तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 जनवरी 2012
एडवोकेट आबिद अब्बासी भाई को उनके जन्म दिन पर हार्दिक बधाई .....लोगों के दुक्ख दर्द में काम कार मानव सेवा का पाठ पढ़ा रहे हैं आबिद भाई
दोस्तों यह है मेरे बचपन के साथी जनाब आबिद अब्बासी एडवोकेट कल दो फरवरी को इनका जन्म दिन है यह है इनकी प्यारी बिटिया जिसके लियें यह दुसरे बच्चों से बेईमानी कर उनके हिस्से का प्यार उसे देते है खेर बिटिया सायमा है ही इतनी प्यारी के उसे आबिद अब्बासी जी तो क्या उनकी पत्नी और छोटी बढ़ी बहने सभी प्यार करती है .............. दोस्तों आबिद भाई को जन्म दिन मेरी तरफ से और आप सभी की तरफ से बहुत बहुत मुबारक हो .............. जनाब आबिद अब्बासी इन मेरे बचपन याने जबसे मेने होश सम्भाला है तबसे ही मित्र है हम साथ पढ़े ..साथ घुमे ..साथ बढ़े हुए और अब साथ वकालत करते है इतना ही नहीं कोटा जिला वक्फ कमेटी में यह सेक्रेटरी है तो में इसी कमेटी में उपाध्यक्ष और विधि परामर्शदाता हूँ ..यह ह्युमन रिलीफ सोसाइटी के अध्यक्ष है तो में इस सोसाइटी में महा सचिव हूँ इन्होने एल एल बी किया ..मेने भी एल एल बी क्या ...उर्दू में एक ऐ दोनों ने ही किया है दोस्तों पत्रकारिता की पढाई भी हमने साथ ही की है ..दफ्तर और अदालत में काफी लम्बा साथ है इसलियें हाल यह है के दिल की बातें बगेर कहे बगेर सुने एक दुसरे के समझ में आ जाती है ....हालत यह है के लोग दो जिस्म एक जान कहते है ...कई लोग मुझे आबिद अब्बासी और आबिद भाई को अख्तर खान अकेला समझते है ....अनेकों बार एक ही व्यक्ति किसी भी मामले में अगर दो अलग अलग स्थानों पर हम दोनों से परामर्श करता है तो जवाब और स्टाइल एक ही पाकर यह सोचता है के आखिर ऐसी कोनसी टेलीपेथी है जो यह दोनों एक दुसरे की बात बिना कहे बिना सुने समझ लेते है कई लोग अब तो इस पर रिसर्च करने लगे है और कई लोग इस अटूट दोस्ती बंधन से प्रेषण होकर इसे तोड़ने के प्रयासों में तन्त्र मन्त्र विद्या भी करने लगे है लेकिन खुदा का शुक्र है के हमारी दोस्ती को अभी तक कोई नज़र नहीं लगी है आप भी खुदा से दुआ करें के हमारी दोस्ती हमारा अटूट बंधन यूँ ही ता उम्र प्यार मोहब्बत सलीके से बना रहे ..आबिद भाई का ससुराल मध्य प्रदेश में है पिछले दिनों इनके ससुर कोंग्रेस के शासन में बारह साल तक मध्यप्रदेश में मंत्री और मंत्री दर्जे के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन रहे है ..इसके बावजूद भी ससुराल वाले सभी दामादों में इनके लोगों के दुक्ख दर्द में काम आने के आचरण से इनसे सबसे ज्यादा प्यार करते है ...इनकी पत्नी परवीन अब्बासी भी इन्हें हर काम में मदद करती है ..बिटिया फरहीन मेरी बिटिया जवेरिया के साथ एक ही स्कुल एक ही क्लास में पद्धति है जबकि दूसरी बिटिया इन्जिला मेरी बिटिया सदफ के साथ एक ही स्कुल और एक ही क्लास में पद्धति है ,,,,इनकी पत्नी भी लेक्चरार है तो मेरी पत्नी भी लेक्चरार है तो दोस्तों आज हमारे आबिद भाई अब्बासी जो लोगों के दुक्ख दर्द में अपने सभी काम काज छोड़ कर काम आने के लियें उनकी सेवा करने के लियें मशहूर होकर मानवसेवा का पाठ पढ़ा रहे है ऐसे भाई आबिद अब्बासी जी को उनके जन्म दिन पर शुभकामनाये और बधाई खुदा से दुआ करों के हमारा अटूट बंधन बिना किसी नज़र के ऐसे ही बना रहे और अटूट बनता जाये ..आमीन के साथ एक बार फिर आबिद भाई को उनके जन्म दिन पर हार्दिक बधाई ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
