तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 नवंबर 2011
इसे कोंग्रेस की लापरवाही कहें या मानसिकता
यह है गीता का ज्ञान ......
एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः॥
क्षेत्रक्षेत्रज्ञयोर्ज्ञानं यत्तज्ज्ञानं मतं मम॥
स च यो यत्प्रभावश्च तत्समासेन मे श्रृणु॥
ब्रह्मसूत्रपदैश्चैव हेतुमद्भिर्विनिश्चितैः ॥
इन्द्रियाणि दशैकं च पञ्च चेन्द्रियगोचराः ॥
एतत्क्षेत्रं समासेन सविकारमुदाहृतम् ॥
आचार्योपासनं शौचं स्थैर्यमात्मविनिग्रहः ॥
जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शनम् ॥
नित्यं च समचित्तत्वमिष्टानिष्टोपपत्तिषु ॥
विविक्तदेशसेवित्वमरतिर्जनसंसदि ॥
एतज्ज्ञानमिति प्रोक्तमज्ञानं यदतोऽन्यथा ॥
अनादिमत्परं ब्रह्म न सत्तन्नासदुच्यते ॥
सर्वतः श्रुतिमल्लोके सर्वमावृत्य तिष्ठति ॥
असक्तं सर्वभृच्चैव निर्गुणं गुणभोक्तृ च ॥
सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञयं दूरस्थं चान्तिके च तत् ॥
भूतभर्तृ च तज्ज्ञेयं ग्रसिष्णु प्रभविष्णु च ॥
ज्ञानं ज्ञेयं ज्ञानगम्यं हृदि सर्वस्य विष्ठितम् ॥
मद्भक्त एतद्विज्ञाय मद्भावायोपपद्यते ॥
नानी के नुस्खे- सर्द मौसम में...फटे होंठों के दर्द से मिलेगा छुटकारा
ठंड के मौसम में होंठों का फटना एक आम समस्या हो जाती है। इस मौसम में होंठ कुम्हला जाते हैं, फटने लगते हैं। ऐसे में होंठों की सुंदरता खत्म होने लगती है। अगर आप भी अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो टेंशन न लें, नीचे दिए जा रहे कुछ आसान नानी के नुस्खों से आप अपने होठों की सुन्दरता को चार चांद लगा सकते हैं....
मूंगफली- नहाने से पहले हथेली में चौथाई चम्मच मूंगफली का तेल लेकर अंगुली से हथेली में रगड़े। फिर होंठो पर इसकी मालिश करें। होंठो के लिए यह लाभप्रद है।
सरसो तेल- सोने से पहले सरसों का तेल नाभि पर लगाने से होंठ नहीं फटते।
घी- घी में जरा सा नमक मिलाकर होंठों व नाभि पर लगाने से होंठ फटना बंद हो जाते हैं।
बादाम-पांच बादाम रोज सुबह-शाम खाने से होंठ नहीं फटते।
ग्लिसरीन - नित्य दो बार होंठों पर ग्लिसरीन लगाने से लाभ होता है।
इलायची- इलायची पीस कर मक्खन में मिलाकर रोज दिन में दो बार कम से कम सात दिन लगाएं।
गुलाब- गुलाब के फूल को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई या दूध मिलाकर होंठों पर लेप करें।
सिर्फ किसी को आकर्षित करने के लिए नहीं होता है श्रंगार....
सुंदरता भगवान की विभूति है। सौंदर्य और श्रंगार परमात्मा को पसंद हैं। सामान्य तौर पर श्रंगार को शरीर से जोड़कर देखा और समझा गया है और इसीलिए श्रंगार वासना के लिए सेतु बन जाता है। सौंदर्य का संबंध जब तक शरीर से रहेगा, यह भोग का विषय होगा।
लेकिन सुंदरता ईश्वर से जुड़ते ही अनुभूति हो जाती है। सौंदर्य को केवल संसार से जोड़ेंगे तो श्रंगार केवल रूप संयोजन होगा और यदि यह भगवान से जुड़ता है तो इसमें पवित्रता आ जाती है। भगवान की दुनिया में पवित्रता सबसे अच्छा श्रंगार और सौंदर्य है। यदि पवित्रता हो तो सादगी भी गजब का श्रंगार बन जाएगी। श्रंगार में यदि स्वरूपता न हो तो वह भी अभद्रता ही है।
अब तो श्रंगार का अर्थ एक-दूसरे को आकर्षित करना ही रह गया है। श्रंगार को शस्त्र बनाकर शरीर के आक्रमण हो रहे हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने श्रंगार के लिए एक साधन बताया है, इसे संसार तप के नाम से जानता है। तप एकांत की घटना है, इसमें प्रदर्शन नहीं होता। तप से जो सौंदर्य प्राप्त होता है, वह ईश्वर का ही सौंदर्य है।
केवल शरीर को ही न संवारा जाए, संवारने के लिए जीवन में और भी कई उपाय हैं। बहुत कम लोग समझ पाते हैं कि समय को भी संवारा जाता है। समय का सदुपयोग करें, यह एक बड़ी शिक्षा है, लेकिन खाली समय में क्या करें, यह उससे भी अधिक समझ का मामला है। खाली समय का सदुपयोग कैसे करें, यह समय का श्रंगार है। अपने लोगों के साथ खाली समय प्रेम से बिताया जाए, यह भी एक श्रंगार है और पारिवारिक जीवन को सौंदर्य प्रदान करता है।
शक्ति का सही उपयोग कैसे किया जाए, सीखिए भगवान राम से...
