता है। चार्वट ने बताया कि इस तकनीक से मिल्रिटी ऑपरेशन के कॉम्बेट स्थितियों में मदद मिलेगी। शोधकर्ताओं ने चार और आठ इंच मोटी कांक्रीट की दीवारों पर यह प्रयोग किया।

एंटीना और राडार तरंगों से काम करती है तकनीक

सिस्टम में चारों ओर एंटीना लगाए गए हैं। ऊपर लगे आठ एंटीना तरंगों को रिसीव करते हैं। नीचे लगे 13 एंटीना तरंगों को भेजने (ट्रांसमिट) करने का काम करते हैं। कुछ अन्य एंटीना इसे नियंत्रित करते हैं।

तरंगों को 60 फीट से भी कैच किया जा सकेगा

ट्रांसमीटर एंटीना राडार तरंगों को दीवार के दूसरी और मौजूद टार्गेट (जिसपर नजर रखनी है) पर केंद्रित करते हैं। लेकिन उस टार्गेट से लौटते समय तरंगों का रास्ता दीवारें रोक लेती हैं। इससे 99 प्रतिशत सिग्नल में कमी आ जाती है। इस वजह से रिसीवर एंटीना पर सिर्फ 0.0025 प्रतिशत सिग्नल ही आ पाता है। लेकिन चार्वट ने कहा कि इन सिग्नल की तीव्रता बढ़ाने के लिए एम्पलीफायर का प्रयोग किया जा सकता है। इस सिस्टम में टीवी की तरह लाइव घटनाओं को भी देखा जा सकता है।

आज 5 ग्रहों के संयोग में 21 घंटे का श्रेष्ठ गुरु- पुष्य

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कोटा.4 साल बाद गुरुवार के दिन खरीदी का महा मुहूर्त गुरु-पुष्य नक्षत्र तकरीबन 21 घंटे की लंबी अवधि तक रहेगा। शुक्रवार को भी सुबह 10.45 तक पुष्य नक्षत्र रहेगा।

इस लिहाज से करीब 24 घंटे तक पुष्य योग रहेगा। इस बार ग्रहों की चाल से इसके साथ-साथ पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, सूर्य-बुध का बुधादित्य और गजकेसरी योग का दुर्लभ महासंयोग भी बन रहा है। इस कारण व्यापारियों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।

इस दिन खास तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, कम्प्यूटर, लैपटॉप, बाइक, कार, मोबाइल, भूमि, भवन, बर्तन आदि की खरीदी उत्तम मानी गई है। सोना-चांदी, रत्न एवं पीली वस्तुओं की खरीद शुभ फलदायी होगी। बही खातों की खरीद के साथ-साथ दुकान, फैक्ट्री, उद्योग, शैक्षिक कार्य, दीक्षा में श्रेष्ठ फलदायी होगा।

गुरु पुष्य नक्षत्र - 20 अक्टूबर को सुबह 10.47 बजे से 21 अक्टूबर सुबह 6.28 बजे तक गुरु-पुष्य नक्षत्र तथा 10.45 तक शुक्र पुष्य रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमित शास्त्री के अनुसार सुबह 10.22 से दोपहर 3.26 तक लाभ-अमृत का चौघड़िया सर्वश्रेष्ठ योग हैं। इस समय सोना-चांदी की खरीद, बही-खाते, पुस्तक, पैन, दवात, की खरीद शुभ फलदायी हैं।

दोपहर 4.57 बजे से 7.30 बजे तक शुभ अमृत का चौघड़िया इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, आभूषण, स्त्री श्रंगार की वस्तुएं, वस्त्रादि, वाहन आदि की खरीद के लिए अति उत्तम है। वहीं प्रदोष काल होने की वजह से मंत्र साधना के लिए भी यह समय उपयुक्त है।

दौरे में मेयर व पार्षद के समर्थक भिड़ेComment

जयपुर.मेयर के सफाई सुधार दौरे के अंतिम चरण में बुधवार को सिरसी रोड के बिशनावाला में मेयर व पार्षद के समर्थक आपस में भिड़ गए। नौबत मारपीट तक जा पहुंची और मामला थाने तक पहुंच गया, पर वहां आपस में सुलह हो गई।

सिविल लाइंस जोन के वार्डो में सुबह मेयर ज्योति खंडेलवाल के दौरे की शुरुआत शांतिपूर्ण रही। ढोल नगाड़ों के बीच स्वागत का सिलसिला चला, लेकिन आखिरी समय में हंगामा हो गया। वार्ड 13 में वैशाली नगर से होती हुई जब मेयर वार्ड 11 में पहुंची तो पार्षद नीता यादव ने उन्हें अपने साथ पांच्यावाला व हरनाथपुरा व गोविंदपुरा की तरफ ले जाना चाहा, लेकिन मेयर ने कहा कि समय कम है और उन्हें अन्य वार्डो का भी जायजा लेना है।

इसी बात को लेकर दोनों के बीच कुछ तकरार हो गई। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता सुषमा राठौड़ ने वहां मौजूद यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बदतमीजी करने का आरोप लगाया, जिसे लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता भिड़ गए। झगड़ा बढ़ता देख सतर्कता दस्ते ने बमुश्किल मेयर को वहां से निकाला। बाद में मेयर ने दौरा करने के बजाय वहां से लौटना ही उचित समझा।

आलाकमान तक पहुंचा धरने का मामला

नगर निगम मुख्यालय पर अपनी ही पार्टी की मेयर के खिलाफ पार्षदों द्वारा दिए धरने का मामला अब आलाकमान तक पहुंच गया है। मेयर ज्योति खंडेलवाल ने इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष ने भी धरने पर खासी नाराजगी जताते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सलीम कागजी व शहर प्रभारी जुबेर खान को आवश्यक निर्देश दिए हैं। इसके बाद पार्षदों को पीसीसी में तलब किया गया।

उधर, कांग्रेसी पार्षदों का धरना दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। वार्ड 1 के पार्षद सीएम शर्मा, वार्ड 10 की पार्षद मोहिनी कंवर व वार्ड 3 के निर्दलीय पार्षद सुशील शर्मा के समर्थक दूसरे दिन भी धरना स्थल पर मौजूद रहे। पार्षदों के धरने को किन्नर समाज के लोगों ने भी अपना समर्थन दिया है।

किन्नर श्री बाई ने बताया कि वे यहां किसी की बुराई करने नहीं आए हैं, उन्होंने तो सिर्फ जनता की भलाई व व्यवस्था सुधारने की मांग पर समर्थन दिया है। पार्षद समर्थकों ने मेयर व निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना स्थल पर दिनभर भजनों व नाच-गानों का दौर चलता रहा

महामुहूर्त आज, जल्दी करो कहीं निकल न जाए यह सर्वश्रेष्ठ दिन



गुरु पुष्यामृत यानी गुरु पुष्य नक्षत्र आज है। सर्वार्थ, अमृत सिद्धि के साथ गजकेसरी योग बनने से यह कुछ खास है। यह संयोग यश, सफलता और सुख समृद्धि देने वाला है। सुबह 6:35 बजे से यह अगले दिन सुबह 6:30 बजे तक रहेगा। यानी 24 घंटे का महामुहूर्त। इसी के साथ दीवाली की खरीदारी भी शुरू हो जाएगी। बाजार सज चुके हैं।


ज्योतिषियों के मुताबिक सोना-चांदी सहित अन्य धातुओं के साथ भूमि-भवन की खरीदी के साथ अन्य शुभ कार्य किए जाएं तो वह स्थिर होकर शुभत्व प्रदान करते हैं। दीवाली से पहले इस तरह का संयोग अब 2014 में आएगा।

सावधान : आपका फ्रिज बन सकता है हजारों कीटाणुओं का घर


लंदन। फ्रिज में सलाद रखने वाले दराज में अनुमान से 750 गुना ज्यादा कीटाणु मौजूद होते हैं। इनमें बीमारियां फैलाने वाले ई-कोलाई, साल्मोनेला और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया भी शामिल हैं। 30 फ्रॉस्ट-फ्री फ्रिज का अध्ययन करने पर यह बात सामने आई है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि हर सेंटीमीटर प्रति स्क्वायर में लगभग 7,850 बैक्टीरिया पाए जाते हैं। कुछ फ्रिज में इनकी संख्या 12 लाख 9 हजार बैक्टीरिया प्रति सेंटीमीटर तक पहुंच गई है। यूरोपियन कमीशन के अनुसार एक साफ फ्रिज में बैक्टीरिया की संख्या 0-10 सेंटीमीटर प्रति स्क्वायर मानी जा सकती है।

स्टैफोर्डशायर के माईक्रोबन यूरोप के पॉल मेकडॉनल ने बताया कि फ्रिज का इस्तेमाल खाने को कीटाणु रहित रखने के लिए किया जाता है। जो लोग निश्चित समय पर फ्रिज की सफाई करते हैं, उनके फ्रिज में यह परेशानी नहीं आती। लेकिन लंबे समय तक फ्रिज साफ न करने पर यह बीमारियों का कारण बन सकता है।

आमतौर पर फ्रिज का इस्तेमाल गर्मियों में किया जाता है। ज्यादा तापमान होने से बैक्टीरिया आसानी से अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं। इसलिए खाना फ्रिज में रखा जाता है। लेकिन क म तापमान में भी कुछ समय बाद कीटाणु बढ़ने लगते हैं। इसलिए सफाई जरूरी हो जाती है।