माइग्रेन के दर्द से यूं पा सकते हैं निजात
हर्बल टी: इसका सेवन माइग्रेन के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें मौजूद नैचुरल तत्व जैसे अदरक, तुलसी, कैमोमाइल और पुदीना चिंता से निजात दिलाने और मांसपेशियों को तनावरहित करने में कारगर है। वहीं, ध्यान रहे कि कैफीन से परहेज करना जरूरी है, क्योंकि इससे रक्तचाप और माइग्रेन की पीड़ा और भी बढ़ सकती है।
कुनकुने पानी से स्नान: माइग्रेन का मुख्य कारण अधिक चिंता या तनाव करना है। ऐसे में पीड़ित को जब भी तेज दर्द होता है, तो उसे कुनकुने पानी से स्नान कर लेना चाहिए। इससे शरीर की सभी इंद्रियों की सक्रियता बढ़ जाती है, वहीं आप तरोताजा महसूस करेंगे और दर्द में भी राहत मिलेगी।
ब्रीदिंग: माइग्रेन की पीड़ा नियंत्रित करने के लिए पीड़ित को शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर मजबूत होना जरूरी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित की आंख, गर्दन और कंधों की मांसपेशियां स्ट्रेस्ड होती हैं, इसलिए गर्दन व कंधे की स्ट्रेचिंग करना जरूरी है। वहीं, कम्प्यूटर पर काम करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना जरूरी है। दो-तीन घंटों के अंतर से १५ मिनट गहरी सांस लें, ताकि आप रिलैक्स हो सकें।
बर्फ: दर्द होने की स्थिति में बर्फ के कुछ टुकड़े टॉवल में रखकर सिकाई करने से भी पीड़ित को आराम मिलता है। ध्यान रखें कि सिकाई उतनी ही करें, जितनी ठंडक बर्दाश्त की जा सके।
सिर्फ सुविधाओं से नहीं आते बच्चों में संस्कार, ये भी जरूरी है...
गृहस्थी में जो काम सबसे मुश्किल होता है, वह है संतानों को संस्काररी बनाना। अक्सर लोग ये शिकायत करते हैं कि हम कितनी भी सुविधाएं और साधन जुटा दें, बच्चों पर कितना ही स्नेह लुटा दें लेकिन फिर भी कहीं न कहीं ये लगता है कि बच्चों में वे संस्कार नहीं हैं जो हम उन्हें देना चाहते थे।
बच्चों ने हमारे लाड़-प्यार का ज्यादा फायदा उठाया।
वास्तव में चूक हम से होती है, दोषारोपण हम संतानों पर करते हैं। संतानें हमारे जीवन की पूंजी हैं, इन्हें कैसे बड़ा किया जाए ये हमारे हाथ में होता है। ये बात पूरी तरह गलत है कि बच्चों को संस्कारी और योग्य बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधनों और पूंजी की जरूरत होती है।
अभाव में भी संतानों को योग्य बनाया जा सकता है। एक तरह से देखा जाए तो सिर्फ सुख ही नहीं, कभी-कभी हमें बच्चों को थोड़े अभाव में भी रखना चाहिए। तभी उन्हें जीवन के मूल्य का पता चलता है।
महाभारत में दो तरह की संतानें हैं। पहली कौरव जो पूरे जीवन राजमहलों में रहे, सुविधाएं भोगीं। दूसरी पांडव जिनका जन्म और लालन-पालन जंगल में हुआ। पांडव और माद्री के देह त्यागने के बाद कुंती ने पांडवों को जंगल में अकेले पाला। वो सारे संस्कार दिए जो कौरवों में राजकीय सुविधाओं के बावजूद नहीं थे।
दुर्योधन और उसके ९९ भाई, सभी धूर्त और कुसंस्कारी निकले। लेकिन युधिष्ठिर और उसके चारों भाई सभी धर्मात्मा थे। कुंती ने अकेले उनको वो संस्कार दिए जो कौरवों को महल में भीष्म सहित सारे कौरव परिजन मिलकर भी नहीं दे पाए।
