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29 अगस्त 2011

बेटे को खुलेआम गोलियों भून दिया, अब गवाहों को धमका रहे हैं'

जयपुर। मेरे जवान बेटे को खुलेआम गोलियों से उड़ा दिया गया। वह बेकसूर था। तीन बच्चों से बाप का साया उठ गया..बहू असमय विधवा हो गई। जिंदगी का हर पल मेरे लिए भारी पड़ रहा है। कहने को विधायक हूं, लेकिन अभागा हूं..जो सत्ता के करीब होते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहा। अपराधी जेल से मोबाइल पर गवाहों को उड़ाने की धमकी दे रहे हैं। कोई ये तो बताए कि आखिर किस षड्यंत्र के तहत खूंखार कैदी शहजाद को जेल से छोड़ा गया?..लगता है इस प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं है, है तो बस गुंडागर्दी। किशनगढ़ (अजमेर) से कांग्रेस विधायक नाथूराम सिनोदिया प्रश्नकाल में जोधपुर जेल से मोबाइल व सिम मिलने संबंधी कैलाश भंसाली के सवाल के दौरान फफकने के बाद अपनी रुलाई सदन के बाहर भी नहीं रोक सके। सिनोदिया ने कहा-जेल में मोबाइल पर पाबंदी के दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत अलग है।

कैदी जेल से गवाहों को धमकाते हैं। अजमेर जेल के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। सरकार को भी बता दिया है। तत्कालीन जेल अधीक्षक को हटाने से काम खत्म नहीं हुआ। अब तक यह क्यों पता नहीं लगा कि आखिर मेरे बेटे के हत्यारे को छोड़ने के पीछे किसका हाथ है? जवाब नहीं ढूंढा तो फिर किसी के बेटे की खुलेआम हत्या होगी। वे खुद सवाल करते हैं कि यदि उनकी जगह आम आदमी होता तो उसकी क्या दशा होती। उसकी तो लाश नसीब होना भी मुश्किल हो जाता। ये घटनाएं आज भी राज्य में यहां-वहां आम आदमी को हिला कर रख देती हैं।

क्या जवाब दूं पोते, पोतियों को : सिनोदिया चश्मे के नीचे से झरते आंसुओं को पोछते हुए बताते हैं कि मृतक बेटे की एक बेटी 12वीं में पढ़ रही है तो दो बेटे छठी और आठवीं में। वे मासूम मुझसे कुछ ना पूछकर भी पल-पल बहुत कुछ पूछ रहे हैं। मैं उन्हें अब तक कोई जवाब ना दे सका। जब भावनाओं पर काबू न रख सका तो इस मुद्दे को सदन में उठा दिया। सिनोदिया को फफकते देख कांग्रेस विधायक ममता भूपेश भी कुछ देर उन्हें ढांढ़स बंधाने पहुंचीं।

चांद दिखाई दिया तो ईद उल फितर कल


अजमेर। हिजरी संवत के शव्वाल महीने का चांद दिखाई देने की घोषणा के लिए मंगलवार को दरगाह में हिलाल कमेटी की बैठक होगी। चांद नजर आने पर बुधवार को ईद उल फितर मनाई जाएगी। अन्यथा ईद गुरुवार को होगी।

दरगाह में 29 वें रमजान पर मगरिब की नमाज के बाद शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की सदारत में हिलाल कमेटी की बैठक होगी। कमेटी के सदस्य मौलाना बशीरूल कादरी के मुताबिक मंगलवार को चांद की 29 तारीख को 29 रोजे पूरे हो जाएंगे।

इसे देखते हुए मगरिब की नमाज के बाद कमेटी की बैठक होगी। कमेटी अपने नुमाइंदों को चांद देखने के लिए तारागढ़ भेजेगी। इन्हें चांद नजर आ गया या कहीं से चांद दिखाई देने की शहादत आ गई, तो कमेटी चांद दिखाई देने की औपचारिक घोषणा करेगी।

चांद नजर आने पर मुस्लिम समुदाय बुधवार को अन्यथा गुरुवार को ईद मनाएंगे। कार्यवाहक नाजिम हाजी मोहम्मद सिद्दीक ने लोगों से आग्रह किया है कि चांद दिखाई देने पर हिलाल कमेटी को सूचित करें।

ईद पर खुलेगा जन्नती दरवाजा

ईद उल फितर के मौके पर दरगाह में जन्नती दरवाजा खुलेगा। गद्दीनशीन एसएफ हसन चिश्ती ने बताया कि तड़के सवा चार बजे आस्ताना शरीफ खोला जाएगा। इसके बाद मजार पर मक्का मदीने की काले रंग की चादर पेश कर मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ की जाएगी। पांच बजे जन्नती दरवाजा खुलेगा, जो दोपहर की खिदमत के वक्त बंद कर दिया जाएगा।

स्वागत करेंगे : अंजुमन मोहिब्बाने अहले बैत की ओर से दरगाह की मस्जिदों में एतकाफ में बैठे रोजेदारों का इस्तकबाल किया जाएगा। अध्यक्ष अहसान मिर्जा के मुताबिक चांद दिखाई देने पर मंगलवार या बुधवार को यह आयोजन होगा। एतकाफ में बैठे लोगों को नजराना पेश किया जाएगा।

देखते-देखते ही गिर गई सीढ़ियां, दब गए बच्चे

जयपुर। रामगंज बाजार में जगन्नाथपुरी के रास्ते में सोमवार दोपहर को एक राजकीय स्कूल में सीढ़ियां भरभराकर गिर गईं। इससे मलबे में दबने से छह विद्यार्थी घायल हो गए। उन्हें एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया। वहां दो छात्रों को पोलीट्रोमा वार्ड में भर्ती कराया गया है, जबकि चार को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

