तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 अक्तूबर 2011
महंगाई के जनक शरद पंवार जी को याद आई है के कोंग्रेस की नीतियाँ ठीक नहीं
कहते हैं के काम असल से वफा नहीं और असल से कहता नहीं और कोंग्रेस के पास अभी अधिकतम बेवफा मोकाप्रस्त लोग हैं जो सत्ता की चाशनी में मदमस्त होकर कोंग्रेस को ही डुबोने में लगे हैं ..कोंग्रेस के समर्थक रहे पुराने कोंग्रेसी शरद पंवार का तो कहना ही किया हर बार कोंग्रेस की फजीहत का कारण बने शरद पंवार अब देश में हो रही अराजकता के लियें खुद को नहीं बलके कोंग्रेस और प्रधानमन्त्री जी को ज्यादा ज़िम्मेदार मान रहे हैं उनकी यह भाषा सब जानते है के वोह एक बार फिर कोंग्रेस से ब्लेकमेलिंग के मुड में हैं .........पंवार ने आज खुल कर कोंग्रेस और कोंग्रेस की नीतियों की जो आलोचना की है उससे स्पष्ट है के पंवार जिधर दम उधर हम वाली संस्क्रती के हैं और उनसे किसी भी तरह की वफा या ईमानदारी की बात करना बेमानी है ..........पंवार को इंदिरागांधी ने पाला पोसा बढ़ा किया महत्वपूर्ण दर्जा दिया उसके बाद राजीव गाँधी ने पंवार को देश में एक खुली जिंदगी और बढ़े नेता की शख्सियत दी लेकिन जनाब उनकी हत्या के बाद देश की एक आदर्श बहु कहलाये जाने वाली सोनिया जी के साथ उनका जो सुलूक रहा उनके लिए जो विदेशी चिड़िया और न जाने क्या क्या अपमानकारी अलफ़ाज़ रहे उससे देश तो शर्मसार हुआ ही लेकिन कोंग्रेस को छोड़ कर भागने वाले शरद पंवार की देश की महिलाओं और सम्मानित लोगों में खिल्ली उढाई गयी ..खुद कोंग्रेस से सोनिया जी को विदेशी बता कर परहेज़ करने वाले शरद पंवार पर कुदरत को थूकना था इसलियें सत्ता के लालच में आये शरद पंवार के सामने ही सोनिया जी ने प्रधानमन्त्री पद ठुकराया और फिर शरद पंवार उनके आगे फिर एक बार याचक की तरह खड़े दिखे उन्होंने सत्ता का सुक्ख भोगने के लियें फिर इसी अबला महिला सोनिया जी का सहारा लिया ..अब यह जनाब शरद पंवार जी जब जनता के सामने अपमानित होने लगे हैं जनता ने महाराष्ट्र में सारी ताकत के बाद भी उन्हें नकार दिया है तब इन शक्कर चोर महंगाई के जनक शरद पंवार जी को याद आई है के कोंग्रेस की नीतियाँ ठीक नहीं हैं और प्रधानमन्त्री जी कुछ नहीं बोलते हैं सत्ता के लालची भूखे भेड़िये की यह दास्तान कितनी शर्मनाक है शायद आप समझ ही गये होंगे जनाब है ना .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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