रामायण में चलते हैं। भगवान राम ने अपने तीनों भाइयों के साथ गुरु वशिष्ठ से सारी शिक्षा ली। वे राजकुमार तो थे ही, धनुर्विद्या के भी निपुण योद्धा थे। शक्ति भी थी और सामथ्र्य भी। पूरे राजसी ठाठ से जीवन गुजर रहा था। तभी एक दिन ऋषि विश्वामित्र आ पहुंचे। उन्होंने दशरथ से राम और लक्ष्मण मांग लिए।
रावण की राक्षस सेना का आतंक बढ़ रहा था और वे ऋषियों के हवन-यज्ञों को बंद करा रहे थे। राक्षसों के संहार के लिए विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को चुना। दशरथ पहले डरे लेकिन फिर गुरुओं की बात को मानकर राम-लक्ष्मण को उनके साथ भेज दिया।
राम शक्तिशाली राक्षसों का मारकर ऋषियों को भयमुक्त कर दिया। यहां राम का काम पूरा हो चुका था लेकिन उन्होंने ऋषि विश्वामित्र का साथ ततकाल नहीं छोड़ा। उनके साथ जंगल-जंगल और कई नगरों में घूमते रहे। राम का कहना था कि और भी कहीं कोई राक्षस ब्राह्मणों, ऋषियों, निर्बलों या गौओं का नष्ट कर रहे हों या उनके कार्यों में बाधा डाल रहे हों तो मैं उनका नाश करने के लिए तैयार हूं।
शक्ति है तो उसका पहला उपयोग निर्बलों की सहायता, समाज की सेवा और विश्व के उत्थान में लगाना चाहता हूं। इस पूरे अभियान में राम ने कई राक्षसों को मार गिराया। विश्वामित्र ने राम को प्रसन्न होकर कई दिव्यास्त्र भी दिए, जो बाद में रावण से युद्ध में काम आए।
शक्ति का सबसे श्रेष्ठ उपयोग जनहित में ही हो सकता है। परमात्मा अगर शक्ति देता है तो वो सिर्फ उसका उपहार नहीं होती। वो एक जिम्मेदारी भी है। हमें धन, बल, बुद्धि या विद्या कोई भी शक्ति मिले तो उसका उपयोग सबसे पहले लोक हित में किया जाना चाहिए। तभी वो सफल और सुफल होगी।
कहा जाता है जिसे अपने सामथ्र्य का उपयोग करना आ गया, वो सारा संसार जीत सकता है। शक्तिशाली होना कोई उपलब्धि नहीं है, लेकिन अपनी शक्ति का सदुपयोग बहुत बड़ी उपलब्धि है। अगर अपनी शक्ति का, सामथ्र्य का सम्मान चाहते हैं तो दूसरों के लिए जीने की आदत डालनी होगी। मुश्किल में पड़े लोगों की सहायता से ही ताकत को सलाम मिलता है।
ताजा रिसर्च: नमक का ऐसा प्रयोग ले सकता है आपकी जान
नमक को कितना लें? ज्यादा लें ,कम लें ,नहीं लें, इस बारे में बड़ी भ्रांतियां बनी रहती हैं। लेकिन यह बात सत्य है, कि नमक को किसी भी रूप में ज्यादा या कम लेना नुकसानदायक होता है। आपके लिए नमक की औसत 24 घंटे की मात्रा आधा चम्मच (2.5 ग्राम ) से अधिक नहीं होनी चाहिए।
हाल ही में मैक मास्टर विश्वविद्यालय में किये गए एक अध्ययन से यह निष्कर्ष सामने आया है, कि नमक का ज्यादा या कम मात्रा में सेवन दिल के लिए खतरनाक हो सकता है।
दिल के रोगों से पीडि़त रोगियों के लिए नमक का कम या अधिक मात्रा में सेवन हार्ट फेल ,हार्ट अटेक,स्ट्रोक आदि से मौत का कारण बन सकता है। वैज्ञानिकों ने तीस हजार दिल के रोगियों के पेशाब के सेम्पल लेकर उनके सोडियम आउटपुट को मोनीटर किया। वैसे रोगी जो ज्यादा सोडियम ( आठ ग्राम से अधिक ) उत्सर्जित कर रहे थे।