अगर आप ये सोचते हैं कि सुविधाओं से बच्चों में संस्कार आते हैं तो यह गलत है। संस्कार हमारे विचारों से आते हैं। हम हमेशा सिर्फ सुविधाओं की ना सोचें, कभी-कभी उन्हें अभावों में भी रखने का प्रयास करें लेकिन अभावों में सुविधाओं के स्थान पर आपका प्यार और संस्कार साथ होने चाहिए। फिर कभी संतानें भटकेंगी नहीं।
गुप्त नवरात्रि का आज अंतिम दिन, ऐसे होगी हर इच्छा पूरी
उसके अनुसार-
- माता जगदंबिका को आम अथवा गन्ने के रस से स्नान करवाया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां नित्य ही संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
- द्राक्षा (एक प्रकार की वनस्पति) के रस से यदि माता जगदंबिका को स्नान करवाया जाए तो भक्तगण पर देवी की कृपा बनी रहती है।
- वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु, केसर, कस्तूरी व कमल के जल से देवी को स्नान करवाया जाए तो सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है।
- इसी प्रकार यदि देवी को दूध से भरे कलश से स्नान करवाया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है।
- देवी के लिए रत्नाभूषणों का दान करने पर भक्त निश्चित ही धन-संपदा प्राप्त करता है, वह अनेक प्रकार की विशेष संपत्तियों का स्वामी होता है।
पहले यह बताओ, यह खून हिंदू का है या मुसलमान का.....कोटा के जाकिर रिज़वी चलते फिरते ब्लड बेंक ज्निहोने बचाई है सभी जाती के लोगों की जिंदगियां
फिलहाल यहां रक्त लेते वक्त रक्तदाता का नाम लिखा जाता है और नंबरिंग कर दी जाती है। इसके बावजूद व्यवस्था उतनी पुख्ता नहीं है। इसे व्यवस्थित करने के लिए ब्लड बैंक डायरेक्टर ने अधीक्षक को पत्र लिखा है। हालांकि अभी प्रोजेक्ट प्राथमिक स्तर पर है। इस सॉफ्टवेयर को लागू करने के लिए आईआईटी के शोधार्थियों या किसी भी प्रोफेशनल कॉलेज के एमसीए विद्यार्थियों की मदद लेने पर विचार किया जा रहा है। उधर, चोइथराम अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में भी ब्लड बैग या बोतल पर बारकोडिंग की तैयारी की जा रही है।
अभी ऐसे होता है काम
- रक्तदाता का नाम के आगे नंबरिंग कर दी जाती है।
- जितनी बार जांच, उतनी जगह नंबरिंग और रक्तदाता के नाम के साथ सारा विवरण लिखना पड़ता है।
- रजिस्टर मैन्युअली ऑपरेट होता है।
बार कोडिंग में यह होगी व्यवस्था :
- रक्तदाता के नाम व विवरण के साथ ही बार कोड नंबर डाल दिया जाएगा।
- बार कोड रीडर के बगैर मरीज का डिटेल कोई नहीं पढ़ सकता।
- कम्प्यूटराइज्ड होने से रिकॉर्ड रखना आसान होगा और मानवीय भूल की संभावना नगण्य होगी।
पूछते हैं पर हम बताते नहीं
बार कोडिंग पर विचार किया जा रहा है। परिजन को यह कभी खुलासा नहीं किया जाता कि मरीज को किसका ब्लड दिया गया है। मरीज को वही ब्लड दिया जाता है जिसकी उसे मेडिकली जरूरत है।ञ्जञ्ज -डॉ. वीरसिंह भाटिया, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल
परिजन दबाव डालते हैं
कई बार परिजन दबाव डालते हैं कि हमने जो ब्लड दिया है, वही चढ़ाया जाए। तब उन्हें समझाना पड़ता है कि हम जो ब्लड मरीजों को दे रहे हैं वह सुरक्षित है। हम भी बार कोडिंग की तैयारी कर रहे हैं।