माईक्रोबन यूरोप ने कीटाणुओं से राहत पाने के लिए बैक्टीरिया विरोधी तकनीक बनाई। इसका प्रयोग व्हर्लपूल जैसी कंपनियां भी कर रही हैं। इसकी मदद से फ्रिज में रखे खाने को अनचाही गंध और कीटाणुओं से दूर रखा जा सकता है।

राजघराने के नए उत्तराधिकारी ने मांगा काम-काज का 'राज'



जयपुर.जयपुर के पूर्व महाराजा स्व. भवानी सिंह के गोद लिए पुत्र सवाई पद्मनाभ सिंह ने अपने पक्ष में उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र (प्रोबेट व लैटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन) जारी कराने के लिए निचली अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया है

इस प्रार्थना-पत्र को मंजूर किया जाता है तो पद्मनाभ को स्व.भवानी सिंह से जुड़े सभी कानूनी अधिकार मिल जाएंगे। अदालत ने कानूनी अधिकार को हस्तांतरित करने के प्रार्थना-पत्र पर 21 नवंबर तक आपत्ति मांगी है।

स्व. भवानी सिंह के वकील रहे रमेश शर्मा ने यह प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया है। यदि कोर्ट इस पत्र को मंजूर कर कानूनी अधिकार देती है तो उसके बाद से भवानी सिंह के नाम से जुड़ी सभी अदालती कार्रवाइयां पद्मनाभ सिंह के नाम से लड़ी जाएंगी।

इसके अलावा बैंकों के खातों का लेन-देन व अन्य कार्य भी पद्मनाभ के नाम से होंगे। पद्मनाभ इस मंजूरी के बाद उन सभी मामलों में भी भवानी सिंह के कानूनी उत्तराधिकारी होंगे, जो राजपरिवार की संपूर्ण संपत्ति से जुड़े हुए हैं।

जयपुर राजपरिवार में पुत्रों की पैदाइश नहीं होने के कारण आमतौर पर गोद लेने की परंपरा ही रही। जयपुर राजपरिवार में भवानी सिंह भी तीन पीढ़ियों बाद पुत्र के रूप में जन्मे। इससे पहले सवाई रामसिंह के पुत्र के रूप में सवाई माधोसिंह को ईसरदा से गोद लिया गया।

इसके बाद माधोसिंह के भी जब पुत्र नहीं हुआ तो उन्होंने मानसिंह द्वितीय को ईसरदा से गोद लिया। असल में मानसिंह द्वितीय का असल नाम मोरमुकुट सिंह था, जो उनके पिता ईसरदा के ठाकुर सोवाई सिंह ने रखा था। गोद लेने के बाद वे सवाई मानसिंह द्वितीय के जाने गए।

इसके बाद मानसिंह द्वितीय के रानी मरुधर कंवर से भवानी सिंह का यानी किसी पुत्र का तीन पीढ़ी बाद जन्म हुआ। इसके बाद भवानी सिंह के भी पुत्र नहीं हुआ तो उन्होंने बेटी दीया कुमारी व दामाद नरेंद्र सिंह के पुत्र पद्मनाभ को गोद लिया।

ठिकानेदारों में गोद जाने के लिए होता था विवाद

जयपुर के पुराने लोगों का कहना है कि जयपुर राजपरिवार में पुत्रों के जन्म नहीं होने से गोद लेने की परंपरा ही रही है। ऐसे मे ईसरदा, चौमूं, सामोद सहित विभिन्न ठिकानों से पुत्र गोद लिए जाते रहे। ऐसे में इन ठिकानों के ठिकानेदारों में होड़ चलती थी कि जयपुर राजपरिवार में कौन गोद जाएगा। ठिकानेदार इस बात पर विवाद कर बैठते थे कि उनका पुत्र ही जयपुर में गोद जाएगा।

संपत्ति की मौजूदा स्थित

सुप्रीम कोर्ट ने राजपरिवार की कई संपत्तियों पर 1992 से रिसीवर नियुक्त कर रखा है। तब से अब तक इन पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। भवानी सिंह के पिता सवाई मानसिंह द्वितीय की जो भी संपत्ति थी, मानसिंह के बाद भवानी सिंह उसके उत्तराधिकारी बने।

तब से 1986 तक सबकुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन उसके बाद संपूर्ण संपत्ति के बंटवारे को लेकर पूर्व राजमाता स्व. गायत्री देवी, भवानी सिंह के भाई जयसिंह, पृथ्वी सिंह और जगतसिंह एक ओर आ गए और उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में संपत्ति बंटवारे का दावा कर दिया। इसके बाद से अब तक राजपरिवार की संपत्तियों पर या तो कोर्ट में केस चल रहे हैं अथवा उनमें से कुछ पर रिसीवर नियुक्त है।

इन संपत्तियों पर रिसीवर

राजमहल पैलेस और गांधी गृह निर्माण सहकारी समिति को लीज पर दी गई जमीन, रामबाग स्टाफ क्वार्टर्स, रामबाग के सामने स्थित बंगला (एसएमएस स्कूल), बंगला नंबर-37 (सेंट्रल पार्क में लक्ष्मीविलास के पास, बंगला नंबर-36 (लक्ष्मीविलास होटल), तख्तेशाही (मोतीडूंगरी महल), रामबाग स्टाफ क्वार्टर्स, अशोक क्लब, सेंट्रल पार्क बनने से पहले निर्मित राजघराने की बिल्डिंग्स, सिविल लाइंस का बंगला नंबर-6, बंगला नंबर-7, तिलक मार्ग पर एच एच फ्लैट्स, एसएमएस इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन की जमीन, अमरूदों का बाग ए और बी, जमवारामगढ़ में 521 बीघा जमीन, दिल्ली स्थित जयपुर हाउस, माउंट आबू स्थित जयपुर हाउस और सवाईमाधोपुर का विमान भवन।

राजपरिवार के अधीन

खातीपुरा हाउस, प्रिंसेज क्लब, प्रिंसेज हाउस, नाटानी का बाग, जयपुर क्लब (पूर्व महाराज कुमार पृथ्वी सिंह के लिए), रामगढ़ शूटिंग लॉज, आरामगाह, जमवारामगढ़ झील के मध्य शूटिंग लॉज, हवा ओधी, बंजर जमीन 3800 एकड़, लालवास बीड़ की 1900 एकड़ जमीन, सवाईमाधोपुर शूटिंग लॉज, दुर्गापुरा फॉर्म, लालनिवास, हथरोई फोर्ट, आंबेर माताजी, गोविंददेव जी मंदिर व गलता मंदिर से जुड़ी संपत्तियां, जयपुर हाउस, न्यू दिल्ली हाउस, इंग्लैड में सेंट हिल एस्टेट, फार्म, फ्लैट, शहर में दर्जनों हवेलियां और अरबों की चल संपत्ति।

पूर्व महाराजा की मिल्कियत, बेच नहीं सकते

सिटी पैलेस के भीतर दीवान-ए-आम, सर्वतोभद्र, चंद्र महल, जयनिवास उद्यान, रामबाग पैलेस और आउट हाउसेस, जैन टैंपल, सवाई मान गार्ड मैस, भगवानदास बैरिकेड्स के मध्य खाली पड़ी भूमि, तख्तेशाही, जयगढ़।

विवाह तो हो गया पर अटका है मजदूर की बेटी का 'कन्यादान'

अजमेर.श्रम विभाग में पंजीकृत एक स्थानीय श्रमिक अपनी बेटी का कन्यादान प्राप्त करने के लिए श्रम विभाग के चक्कर काट रहा है। राज्य सरकार ने श्रमिक कल्याण योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को बेटी के विवाह में 51000 हजार रुपए की राशि बतौर कन्यादान देने की घोषणा की थी। अजमेर संभाग में अब तक किसी भी श्रमिक को उक्त राशि नहीं दी गई।

विवेकानंद कॉलोनी निवासी सोहनलाल पेशे से मजदूर है। गत 16 जुलाई को उसकी बेटी राजकुमारी का विवाह सूरज के साथ हुआ था। सोहनलाल ने विवाह की जानकारी श्रम विभाग को देकर सहायता के लिए कन्यादान की राशि मांगी थी। लेकिन विवाह के चार माह बाद तक भी उक्त राशि नहीं दी जा सकी।

सोहनलाल इसके लिए श्रम विभाग के कई चक्कर काट चुका है लेकिन नतीजा सिफर रहा। जबकि योजना में कन्यादान विवाह वाले दिन देने की घोषणा की गई थी। इस मामले में अजमेर मेरवाड़ा कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर कन्यादान की राशि देने की मांग की है।

श्रमिकों का पैसा है फिर क्यों देरी?