रामगंज पुलिस ने बताया कि घायलों में साजिया (7), उसका भाई मुशीर (5), बहन नाजिया (6), साहिल (8), राहुल शिकारी (7) व राम (7) है। इनमें साहिल व राम अस्पताल में भर्ती हैं। घटना के अनुसार दोपहर 3 बजे चीते वालों के मोहल्ले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, नाहरवाड़ा में स्कूल में मध्यावकाश चल रहा था।

इस दौरान बच्चे पोषाहार खा रहे थे या खेल रहे थे। हादसे में घायल विद्यार्थी भी वहीं सीढ़ियों की दीवार की छाया में बैठकर खाना खा रहे थे। तभी अचानक ईंट से बनी सीढ़ियों की दीवार नीचे आ गिरी। इससे ये सभी बच्चे मलबे में दब गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर स्कूल में मौजूद बच्चे व अध्यापक दौड़कर वहां पहुंचे। उन्होंने बच्चों पर गिरी ईंटें हटाकर बाहर निकाला। फिर उनके परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद परिजनों व टीचरों ने घायल बच्चों को ऑटोरिक्शा से एसएमएस अस्पताल पहुंचाया।

कमजोर थीं दीवार: परिजनों ने बताया कि सीढ़ियों की दीवार मजबूत नहीं होकर पतली थी। इससे सीढ़ियों में होकर अन्य विद्यार्थियों के भागते वक्त किसी ने दीवार के धक्का मार दिया। इससे दीवार भरभराकर नीचे आ गिरी।

राज्यमंत्री की जुबान फिसली, कहा- गृहमंत्री को बदलो


जयपुर।विधानसभा में गृह विभाग की अनुदान मांगे पारित करने से पहले गृह विभाग का प्रतिवेदन पेश नहीं करने के मामले में विपक्ष ने गृह मंत्री को घेरने की कोशिश की। विपक्षी सदस्य जब गृह मंत्री को हटाने की मांग कर रहे थे तब पर्यटन राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने गृह मंत्री को बदलने की मांग कर सदन में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया। गुढ़ा ने कहा कि अध्यक्ष जी तब तक गृह मंत्री को ही बदल दीजिए। उन्होंने दो बार यह बात कही। सदन में हंगामे के बाद कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

आरसीए मामले में कालीचरण सराफ के उठाए मुद्दे के जवाब देते हुए ही गृह मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गृह विभाग का प्रतिवेदन सदन में पेश नही कर पाने पर वे खेद प्रकट करना चाहते हैं। इस मामले में दोषी पांच कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस पर भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी और गुलाबचंद कटारिया ने कड़ी आपत्ति की। उनका तर्क था कि इस मामले में अध्यक्ष की व्यवस्था आनी है और इस समय बिना अध्यक्ष की अनुमति वे अपना पक्ष नहीं रख सकते।

इस पर काफी देर हंगामा होता रहा। हंगामे के बीच ही धारीवाल ने अपना स्पष्टीकरण पढ़ना जारी रखा। बाद में धारीवाल ने अपना वक्तव्य सदन की पटल पर भी रख दिया। विपक्षी विधायक इसके विरोध में वेल आकर नारेबाजी करने लगे। इस मामले में दो बार सभापति को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। तीसरी बार जब कार्रवाई शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में व्यवस्था पूरा रिकॉर्ड देखकर ही दी जा सकती है अभी व्यवस्था देना संभव नहीं है। घनश्याम तिवाड़ी और राजेंद्र राठौड़ ने धारीवाल की ओर से सदन के पटल पर रखे गए वक्तव्य को कार्यवाही से निकालने की मांग की। इस बीच विपक्ष ने गृह मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी भी की। तिवाडी ने आरोप लगाया कि इस मामले में केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है जबकि प्रतिवेदन की फाइल पांच दिन तक गृह मंत्री के पास पड़ी रही तो असली दोषी तो मंत्री ही है। अध्यक्ष के व्यवस्था देने और पत्र कार्यवाही से निकालने के आश्वासन देने के बाद ही विपक्षी सदस्य शांत हुए।

प्रतिवेदन मामले में 5 अफसरों पर कार्रवाई

गृह विभाग का प्रगति प्रतिवेदन विधानसभा में पेश नही कर पाने के मामले में पांच अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गृह मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निरीक्षक सुनीत कुमार और उपनिरीक्षक सुनील कुमार को निलंबित कर दिया गया है। वहीं गृह विभाग के उपसचिव संग्राम सिंह यादव, सहायक सचिव रामफल बैरवा और कार्यालय सहायक हरिनारायण को चार्जशीट देने के लिए कार्मिक विभाग को लिखा गया है।

आयरन लेडी शर्मिला के आंदोलन से जुड़ेंगे अन्ना

गुवाहाटी. 11 साल से अनशन कर रही मणिपुर की आयरन लेडी इरोम चानु शर्मिला को मुस्कराने का मौका मिल गया है। गांधीवादी विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे इम्फाल पहुंचकर उनके आंदोलन से जुड़ सकते हैं।

मणिपुर से विवादित सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम 1958 (एएफएसपीए) को वापस लेने की मांग के साथ शर्मिला अनशन कर रही हैं। इस अधिनियम के तहत सशस्त्र बलों को यह अधिकार मिलता है कि वे संदेह के आधार पर किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं या शूट कर सकते हैं। टीम अन्ना के सदस्य और असम के आरटीआई एक्टिविस्ट अखिल गोगोई ने बताया कि जैसे ही हजारे स्वस्थ होते हैं, वे गुवाहाटी में बड़े बांधों के खिलाफ रैली में भाग लेने यहां आ सकते हैं।

वे इम्फाल भी जाएंगे और शर्मिला के आंदोलन को समर्थन देंगे। यह फैसला टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक में लिया गया। इसी साल गुवाहाटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ रैली में हजारे ने शर्मिला के साथ जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी। इसी के फॉलोअप के रूप में गांधीवादी विचार की इम्फाल यात्रा होगी। शर्मिला के भाई इरोम सिंघजित का कहना है कि हजारे के आने से हमारी उम्मीदों में चमक आएगी।

