जयपुर.उम्र के लिहाज से देश की सबसे बड़ी सफेद बाघिन (व्हाइट टाइगर) रेशमा की जयपुर जू में एक अन्य बाघिन चंदा ने पूंछ पर हमला कर दिया। इस हमले के कारण गंभीर रूप से जख्मी हो गई रेशमा की पूंछ को ऑपरेशन कर काटना पड़ा।
जयपुर जू में बुधवार सुबह यहां बाघिनों की देखरेख कर रहे कर्मचारियों ने बाघिनों के पिंजरों को साफ करने के लिए चंदा नामक एक बाघिन को बाहरी पिंजरे में निकाल दिया। उसी बाहरी पिंजरे से रेशमा का पिंजरा सटा हुआ था। दोनों पिंजरों के बीच केवल सलाखें ही थीं।
हुआ यह कि जैसे ही रेशमा की पूंछ बाहरी पिंजरे की ओर निकली, चंदा ने उस पर हमला कर दिया। हमले में चंदा ने अपने जबड़े में रेशमा की पूछ पकड़ कर जोरदार झटके के साथ खींच डाला। ऐसे में पूंछ का हिस्सा शरीर से अलग होने की स्थिति में आ गया और तेजी से खून बहने लगा।
जयपुर जू की घटना, तुरंत ऑपरेशन से बच गई सफेद बाघिन की जान
..तो जान भी जा सकती थी
घटना के तुरंत बाद जू प्रबंधन ने डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में टीम गठित कर रेशमा का इलाज शुरू करा दिया और ऑपरेशन कर उसकी पूंछ का हिस्सा शरीर से ही अलग कर दिया। पशु चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार यदि पूछ अलग नहीं की जाती तो उसके खून को रोका जाना मुश्किल होता और उसकी जान भी जा सकती थी।
लापरवाही की हद
हाल ही वन विभाग ने वन्यजीव सप्ताह रेशमा के नाम ही समर्पित किया था। विशेषज्ञों के अनुसार अधिक उम्र (करीब 24 वर्ष) के कारण रेशमा को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। फिर भी जू में केयर टेकरों ने रेशमा को अपने हाल छोड दिया। अधिक उम्र में ऐसे जानवर आंखों का रिफ्लेक्श कमजोर हो जाता है और अपना बचाव करना मुश्किल होता है।
इसके अलावा अधिक उम्र में जानवरों के शरीर पर आसपास के कीटाणुओं या अन्य जानवरों की बीमारी का प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसी भी सूरत में विशेष प्रकार के पिंजरे में रखा जाना चाहिए। दिल्ली जू में पूर्व में इस तरह की घटना के बावजूद जू प्रबंधन ने सबक नहीं लिया।
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