अजमेर मेरवाड़ा कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के संरक्षक विजय वालिया ने बताया कि राज्य सरकार ने निर्माणों कार्यो पर ठेकेदारों से करोड़ों रुपए सैस राशि की वसूली है। सैस श्रमिकों के कल्याण के लिए लिया गया है। इसके बावजूद श्रमिक कल्याण बोर्ड ने अब तक इस राशि में से संभाग में ना तो किसी श्रमिक की बेटी को कन्यादान दिया और ना ही किसी मृत्युकारित श्रमिक के परिवार को मुआवजा।

समय पर करें भुगतान

श्रमिकों का कहना है कि सरकार श्रमिक कल्याण की राशि का समय पर भुगतान करे। ताकि राशि का उचित उपयोग किया जा सके। बेटी के विवाह के लिए दी जाने वाली 51000 रुपए की कन्यादान की राशि यदि विवाह से एक दिन पूर्व या उसी दिन दे दी जाए तो विवाह में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अमूमन श्रमिकों को बेटी के विवाह, किसी बीमारी के इलाज के लिए या फिर अन्य किसी काम के समय उधार रकम लेकर व्यवस्था करती पड़ती है। इस वजह से संभाग में कई श्रमिक कर्जदार तक हो चुके हैं

"कन्यादान के लिए श्रमिक कल्याण बोर्ड जयपुर को लिखा गया है। बोर्ड के निर्णय के बाद कन्यादान की राशि दी जाएगी। "

आरपी पारीक संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त

तीन इनकम टैक्स इंस्पेक्टर घूस लेते गिरफ्तार

जयपुर/उदयपुर/हनुमानगढ़/बीकानेर.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उदयपुर, हनुमानगढ़ तथा बीकानेर से तीन इनकम टैक्स इंस्पेक्टरों को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

उदयपुर में तैनात इंस्पेक्टर महेश कुमार ढाका को प्रोपर्टी डीलर से 90 हजार तथा हनुमानगढ़ में इंस्पेक्टर केआर वर्मा को होटल संचालक से पचास हजार रु. की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जबकि बीकानेर में तैनात इंस्पेक्टर हरिकिशन फुलवारिया को पचास हजार रुपए की रिश्वत देने की सिफारिश करने के आरोप में पकड़ा गया।

फुलवारिया ने होटल संचालक से कहा था कि वह केआर वर्मा को 50 हजार रुपए की रिश्वत दे दे। एसीबी ने इन सभी इंस्पेक्टरों के आवासों की तलाशी ली। वर्मा के मकान पर ताला लगा मिला, लेकिन कार्यालय की तलाशी में अलमारी से साढ़े पांच लाख रुपए की नकदी मिली। ढाका के आवास पर चार बैंक अकाउंट की जानकारी मिली, इनमें दो लाख रुपए हैं। देर रात तक फुलवारिया के आवास पर तलाश जारी थी।

एसीबी आईजी डीसी जैन ने बताया कि उदयपुर में ट्रेप की कार्रवाई मंगलवार रात को की गई। इंस्पेक्टर महेश कुमार ढाका डिप्टी डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन (फस्र्ट) के यहां कार्यरत है।

उसने शहर के एक प्रोपर्टी डीलर को आयकर संबंधित शिकायतों का हवाला देते हुए मामले को रफा-दफा करने की एवज में पांच लाख रुपए मांगे थे। बाद में एक मध्यस्थ के माध्यम से डेढ़ लाख रुपए में सौदा तय हुआ। इसको लेकर प्रोपर्टी डीलर मुकेश सोनी ने एसीबी से शिकायत की थी।

हनुमानगढ़ में इंस्पेक्टर वर्मा ने होटल संचालक अशोक नारंग से स्क्रूटनी मामले को रफा दफा करने की एवज में 50 हजार रुपए मांगे थे। इसके लिए बीकानेर में तैनात इंस्पेक्टर हरिकिशन फुलवारिया ने भी सिफारिश की। होटल संचालक तथा फुलवारिया पहले से ही परिचित थे।

फूलवारिया हनुमानगढ़ में भी इनकमटैक्स इंस्पेक्टर रह चुके हैं। नारंग ने बताया कि वह रिटर्न जमा कराने को तैयार था लेकिन कागजातों में हर बार कमी दिखाकर वर्मा रिश्वत की मांग करते रहे। पहले उन्होंने दो लाख रुपए मांगे, लेकिन बाद में सौदा पचास हजार रुपए में तय हुआ।

चंदा' ने दिया दर्द और कट गई 'रेशमा' की पूंछ!

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जयपुर.उम्र के लिहाज से देश की सबसे बड़ी सफेद बाघिन (व्हाइट टाइगर) रेशमा की जयपुर जू में एक अन्य बाघिन चंदा ने पूंछ पर हमला कर दिया। इस हमले के कारण गंभीर रूप से जख्मी हो गई रेशमा की पूंछ को ऑपरेशन कर काटना पड़ा।

जयपुर जू में बुधवार सुबह यहां बाघिनों की देखरेख कर रहे कर्मचारियों ने बाघिनों के पिंजरों को साफ करने के लिए चंदा नामक एक बाघिन को बाहरी पिंजरे में निकाल दिया। उसी बाहरी पिंजरे से रेशमा का पिंजरा सटा हुआ था। दोनों पिंजरों के बीच केवल सलाखें ही थीं।

हुआ यह कि जैसे ही रेशमा की पूंछ बाहरी पिंजरे की ओर निकली, चंदा ने उस पर हमला कर दिया। हमले में चंदा ने अपने जबड़े में रेशमा की पूछ पकड़ कर जोरदार झटके के साथ खींच डाला। ऐसे में पूंछ का हिस्सा शरीर से अलग होने की स्थिति में आ गया और तेजी से खून बहने लगा।

जयपुर जू की घटना, तुरंत ऑपरेशन से बच गई सफेद बाघिन की जान

..तो जान भी जा सकती थी

घटना के तुरंत बाद जू प्रबंधन ने डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में टीम गठित कर रेशमा का इलाज शुरू करा दिया और ऑपरेशन कर उसकी पूंछ का हिस्सा शरीर से ही अलग कर दिया। पशु चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार यदि पूछ अलग नहीं की जाती तो उसके खून को रोका जाना मुश्किल होता और उसकी जान भी जा सकती थी।

लापरवाही की हद

हाल ही वन विभाग ने वन्यजीव सप्ताह रेशमा के नाम ही समर्पित किया था। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक उम्र (करीब 24 वर्ष) के कारण रेशमा को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। फिर भी जू में केयर टेकरों ने रेशमा को अपने हाल छोड दिया। अधिक उम्र में ऐसे जानवर आंखों का रिफ्लेक्श कमजोर हो जाता है और अपना बचाव करना मुश्किल होता है।

इसके अलावा अधिक उम्र में जानवरों के शरीर पर आसपास के कीटाणुओं या अन्य जानवरों की बीमारी का प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसी भी सूरत में विशेष प्रकार के पिंजरे में रखा जाना चाहिए। दिल्ली जू में पूर्व में इस तरह की घटना के बावजूद जू प्रबंधन ने सबक नहीं लिया।

भारत की सबसे भयानक जगह है यह किला!


जयपुर.इस किले में प्रवेश करने वाले लोगों को पहले ही चेतावनी दे दी जाती है कि वे सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात् इस इस किले के आस पास समूचे क्षेत्र में प्रवेश ना करें अन्यथा किले के अन्दर उनके साथ कुछ भी भयानक घट सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इस किले में भूत प्रेत का बसेरा है,भारतीय पुरातत्व के द्वारा इस खंडहर को संरक्षित कर दिया गया है।गौर करने वाली बात है जहाँ पुरात्तव विभाग ने हर संरक्षित क्षेत्र में अपने ऑफिस बनवाये है वहीँ इस किले के संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग ने अपना ऑफिस भानगढ़ से किमी दूर बनाया है।

जयपुर और अलबर के बीच स्थित राजस्थान के भानगढ़ के इस किले के बारे में वहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि रात्रि के समय इस किले से तरह तरह की भयानक आवाजें आती हैं और साथ ही यह भी कहते हैं कि इस किले के अन्दर जो भी गया वह आज तक वापस नहीं आया है,लेकिन इसका राज क्या है आज तक कोई नहीं जान पाया।

मिथकों के अनुसार भानगढ़ एक गुरु बालू नाथ द्वारा एक शापित स्थान है जिन्होंने इसके मूल निर्माण की मंज़ूरी दी थी लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि महल की ऊंचाई इतनी रखी जाये कि उसकी छाया उनके ध्यान स्थान से आगे ना निकले अन्यथा पूरा नगर ध्वस्त हो जायेगा लेकिन राजवंश के राजा अजब सिंह ने गुरु बालू नाथ की इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और उस महल की ऊंचाई बढ़ा दी जिससे की महल की छाया ने गुरु बालू नाथ के ध्यान स्थान को ढंक लिया और तभी से यह महल शापित हो गया।

एक अन्य कहानी के अनुसार राजकुमारी रत्नावती जिसकी खूबसूरती का राजस्थान में कोई सानी नहीं था।जब वह विवाह योग्य हो गई तो उसे जगह जगह से रिश्ते की बात आने लगी।

एक दिन एक तांत्रिक की नज़र उस पर पड़ी तो वह उस पर कला जादू करने की योजना बना बैठा और राजकुमारी के बारे में जासूसी करने लगा।

एक दिन उसने देखा कि राजकुमारी का नौकर राजकुमारी के लिए इत्र खरीद रहा है,तांत्रिक ने अपने काले जादू का मंत्र उस इत्र की बोतल में दाल दिया,लेकिन एक विश्वशनीय व्यक्ति ने राजकुमारी को इस राज के बारे में बता दिया।

राजकुमारी ने वह इत्र की बोतल को चट्टान पर रखा और तांत्रिक को मारने के लिए एक पत्थर लुढ़का दिया,लेकिन मरने से पहले वह समूचे भानगढ़ को श्राप दे गया जिससे कि राजकुमारी सहित सारे भानगढ़ बासियों की म्रत्यु हो गई।

इस तरह की और और भी कई कहानियां हैं जो भानगढ़ के रहस्य पर प्रकाश डालती हैं लेकिन हकीकत क्या है वह आज भी एक रहस्य है।

‘मौत के कुएं’ में हुआ बड़ा हादसा,बेखबर रही पुलिस

कोटा.दशहरे मेले में लगे मौत के कुएं में कलाबाजी दिखाते हुए बुधवार रात एक राइडर बाइक सहित नीचे गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सिर में गंभीर चोट आई है। घटना के बाद भी कुएं का शो चलता रहा। मेले में इतने बड़े हादसे के बावजूद न तो पुलिस वहां पहुंची और न ही कोई केस दर्ज किया गया। हादसे के बाद मेला संचालक इस मामले को दबाने की कोशिश करता रहा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मेले में लगे गणेश एम्युजमेंट के मौत के कुएं खेल में बुधवार की रात को शो चल रहा था। शो में मुमताज उर्फ इमताज नाम का राइडर बाइक से कलाबाजी दिखा रहा था। कलाबाजी दिखाते-दिखाते वह काफी ऊपर तक आ गया और ऊपर खड़े दर्शकों से हाथ मिला रहा था।

उसी समय अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह बाइक सहित नीचे गिर गया। जिससे आंख के ऊपर से उसका सिर फट गया। चोट लगने से वह बुरी तरह से लहुलुहान हो गया। उसे दादाबाड़ी स्थित भारत विकास परिषद अस्पताल में ले जाया गया। उसके सिर में आठ टांके आए हैं ।

दिखने में था हारमोनियम लेकिन अन्दर झांका तो चौंक गई पुलिस!

