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29 अगस्त 2011

टलेगी फांसी? राजीव के हत्‍यारों को मारने के खिलाफ हैं मणिशंकर अय्यर

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नई दिल्ली. राजीव गांधी की हत्या के लिए दोषी एलटीटीई के तीन पूर्व कार्यकर्ताओं ने अपनी मौत की सज़ा को चुनौती देते हुए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। चंद्रशेखरन ने मुरुगन, संथन और पेरारीवलन की तरफ से यह याचिका दायर की, जिसमें दया याचिका की सुनवाई में 11 साल लगाए जाने को आधार बनाया गया है। इस याचिका पर मंगलवार को विचार किया जाएगा। एडवोकेट राम जेठमलानी और मोहित चौधरी इन तीनों की तरफ से कोर्ट में हाजिर होंगे।

इस बीच, राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी दिए जाने पर राजनीति तेज हो गई है और 9 सितंबर को होने वाली फांसी टलने के भी आसार बनते दीख रहे हैं। एक टीवी चैनल के मुताबिक मद्रास हाई कोर्ट में अपील के बाद वेल्लोर जेल के अधीक्षक ने राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों को फांसी की सज़ा टालने की जानकारी राज्य सरकार को भेजी है। नियमों के मुताबिक जेल अधीक्षक को यह अधिकार है कि वह सजा टाल सके। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है कि जेल अधीक्षक ने इस अधिकार का इस्‍तेमाल किया है।

इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज होती जा रही है। कांग्रेस के भीतर ही राजीव के हत्यारों को माफ किए जाने की मांग उठने लगी है। पार्टी नेता मणिशंकर अय्यर ने राजीव के हत्यारों को माफ किए जाने की वकालत करते हुए कहा है कि वह खुद मौत की सज़ा के खिलाफ हैं। अय्यर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दोषियों को माफ कर दिया जाएगा। लेकिन जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने राजीव गांधी के हत्यारों को सज़ा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है। स्वामी के मुताबिक राजीव के हत्यारों को सबक सिखाए जाने की जरूरत है।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने मुरुगन, संथन और पेरारीवलन की सज़ा माफ किए जाने की मांग पर कहा कि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह इन्हें माफ कर सकें। जयललिता ने कहा कि वे तीनों राष्ट्रपति से माफी की मांग कर सकते हैं। हालांकि, डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने केंद्र और राज्य सरकार से सज़ा माफी की मांग की। करुणानिधि ने अपनी तरफ से बयान जारी कर कहा है कि राजीव की हत्या के लिए तीनों 20 साल की सज़ा काट चुके हैं और अगर राजीव खुद जीवित होते तो शायद इन्हें माफ कर देते।

वहीं, एमडीएमके के वाइको ने कहा है कि पुलिस ने मुरुगन, संथन और पेरारीवलन को गलत तरीके से फंसाया है। वाइको के मुताबिक पुलिसिया उत्पीड़न की वजह से तीनों ने पुलिस के सामने अपराध कुबूल कर लिया। इस बीच, ब्रिटेन में रह रही मुरुगन की बेटी हरिथ्रा ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर उन्हें माफ करने की बात कही। गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को एलटीटीई ने तमिलनाडु के श्री पेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।

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