एएफएसपीए विद्रोहियों को ही नहीं बल्कि हर आदमी को प्रभावित कर रहा है। दस नागरिकों की सुरक्षा बलों के हाथों मौत के बाद वर्ष 2000 में शर्मिला ने अनशन शुरू किया था। मानवाधिकार कार्यकर्ता शर्मिला का वजन घटकर 37 किलो रह गया है। उन्हें दिन में दो बार बलपूर्वक नाक से विटामिन और पोषक तत्वों का कॉकटेल दिया जा रहा है। पिछले हफ्ते टीम अन्ना ने शर्मिला को दिल्ली की रैली में भाग लेने का न्यौता दिया था।

राइट टू रिकॉलः कांग्रेस ने कहा अव्यावहारिक भाजपा विचार करने पर राजी

नई दिल्ली. कांग्रेस ने कहा है कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने एवं उम्मीदवारों को ठुकराने का अधिकार देने की मांग अव्यावहारिक है। उसकी दलील है कि देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल ही नहीं करते। भाजपा ने कहा कि इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने सोमवार को कहा, ‘13-14 करोड़ मतदाताओं में से सिर्फ तीन करोड़ वोट हासिल कर उम्मीदवार जीत हासिल करते हैं.. मुझे नहीं लगता कि राइट टू रिकॉल हमारे देश में संभव है।’ उन्होंने कहा, ‘राइट टू रिजेक्ट का महत्व तब बढ़ेगा जब अधिकांश वोटर मताधिकार का इस्तेमाल करें। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि 80-90 प्रतिशत वोटर मतदान बूथ तक पहुंचें। अन्यथा यह अधिकार अव्यावहारिक ही रहेगा।’

चुनाव सुधारों का समर्थन करते हुए भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने कहा, हम चुनाव व्यवस्था में बदलाव के साथ है। जेपी आंदोलन की याद करते हुए सिंह ने कहा, जेपी ने जब देश में संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया, राइट टू रिकॉल और राइट टू रिजेक्ट के मुद्दे उस समय भी उठे थे। इन्हें गंभीरता से लिए जाने की आवश्यकता है।

राइट टू रिजेक्ट

मतपत्र में उम्मीदवारों के साथ ही ‘कोई पसंद नहीं’ या ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प भी रहेगा। यह बटन दबा कर मतदाता चुनाव में खड़े उम्मीदवारों को नकार सकता है। एक निश्चित संख्या से ज्यादा ऐसे वोट पड़ने पर फिर से चुनाव करवाने की व्यवस्था होगी।

राइट टू रिकॉल

मतदाताओं को यह अधिकार मिलना कि वह अपने निर्वाचित जनप्रतिनिधि को वापस बुला सके। यदि कोई सांसद, विधायक या अन्य जन प्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा हो तो उसे इस अधिकार के जरिये हटाया जा सकेगा।

अग्निवेश को 19 तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें डीएसपी


हिसार. हांसी. उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अश्वनी कुमार महता की कोर्ट ने डीएसपी अमरीक सिंह को निर्देश दिए हैं कि वह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में नामजद स्वामी अग्निवेश को 19 सितंबर तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें।

यह निर्देश कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिए। सोमवार को कोर्ट में मामले के इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर दलबीर ने कहा कि वह दो बार अग्निवेश के जंतर-मंतर स्थित कार्यालय पर गए लेकिन वह वहां नहीं मिले। इस पर कोर्ट ने कहा कि डीएसपी खुद अग्निवेश को गिरफ्तार कर 19 सितंबर तक कोर्ट में पेश करें।

सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीन तायल ने 23 मई, 2011 को कोर्ट में इस्तगासा दायर कर स्वामी अग्निवेश के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज करने की अपील की थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर सिटी पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने कई बार अग्निवेश को नोटिस भेजा लेकिन वह न तो पुलिस तफ्तीश में शामिल हुए और न ही कोर्ट में पेश हुए। अग्निवेश की तरफ से उनके वकील ने जरूर पुलिस को बयान दिया था कि वह अन्ना हजारे के साथ हैं इसलिए जांच में शामिल नहीं हो सकते। इस बयान को काफी नहीं माना गया। इसके बाद कोर्ट ने अग्निवेश के वारंट जारी किए लेकिन वह शुक्रवार को भी पेशी पर नहीं पहुंचे।

टलेगी फांसी? राजीव के हत्‍यारों को मारने के खिलाफ हैं मणिशंकर अय्यर

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नई दिल्ली. राजीव गांधी की हत्या के लिए दोषी एलटीटीई के तीन पूर्व कार्यकर्ताओं ने अपनी मौत की सज़ा को चुनौती देते हुए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। चंद्रशेखरन ने मुरुगन, संथन और पेरारीवलन की तरफ से यह याचिका दायर की, जिसमें दया याचिका की सुनवाई में 11 साल लगाए जाने को आधार बनाया गया है। इस याचिका पर मंगलवार को विचार किया जाएगा। एडवोकेट राम जेठमलानी और मोहित चौधरी इन तीनों की तरफ से कोर्ट में हाजिर होंगे।

इस बीच, राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी दिए जाने पर राजनीति तेज हो गई है और 9 सितंबर को होने वाली फांसी टलने के भी आसार बनते दीख रहे हैं। एक टीवी चैनल के मुताबिक मद्रास हाई कोर्ट में अपील के बाद वेल्लोर जेल के अधीक्षक ने राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों को फांसी की सज़ा टालने की जानकारी राज्य सरकार को भेजी है। नियमों के मुताबिक जेल अधीक्षक को यह अधिकार है कि वह सजा टाल सके। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है कि जेल अधीक्षक ने इस अधिकार का इस्‍तेमाल किया है।

इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज होती जा रही है। कांग्रेस के भीतर ही राजीव के हत्यारों को माफ किए जाने की मांग उठने लगी है। पार्टी नेता मणिशंकर अय्यर ने राजीव के हत्यारों को माफ किए जाने की वकालत करते हुए कहा है कि वह खुद मौत की सज़ा के खिलाफ हैं। अय्यर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दोषियों को माफ कर दिया जाएगा। लेकिन जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने राजीव गांधी के हत्यारों को सज़ा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है। स्वामी के मुताबिक राजीव के हत्यारों को सबक सिखाए जाने की जरूरत है।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने मुरुगन, संथन और पेरारीवलन की सज़ा माफ किए जाने की मांग पर कहा कि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह इन्हें माफ कर सकें। जयललिता ने कहा कि वे तीनों राष्ट्रपति से माफी की मांग कर सकते हैं। हालांकि, डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने केंद्र और राज्य सरकार से सज़ा माफी की मांग की। करुणानिधि ने अपनी तरफ से बयान जारी कर कहा है कि राजीव की हत्या के लिए तीनों 20 साल की सज़ा काट चुके हैं और अगर राजीव खुद जीवित होते तो शायद इन्हें माफ कर देते।

वहीं, एमडीएमके के वाइको ने कहा है कि पुलिस ने मुरुगन, संथन और पेरारीवलन को गलत तरीके से फंसाया है। वाइको के मुताबिक पुलिसिया उत्पीड़न की वजह से तीनों ने पुलिस के सामने अपराध कुबूल कर लिया। इस बीच, ब्रिटेन में रह रही मुरुगन की बेटी हरिथ्रा ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर उन्हें माफ करने की बात कही। गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को एलटीटीई ने तमिलनाडु के श्री पेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।

विधानसभा में हंगामा, फेंके गए चप्पल

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जयपुर। मानसून सत्र के आखरी दिन सोमवार को विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। प्रतिपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष को निशाना बनाकर चप्पल फेंकी गई। चप्पल फेंकने के आरोप में भाजपा विधायक भवानीसिंह राजावत को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। सरकारी मुख्य सचेतक वीरेंद्र बेनीवाल ने राजावत के निलंबन का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने पारित कर दिया। इससे पहले हंगामे के बीच 12 मिनट में ही 4 विधेयक पारित कर दिए गए। विधायी कार्य निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे की भेंट चढ़ी भ्रष्टाचार पर बहस : विधानसभा में भ्रष्टाचार पर बहस हंगामे और चप्पल फेंकने की घटना की भेंट चढ़ गई। सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई। शाम को 5:58 पर कार्यवाही शुरू हुई तो आनन फानन राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी विधेयक, किराया नियंत्रण संशोधन विधेयक, नगरपालिका संशोधन विधेयक और नगरीय पथ विक्रेता जीविका का संरक्षण और पथ विक्रय का विनियमन विधेयक बिना चर्चा के ही पारित कर दिए गए। विधेयक पारित कराने और राजावत के निलंबन के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

जमीन कानूनी रूप से खरीदी: रघु

कुंडारा के आरोपों पर रघु शर्मा ने कहा कि यह जमीन उनकी पत्नी के नाम है और यह उन्होंने कानूनी रूप से खरीदी है। इसका लगान जमा करवाया हे। मैंने कोई गलत टिप्पणी नहीं कि बस इतना ही कहा था कि सदन रैंप पर मॉडलिंग करने की जगह नहीं है। इसमें कुछ गलत नहीं है।

सत्तापक्ष और अधिकारी दीर्घा की गिरी चप्पल

हंगामे की शुरूआत भाजपा विधायक प्रोमिला कुंडारा के पर्ची के जरिए मामला उठाने से हुई। कुंडारा ने चाकसू के काठावाल गांव में कांग्रेस विधायक पर तालाब की 18 बीघा जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया। इस पर कांग्रेस विधायक रघु शर्मा ने आपत्ति की और वे जोर जोर से बोलने लगे। सरकारी मुख्य सचेतक ने भी पर्ची के जरिए यह मामला उठाने पर आपत्ति की। इस पर विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। इसी बीच रघु शर्मा ने कुंडारा को लेकर कोई टिप्पणी कर दी, इस पर भाजपा विधायक वेल में आकर रघु शर्मा से माफी मांगने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा की कई महिला विधायक अध्यक्ष की टेबल तक भी पहुंच गई। इसी दौरान हंगामे की बीच ही भाजपा विधायक ने सत्तापक्ष की ओर चप्पल उछाली जो अधिकारी दीर्घा और हां पक्ष के बीच में जाकर गिरी।

वीडियो फुटेज में आए राजावत

सदन में अचानक चप्पल उछालने पर एकबारगी सब अवाक रह गए। चप्पल ज्योंही सत्ता पक्ष और अधिकारी दीर्घा के बीच गिरी तो मैसेंजर उसे सदन से बाहर ले जाने लगे तो कांग्रेस विधायक प्रतापसिंह खाचरियावास ने चप्पल छीनकर वहीं रख ली। विधानसभा अध्यक्ष ने जब घटना की वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया तब जाकर चप्पल उछालने वाले विधायक के बारे में पता लगा। वीडियो फुटेज के मुताबिक भवानी सिंह राजावत ने भाजपा विधायक चंद्रकांता मेघवाल से चप्पल लेकर सत्ता पक्ष की ओर उछाली। इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

