इस्लामाबाद. अफगानिस्तान में तैनात नाटो के सैनिकों ने शनिवार तड़के से थोड़ा पहले (दो बजे) पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमले किए। पाकिस्तानी सुरक्षा बल की एक चौकी पर हुए इस हमले में मारे गए सैनिकों की तादाद बढ़कर 28हो गई है। इस हमले में 14 सैनिकों के घायल होने की भी खबर है। नाटो के इस हमले से पाकिस्तान सरकार की बौखलाहट बढ़ गई है। प्रधानमंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी ने नाटो सैनिकों के हमले की कड़ी निंदा की है। गिलानी ने इस हमले के बाद पैदा हुए हालात को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है।
पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले पर अमेरिका से विरोध दर्ज करा दिया है। यूरोपीय संघ के लिए पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी ने भी नाटो से इस मामले में कड़ा विरोध जताया है। हमले के विरोध में स्थानीय प्रशासन ने अफगानिस्तान स्थित नाटो सैनिकों के लिए जरूरी सामानों की पाकिस्तान के रास्ते की जाने वाली सप्लाई रोक दी है
पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि अफगानिस्तान के कुनार प्रांत की सीमा से लगते मोहमंद कबायली इलाके में नाटो के सैनिकों ने हवाई हमले किए। हमले के बाद नाटो के हेलीकॉप्टर फिर से अफगानिस्तान की ओर चले गए। नाटो का कहा है कि उसे भी ‘घटना’ की जानकारी है और इसकी पूरी सूचना जुटाई जा रही है। अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेना का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है। अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि नाटो के सैनिकों ने किन परिस्थितियों में हवाई हमले किए।
नाटो के हेलीकॉप्टरों ने यह हमला अफगानिस्तान की सीमा से महज ढाई किलोमीटर दूर स्थित सलाला चेकपोस्ट पर किया, जो मोहमंद प्रांत के बयजाई तहसील का हिस्सा है। हमले के वक्त स्थानीय समयानुसार करीब दो बजे थे। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक मरने वालों में पाकिस्तानी सेना के मेजर मुजाहिद और कैप्टन उस्मान शामिल हैं। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने मोहमंद प्रांत स्थित सभी चौकियों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
स्थानीय मीडिया ने सेना के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से कहा कि इस हमले के गंभीर नतीजे होंगे क्योंकि नाटो ने बिना किसी वजह के हमला कर दिया और सैनिकों को मार डाला जब वे गहरी नींद में थे। घायल सैनिकों को पेशावर ले जाया गया है। जबकि मारे गए सैनिक घलनई स्थित मिलिट्री हेडक्वार्टर शिफ्ट किए जा सकते हैं।
ताजा हमले में सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका है। गौरतलब है कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अफगानिस्तान स्थित गठबंधन सेना के कमांडर जनरल एलन जोंस से मुलाकात कर सीमा पर सुरक्षा नियंत्रण मजबूत करने पर चर्चा की। कयानी और जोंस की यह मुलाकात शुक्रवार को रावलपिंडी में हुई।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित कबायली इलाके तालिबान सहित कई आतंकी गुटों की शरणगाह हैं। अमेरिका की अगुवाई वाली नाटो के सैनिक इन इलाकों में पिछले कई महीने से हमले करते रहे हैं। पिछले साल अफगान सीमा के नजदीक अमेरिकी हेलीकॉप्टरों के हमले में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान की सरकार इसे अपनी संप्रभुता पर हमला करार देती है। बीते मई में एबटाबाद में अमेरिकी सैनिकों की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट आई है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 नवंबर 2011
पाक में घुसकर नाटो ने मारे 28 सैनिक, माहौल तनावपूर्ण, नाटो सप्लाई रोकी गई
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