कोटा. सेंट्रल जेल में बुधवार को बाजार से ठीक होकर पहुंचे एक हारमोनियम में दो मोबाइल, दो चार्जर व गुटखा-तंबाकू सहित व्यसन की अन्य सामग्री जेल पुलिस ने बरामद की। इससे पहले भी जेल पुलिस चैकिंग के दौरान सिम व मोबाइल पहले भी बरामद कर चुकी है।

जेलर गोविंद सिंह ने बताया कि जेल में कैदियों के मनोरंजन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए कई प्रकार के वाद्ययंत्र है। कुछ दिन पहले हारमोनियम खराब हो जाने पर उसे हरिओम गैस बालाकुण्ड वाले के यहां ठीक करवाने भेजा गया था। बुधवार को एक युवक उसे जेल पहुंचाने आया।

संतरी ने शक होने पर हारमोनियम को खुलवाकर तलाशी ली। संतरी ने जब अंदर देखा तो पहले उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है। हारमोनियम के अंदर दो मोबाइल, दो चार्जर सहित जर्दा व तंबाकू की सामग्री बरामद हुई। पूछताछ में पता चला है कि हत्या के मामले में उम्रकैद भुगत रहे मोहन कुमार प्रजापति ने ही इसकी योजना बनाई थी।

जहां यह हारमोनियम ठीक होने भेजा गया था, वह उसके साथी बंदी जितेन्द्र के मिलने वाले की दुकान थी। जितेंद्र का रिश्तेदार त्रिवेंद्रसिंह ही हारमोनियम में यह सामग्री रखकर लाया था। दोषी कैदी पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं हारमोनियम को लाने वाले के बारे नयापुरा पुलिस को शिकायत दी है। नयापुरा पुलिस और डिप्टी सीताराम माहीच का कहना है कि उन्हें जेल से कोई शिकायत नहीं मिली है।

सवाल जो जवाब मांगते हैं

-कैदी को कैसे पता चला कि कोई हारमोनियम ठीक होने, कहां गया है?

- हारमोनियम ठीक करने वाले के पास बंदी का रिश्तेदार कैसे पहुंचा?

- जेल में बंदी के पास क्या पहले से ही मोबाइल है जिससे बंदी ने हारमोनियम ठीक करने वाले और अपने रिश्तेदार से बात की

- जिस तरह इसमें मोबाइल रखकर भेजे गए, ऐसे तो बाहर से कोई भी विस्फोटक अथवा आपत्तिजनक सामग्री भी जेल में पहुंचाई जा सकती है?

'दलील नहीं, भंवरी चाहिए और अब सच सामने लाए सरकार'

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एएनएम भंवरी देवी मामले में सरकार की लगभग सभी दलीलों को खारिज करते हुए भंवरी को ढूंढकर लाने के आदेश दिए, साथ ही भंवरी के पति अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को भी खारिज करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने अमरचंद की ओर से दायर आवेदन को स्वीकार करते हुए मामले में सीबीआई को पक्षकार बनाने और उसे नोटिस जारी करने के भी आदेश दिए।
खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता समाज के निचले तबके से है तथा ऐसे लोगों में उच्च वर्ग के प्रति डर बना रहता है। इसलिए बड़े लोगों का नाम बेवजह नहीं ले सकते। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सचाई सामने लाए।
इससे पहले न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश एनके जैन (द्वितीय) की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमआर सिंघवी ने अमरचंद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कई कानूनी खामियां बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की।
उन्होंने फूलाराम बनाम स्टेट मामले में खंडपीठ द्वारा इस वर्ष 17 जनवरी को दिए गए निर्णय का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण मामला वहीं मान्य होता है, जिसमें गायब व्यक्ति सरकार अथवा किसी व्यक्ति विशेष की कस्टडी में होता है, जबकि इस मामले में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है, इसलिए यह याचिका कानूनन गलत है।
कोर्ट ने उनकी तमाम दलीलों को ओवररूल्ड (दरकिनार) कर दिया।साथ ही अदालत को संविधान की धारा 226 के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए सरकार को भंवरी को ढूंढ निकालने के सख्त आदेश जारी किए। सिंघवी की दलील पर न्यायाधीश माथुर ने कहा, ‘इस मामले में ऐसा नहीं है तथा याचिका में कुछ राजनीतिक हस्तियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
गत 20 सितंबर को याचिका पेश किए जाने के बाद से 17 अक्टूबर तक कई बार सुनवाई हुई, लेकिन सरकार की ओर से कभी भी याचिका के विरुद्ध कुछ नहीं कहा गया। 17 अक्टूबर तथा आज 19 अक्टूबर को सरकारी वकील सिंघवी ने आपत्तियां पेश करते हुए याचिका को जारी रखने के अयोग्य बताया है। अदालत ने आपत्तियों को खारिज कर दिया। अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी।
सीबीआई ने जेल में की आरोपियों से पूछताछ
भंवरी देवी मामले में आरोपियों से पूछताछ के लिए सीबीआई टीम बुधवार सुबह सेंट्रल जेल पहुंची। यहां भंवरी के अपहरण मामले में बंद ठेकेदार सोहनलाल व बलदेव से चार घंटे तक पूछताछ की गई।
सीबीआई टीम पिछले आठ दिनों से मामले की छानबीन कर रही है। बुधवार को ब्यूरो के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल अब तक हुई प्रोग्रेस की समीक्षा करने आए। संभावना जताई जा रही है कि जरूरत पड़ने पर कुछ राजनेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए जा सकते हैं।
पुलिस ने एक सितंबर से गायब भंवरी के अपहरण के आरोप में पीएचईडी ठेकेदार सोहनलाल विश्नोई और बलदेव उर्फ बलिया को गिरफ्तार किया था। पंद्रह दिन के रिमांड के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।
ये दोनों 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई में एफआईआर दर्ज होने के बाद इन दोनों से पूछताछ की इजाजत कोर्ट से मांगी गई थी। मंगलवार को कोर्ट ने इन दोनों से जेल में ही बुधवार व गुरुवार को 4-4 घंटे की पूछताछ करने की अनुमति दी थी। सीबीआई गुरुवार को भी पूछताछ करेगी।
जांच की समीक्षा करने आए जेडी
आठ दिनों में सीबीआई टीम ने भंवरी के पति अमरचंद नट से दो बार पूछताछ की है। निजी बस के कंडक्टर रामनिवास से भी पूछताछ हुई जिसके मोबाइल नंबर से भंवरी को सर्वाधिक कॉल होते थे। ब्यूरो अफसरों ने गोरधन चौधरी के चूने के भट्टे और शहाबुद्दीन की बोलेरो की भी जांच की थी। बोलेरो में भंवरी के अपहरण और भट्टे में उसका शव जलाने की आशंका जताई जा रही थी।
बुधवार को आरोपी सोहनलाल व बलदेव से भी पूछताछ शुरू हो गई। इस तरह काफी जानकारियों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के कारण बुधवार सुबह ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल भी जोधपुर पहुंच गए। वे अब तक हुई जांच की समीक्षा कर रहे हैं और संभवत: कुछ राजनेताओं से पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी करेंगे।
बोलेरो से सुराग मिलने की उम्मीद कम :
गुजरात के काणोदर में पकड़ी गई शहाबुद्दीन की बोलेरो से भंवरी के बारे में सुराग मिलने की उम्मीद कम है। करीब एक माह बाद यह बोलेरो पकड़ी गई, तब वह बिल्कुल धुली हुई थी। स्टेट फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के वैज्ञानिकों को उसमें खून के निशान और ठोस सबूत नहीं मिले थे। इसलिए सीबीआई ने सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के वैज्ञानिकों को दिल्ली से बुला कर बोलेरो की जांच कराई है।

