गुढ़ा गौड़जी थाने के प्रभारी विक्रमसिंह के मुताबिक रणवीर के दस भाइयों में से आठ इसी थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। इस थाने के कुल 15 हिस्ट्रीशीटरों में से ये नौ भाई भी हैं। हालांकि, इनकी हिस्ट्रीशीट पुरानी खुली हुई है। गत कुछ वर्षो से इनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
नौ ‘भाई’
1. पर्यटन राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा
2. पूर्व एमएलए तथा पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रणवीर सिंह गुढा
3. महेन्द्र सिंह
4. महिपाल सिंह
5. नरेन्द्र सिंह
6. श्रवण सिंह
7. सत्यपाल सिंह
8. सत्येन्द्र सिंह
9. विजेन्द्र सिंह
(पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट के अनुसार)
पूर्व विधायक रणवीर गुढ़ा पर बीस साल में 33 मामले
रणवीर सिंह गुढ़ा के खिलाफ वर्ष 1991 लेकर अब तक 33 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से अधिकतर में पुलिस चार्जशीट पेश कर चुकी है। पहला मामला 1990 में सोढ़ाला थाने में हत्या के प्रयास का दर्ज हुआ था। गांधीनगर थाने में 1991 के बाद 1996 से लेकर 1999 तक नौ मामले दर्ज हो चुके हैं।
इनमें अपहरण व मारपीट, राजकार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारियों से मारपीट, हत्या के प्रयास के आरोप लगे थे। गुढ़ा गौड़जी थाने में हत्या का प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा डालने, हत्या के आरोप दर्ज हैं। झोटवाड़ा व बनीपार्क थाने में मारपीट का, विधायकपुरी थाने में हाथापाई के मामले दर्ज हैं।
उदयपुरवाटी थाने में राजकार्य में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के चार मामले हैं। ज्योतिनगर थाने में भी राजकार्य में बाधा तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले हैं। मालवीय नगर थाने में हाथापाई का, खेतड़ी थाना, सीकर के सदर थाना में धोखाधड़ी में सहयोगी एवं फर्जी दस्तावेज बनाने, सीकर व झुंझुनू के कोतवाली थाने में भी मामले दर्ज हैं।
टोंक रोड पर देवनगर बी-3 में रहने वाले डाक्टर राजीव शर्मा ने आरोप लगाया है कि उनकी घर पर स्थित क्लिनिक पर भी गुढ़ा के साथियों ने कब्जा कर रखा है। वे पुलिस के कई चक्कर लगा चुके हैं।
बड़े ट्रांसपोर्टर के नाम से था एग्रीमेंट
जिस एग्रीमेंट के आधार पर रणवीर व उसके साथियों ने सिविल लाइंस में प्रोफेसर रवि सिंह अचरोल के बंगले पर कब्जे का प्रयास किया, वह शहर के एक बड़े ट्रांसपोर्टर गुरमीत काला के नाम से किया गया था।
उसके खिलाफ भी पुलिस में कई मामले दर्ज हैं और वह रणवीर की गिरफ्तारी के बाद से गायब है। भाभा मार्ग पर गुरमीत के आवास पर पुलिस गई भी, लेकिन उसका पता नहीं चला। अब गुरमीत के सामने आने के बाद ही सच्चई का पता चलेगा।
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