आपका-अख्तर खान

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31 जनवरी 2012

कोटा के अख़बारों के लियें छ माह पहले रीको भ्रष्टाचार की जो खबर नहीं थी वोह अचानक अख़बारों की लीड खबर बन गयी और इलेक्ट्रोनिक मिडिया भी उसे खबर बनाने लगे

आइये दोस्तों ,,,इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर चर्चा करते हैं चार पंक्तियों के साथ
''नशे की महफ़िलों में हुस्न का जलवा दिखाते है
महज़ नोटों की खातिर झूठ को सच्चा दिखाते हैं
हमारे मुल्क के चौथे धड़े, ये मीडिया वाले
इन्हें क्या कुछ दिखाना था ,मगर ये क्या दिखाते हैं... मेरी फसबूक फ्रेंड बहन ज़ारा रिज़वी का यह कथन जब मेरे सामने आया तो जनाब में भी कोटा की खबरों के बारे में सोचने लगा ..मेने और मेरे एक मित्र पक्षकार भाई पंकज लोढ़ा ने कोटा के रीको अधिकारीयों द्वारा बेईमानी भ्रष्टाचार फेला कर पहले तो उद्द्योगों की ज़मीं को होस्टल में बदलवाने के अख़बारों से शिकायत की फिर बारा के विधायक प्रमोद भाया जो राजस्थान सरकार में पी डब्ल्यू डी मंत्री थे उनके विशिष्ठ अधिकारी राजेन्द्र जी द्वारा आउट ऑफ़ टर्न बिना विधि नियमों के रीको से राख की इंटें बनाने के लियें जो प्लाट प्राप्त किये थे उसकी भी अख़बारों .इलेक्ट्रोनिक मिडिया में शिकायत की छ माह पूर्व एक इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने खबर भी बनाई कोटा के दो बढ़े अख़बारों के छोटे से संवाददाता से बढ़े सम्पादक तक यह सारी जानकारी पहुंचाई गयी लेकिन अख़बार के सम्पादक जी इस घोटाले भ्रष्टाचार को खबर ही नहीं मान रहे थे अभी पिच्छले दिनों बिना किसी विवाद के कोटा से मंत्री बने शांति कुमार धारीवाल जी के खिलाफ उनके पुत्र के कोलेज तक रास्ते का विवाद उठाया गया बे वजह के बदनामी हुई और बस अख़बार जी को छ महीने पहले जिसमे खबर नज़र नहीं आ रही थी अचानक उन दस्तावेजों की याद आ गयी और इस खबर को सेकंड लीड के रूप में प्रमुखता से प्रकाशन किया ..जब इस खबर का प्रकाशन सेकंड लीड के रूप में हुआ तो में और मेरे मित्र पंकज लोढ़ा सकते में थे लेकिन बाद में पता चला के मंत्रियों की लड़ाई हो और किसी की खिलाफत और किसी का सपोर्ट करना हो तो सभी तरह की खबरें अख़बार के लियें खबर हो जाती है सुबह हम एक इलेक्ट्रोनिक मिडिया से यही चर्चा कर रहे थे के अचानक इलेक्ट्रोनिक संवाददाता के पास नोयडा से हेड का फोन आया और कहा गया के तुरंत रीको मामले में मंत्री रहे प्रमोद भाया और उनके औ एस डी का भ्रष्टाचार लाओ और खबर बनाओ ..तो जनाब यह सच है के एक दलित एक परेशान पीड़ित या समाजसेवक खबरें लेकर अखबरों में चक्कर काटता रहता है लेकिन यह सब उनके लियें खबर नहीं होती हाँ अचानक जरूरत पढने पर यही सब उनके लिए निजी विवाद होने से बढ़ी खबरें बन जाती है ..जनाब यह रीको के प्लोतों के घोटाले की खबर जो अख़बार में लीड खबर बनाई गयी है यह खबर पूरी इसी तरह से आज से छ माह पहले कोटा ब्यूरो देनिक अख़बार में प्रकाशित हो चुकी है लेकिन खबर तो बढ़े अख़बार की ही पढ़ी जाती है जनाब और ऐसे में बस ज़ारा रिज़वी बहन की यह लेने प्रासंगिक हो जाती है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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