महंगाई के जनक शरद पंवार जी को याद आई है के कोंग्रेस की नीतियाँ ठीक नहीं

कहते हैं के काम असल से वफा नहीं और असल से कहता नहीं और कोंग्रेस के पास अभी अधिकतम बेवफा मोकाप्रस्त लोग हैं जो सत्ता की चाशनी में मदमस्त होकर कोंग्रेस को ही डुबोने में लगे हैं ..कोंग्रेस के समर्थक रहे पुराने कोंग्रेसी शरद पंवार का तो कहना ही किया हर बार कोंग्रेस की फजीहत का कारण बने शरद पंवार अब देश में हो रही अराजकता के लियें खुद को नहीं बलके कोंग्रेस और प्रधानमन्त्री जी को ज्यादा ज़िम्मेदार मान रहे हैं उनकी यह भाषा सब जानते है के वोह एक बार फिर कोंग्रेस से ब्लेकमेलिंग के मुड में हैं .........पंवार ने आज खुल कर कोंग्रेस और कोंग्रेस की नीतियों की जो आलोचना की है उससे स्पष्ट है के पंवार जिधर दम उधर हम वाली संस्क्रती के हैं और उनसे किसी भी तरह की वफा या ईमानदारी की बात करना बेमानी है ..........पंवार को इंदिरागांधी ने पाला पोसा बढ़ा किया महत्वपूर्ण दर्जा दिया उसके बाद राजीव गाँधी ने पंवार को देश में एक खुली जिंदगी और बढ़े नेता की शख्सियत दी लेकिन जनाब उनकी हत्या के बाद देश की एक आदर्श बहु कहलाये जाने वाली सोनिया जी के साथ उनका जो सुलूक रहा उनके लिए जो विदेशी चिड़िया और न जाने क्या क्या अपमानकारी अलफ़ाज़ रहे उससे देश तो शर्मसार हुआ ही लेकिन कोंग्रेस को छोड़ कर भागने वाले शरद पंवार की देश की महिलाओं और सम्मानित लोगों में खिल्ली उढाई गयी ..खुद कोंग्रेस से सोनिया जी को विदेशी बता कर परहेज़ करने वाले शरद पंवार पर कुदरत को थूकना था इसलियें सत्ता के लालच में आये शरद पंवार के सामने ही सोनिया जी ने प्रधानमन्त्री पद ठुकराया और फिर शरद पंवार उनके आगे फिर एक बार याचक की तरह खड़े दिखे उन्होंने सत्ता का सुक्ख भोगने के लियें फिर इसी अबला महिला सोनिया जी का सहारा लिया ..अब यह जनाब शरद पंवार जी जब जनता के सामने अपमानित होने लगे हैं जनता ने महाराष्ट्र में सारी ताकत के बाद भी उन्हें नकार दिया है तब इन शक्कर चोर महंगाई के जनक शरद पंवार जी को याद आई है के कोंग्रेस की नीतियाँ ठीक नहीं हैं और प्रधानमन्त्री जी कुछ नहीं बोलते हैं सत्ता के लालची भूखे भेड़िये की यह दास्तान कितनी शर्मनाक है शायद आप समझ ही गये होंगे जनाब है ना .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रेमिका की हत्या कर उसकी ही चिता में कूदकर दी जान

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गोधरा। कहते हैं प्रेम अंधा होता है और प्रेम में डूबा व्यक्ति इस कदर अंधा हो जाता है कि उसे आगे-पीछे का कुछ दिखाई ही नहीं देता। कुछ ऐसा ही उदाहरण है गुजरात के गोधरा कस्बे की यह घटना, जहां एक विवाहित प्रेमी ने पहले तो अपनी विवाहित प्रेमिका की चाकुओं से गोदकर नृशंस हत्या कर दी और उसके बाद प्रेमिका ही ही जलती चिता में कूदकर अपनी जान दे दी।


यह घटना बीते 15 अक्टूबर की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मोदी नी वाडी इलाके में पान की दुकान चलाने वाले कल्पेश राणा को वहीं रहने वाली तथा दो बच्चों की मां भवानी पटेल से प्रेम हो गया और उसने अपनी पत्नी को तलाक देकर उसके साथ भागने का फैसला किया लेकिन भवानी इसके लिए राजी नहीं हुई।

कल्पेश शुक्रवार को एक बार फिर भवानी के घर पहुंचा और भवानी पर घर से भागने का दबाव बनाया। लेकिन भवानी ने इससे साफ इंकार कर दिया। इसी बात से गुस्साए कल्पेश ने उस पर चाकुओं के असंख्य वार कर दिए और फरार हो गया। गंभीर अवस्था में घायल भवानी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

भवानी के शव को शुक्रवार शाम श्मशान ले जाया गया और उसके शव को चिता पर रखकर अग्नि भी दे दी गई और जब चिता धू-धू करके जलने लगी तभी अचानक यहां कल्पेश आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कल्पेश ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़क रखा था। पल भर में कल्पेश ने भवानी की जलती चिता में छलांग लगा दी। इससे पहले वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते कल्पेश राख के ढेर में तब्दील हो गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हमले के विरोध में आज मार्च, हमलावर ने राहुल गांधी को बताया आदर्श

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लखनऊ. टीम अन्‍ना के अहम सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने बुधवार सुबह अयोध्‍या में मीडिया को संबोधित करते हुए अपील की कि उन पर हमला करने वाले को पुलिस छोड़ दे। उन पर चप्‍पल फेंकने वाले शख्‍स का कांग्रेस से नाता रहा है। पुलिस से पूछताछ में उसने बताया कि वह कांग्रेस सेवा दल झांसी मंडल का 2006 से 2009 तक प्रभारी रह चुका है। इस युवक के बीजेपी और सपा के नेताओं से भी संबंध रहे हैं लेकिन यह कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आदर्श मानता है। वह राहुल गांधी के अमेठी दौरे में भी शामिल रह चुका है।

आज केजरीवाल और टीम अन्‍ना के अन्‍य सदस्‍यों की प्रदेश के गोरखपुर और मऊ में ऐसी ही सभा का कार्यक्रम है। मुंबई में आज अन्‍ना हजारे के समर्थन में 'काला मार्च' निकाला जाएगा। केजरीवाल के हमले के विरोध में नागपुर में आज शाम कैंडिल मार्च का आयोजन किया जा रहा है।

जीतेंद्र का दावा है कि वो कांग्रेस का कार्यकर्ता रह चुका है। जीतेंद्र बुंदेलखंड के जालौन का रहने वाला है जो राहुल गांधी की सियासी प्रयोगशाला है। जीतेंद्र ने कहा, ‘हमारी टीम अन्‍ना से कोई दुश्‍मनी नहीं है, लेकिन वो देश की सत्‍ता को बरगला रहे हैं। अगर अन्‍ना हजारे भी ऐसी बात करें तो उनके साथ भी ऐसा किया जाना चाहिए। मेरी तबियत ठीक नहीं थी नहीं तो बांदा में ही यह कांड हो जाता। केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और देशप्रेमी हैं तो उन्‍होंने कश्‍मीर पर बयान को लेकर प्रशांत भूषण के खिलाफ राष्‍ट्रद्रोह के मुकदमे के लिए क्‍यों नहीं दबाव डाला। उन्‍हें इसके लिए अनशन करना चाहिए था।'

जीतेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह अपनी बात लिखकर केजरीवाल को सौंपना चाहता था लेकिन आयोजकों ने उसे ऐसा करने की इजाजत नहीं दी इसलिए उसने यह कदम उठाया। इसने बकायदा एक नोट तैयार कर रखा था जिसे झूलेलाल पार्क स्थित मंच से भाषण दे रहे केजरीवाल को पढ़कर सुनाना चाहता था। लेकिन आयोजकों ने इसकी इजाजत नहीं दी तो नाराज होकर इसने चप्‍पल चलाने का फैसला किया। पुलिस ने यह चिट्ठी बरामद किया है। चिट्ठी में लिखा गया है, ‘भ्रष्‍टाचार का विरोध स्‍वीकार है, कश्‍मीर पर बयान धिक्‍कार है, कांग्रेस का विरोध नागवार है, चप्‍पल फेंकना मेरी आत्‍मा की पुकार है।’

लखनऊ के डीआईजी ध्रुवकांत ठाकुर ने बताया कि केजरीवाल पर हमला करने वाला युवक अन्‍ना हजारे का समर्थक रहा है और वह जंतर-मंतर और रामलीला मैदान के अनशन के वक्‍त भी मौजूद रहा है। युवक ने कहा, ‘मुझे पता है कि मैंने गलत किया है लेकिन मुझे मंच पर जाने की इजाजत नहीं दी गई तो मैंने संकेत के जरिये संदेश देना चाहता था।’ पुलिस ने हालांकि इस युवक के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है। क्‍योंकि हमले के बाद केजरीवाल ने कहा कि वो उस युवक को माफ कर चुके हैं। उन्‍होंने पुलिस से अनुरोध किया कि वो युवक को रिहा कर दे।

केजरीवाल पर हमले की निंदा करते हुए मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे ने लिखकर बयान देते हुए कहा कि यह अरविंद केजरीवाल नहीं लोकतंत्र पर हमला है। अन्ना ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए लिखा कि तबियत ठीक होते ही वो अरविंद के साथ लखनऊ जाएंगे और वहां जनता को जगाएंगे।

गौरतलब है कि 12 अक्‍टूबर को सुप्रीम कोर्ट के लॉयर चैम्‍बर में प्रशांत भूषण पर हमला हुआ। इस हमले के बाद हिसार उपचुनाव में प्रचार करने के दौरान कांग्रेस प्रत्‍याशी जयप्रकाश ने कहा था, ‘अभी प्रशांत भूषण पर हमला हुआ है, केजरीवाल का भी यही हश्र होगा।’

राजस्थानः एक नवंबर से नहीं होगी बिजली कटौती

मंत्रिमंडल की बैठक, किसानों को अब 5 घंटे के ब्लॉक में मिलेगी बिजली। केन्द्र और दूसरे राज्यों से मिलेगी 200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली।