डॉ. डी.एस. चिटनीस, विभागाध्यक्ष, पैथोलॉजी डिपार्टमेंट, चोइथराम अस्पताल
बार कोडिंग से लगेगी रोक
कई बार खून चढ़ाने से पहले परिजन जानना चाहते हैं कि यह खून किस धर्म या जाति के व्यक्तिने दिया है। बार कोडिंग से इस तरह की सोच पर रोक लगेगी। - डॉ. अशोक यादव, डायरेक्टर, ब्लड बैंक, एमवाय अस्पताल
चारा घोटाला में 64 अभियुक्तों को सजा, लालू-जगन्नाथ को हाजिर होने का आदेश
सीबीआई जांच में पुष्टि हुई कि सितंबर 1995 से नवंबर 95 के मात्र तीन माह की अवधि में पशुपालन विभाग के अफसरों ने ट्रेजरी अफसरों और आपूर्तिकर्ताओं की मिलीभगत से जाली बजट आवंटन पत्र के आधार पर राशि की निकासी कर ली। उन्होंने चारा आपूर्ति और जानवरों की दवाओं का फर्जी बिल बनाकर ट्रेजरी से पैसे निकाल कर उसकी बंदरबांट की।
79 पर हुआ था चार्जशीट
सीबीआई ने 79 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। इनमें से 13 की ट्रायल के दौरान मौत हो गई। एक को सरकारी गवाह बना लिया गया और एक ने जुर्म स्वीकार कर लिया था। शेष 64 अभियुक्तों को मंगलवार को सजा सुनाई गई।
लालू और जगन्नाथ को हाजिर होने का आदेश
चारा घोटाला के कांड संख्या आरसी 20(ए)/96 के आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, डॉ. जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य 46 अभियुक्त सीबीआई के विशेष जज पीके सिंह की कोर्ट में हाजिर होंगे। अदालत 13 से 15 फरवरी के बीच इनका बयान दर्ज करेगी। इसके लिए आरोपियों की कोर्ट में सशरीर उपस्थिति अनिवार्य है।
चाईबासा ट्रेजरी से 37.50 करोड़ की फर्जी निकासी से जुड़े मामले में सीबीआई ने गवाही का काम मंगलवार को पूरा कर लिया। लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने 350 गवाहों की गवाही कलमबद्ध कराई। अब धारा 313 के तहत आरोपियों का बयान दर्ज किया जाएगा। इसके बाद बचाव पक्ष के गवाहों का बयान दर्ज होगा। मामले में 56 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया था।
ब्लैकमेलिंग से परेशान 'प्रेमी' ने भाई को दीवार में चुनवाया
पुलिस के मुताबिक दुकान मालिक बंटू (32) पुत्र राजकुमार दर्जी ने 22 जनवरी की रात अपने मौसेरे भाई रामगंजमंडी (कोटा) निवासी अजय (25) पुत्र ओमप्रकाश दर्जी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद सीमेंट के काउंटर में लाश को दफना कर पट्टी रख सीमेंट-रेत से पैक कर दिया। यह काउंटर भी साजिश के तहत कुछ दिन पूर्व ही बनाया गया था। इसके बाद आरोपी निश्चिंत होकर कुछ दिन तक इसी काउंटर पर कपड़े काटता रहा।
दो-तीन दिन पहले लाश फूली और बदबू आने लगी तो बंटू घबराने लगा। सोमवार रात उसने काउंटर कुछ हिस्सा तोड़कर लाश को देखा तो वह सड़ चुकी थी और चमड़ी हाथ में आने लगी। घबराकर रात 11.30 बजे वह थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण कर पूरे हत्याकांड का खुलासा कर दिया। अजय नीमच कैसे पहुंचा पुलिस इसकी जांच कर रही है। मंगलवार दोपहर फारेंसिक टीम के साथ जावद एसडीओपी व्हीएस अरोरा सिंगोली पहुंचे। सीमेंटेड काउंटर को तोड़कर शव को बाहर निकला और पीएम के लिए नीमच भेजा।
दुकान सील कर दी
