जयपुर।विधानसभा में गृह विभाग की अनुदान मांगे पारित करने से पहले गृह विभाग का प्रतिवेदन पेश नहीं करने के मामले में विपक्ष ने गृह मंत्री को घेरने की कोशिश की। विपक्षी सदस्य जब गृह मंत्री को हटाने की मांग कर रहे थे तब पर्यटन राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने गृह मंत्री को बदलने की मांग कर सदन में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया। गुढ़ा ने कहा कि अध्यक्ष जी तब तक गृह मंत्री को ही बदल दीजिए। उन्होंने दो बार यह बात कही। सदन में हंगामे के बाद कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
आरसीए मामले में कालीचरण सराफ के उठाए मुद्दे के जवाब देते हुए ही गृह मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गृह विभाग का प्रतिवेदन सदन में पेश नही कर पाने पर वे खेद प्रकट करना चाहते हैं। इस मामले में दोषी पांच कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस पर भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी और गुलाबचंद कटारिया ने कड़ी आपत्ति की। उनका तर्क था कि इस मामले में अध्यक्ष की व्यवस्था आनी है और इस समय बिना अध्यक्ष की अनुमति वे अपना पक्ष नहीं रख सकते।
इस पर काफी देर हंगामा होता रहा। हंगामे के बीच ही धारीवाल ने अपना स्पष्टीकरण पढ़ना जारी रखा। बाद में धारीवाल ने अपना वक्तव्य सदन की पटल पर भी रख दिया। विपक्षी विधायक इसके विरोध में वेल आकर नारेबाजी करने लगे। इस मामले में दो बार सभापति को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। तीसरी बार जब कार्रवाई शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में व्यवस्था पूरा रिकॉर्ड देखकर ही दी जा सकती है अभी व्यवस्था देना संभव नहीं है। घनश्याम तिवाड़ी और राजेंद्र राठौड़ ने धारीवाल की ओर से सदन के पटल पर रखे गए वक्तव्य को कार्यवाही से निकालने की मांग की। इस बीच विपक्ष ने गृह मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी भी की। तिवाडी ने आरोप लगाया कि इस मामले में केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है जबकि प्रतिवेदन की फाइल पांच दिन तक गृह मंत्री के पास पड़ी रही तो असली दोषी तो मंत्री ही है। अध्यक्ष के व्यवस्था देने और पत्र कार्यवाही से निकालने के आश्वासन देने के बाद ही विपक्षी सदस्य शांत हुए।
प्रतिवेदन मामले में 5 अफसरों पर कार्रवाई
गृह विभाग का प्रगति प्रतिवेदन विधानसभा में पेश नही कर पाने के मामले में पांच अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गृह मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निरीक्षक सुनीत कुमार और उपनिरीक्षक सुनील कुमार को निलंबित कर दिया गया है। वहीं गृह विभाग के उपसचिव संग्राम सिंह यादव, सहायक सचिव रामफल बैरवा और कार्यालय सहायक हरिनारायण को चार्जशीट देने के लिए कार्मिक विभाग को लिखा गया है।
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