शादी की सालगिरह के दिन 'हैवान' बन गया पति


जयपुर। श्याम नगर स्थित रेल नगर में रहने वाले सीनियर आरएएस रामदेव सिंह बेनीवाल ने सोमवार सुबह सिगरेट पीने की बात पर हुई मामूली कहासुनी के बाद बल्ले से ताबड़तोड़ वार कर पत्नी की हत्या कर दी। सोमवार को बेनीवाल की शादी की सालगिरह थी। बेनीवाल जयपुर में सहायक कलेक्टर (प्रथम) के पद पर कार्यरत है। पत्नी वसुंधरा की हत्या के बाद वे कार्यालय गए। वहां कुछ देर रुकने के बाद आ रहे थे, इस दौरान पुलिस ने पकड़ लिया। जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार रामदेव सिंह बेनीवाल(55)श्याम नगर में रेल नगर स्थित नक्षत्र विला में जी 150 में किराए से रहते है तथा मूलत::: चुरु में राजगढ़ के पास स्थित रबूडी गांव के रहने वाले है। पत्नी वसुंधरा देवी (55) से आए दिन झगड़ा होता रहता था। बेनीवाल नशे के आदि है। घटना के समय घर पर पत्नी व11 साल का नौकर करण सिंह था जो मारपीट होते देख घर की छत पर जाकर छिप गया। कुछ देर बाद बाहर आकर रोने लगा तब जाकर पड़ोसी को घटना का पता चला। शादी के कुछ साल के बाद से ही दोनों में झगड़ा होने लगा था। बेनीवाल ने दो बेटियों में एक की शादी कर दी थी। छोटी बेटी रविवार को पास ही रहने वाले चाचा के घर गई थी जबकि एक बेटा दिल्ली में इंजीनियरिंग कर रहा है।

बैट उठाया और ताबड़तोड़ मारते गए:

एसीएम के घर काम पर आए नौकर करण ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि रामदेव सिंह तथा पत्नी वसुंधरा में अक्सर झगड़ा होता था। कई बार वे खुद ही चाय बनाकर पीते था। सोमवार सुबह उसने चाय बनाई थी। मेडम ने कुर्सी पर बैठकर चाय पी और साहब टहलते हुए चाय पी रहे थे। इस दौरान उन्होंने चाय पी थी। जिसके कारण दोनों की आपस में मामूली कहासुनी हुई थी। चाय पीने के बाद मैडम ने सभी के लिए खाना बनाया था। इसके बाद मेडम कपड़े समेट रही थी और वह झाडू लगा रहा था। इस दौरान साहब कमरे में गए। बैट लेकर आए और कपड़े समेट रही मेडम के सिर पर दे मारी। मैडम बैड पर गिर गई। तब पैरों में मारी,इसके बाद मैडम चिल्लाती हुई फर्श पर गिर गई। साहब जोर जोर से चिल्लाते हुए मैडम के सिर पर मारते ही गए। इस दौरान बचने के लिए वह मकान की छत पर जाकर छिप गया।


हत्या के बाद नहाया फिर कार्यालय गया:

पत्नी की हत्या के बाद आरोपी बेनीवाल बाथरूम में गए तथा नहाने के बाद घर से पैदल पैदल ही ऑटो स्टैंड की ओर जा रहे थे इस दौरान उनका ससुराल पक्ष के रिश्तेदार संजीव मिल गए। जिन्हें बेनीवाल ने कार्यालय छोड़कर आने के लिए कहा। इस पर संजीव ने कार से बेनीवाल को कार्यालय छोड़कर दिया। जहां कुछ देर ही रहे।

इस दौरान पड़ोसी ने नौकर के रोने की बात वसुंधरा के भाई सुभाष महलां को फोन पर बताया तो वे वसुंधरा के घर गए। हत्या का पता चलने पर सुभाष ने संजीव को फोन किया तो उन्होंने बताया कि बेनीवाल को तो वे कार्यालय में छोड़कर आए है। इस पर पुलिस टीम कार्यालय पहुंची तो वे रास्ते में ही मिल गए। जिनको पकड़ लिया। पुलिस ने बाथरुम से खून से सने कपड़े बरामद कर लिए।

रोज पीते थे पांच पैकट सिगरेट:

आरोपी बेनीवाल ने पुलिस को बताया कि उसको सिगरेट पीने की लत थी तथा रोज करीब पांच पैकट से अधिक सिगरेट पीते थे।

इतना मारा कि बल्ले के तीन टुकड़े हो गए

पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची तो नौकर दरवाजे पर रोता हुआ मिला तथा कमरे के अंदर वसुंधरा का शव फर्श पर गिरा हुआ था। पास ही बल्ला पड़ा हुआ था। जिसके तीन टुकड़े हो गए थे। नौकर ने पुलिस को बताया कि बेनीवाल ने इसी बल्ले से पत्नी के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए।

लंबे समय से चल रहा था विवाद

जांच में सामने आया कि बेनीवाल तथा पत्नी वसुंधरा में लंबे समय से विवाद चल रहा था। कई बार रिश्तेदारों ने समझाया भी। रविवार को भी वसुंधरा का भाई सुभाष तथा आरेापी एसीएम का भाई अमरसिंह समझाने के लिए आए थे।

करीब दो घंटे तक दोनों को समझाया था। जिस पर बेनीवाल ने आइंदा झगड़ा नहीं करने की बात कही थी। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी बेनीवाल सनकी मिजाज का था और नशा करता था।

राजस्थान: विधायक ने विधानसभा में फेंकी चप्पल, एक साल के लिए निलंबित

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जयपुर। राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार दोपहर बाद सदन में चप्पल चली, जिसके बाद आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विधानसभा में चप्पल फेंकने के मामले में भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। सरकारी मुख्य सचेतक वीरेंद्र बेनीवाल ने राजावत को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे पारित कर दिया गया। इस बीच भाजपा सदस्य पूरे समय वैल में खड़े होकर नारेबाजी करते रहे।