जयपुर। बिजली संकट से जूझ रहे प्रदेशवासियों को अगले माह से कटौती से राहत मिल सकती है। सरकार ने 1 नवंबर से आपूर्ति में सुधार करने और दीपावली पर भरपूर बिजली उपलब्ध कराने का फैसला किया है। अगले माह से ही विभिन्न स्रोतों से राज्य को 200 लाख यूनिट बिजली अतिरिक्त मिलने की संभावना है। किसानों को भी अगले माह से 4 से 5 घंटे के ब्लॉक में बिजली दी जाएगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में बताया गया कि निजी क्षेत्र की कंपनी राजवेस्ट कंपनी में उत्पादन शुरू हो गया है। इस बिजली को लेने के लिए दरें तय करने की प्रक्रिया तत्काल आरंभ कर दी जाएगी।


ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि देशभर में बिजली का संकट चल रहा है।अधिकांश राज्य कटौती में हैं। इसके विपरीत राजस्थान में स्थिति फिर भी काफी बेहतर है। बिलों की रिकवरी के मामले में भी राजस्थान देश में सबसे आगे है।


तीन सूत्री कार्य योजना: बैठक में बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए तीन सूत्री कार्य योजना को भी मंजूरी दी गई। इसमें छीजत को कम करना, कृषि बिलों की वसूली तेज करना और दरें पुनर्निर्धारण करना। डॉ. सिंह ने बताया कि छीजत वर्ष 2004 में 42 प्रतिशत थी, जिसे 2011 में घटाकर 21 प्रतिशत तक कर दिया गया है। अगले साल तक इसे 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों से बिलों की वसूली में तेजी लाई जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या टैरिफ रिवीजन हर साल किया जाएगा तो वे इस सवाल को टाल गए।उन्होंने बताया कि अभी जो दरें संशोधित की गई हैं, इससे कंपनियों को 3000 करोड़ की आय होगी। इस एक्शन प्लान को जल्दी ही केन्द्र के समक्ष पेश किया जाएगा, ताकि बिजली कंपनियों को कर्ज मिलने में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके।

केसे जन्नत और फिर जन्नत से दोज़क हो गया

यह चाँद आ गया
ये आसमां आ गया
वोह आये
हमारे घर देखो
ऐसा लगा जेसे
सारा जहां
हमारे यहाँ आ गया ॥
उनके आने से देखो
घर में आ गयी है ईद ..दीपावली
जिंदगी में बिखर गये हैं रंग होली के
दिल चहकने लगा है बसंत सा
लेकिन देख लो
अव जब वोह जाने लगे है
ऐसा लगता है जेसे
गर्मी की उमस हो
मई जून की खतरनाक गर्मी हो
मानो जनवरी की ठिठुरती हो ठंड
इलाही देखो
उनके आने और जानेभर से
मोसम और जिंदगी का फेर
केसे जन्नत और फिर जन्नत से दोज़क हो गया है .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

संतरे का करिश्मा: ये कर देगा सर्दी, जुकाम, बुखार, एसीडिटी सबका काम तमाम

संतरा अनेक गुणों से भरपूर फल है। इसमें लोहा और पोटेशियम भी काफी होता है। संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यमान फ्रक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा देना प्रारंभ कर देते हैं। संतरे के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है। संतरे में विटामिन ए, बी, सी और कैल्शियम काफी मात्रा में पाए जाते है। विटामिन सी के लिए तो संतरे का कोई पर्याय नही है। इसका विटामिन सी मांसपेशियों के लिये भोजन में से कै ल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है।

सूर्यकिरणों के द्वारा संतरे का स्टार्च शक्कर में परिवर्तित हो जाता है। यह शक्कर मानव रक्त में अपेक्षाकृत शीघ्रता से समाहित होती है। इसी कारण संतरा खाने के बाद एकदम चुस्ती महसूस होती है। नियमित रूप से संतरे को आहार में शामिल करने से सर्दी, खांसी या रक्तस्त्राव की शिकायत नहीं रहती। शरीर सशक्त और दीर्घायु बनता हैं। रात को सोते समय और फिर से सुबह संतरा खाने से हाजमा ठीक रहता है। प्रतिदिन संतरे के जूस का सेवन से किसी भी प्रकार के कैंसर की संभावना कम होती है क्योंकि संतरे के जूस में एण्टीआक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में पाये जाते है। गठिया के मरीज भी संतरे के जूस का सेवन कर सकते हैं। इससे किसी प्रकार के दर्द से आराम मिलता है और वजन भी नियंत्रित रहता है। संतरे के जूस में फोलेट पाया जाता है और फोलेट घावों को भरने में और नये सेल्स के निर्माण में मदद करता है।संतरे के छिलकों को पत्थर पर पानी के साथ पीसकर शरीर पर मलने से चाहे कितनी भी पुरानी खुजली का रोग हो सिर्फ 5-6 दिनों में ही दूर हो जाता है। संतरे के छिलकों को धूप में सुखाकर जहां पर मच्छर हो उस जगह पर जलाने से सारे मच्छर भाग जाते हैं।

जलते हुए संतरे के छिलकों की खुशबू पूरे वातावरण में फैलने से सारा वातावरण सुगंधमय हो जाता है। संतरे के रस में एक रूई के फाए को भिगोकर आंखों पर लगभग 20 से 25 मिनट तक रखने से आंखों के नीचे के काले घेरे समाप्त हो जाते हैं।संतरे के रस में थोड़ा सा पिसा तथा भुना हुआ जीरा और पिसा हुआ सेंधानमक मिलाकर पीने से अम्लपित्त के रोग में आराम आता है। गर्भवती स्त्री अगर गर्भधारण होने के बाद के दिनों में रोजाना संतरे का प्रयोग करें तो इससे उसकी होने वाली संतान बहुत सुंदर पैदा होती है।

मरने के बाद किस पाप की कौन सी सजा भुगतनी पड़ती है?

नरक नाम सुनते ही मन में एक भयानक जगह की कल्पना होती है। जहां हर इंसान को अपने बुरे कामों की सजा मिलती है। मनुष्य के मन में कोई भी बुरा काम करने से पहले नर्क का खौफ जरूर आता है क्योंकि हिंन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इंसान को अपने कर्मों की सजा नर्क में ही मिलती है। हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों ने 36 तरह के मुख्य नर्कों का वर्णन किया गया है। गरूड़ पुराण, अग्रिपुराण, कठोपनिषद जैसे प्रामाणिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।

महावीचि - यह नर्क पूरी तरह रक्त यानी खून से भरा है और इसमें लोहे के बड़े-बड़े कांटें हैं। जो लोग गो-हत्या करते हैं उन्हें इस नर्क में यातना भुगतनी पड़ती है।

कुंभीपाक - इस नर्क की जमीन गरम बालू और अंगारों से भरी है। जो लोग किसी की भूमि हड़पते हैं या ब्राह्मण की हत्या करते हैं। उन्हें इस नर्क में आना पड़ता है।

रौरव - यह लोहे के जलते हुए तीर होते हैं। जो लोग झूठी गवाही देते हैं उन्हें इन तीरों से बींधा जाता है।

मंजूष - यह जलते हुए लोहे जैसी धरती वाला नर्क है। यहां उनको सजा मिलती है जो दूसरों को निरपराध बंदी बनाते हैं या कैद में रखते हैं।

अप्रतिष्ठ - यह पीब, मूत्र और उल्टी से भरा नर्क है। यहां वे लोग यातना पाते हैं जो ब्राह्मणों को पीड़ा देते हैं या सताते हैं।

विलेपक - यह लाख की आग से जलने वाला नर्क है। यहां उन ब्राह्मणों को जलाया जाता है जो शराब पीते हैं।

महाप्रभ - यहां एक बहुत बड़ा लोहे का नुकीला तीर है। जो लोग पति-पत्नी में फूट डालते हैं, पति-पत्नी के रिश्ते तुड़वाते हैं वे यहां इस तीर में पिरोए जाते हैं।

जयंती - यहां जीवात्माओं को लोहे की बड़ी चट्टान के नीचे दबाकर सजा दी जाती है। जो लोग पराई औरतों के साथ संभोग करते हैं, वे यहां लाए जाते हैं।

अम्बरीष - यहां प्रलय अग्रि के समान आग जलती है। जो लोग सोने की चोरी करते हैं, वे इस आग में जलाए जाते हैं।

वज्रकुठार - यह नर्क वज्रों से भरा है। जो लोग पेड़ काटते हैं वे यहां लंबे समय तक वज्रों से पीटे जाते हैं।

परिताप - यह नर्क भी आग से जल रहा है। जो लोग दूसरों को जहर देते हैं या मधु की चोरी करते हैं, वे यहां जलाए जाते हैं।

काल सूत्र - यह वज्र के समान सूत से बना है। जो लोग दूसरों की खेती नष्ट करते हैं।

शाल्मलि - यह जलते हुए कांटों से भरा नर्क है। जो औरत कई पुरुषों से संभोग करे, जो व्यक्ति हमेशा झूठ बोले, कड़वा बोले, दूसरों के धन और स्त्री पर नजर डाले, पुत्रवधु, पुत्री, बहन आदि से शारीरिक संबंध रखे, वृद्ध की हत्या करे, ऐसे लोगों को यहां लाया जाता है।

महारौरव - इस नर्क में चारों तरफ आग ही आग होती है। जैसे किसी भट्टी में होती है। जो लोग दूसरों के घर, खेत, खलिहान या गोदाम में आग लगाते हैं वे यहां जलाए जाते हैं।

तामिस्र - इस नर्क में लोहे की पट्टियों और मुग्दरों से पिटाई की जाती है। यहां चोरों को यातना मिलती है।