उनमें कम सोडियम( चार से छह ग्राम ) उत्सर्जित कर रहे रोगियों की अपेक्षा 50 से 70 प्रतिशत हृदय रोगों से मृत्यु की संभावना देखी गयी। वैसे रोगी जिन्होंने मूत्र से कम सोडियम (दो ग्राम से कम ) उत्सर्जित किया। उनमें दिल के रोगों का प्रतिशत 37 पाया गया और इससे मौत का प्रतिशत 29 था। इस अध्ययन को जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित किया गया है।
सर, एक बार चुहिया भी बदल कर देख लेते।
'68 के हो गए हैं धारीवालजी, जुबान फिसल जाती है'
जयपुर.जयपुर महापौर ज्योति खंडेलवाल ने शनिवार को स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल पर बेबाक टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों को अन्यथा नहीं लेना चाहिए। वे अब 68 साल के हो चुके हैं और उनकी जुबान फिसल ही जाती है। इसे वे खुद भी स्वीकार कर चुके हैं। उधर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि माफ कीजिए, मुझे इस मामले में कुछ भी नहीं कहना।
महापौर निगम के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रही थीं। जब उनसे धारीवाल द्वारा नगर निगम को ‘नरक निगम’ बताए जाने संबंधी मसले पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह टिप्पणी की। हालांकि मंत्री पर बेबाक टिप्पणी के बाद मेयर ने अपनी बात को संभालते हुए कहा कि वे हमारे मुखिया हैं।
उनको लगता है कि नगर निगम में काम गलत हो रहा है तो उसमें सुधार के लिए भी बताएं। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि मेयर भले ही सीधे चुनी गई हो, लेकिन जिस हिसाब से जिम्मेदारी बढ़ी उस हिसाब से सरकार अधिकार नहीं दे रही है।
सरकार से भी पूरा सहयोग मिले तो वे बेहतर काम करके दिखा सकते हैं। यह भी कहा कि अधिकारियों के कई बार अधिकार बढ़ाए गए जबकि मेयर के अधिकारों में कटौती हुई। अपने अधिकार मांगना कोई गलत तो नहीं, यह तो हक है।
सूर्य पूजा के असर से मिलती हैं ये अनूठी शक्तियां व गुण
धर्म की नजरिए से सूर्य जगत की आत्मा है। वहीं विज्ञान की दृष्टि से भी सूर्य ऊर्जा व बल का भण्डार और कालगणना का आधार है। इसलिए धार्मिक उपायों से सूर्य पूजा हो या वैज्ञानिक तरीकों से सूर्य की रोशनी या ऊर्जा को प्राप्त करना, यह तन व मन को पुष्ट कर स्वास्थ रूपी धन द्वारा द्रव्य रूपी धन (रुपया-पैसा) पाने की राह आसान बनाने वाली मानी गई है।
बहरहाल, धार्मिक नजरिए से सूर्य पूजा से जुड़े लाभ देखें तो भविष्य पुराण के मुताबिक नियमित रूप से श्रद्धा व आस्था से सूर्य पूजा के शुभ प्रभाव से सूर्य भक्त अनेक शक्तियों व गुणों का स्वामी बन जाता है। जिससे सांसारिक जीवन में बेजोड़ सफलता व प्रतिष्ठा मिलती है। सूर्य पूजा के लिए विशेष घड़ियां रविवार व सप्तमी तिथि हैं। जानते हैं सूर्य पूजा से कैसी शक्तियां व गुण प्राप्त होते हैं?