दोपहर बाद भाजपा विधायक प्रमिला कुंडेरा ने पर्ची के माध्यम से सदन में मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक की पत्नी के नाम 18 बीघा तालाब की जमीन का आवंटन हुआ है। यह नियम विरुद्ध है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।

अभी वे कांग्रेस नेता का नाम ले भी नहीं पाई थी कि कांग्रेसी विधायक रघु शर्मा अपनी सीट से खड़े हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे। उन्होंने पर्ची के माध्यम से आरोप लगाने पर आपत्ति जताई। विपक्ष ने भी उनके इस आचरण पर आपत्ति जताई और विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से खड़े होकर अध्यक्ष की कुर्सी के सामने वैल में आ गए। कुछ ही देर में सदन में हंगामा शुरू हो गया।

विपक्ष की तरफ से आई चप्पल

इस हंगामे के बीच विपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष की तरफ एक चप्पल फेंकी गई। चप्पल खाली पड़ी एक सीट पर जा पड़ी। हालांकि चप्पल किसी सदस्य को लगी नहीं। इसके बाद 3 बजकर 19 मिनट पर अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।इससे पहले सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की जा चुकी थी।

हंगामे के बीच चार बिल पारित
शाम छह बजे कार्यवाही फिर शुरू होने के बाद हंगामे के बीच चार बिल पारित किए गए और बिल पारित करने के ठीक बाद सरकारी मुख्य सचेतक ने निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे पारित कर दिया गया। गौरतलब है कि पिछले साल भी राजावत और हनुमान बेनीवाल को निलंबित किया गया था। इधर, विधानसभा के बाहर प्रमिला कुंडेरा और उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया।

स्वामी अग्निवेश मामले में कभी में शर्मसार तो कभी में गोरवान्वित हुआ

जी हाँ दोस्तों स्वामी अग्निवेश जो अन्ना टीम के सदस्य थे उनके मामले में में कभी शर्मसार तो कभी गोरवान्वित हुआ ..यह बात सही है अन्ना को समर्थन देने के मामले में अन्ना आन्दोलन के दो दिन पहले स्वामी अग्निवेश कोटा आये थे और अग्निवेश को कोटा अभिभाषक परिषद में भी बुलाया गया था ..........दिन के दो बजे स्वामी अग्निवेश कोटा अदालत परिसर में पधारे उनकी मुझ से मुलाक़ात हुई हाथ मिलाया और कार्यक्रम होल की तरफ चलने लगे इसी बीच एक वकील साथी जो अभिभाषक परिषद में कार्यकारिणी सदस्य भी है चन्द्रमोहन कुशवाह जी ने मुझे रोक लिया और उनके सामने ही मुझे रोक कर कहा के इस सरकारी दलाल ..सरकार के मुखबीर के साथ कहां जा रहे हो यह तो आर्यसमाजियों की सम्पात्ति का कब्जेदार है स्वामी अग्निवेश ने इन वकील साहब की बात को अनसुना किया और आगे चल दिए में वहीं शर्म के ठिठक गया और मेने वकील साथी को आड़े हाथों लेतेहुए कहा के भाई तुम अभिभाषक परिषद के पदाधिकारी हो और स्वामी अग्निवेश अपने महमान हैं ऐसे उनका अपमान करने का हमे हक नहीं है लेकिन यह जनाब वकील साहब अपनी बात पर अड़े रहे और स्वामी अग्निवेश को सरकार का मुखबिर ..खबरी और दलाल बताते रहे ..खेर एक महमान के सामने मेरे वकील साथी द्वारा इस तरह का व्यवहार मुझे शर्मिंदा करने के लियें काफी था .............फिर अचानक अन्ना आन्दोलन से अलग होकर जब टी वी चेनलों में स्वामी अग्निवेश अन्ना टीम के खिलाफ और सरकार के पक्ष में बोलते देखे गये तो मेने स्वामी अग्निवेश तो गद्दार निकले के शीर्षक से एक पोस्ट लिख डाली मेरे कुछ ब्लोगर साथियों ने अपनी टिपण्णी में इस पर आपत्ति भी जताई लेकिन कुछ दिनों बाद स्वामी अग्निवेश की सरकारी दलाली और अन्ना से गद्दारी का सबूत एक वीडियो टेप में सामने था पुरे देश ने उनकी सरकारी दलाली और गद्दारी को देखा ..दोस्तों मेने सबसे पहले अपने उन वकील साथी जिन्होंने स्वामी अग्निवेश के बारे में पहले ही बता दिया था के यह गद्दार सरकार के मुखबीर और आर्यसमाज सम्पत्तियों के कब्जेदार है माफ़ी मांगी ..और मेरी पोस्ट जो मेने सबसे पहले स्वामी अग्निवेश तो गद्दार निकले के शीर्षक से लिखी थी उसपर अडवांस में लिखने पर गर्व करने लगा ........ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सच कहा तो बुरा मान गये ............