हत्याकांड के खुलासे के बाद रात को ही हमने दुकान सील कर दी थी। सुबह शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हत्याकांड में अवैध संबंध और ब्लैकमेलिंग सामने आई है। मामले की जांच कर रहे हैं। वीएस अरोरा, एसडीओपी(पुलिस अधिकारी), जावद।
ऐसे खुला राज
शव जमीन की ज्यादा गहराई में नहीं था, इसलिए जब फूला तो बदबू मारने लगा। - दो दिन पहले बंटू ने इसे दूसरी जगह ठिकाने लगाने की योजना बनाई लेकिन सफल नहीं हो पाया। - सोमवार रात उसने पट्टी हटाकर शव देखा तो चमड़ी शरीर से टपक रही थी। ऐसे में वह घबराया। - भाग जाने के बजाय उसने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया और सीधे थाने पहुंच गया।
अवैध संबंध बड़ा कारण
हत्याकांड में अवैध संबंध बड़ा कारण बनकर सामने आए हैं। बंटू के वर्ष 2007 से अवैध संबंध थे। बाद में ब्लैकमेलिंग का खेल चला तो वह परेशान हो गया और मर्डर करने की योजना बना ली। बीएस कन्नोजे, थाना प्रभारी, सिंगोली।
भाई करता था ब्लैक मेल
अजय की हत्या का कारण बंटू ने ब्लैकमेलिंग बताया। पुलिस के मुताबिक बंटू के अजय की बहन से अवैध संबंध थे। उसके द्वारा खींचें गए कुछ फोटो अजय के हाथ लग गए तो वह बंटू को ब्लैक मेल कर धमकियां देने लगा। इन धमकियों से डर कर बंटू अब तक 23 हजार रुपए दे चुका था, बाद में अजय ने 20 हजार रुपए की और डिमांड की। इससे परेशान होकर उसने अजय की हत्या कर दी।
सात फीसदी बढ़ेगा सरकारी कर्मियों का डीए!
नई दिल्ली. केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी एक जनवरी, 2012 से ही सात प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते के हकदार बन गए हैं। सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी होने भर की देर है। श्रम ब्यूरो सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में पिछले 12 महीनों के दौरान हुई आनुपातिक वृद्धि के कारण यह बढ़ोतरी हुई है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इसी औसत वृद्धि के हिसाब से हर छह महीने में महंगाई भत्ते को संशोधित किया जाता है। गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों को इस समय 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है। इस तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर जनवरी में सात प्रतिशत बढ़ जाने के बाद जनवरी से 65 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय होगा।
बहरहाल, खाद्य उत्पादों के सस्ता होने से दिसंबर 2011 में औद्योगिक कामगारों से संबंधित खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति गिरकर 6.49 फीसदी हो गई। नवंबर में यह 9.34 प्रतिशत पर थी। इसी दौरान औद्योगिक कामगारों संबंधी खाद्य मुद्रास्फीति दिसंबर में 1.97 फीसदी रही जो नवंबर में 7.61 फीसदी थी। दिसंबर में स्थानीय सूचकांकों में गाजियाबाद और जमशेदपुर में सबसे अधिक आठ-आठ अंक की गिरावट आई। मैसूर, बोकारो, हटिया और रांची में सात-सात अंक की गिरावट दर्ज की गई।
शिवजी का विवाह
बालकाण्ड |
कोउ सुनि संसय करै जनि सुर अनादि जियँ जानि॥100॥
गहि गिरीस कुस कन्या पानी। भवहि समरपीं जानि भवानी॥1॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥2॥
हर गिरिजा कर भयउ बिबाहू। सकल भुवन भरि रहा उछाहू॥3॥
अन्न कनकभाजन भरि जाना। दाइज दीन्ह न जाइ बखाना॥4॥