महातामिस्र - इस नर्क में जौंके भरी हुई हैं, जो इंसान का रक्त चूसती हैं। माता, पिता और मित्र की हत्या करने वाले को इस नर्क में जाना पड़ता है।

असिपत्रवन - यह नर्क एक जंगल की तरह है जिसके पेड़ों पर पत्तों की जगह तीखी तरवारें और खड्ग हैं। मित्रों से दगा करने वाला इंसान इस नर्क में गिराया जाता है।

करम्भ बालुका - यह नर्क एक कुएं की तरह है जिसमें गर्म बालूरेत और अंगारे भरे हुए हैं। जो लोग दूसरे जीवों को जलाते हैं, वे इस कुए में गिराए जाते हैं।

नरुच्छवास - इस नर्क में अंधेरा है, यहां वायु नहीं होती। जो लोग दिए जा रहे दान में विघ्र डालते हैं वे यहां फेंके जाते हैं।

अंगारोपच्य - यह नर्क अंगारों से भरा है। जो लोग दान देने का वादा करके भी दान देने से मुकर जाते हैं। वे यहां जलाए जाते हैं।

महापायी - यह नर्क हर तरह की गंदगी से भरा है। हमेशा असत्य बोलने वाले यहां औंधे मुंह गिराए जाते हैं।

महाज्वाल - इस नर्क में हर तरफ आग है। जो लोग हमेशा ही पाप में लगे रहते हैं वे इसमें जलाए जाते हैं।

क्रकच - इस नर्क में तीखे आरे लगे हैं। जो लोग ऐसी महिलाओं से संभोग करते हैं, जिसके लिए शास्त्रों ने निषेध किया है, वे लोग इन्हीं आरों से चीरे जाते हैं।

गुड़पाक - यहां चारों ओर गरम गुड़ के कुंड हैं। जो लोग समाज में वर्णसंकरता फैलाते हैं, वे इस गुड़ में पकाए जाते हैं।

काकोल - यह पीब और कीड़ों से भरा नर्क है। जो लोग छुप-छुप कर अकेले ही मिठाई खाते हैं, दूसरों को नहीं देते, वे इस नर्क में लाए जाते हैं।

कुड्मल - यह मूत्र, पीब और विष्ठा (उल्टी) से भरा है। जो लोग दैनिक जीवन में पंचयज्ञों का अनुष्ठान नहीं करते वे इस नर्क में आते हैं।

महाभीम - यह नर्क बदबूदार मांस और रक्त से भरा है। जो लोग ऐसी चीजें खाते हैं जिनका शास्त्रों ने निषेध बताया है, वो लोग इस नर्क में गिरते हैं।

महावट - इस नर्क में मुर्दे और कीड़े भरे हैं, जो लोग अपनी लड़कियों को बेचते हैं, वे यहां लाए जाते हैं।

तलपाक - यहां दूसरों को सताने, पीड़ा देने वाले लोगों को तिल की तरह पेरा जाता है। जैसे तिल का तेल निकाला जाता है, ठीक उसी तरह।

तैलपाक - इस नर्क में खौलता हुआ तेल भरा है। जो लोग मित्रों या शरणागतों की हत्या करते हैं वे यहां इस तेल में तले जाते हैं।

वज्रकपाट - यहां वज्रों की पूरी श्रंखला बनी है। जो लोग दूध बेचने का व्यवसाय करते हैं, वे यहां प्रताडऩा पाते हैं।

क्षुरधार - यह नर्क तीखे उस्तुरों से भरा है। ब्राह्मणों की भूमि हड़पने वाले यहां काटे जाते हैं।वे यहां सजा पाते हैं।

कश्मल - यह नर्क नाक और मुंह की गंदगी से भरा होता है। जो लोग मांसाहार में ज्यादा रुचि रखते हैं वे यहां गिराए जाते हैं।

उग्रगंध - यह लार, मूत्र, विष्ठा और अन्य गंदगियों से भरा नर्क है। जो लोग पितरों को पिंडदान नहीं करते, वे यहां लाए जाते हैं।

दुर्धर - यह नर्क जौंक और बिच्छुओं से भरा है। सूदखोर और ब्याज का धंधा करने वाले इस नर्क में भेजे जाते हैं।

वज्रमहापीड - यहां लोहे के भारी वज्र से मारा जाता है। जो लोग सोने की चोरी करते हैं, किसी प्राणी की हत्याकर उसे खाते हैं, दूसरों के आसन, शय्या और वस्त्र चुराते हैं, जो दूसरों के फल चुराते हैं, धर्म को नहीं मानते ऐसे सारे लोग यहां लाए जाते हैं।

इस गाड़ी के आगे फेल है पांच सितारा होटल, कीमत लगभग 133000000 रूपए

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अगर आप एक ऐसी गाड़ी लेना चाहते हैं जिसमें आपको घर की सभी सहूलियतें मिल जाएं, तो तैयार हो जाइए। लेकिन इसके लिए आपको कीमत जरा ज़्यादा चुकानी होगी। दुनिया की सबसे मंहगी मोटरहोम बिकने के लिए तैयार है और कीमत है मात्र 1.9 मिलियन पाउंड।

इसे तैयार करने की श्रेय जाता है ऑस्ट्रेलियन कंपनी मार्ची मोबाइल को। कंपनी ने 40 फीट लंबी इस शाही सवारी का नाम रखा है एलीमेंट पलाज़ो, जिसमें 215 स्कवायर फीट के खुले टैरेस के साथ-साथ एक बार भी है।

किसी अंतरिक्ष सवारी की तरह दिखने वाली इस गाड़ी में एक शानदार बेडरूम भी है, जिसमें 40 इंच का एक टेलीविजन लगा है और एक बाथरूम भी है। लग्ज़री सुविधाओं से लैस इस गाड़ी में ड्राइवर के लिए अलग से कैबिन भी है, जिसमें एक आरामदायक बेड भी है, ताकि लंबी यात्रा में थकान के वक़्त वो आराम कर सके।

एलीमेंट में मोबाइल इंटरनेट, आग से सुरक्षा के उपकरण, वीडियो सर्विलांस और सैटेलाइट टीवी की सुविधाएं हैं। इसकी सबसे अच्छी सुविधा है 'स्काई लाउंज'। एक बटन दबाते ही इसमें सवार लोग अंदर बैठ कर ही आसमान का नज़ारा देख सकते हैं।

इसकी कीमत लगभग 1.9 मिलियन पाउंड है, जो कि लंदन के सर्वाधिक मंहगे इलाके हैम्पस्टीड पोस्टकोड की प्रति स्कवायर फीट प्रॉपर्टी के रेट से दो गुना मंहगी है।

हांलाकि इसकी यह कीमत शुरूआती कीमत है और खरीददारों की डिमांड के अनुसार इसमें और इजाफ़ा हो सकता है।




200 सालों में बना यह 'भारतीय अजूबा' जिसे आज पूरी दुनिया करती है 'सलाम'!

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भोपाल. ऐतिहासिक स्मारकों की सूचि में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिर अपनी अनोखी मूर्तिकला के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। गौरतलब है कि यह मंदिर मध्य कालीन हिन्दू और जैन मंदिरों का समूह है जिसकी दीवारों पर इनके देवताओं को कामुक मुद्राओं में उकेरा गया है।


भारतीय पर्यटन स्थलों की सूचि में इसे सबसे लोकप्रिय स्थानों में गिना जाता है जहां सबसे ज्यादा पर्यटक जाना पसंद करते हैं। अपनी अनोखी मूर्तिकला की वजह से यह स्थल यूनेस्को के विश्व विरासत की सूचि में शामिल है जबकि भारत के सात अजूबों में भी इसे शामिल किया जाता है।


तथ्यों के मुताबिक खजुराहो चंदेल शासकों की सांस्कृतिक राजधानी थी और इन्होंने ही इस विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था। कहते हैं इस मंदिर का निर्माण लगभग 200 सालों (950 to 1150 AD) तक चलता रहा। हालांकि इस स्थल के बारे में किसी ठोस ऐतिहासिक प्रमाण का आभाव है।


यह है कहानी


ऐसा माना जाता है कि मध्य काल के महान कवि 'चंदबरदाई' कि कालजयी रचना 'पृथ्वी राज रासो' में इस मंदिर के निर्माण से सम्बंधित एक घटना का उल्लेख है। इसमें बताया गया है कि काशी के राज वैध 'हेमराज' की एक विधवा पुत्री थी जो बेहद रूपवती थी। एक रात जब वह तालाब में नहा रही थी तो उसकी खूबसूरती पर स्वयं चन्द्र देव (चन्द्रमा) मोहित हो गए और पुरुष का रूप धर धरती पर प्रकट हुए और हेमराज कि विधवा पुत्री को सम्मोहित कर उसके साथ संसर्ग किया। उन्हें बाद में इस बात का एहसास हुआ कि एक विधवा के साथ ऐसा करना धर्म विरुद्ध है ।


इस कलंक से बचने के लिए उन्होंने उसे वरदान दिया कि पैदा होने वाला पुत्र इतना प्रतिभाशाली होगा कि वह उसके कुल का नाम अमर कर देगा। विधवा ने अपमान से बचने के लिए घर त्याग दिया और जंगल में रहने लगी। यहीं उसने एक पुत्र को जन्म दिया चन्द्रमा कि संतान होने के कारण उसने बच्चे का नाम 'चन्द्रवर्मन' रखा। इस बालक ने 16 साल कि उम्र में ही शेर और चीतों को मौत के घाट उतार दिया। आगे चल कर वह राजा बना और उसी ने अपनी मां की इच्छानुसार 85 मंदिरों का निर्माण करवाया।