जी हाँ दोस्तों देश में सांसदों और विधायकों की चुनाव प्रकिर्या के वक्त अधिकतम प्र्त्याक्शियों द्वारा जो गंदगी और खरीद फरोख्त फेलाई जाती है उसे फिल्म कलाकार ओम पूरी ने फ़िल्मी अंदाज़ में जब पेश किया तो सभी सांसद बुरा मान गये .........संसद को इस मामले में अपने गिरेबान में झाँक कर देखना चाहिए देश के सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कई दर्जन मामले इन्हीं आरोपों के साथ चुनाव याचिकाओं की सुनवाई कर रहे हैं जबकि टी ऍन शेषन पूर्व चुनाव आयुक्त इस बात के गवाह है के किस तरह से चुनाव में वोटर को प्रलोभन देकर खरीद फरोख्त की जाती है जो पार्टी के राजनितिक कार्यकर्ता है जो पत्रकार है वोह इस सच को खूब अच्छी तरह से जानते है । जब देश इस सच को जानता है और यह सच मंच से उजागर किया जाता है तो फिर संसद क्यूँ बुरा मान जाते हैं यह बात सही है के काफी लोग काफी सांसद अपवादित परिस्थितियों में चुनाव लड़ते हैं वोह लोग इस गंदगी से दूर रहते हैं लेकिन सारे देश के सांसद अगर इश्वर को हाज़िर नाज़िर मानकर यह कहें के चुनाव आयोग की चुनावी खर्च की जो राशि की सीमा निर्दारित कर राखी है अगर उससे दस गुना भी खर्च कर यह लोग चुनाव लड़ते हों तो इन्हें इमानदार कह देंगे लेकिन हकीक़त यह है के बीस लाखी की खर्च सीमा अगर होती है तो फिर कई करोड़ रूपये एक लोकसभा चुनाव में खर्च किये जाते हैं अब यह रुपया कहां और किस्लियें खर्च किया जाता है कच्ची बस्ती के लोग खूब अच्छी तरह से जानते हैं ऐसे में ओम पूरी का कथन अगर सच के नजदीक है तो फिर इस सच पर बुरा मानने की जगह सासदों को इस बुराई को त्यागने का संकल्प लेना चाहिए था उसके विपरीत डराने का काम कर रहे हैं इससे स्पष्ट है के अन्ना गिरी का इन लोगों पर असर नहीं हुआ है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

'भयानक शोर, तेज रोशनी लेकिन नर्क के अंदर नहीं घुस पाया मैं...'


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अगर आप दूसरी दुनिया में विश्वास रखते हैं और स्वर्ग या नर्क की सैर करना चाहते हैं तो पेनांग ज़रूर जाइये। यहां जे बे गुआ यिन धम्मा सेंटर के मास्टर केक एंग सेंग दावा करते हैं कि वो इस दुनिया ले दूसरी दुनिया में जा सकते हैं।



मलेशिया के सेंग दावे के साथ लोगों को दूसरी दुनिया में ले जाने की बात कहते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इस मामले में जबरदस्त प्रतिक्रियाएं भी मिल रही हैं। पूरी दुनिया में से लगभग 200 लोगो ने इस आलौकिक यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।



इस रजिस्ट्रेशन प्रकिया में कुछ लोगों को इस यात्रा के लिए योग्य नहीं माना गया और उन्हें मना कर दिया गया। इसमें गर्भवती महिलाओं, मासिक धर्म प्रक्रिया से गुजर रही महिलाओं को अयोग्य घोषित किया गया। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें अनुकूल जन्मतिथि न होने के कारण अयोग्य माना गया।



डेली चिली की खबर के अनुसार फिलहाल पहले दौर के लिए करीब 50 लोगों को दूसरी दुनिया की सैर के लिए चुना गया है, जिसमें कुछ पत्रकार भी शामिल हैं।



डेली चिली के पत्रकार के अनुसार सभी लोग रात को जॉर्जटाउन में इस यात्रा के लिए इकट्ठे हुए। रात 10.15 बजे कुछ प्राथर्नाओं और ज़रूरी प्रक्रियाओं के बाद हमारी यात्रा शुरू हुई।



इनके अनुसार "मेरी आंखों पर काली पट्टी बंधी थी। थोड़ी ही देर में लाइट बंद कर दी गई। मास्टर सेंग द्वारा उच्चारित किए जा रहे मंत्रों को सुनने के बाद मेरा सिर इतना गर्म हो गया कि जैसे उसमें से गर्म भाप निकल रही हो।" (मास्टर सेंग ने इस घटना के बारे में बताया कि उस दौरान हमारी आत्मा शरीर से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी।)



अनुभवी ने बताया "ऐसी अनुभूति मुझे तीन-चार बार हुई, लेकिन वो कुछ ही मिनटों में ख़त्म हो गई। आसापास इकट्ठी भीड़ के शोर के कारण मैं ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा ता, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। कुछ ही देर में मुझे अपने सामने प्रकाश दिखाई दिया और मैंने उसका अनुसरण किया, लेकिन फिर जल्द ही मेरा अंधेरे से सामना हुआ। यह सब कुछ एक साइंस फिक्शन फ़िल्म देखने जैसा था।" (बाद में मास्टर सेंग ने बताया कि ये दौर नर्क की ओर मेरी यात्रा का समय था। )



अनुभवी ने बताया "मैं फिर से आस-पास के शोर से घिर गया और नर्क में प्रवेश नहीं कर सका। फिर, मास्टर सेंग ने सभी को वापस आने को कहा। यह प्रक्रिया लगभग 1 घण्टा 15 मिनट चली।"



इस यात्रा के दौरान वहां मौजूद सभी लोगों के अनुभव अलग-अलग थे। आलौकिक दुनिया में पहुंचने की इस अधूरी यात्रा के कारण पत्रकारों और लोगों के चेहरे पर निराशा देख मास्टर सेंग ने कहा कि वो सभी लोगों को जल्द ही दुबारा इस सैर पर ले जायेंगे।

नालायक' कहे जाने पर गुस्‍साए सांसद, पर अनुपम खेर बोले- ओम पुरी ने नहीं कहा कुछ गलत


नई दिल्‍ली. रामलीला मैदान स्थित अन्‍ना हजारे के मंच से नेताओं पर की गई कथित 'आपत्तिजनक' टिप्‍पणी के मामले में अभिनेता ओम पुरी और हजारे की सहयोगी किरण बेदी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इनके खिलाफ संसद के दोनों सदनों के सदस्‍यों ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार ने सोमवार को नोटिस मिलने की पुष्टि की।

ओम पुरी ने तो अपनी टिप्‍पणी के लिए माफी मांग ली है, लेकिन किरण बेदी ने नेताओं पर की गई अपनी टिप्‍पणी को जायज ठहराते हुए कहा कि उनकी इस टिप्‍पणी से ही जनलोकपाल का मसला सुलझा है।