का देउँ पूरनकाम संकर चरन पंकज गहि रह्यो॥
सिवँ कृपासागर ससुर कर संतोषु सब भाँतिहिं कियो।
पुनि गहे पद पाथोज मयनाँ प्रेम परिपूरन हियो॥
छमेहु सकल अपराध अब होइ प्रसन्न बरु देहु॥101॥
जननीं उमा बोलि तब लीन्ही। लै उछंग सुंदर सिख दीन्ही॥1॥
बचन कहत भरे लोचन बारी। बहुरि लाइ उर लीन्हि कुमारी॥2॥
भै अति प्रेम बिकल महतारी। धीरजु कीन्ह कुसमय बिचारी॥3॥
सब नारिन्ह मिलि भेंटि भवानी। जाइ जननि उर पुनि लपटानी॥4॥
फिरि फिरि बिलोकति मातु तन तब सखीं लै सिव पहिं गईं॥
जाचक सकल संतोषि संकरु उमा सहित भवन चले।
सब अमर हरषे सुमन बरषि निसान नभ बाजे भले॥
बिबिध भाँति परितोषु करि बिदा कीन्ह बृषकेतु॥102॥
आदर दान बिनय बहुमाना। सब कर बिदा कीन्ह हिमवाना॥1॥
जगत मातु पितु संभु भवानी। तेहिं सिंगारु न कहउँ बखानी॥2॥
हर गिरिजा बिहार नित नयऊ। एहि बिधि बिपुल काल चलि गयऊ॥3॥
आगम निगम प्रसिद्ध पुराना। षन्मुख जन्मु सकल जग जाना॥4॥
तेहि हेतु मैं बृषकेतु सुत कर चरित संछेपहिं कहा॥
यह उमा संभु बिबाहु जे नर नारि कहहिं जे गावहीं।
कल्यान काज बिबाह मंगल सर्बदा सुखु पावहीं॥
बरनै तुलसीदासु किमि अति मतिमंद गवाँरु॥103॥
बहु लालसा कथा पर बाढ़ी। नयनन्हि नीरु रोमावलि ठाढ़ी॥1॥
अहो धन्य तब जन्मु मुनीसा। तुम्हहि प्रान सम प्रिय गौरीसा॥2॥
बिनु छल बिस्वनाथ पद नेहू। राम भगत कर लच्छन एहू॥3॥
पनु करि रघुपति भगति देखाई। को सिव सम रामहि प्रिय भाई॥4॥
सुचि सेवक तुम्ह राम के रहित समस्त बिकार॥104॥
सुनु मुनि आजु समागम तोरें। कहि न जाइ जस सुखु मन मोरें॥1॥
तदपि जथाश्रुत कहउँ बखानी। सुमिरि गिरापति प्रभु धनुपानी॥2॥
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥3॥
परम रम्य गिरिबरु कैलासू। सदा जहाँ सिव उमा निवासू॥4॥
बसहिं तहाँ सुकृती सकल सेवहिं सिव सुखकंद॥105॥
तेहि गिरि पर बट बिटप बिसाला। नित नूतन सुंदर सब काला॥1॥
एक बार तेहि तर प्रभु गयऊ। तरु बिलोकि उर अति सुखु भयऊ॥2॥
कुंद इंदु दर गौर सरीरा। भुज प्रलंब परिधन मुनिचीरा॥3॥
भुजग भूति भूषन त्रिपुरारी। आननु सरद चंद छबि हारी॥4॥
कोटा के अख़बारों के लियें छ माह पहले रीको भ्रष्टाचार की जो खबर नहीं थी वोह अचानक अख़बारों की लीड खबर बन गयी और इलेक्ट्रोनिक मिडिया भी उसे खबर बनाने लगे
आइये दोस्तों ,,,इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर चर्चा करते हैं चार पंक्तियों के साथ
''नशे की महफ़िलों में हुस्न का जलवा दिखाते है
महज़ नोटों की खातिर झूठ को सच्चा दिखाते हैं
हमारे मुल्क के चौथे धड़े, ये मीडिया वाले
इन्हें क्या कुछ दिखाना था ,मगर ये क्या दिखाते हैं... मेरी फसबूक फ्रेंड बहन ज़ारा रिज़वी का यह कथन जब मेरे सामने आया तो जनाब में भी कोटा की खबरों के बारे में सोचने लगा ..मेने और मेरे एक मित्र पक्षकार भाई पंकज लोढ़ा ने कोटा के रीको अधिकारीयों द्वारा बेईमानी भ्रष्टाचार फेला कर पहले तो उद्द्योगों की ज़मीं को होस्टल में बदलवाने के अख़बारों से शिकायत की फिर बारा के विधायक प्रमोद भाया जो राजस्थान सरकार में पी डब्ल्यू डी मंत्री थे उनके विशिष्ठ अधिकारी राजेन्द्र जी द्वारा आउट ऑफ़ टर्न बिना विधि नियमों के रीको से राख की इंटें बनाने के लियें जो प्लाट प्राप्त किये थे उसकी भी अख़बारों .