- सूर्य भक्त अद्भुत सहनशीलता पाकर हर मानसिक, शारीरिक व व्यावहारिक द्वंद्व पर विजय पाता है।
- सूर्य भक्ति निर्भय व वीर बनाकर नीति और ज्ञान संपन्न भी बनाती है।
- सूर्य पूजा सेवा भावी और परोपकारी बनाती है।
- सूर्य उपासना विद्वान, सारगर्भित व प्रभावी वाणी का स्वामी, बुद्धिमान बनाती है।
- सूर्य स्मरण आचरण पवित्र करने के साथ भद्र व प्रसन्नात्मा बनाती है।
- सूर्य भक्ति अहं, क्रोध, लालच, कामना, कपट और बुरे विचारों का भी अंत कर देती है।
10 को चंद्र ग्रहण इसलिए 15 दिन पहले से शुरु करें ये काम क्योंकि
10 दिसंबर को चंद्र ग्रहण है। इस ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कल के शुभ मुहूर्त से उपाय करना शुरू कर दें। कल चंद्रमा की तिथि द्वितिया है। इस तिथि से चंद्रमा का कोई भी उपाय शुरू करें तो ग्रहण के बुरे असर से बच जाएंगे। इस ग्रहण का विशेष प्रभाव मेष, मिथुन वृष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों पर पड़ेगा। ज्योतिष के अनुसार इन राशि वालों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह ग्रहण वृष राशि में ही होगा और इससे इन राशि वालों पर भी असर पड़ेगा।
इस ग्रहण पर इन राशि वालों को रोग, दुर्घटना, मानसिक रोग और तनाव से बचने के लिए राहु से संबंधित उपाय करने चाहिए।
लाल किताब के अनुसार कुछ उपाय ऐसे हैं जिनको करें तो राहु के प्रकोप से बच सकते हैं। इस ग्रहण पर राहु-चंद्र की युति के लिए अगर उपाय किए जाएं तो कई तरह के रोगों से बचा जा सकता है। मानसिक भय और तनाव राहु के प्रकोप से ही होते हैं इनसे भी बचा जा सकता है।
ये करें उपाय
- समान आकार के चांदी के दो छोटे टूकड़े लें और उनमें से एक को नदी में बहा दें और एक अपने पास रख लें।
- हर शनिवार को एक कोयला या काला नमक बहती में बहा दें।
- अपने सिर सेे सात बार श्रीफल घुमा कर बहती नदी में छोड़ दें।
- 43 दिन तक तांबे क सिक्का बहते पानी में प्रवाहित करें।
- चांदी का सांप बना कर उसकी पूजा करें और पानी में बहा दें।
- हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनिया पानी में बहाएं।
- लाल चिटियों को चीनी खिलाएं।
- अपने घर के वायु कोण (पश्चिम-उत्तर) में एक लाल झंडा लगाएं।
रोज खाएं प्याज तो नहीं होंगी ये घातक बीमारियां...होंगे इतने सारे फायदे
प्याज को वैसे तो हिन्दू धर्म के अनुसार तामसिक भोजन माना गया है। मान्यता है कि इसे खाने से ज्यादा गुस्सा आता है। लेकिन हम आयुर्वेद व चिकित्सा शास्त्र की माने तो प्याज के सेवन का एक नुकसान सही पर इसके अनेकों फायदे हैं। प्याज के सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक्स का खतरा कम हो जाता है।
गौरतलब है कि शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढऩे से ही हार्ट अटैक आता है। रोज प्याज का सेवन करने से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है। प्याज का रस बालों में लगाकर बाल झडऩे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। प्याज के टुकड़ों को बार-बार सूंघने से भी जमा हुआ कफ पानी बनकर बाहर निकल जाता है।
प्याज का पेस्ट लगाने से फटी ऐडिय़ों से राहत मिलती है। प्याज पर नींबू व नमक डालकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।प्याज के सेवन से आँखों की ज्योति बढ़ती है।सफेद प्याज के रस में शहद मिलाकर सेवन करना दमा रोग में बहुत लाभदायक है। प्याज ब्लडप्रेशर कम करता है। प्याज के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से खून की कमी दूर होती है।
इस 400 साल पुरानी दुर्लभ ‘अंबर स्टोन’ से मिलेगा बच्चा!