ओमपुरी ने एक समाचार चैनल से कहा कि नेताओं को ‘नालायक’ और ‘गंवार’ कहने पर उन्‍हें अफसोस है। उन्‍हें ऐसे शब्‍दों का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए था। ओमपुरी ने इस बात से इनकार किया कि उन्‍होंने रामलीला मैदान के मंच से जब ऐसी टिप्‍पणी की थी उस वक्‍त उन्‍होंने शराब पी रखी थी। ओमपुरी ने कहा, ‘मैं सांसदों से मिलकर अपनी बात रखना पंसद करुंगा। यदि वो गुस्‍से में हैं तो मैं उनसे माफी मांगूंगा। अन्‍ना की सेहत हम सभी के लिए बेहद चिंता की बात थी। इस वजह से मैं भावना में बह गया और मेरे मुंह से ऐसी बातें निकल गईं।’

माफी मांग लेने के बावजूद ओम पुरी के खिलाफ कई सांसदों ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। लेकिन फिल्‍म अभिनेता अनुपम खेर खुले आम पुरी के समर्थन में आ गए हैं। उन्‍होंने सोशल साइट ट्वि‍टर पर लिखा, 'मैं ओमपुरी के साथ हूं। उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर उसी बात को कहा है जो करोड़ों घरों में हर रोज कही जाती है।'

उधर, बेदी ने एक समाचार चैनल से कहा कि उनकी टिप्‍पणी से उन्‍हें काफी फायदा हुआ। उनके रवैये के चलते बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें फोन किया और जिसके बाद मामला सुलझ गया। किरण बेदी ने कहा कि इस तरह के कमेंट से पूरा खेल बदल गया। गौरतलब है कि रामलीला मैदान में बेदी ने बीते शुक्रवार को एक कपड़े से घूंघट बनाकर नेताओं को दोमुंहा कहा था और कहा था कि वे हमेशा मुखौटा ओढ़े रहते हैं। बेदी ने कहा था कि नेता अलग-अलग मौकों पर मुखौटे बदल कर अलग-अलग बात बोलते हैं। उन्होंने कहा था कि एक मुलाकात में नेताओं ने कुछ कहा, जबकि दूसरी मुलाकात में कुछ और कहा।

किरण बेदी ने कहा कि रामलीला मैदान में आए लोगों ने वहां आए कुछ सांसदों के विरोध में आवाज उठाई। इसका असर आडवाणी जी पर पड़ा। बेदी ने कहा, 'शाम को आडवाणी जी ने मुझे फोन किया। मैंने कहा कि हम तो अकेले छोड़ दिए गए। आपने अभी तक संसद में हमारी आवाज नहीं उठाई। हमारी आवाज कौन सुनेगा। इसके बाद उन्होंने कहा- बेटी, यह कल संसद में होगा।' उन्होंने कहा, 'अगले दिन आडवाणी जी ने संसद में कहा कि अन्ना हजारे का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता है। शाम को वह प्रधानमंत्री कार्यालय गए।'

किरन बेदी के मुताबिक अगर ऐसा करने से कुछ बदलाव हुआ, तो वैसा करने में कुछ गलत नहीं था। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी शिक्षा नहीं मिली है, लेकिन वह जनता की आवाज थी। किसी को दुखी करने का उनका मकसद नहीं था और वह संसद का सम्मान करती हैं।
नोटिस पर विचार कर रही है संसद

लोकसभा स्‍पीकर मीरा कुमार ने आज कहा कि सांसद पीएम पुनिया, जगदंबिका पाल, रमाशंकर राजभर, लाल चंद कटारिया, मिर्जा असलम बेग, प्रवीण ऐरन और शैलेन्‍द्र कुमार की ओर से भेजे गए नोटिस उन्‍हें मिले हैं। इस मामले पर स्‍पीकर विचार कर रही हैं। स्‍पीकर ने बेदी और पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस विशेषाधिकार समिति को भेज दिया है।

सपा और बसपा की अगुवाई में संसद सदस्‍यों के बार बार अनुरोध के बाद मीरा कुमार ने यह बात कही। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा और बसपा के सदस्‍यों ने सांसदों के खिलाफ टिप्‍पणी को गंभीर मसला बताते हुए इस पर स्‍पीकर की राय मांगने लगे। सपा के शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि उन्‍होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस 27 अगस्‍त को ही दिया था और इस मामले पर तत्‍काल विचार किया जाए। बसपा के सदस्‍य भी सपा सांसदों के समर्थन में आ गए और सदन में हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्‍यक्ष ने कहा उनके पास करीब दजर्न भर नोटिस आए हैं और वह इस मुद्दे पर विचार कर रही हैं।

राज्‍यसभा में सपा सांसद राम गोपाल यादव और निर्दलीय सांसद मोहम्‍मद अदीब ने सांसदों पर टिप्‍पणी करने पर बेदी और पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्‍ताव पेश किया। राज्‍यसभा में आज शून्‍यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए यादव ने कहा कि फिल्‍म अभिनेता ने बीते 26 अगस्‍त को अन्‍ना हजारे के मंच से सांसदों को ‘चोर’ और ‘नालायक’ कहा है। उन्‍होंने कहा कि अभिनेता की ओर से की गई इस तरह की टिप्‍पणी सांसदों के विशेषाधिकार का हनन है। सदन के उपसभापति के रहमान खान ने सदस्‍यों को आश्‍वासन दिया कि सांसदों की ओर से दिए गए नोटिस सभापति के विचारार्थ हैं। सभी पार्टियों के सदस्‍यों ने मेजें थपथपाईं और यादव ने इस बीच नोटिस को विशेषाधिकार समिति को रिफर किए जाने का अनुरोध किया।

गाँधी जी के तीन बंदर ..............


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