इलेक्ट्रोनिक मिडिया में शिकायत की छ माह पूर्व एक इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने खबर भी बनाई कोटा के दो बढ़े अख़बारों के छोटे से संवाददाता से बढ़े सम्पादक तक यह सारी जानकारी पहुंचाई गयी लेकिन अख़बार के सम्पादक जी इस घोटाले भ्रष्टाचार को खबर ही नहीं मान रहे थे अभी पिच्छले दिनों बिना किसी विवाद के कोटा से मंत्री बने शांति कुमार धारीवाल जी के खिलाफ उनके पुत्र के कोलेज तक रास्ते का विवाद उठाया गया बे वजह के बदनामी हुई और बस अख़बार जी को छ महीने पहले जिसमे खबर नज़र नहीं आ रही थी अचानक उन दस्तावेजों की याद आ गयी और इस खबर को सेकंड लीड के रूप में प्रमुखता से प्रकाशन किया ..जब इस खबर का प्रकाशन सेकंड लीड के रूप में हुआ तो में और मेरे मित्र पंकज लोढ़ा सकते में थे लेकिन बाद में पता चला के मंत्रियों की लड़ाई हो और किसी की खिलाफत और किसी का सपोर्ट करना हो तो सभी तरह की खबरें अख़बार के लियें खबर हो जाती है सुबह हम एक इलेक्ट्रोनिक मिडिया से यही चर्चा कर रहे थे के अचानक इलेक्ट्रोनिक संवाददाता के पास नोयडा से हेड का फोन आया और कहा गया के तुरंत रीको मामले में मंत्री रहे प्रमोद भाया और उनके औ एस डी का भ्रष्टाचार लाओ और खबर बनाओ ..तो जनाब यह सच है के एक दलित एक परेशान पीड़ित या समाजसेवक खबरें लेकर अखबरों में चक्कर काटता रहता है लेकिन यह सब उनके लियें खबर नहीं होती हाँ अचानक जरूरत पढने पर यही सब उनके लिए निजी विवाद होने से बढ़ी खबरें बन जाती है ..जनाब यह रीको के प्लोतों के घोटाले की खबर जो अख़बार में लीड खबर बनाई गयी है यह खबर पूरी इसी तरह से आज से छ माह पहले कोटा ब्यूरो देनिक अख़बार में प्रकाशित हो चुकी है लेकिन खबर तो बढ़े अख़बार की ही पढ़ी जाती है जनाब और ऐसे में बस ज़ारा रिज़वी बहन की यह लेने प्रासंगिक हो जाती है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
ममी के अध्ययन से हुआ कैंसर के बारे में नया खुलासा
लिसबन.पुर्तगाल के एक संग्राहलय में रखे 2200 वर्ष पुराने मानव की ममी पर शोध कर वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैंसर रोग का संबंध हमारे शरीरों पर प्रभाव डालने वाले औद्योगिक रसायनों या वायुमंडलीय प्रदूषण से नहीं है बल्कि आनुवांशिकता से है।
इंटरनेशनल जर्नल आफ् पैलियोपैथोलौजी में प्रकाशित इस ताजा शोध में प्रोफ़ेसर सलीमा अकरम ने बताया कि प्राचीनकाल में मानव का रहन-सहन अब से बिल्कुल अलग था। उस समय न तो अब जितना प्रदूषण था और न जैविक रूप से परिष्कृत खाद्य पदार्थ तो इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि कैंसर होने के पीछे औद्योगिक कारक ही जिम्मेदार नहीं हैं।
पुर्तगाल की राजधानी लिसबन स्थित राष्ट्रीय पुरातत्व संग्राहलय में रखी 285 से 230 ईसा पूर्व काल की इस ममी के कूल्हे और रीढ़ की हड्डी के बीच कई रसौलियां (ट्यूमर) पाए गए हैं। इस व्यक्ति की मौत 51 से 60 वर्ष की अवस्था के दौरान प्रोस्टेट कैंसर से हो गई थी।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस ममी का डिजीटल एक्स-रे निकालने से पता चला कि ट्यूमर इसकी हड्डियों तक फ़ैल चुका था। कैंसर के फैलने को मेटास्टेटिक चरण करार दिया जाता है जो बेहद जानलेवा होता है।
शनि के बुरे समय बचने का ये है अचूक उपाय...