बीमारी कर रही थी शरीर खोखला, वो बन गया 'ममी', ऐसे ही बिताएगा 3000 साल

विक्टोरिया. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में स्थित कस्बे टॉर्कवे में एक व्यक्ति ने खुद को इतिहास बना लिया। वह मिस्र के राजा तूतनखामेन की तरह मरने के बाद अपनी ममी बनवा गया। इस व्यक्ति का नाम था-एलन बिलिस। अब उसका शरीर अगले 3000 सालों के लिए ममी बनकर रहेगा।

1323 ईसा पूर्व जिस तकनीक से तूतनखामेन के शरीर को ममी में बदला गया था, उसी तकनीक से एलन के शरीर को ममी बनाया गया।एलन को ऐसी बीमारी थी जिससे उसकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही थी, इसलिए उसने यह फैसला लिया था कि मरने के बाद वह ममी बनेगा। एलन को ममी बनाने की पूरी प्रक्रिया चैनल-4 पर डॉक्यूमेंट्री ‘ममीफाईंग एलन: इजिप्ट्स लास्ट सीक्रेट’ बनाई जाएगी। एलन ने ममी बनने से पहले कहा था कि अब पूरी दुनिया उसे हमेशा याद रखेगी।

कैसे बनाया ममी

ममी बनाने के लिए एलन के शरीर से अंदरूनी अंग निकाल लिए गए। सिर्फ दिमाग और दिल छोड़ा गया।उसके बाद उसके शरीर को विशेष प्रकार के तेल में डुबोया जाता है। फिर रेसिन लगाया जाता है। इसके बाद नैट्रॉन नाम तरल पदार्थ में डुबा कर नदी किनारे सुखाया जाता है। महीना भर शीशे के चैंबर में रखकर शरीर को पूरी तरह से सुखाकर लिनेन के कपड़े से ढंक बांध दिया जाता है।

अन्‍ना की जान को खतरा? हजारे की सुरक्षा को लेकर हरकत में आई सरकार



नई दिल्‍ली. अन्‍ना हजारे के सहयोगियों पर हमलों के बाद गांधीवादी कार्यकर्ता की जान को भी खतरे की आशंका है। प्रशांत भूषण पर हमले के बाद अब अरविंद केजरीवाल पर लखनऊ में एक युवक ने चप्‍पल फेंका। हमला करने वाले ने अन्‍ना पर भी हमले की बात कही है।

टीम अन्ना के सदस्यों पर हमलों के बाद महाराष्ट्र सरकार अन्ना हजारे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि महाराष्ट्र सरकार की एक टीम अन्ना की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए जल्द ही रालेगण सिद्धि आ सकती है। हालांकि इससे पहले अन्‍ना किसी तरह की सुरक्षा लेने से मना करते रहे हैं।

ऐसी खबरें भी हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को सामाजिक कार्यकर्ता की जान को खतरे से जुड़ी सूचना मिली है। खुफिया एजेंसियों की इस सूचना के बाद सरकार ने अन्‍ना की सुरक्षा की समीक्षा करने का फैसला किया है।

केजरीवाल पर हमला करने वाले युवक जीतेंद्र पाठक ने कहा कि उसकी टीम अन्‍ना से कोई दुश्‍मनी नहीं है, लेकिन उसने टीम पर देश की सत्‍ता को बरगलाने का आरोप लगाया। उसने कहा, 'अगर अन्‍ना हजारे भी ऐसी बात करें तो उनके साथ भी ऐसा किया जाना चाहिए।'

केजरीवाल ने बुधवार सुबह अयोध्‍या में कहा कि पुलिस को उन पर हमला करने वाले युवक को छोड़ देना चाहिए। उन्‍होंने अपने कार्यकर्ताओं को भी हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं देने के लिए कहा। उन्‍होंने कहा, ‘ऐसी घटना के बाद हमारे कार्यकर्ता भी हमलावर पर टूट पड़े तो हम कौन से गांधीवादी रहे। उसे प्‍यार से समझाना चाहिए। हिंसा इसका समाधान नहीं है।’ उन्‍होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई में ऐसे कई हमले हो सकते है लेकिन अन्‍ना हजारे की तरह अपमान सहने की शक्ति होनी चाहिए।

इन हमलों से अन्‍ना हजारे पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। अपने गांव रालेगण सिद्धि में मौन व्रत कर रहे अन्‍ना ने व्रत खत्‍म होते ही लखनऊ जाने की इच्‍छा जताई है।

पाकिस्‍तान ने चेताया- परमाणु शक्ति हैं हम, हमले से पहले 10 बार सोच ले अमेरिका



इस्‍लामाबाद. आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के मसले पर पाकिस्‍तान ने अमेरिका एक बार फिर चेतावनी दी है। पाकिस्‍तानी सेना के प्रमुख ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्‍तान को नसीहत देने के बजाय अफगानिस्‍तान में अपना ध्‍यान केंद्रित करे। सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने रक्षा मामलों की संसदीय समिति के सामने ये बातें रखी हैं।

समिति के एक सदस्‍य ने कयानी के हवाले से कहा, ‘अमेरिका को अफगानिस्‍तान में स्थिरता की बहाली पर ध्‍यान देना चाहिए। उसे पाकिस्‍तान पर इस बात के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए कि वो सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादी गुटों पर हमला करे।’

अपना नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर यह जानकारी देने वाले सांसद के मुताबिक जनरल कयानी ने यह भी कहा है कि पाकिस्‍तान इस बात का खुद फैसला करेगा कि उत्‍तरी वजीरिस्‍तान में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी है या नहीं। यदि कार्रवाई करनी भी है तो इसके लिए सही समय का चुनाव भी पाकिस्‍तानी सेना ही करेगी। गौरतलब है कि उत्‍तरी वजीरिस्‍तान ही हक्‍कानी गुट के आतंकियों का गढ़ है।

सेना प्रमुख ने अमेरिका को साफ लहजे में चेतावनी दी है कि इन इलाकों में एकतरफा कार्रवाई करने से पहले उसे 10 बार सोचना होगा। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान एक परमाणु शक्ति है, उसकी तुलना इराक या अफगानिस्‍तान से नहीं करे।

कयानी ने यहां तक कह दिया कि पाकिस्‍तान को अमेरिकी सैन्‍य मदद की जरूरत नहीं है। जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्‍या अमेरिका अफगानिस्‍तान में नाकाम होने पर पाकिस्‍तान पर उसी तरह हमला कर सकता है, जैसा वियतनाम युद्ध के दौरान लाओस और कंबोडिया पर किया था, कयानी ने कहा, ‘पाकिस्‍तान एक परमाणु संपन्‍न देश है और इसकी तुलना अफगानिस्‍तान या इराक से नहीं की जा सकती है।’

पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख के ताजा बयान से अमेरिका और पाकिस्‍तान के रिश्‍तों में और कड़वाहट आने की आशंका है। अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारी एडमिरल माइक मुलेन ने रिटायर होने से पहले हाल में कहा था कि काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास पर हुए आतंकी हमलों के लिए जिम्‍मेदार हक्‍कानी गुट की पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से साठगांठ है। बीते मई में अमेरिकी कमांडो द्वारा पाकिस्‍तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारे जाने और अमेरिकी सैन्‍य अधिकारी के इस बयान के बाद दोनों देशों के रिश्‍ते कड़वे होते जा रहे हैं।

कयानी ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि उनका देश अफगानिस्‍तान में ‘छद्म युद्ध’ के लिए हक्‍कानी गुट को मदद कर रहा है। उन्‍होंने दावा कि पाकिस्‍तान समस्‍या नहीं है बल्कि इसके समाधान का एक हिस्‍सा है। जनरल ने कहा कि पाकिस्‍तन ने अफगानिस्‍तान के हालात पर काबू पाने की कोशिश की थी लेकिन इतिहास गवाह है कि ऐसा करने में कोई भी कामयाब नहीं हो सका है। उन्‍होंने कहा, ‘जब ब्रिटेन और सोवियत रूस ऐसा करने में नाकाम रहे तो पाकिस्‍तान से ऐसी उम्‍मीद कैसे की जा सकती है? जब दूसरे नाकाम हो जाते हैं तो उसमें कामयाब होने के लिए हमारे पास कोई जादुई छड़ी नहीं है।’

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के अघोषित पाकिस्‍तान दौरे को लेकर सियासी हलकों में गहमागहमी है। हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिलेरी की यात्रा के बारे में किसी तरह की टिप्‍पणी करने से इनकार किया है लेकिन सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के मुताबिक इस वक्‍त लीबिया के अघोषित दौरे पर हैं। उम्‍मीद है कि वह यात्रा के अगले पड़ाव में अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान का दौरा कर सकती है। पाकिस्‍तान के एक स्‍थानीय अखबार के मुताबिक क्लिंटन गुरुवार को ही इस्‍लामाबाद पहुंच सकती हैं।

पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में मानवरहित विमानों की मदद से कहर बरपा रही अमेरिकी सेना को जल्द ही ‘कमीकेज’ ड्रोन के रूप में नया हथियार मिलने वाला है। ये नए ड्रोन इतने छोटे हैं कि इन्हें सैनिकों के पीठ पर टांगने वाले बैग में रखा जा सकता है और वे लक्ष्य पर हमला बोलने से पहले आसमान में बिना आवाज के उड़ान भर सकते हैं

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