इसकी खासियत है कि अगर असली अंबर स्टोन हो तो जिस महिला का गर्भ बार-बार गिर जाता है वह ‘अंबर स्टोन’ की माला पहन ले या एक पत्थर भी गले में पहन ले तो असमय गर्भपात नहीं होगा और मातृत्व सुख आसानी से हासिल कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त इस स्टोन को पानी में डालकर उसका पानी पीने से आदमी का हृदय रोग व किसी भी प्रकार के रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
डा. कथूरिया ने बताया कि ‘अंबर स्टोन’ का निर्माण रूस के बाल्टिक सागर में पाईन ट्री के रिजन में निर्माण होता है और इसके बनने में ४ सौ से ५ सौ साल लगते हैं। कहा जाता है कि इस पत्थर के निर्माण के दौरान समुद्री जीवों, मकोड़ों पत्थर के अंदर ही रह जाते हैं जो ‘अंबर स्टोन’ धारण करने वाले इंसान का विपरित शक्तियों से बचाता है।
पाक में घुसकर नाटो ने मारे 28 सैनिक, माहौल तनावपूर्ण, नाटो सप्लाई रोकी गई
इस्लामाबाद. अफगानिस्तान में तैनात नाटो के सैनिकों ने शनिवार तड़के से थोड़ा पहले (दो बजे) पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमले किए। पाकिस्तानी सुरक्षा बल की एक चौकी पर हुए इस हमले में मारे गए सैनिकों की तादाद बढ़कर 28हो गई है। इस हमले में 14 सैनिकों के घायल होने की भी खबर है। नाटो के इस हमले से पाकिस्तान सरकार की बौखलाहट बढ़ गई है। प्रधानमंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी ने नाटो सैनिकों के हमले की कड़ी निंदा की है। गिलानी ने इस हमले के बाद पैदा हुए हालात को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है।
पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले पर अमेरिका से विरोध दर्ज करा दिया है। यूरोपीय संघ के लिए पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी ने भी नाटो से इस मामले में कड़ा विरोध जताया है। हमले के विरोध में स्थानीय प्रशासन ने अफगानिस्तान स्थित नाटो सैनिकों के लिए जरूरी सामानों की पाकिस्तान के रास्ते की जाने वाली सप्लाई रोक दी है
पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि अफगानिस्तान के कुनार प्रांत की सीमा से लगते मोहमंद कबायली इलाके में नाटो के सैनिकों ने हवाई हमले किए। हमले के बाद नाटो के हेलीकॉप्टर फिर से अफगानिस्तान की ओर चले गए। नाटो का कहा है कि उसे भी ‘घटना’ की जानकारी है और इसकी पूरी सूचना जुटाई जा रही है। अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेना का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है। अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि नाटो के सैनिकों ने किन परिस्थितियों में हवाई हमले किए।
नाटो के हेलीकॉप्टरों ने यह हमला अफगानिस्तान की सीमा से महज ढाई किलोमीटर दूर स्थित सलाला चेकपोस्ट पर किया, जो मोहमंद प्रांत के बयजाई तहसील का हिस्सा है। हमले के वक्त स्थानीय समयानुसार करीब दो बजे थे। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक मरने वालों में पाकिस्तानी सेना के मेजर मुजाहिद और कैप्टन उस्मान शामिल हैं। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने मोहमंद प्रांत स्थित सभी चौकियों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
स्थानीय मीडिया ने सेना के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से कहा कि इस हमले के गंभीर नतीजे होंगे क्योंकि नाटो ने बिना किसी वजह के हमला कर दिया और सैनिकों को मार डाला जब वे गहरी नींद में थे। घायल सैनिकों को पेशावर ले जाया गया है। जबकि मारे गए सैनिक घलनई स्थित मिलिट्री हेडक्वार्टर शिफ्ट किए जा सकते हैं।
ताजा हमले में सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका है। गौरतलब है कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अफगानिस्तान स्थित गठबंधन सेना के कमांडर जनरल एलन जोंस से मुलाकात कर सीमा पर सुरक्षा नियंत्रण मजबूत करने पर चर्चा की। कयानी और जोंस की यह मुलाकात शुक्रवार को रावलपिंडी में हुई।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित कबायली इलाके तालिबान सहित कई आतंकी गुटों की शरणगाह हैं। अमेरिका की अगुवाई वाली नाटो के सैनिक इन इलाकों में पिछले कई महीने से हमले करते रहे हैं। पिछले साल अफगान सीमा के नजदीक अमेरिकी हेलीकॉप्टरों के हमले में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान की सरकार इसे अपनी संप्रभुता पर हमला करार देती है। बीते मई में एबटाबाद में अमेरिकी सैनिकों की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट आई है।