धर्म-ज्योतिष को मानने वाले लोग शनिदेव और शनि के प्रभावों को अच्छे से जानते हैं। यदि किसी व्यक्ति से जाने-अनजाने कोई पाप या गलत कार्य हो गया है तो शनिदेव ऐसे लोगों को निश्चित समय पर इन कर्मों का फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष के अनुसार शनि को न्यायाधिश का पद प्राप्त है। इसी वजह से इन्हें क्रूर देवता माना जाता है। हमारे द्वारा किए गए कर्मों का फल शनिदेव साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में प्रदान करते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को अत्यधिक कष्ट भोगना पड़ रहे हैं तो इन अशुभ फलों के प्रभावों को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं।
कुछ लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो उसे जीवनभर कई प्रकार के कष्ट उठाने पड़ते हैं। ऐसे में प्रति शनिवार यह उपाय अपनाएं-
शनिवार को प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करके पवित्र हो जाएं। इसके बाद जल, दूध, तिल्ली के तेल का दीपक लेकर किसी पीपल के वृक्ष के समीप जाएं। अब पीपल पर जल और दूध अर्पित करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे तिल्ली के तेल के दीपक को प्रज्जवलित करें। शनिदेव प्रार्थना करें कि आपकी सभी समस्याएं दूर हो और बुरे समय से पीछा छुट जाए। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा करें।
घर लौट कर एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर इस तेल का दान करें। ऐसा करने पर कुछ ही समय में आपको सकारात्मक फल प्राप्त होने लगेंगे। इसके प्रभाव से आपके घर की पैसों से जुड़ी समस्त समस्याएं दूर होने लगेंगी और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।
तांत्रिकों की इन घिनौनी करतूतों से सहम गए लोग
बांकुरा/नई दिल्ली। 21वीं सदी में भी तांत्रिकों का मायाजाल फैला हुआ है। अंधविश्वास के इस दलदल में जहां भोले-भाले लोग फंसते रहे हैं, वहीं कुछ लोग तंत्र-मंत्र का झांसा देकर लूट-पाट और रेप जैसी हरकतें करते रहते हैं। कल पश्चिम बंगाल में नरबलि देने का सनसनीखेज मामला सामने आया, तो आज राजधानी दिल्ली में तांत्रिक के द्वारा लूटने और रेप की कोशिश करने का।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में लक्खीकांतो करमाकर नाम के तांत्रिक को ग्रामीणों ने एक बच्चे के सिर के साथ काली मां के मंदिर में कुछ क्रिया कलाप करते हुए देख लिया।
ग्रामीणों का कहना है कि तांत्रिक ने बच्चे के सिर का हार बनाकर मूर्ति के गले में लटका दिया था। यह देख ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। बाद में पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। बच्चे के शव की तलाश की जा रही है।
वहीं, राजधानी दिल्ली में महिला इलाज करने के बहाने एक तांत्रिक ने पहले लूट लिया फिर उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया। किसी तरह महिला उसके चंगुल से निकली। बाद में महिला ने इसकी शिकायत थाने में की। पुलिस ने इस आरोप में तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है।
कांग्रेस के मंच पर पित्रोदा ने बताई अपनी जाति
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सलाहकार सैम पित्रोदा ने मंगलवार को नया विवाद खड़ा कर दिया। लखनऊ में कांग्रेस की ओर से चुनावी घोषणापत्र जारी होते समय केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और कांग्रेस की उत्तर प्रदेश ईकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के साथ मंच पर बैठे पित्रोदा ने खुद को बढ़ई का बेटा बताया और कहा कि मुझे इस पर गर्व है।
पित्रोदा ने कहा कि इस देश में सभी के पास विकास का मौका है। पित्रोदा के इस बयान और उनकी मंच पर मौजूदगी को कांग्रेस की आरक्षण की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अति दलित, अति पिछड़े और अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का वादा किया है...
पित्रोदा के इस बयान की राजनीतिक हलकों में आलोचना हो रही है। समाजवादी पार्टी के नेता शाहिद सिद्दीकी ने पित्रोदा द्वारा अपनी जाति बताने पर ऐतराज जाहिर करते हुए इसे मंडल-कमंडल के दौर की राजनीति करार दिया है।
69 साल के सैम पित्रोदा का मूल नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। उनका जन्म उड़ीसा में हुआ था। वे राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। सैम पित्रोदा देश में कंप्यूटर क्रांति के जनक माने जाते हैं। पित्रोदा के नाम करीब 70 पेटेंट हैं। पित्रोदा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बुलावे पर अमेरिका से भारत आए थे। अमेरिका में कई कंप्यूटर कंपनियों को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही है।