लिसबन.पुर्तगाल के एक संग्राहलय में रखे 2200 वर्ष पुराने मानव की ममी पर शोध कर वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैंसर रोग का संबंध हमारे शरीरों पर प्रभाव डालने वाले औद्योगिक रसायनों या वायुमंडलीय प्रदूषण से नहीं है बल्कि आनुवांशिकता से है।
इंटरनेशनल जर्नल आफ् पैलियोपैथोलौजी में प्रकाशित इस ताजा शोध में प्रोफ़ेसर सलीमा अकरम ने बताया कि प्राचीनकाल में मानव का रहन-सहन अब से बिल्कुल अलग था। उस समय न तो अब जितना प्रदूषण था और न जैविक रूप से परिष्कृत खाद्य पदार्थ तो इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि कैंसर होने के पीछे औद्योगिक कारक ही जिम्मेदार नहीं हैं।
पुर्तगाल की राजधानी लिसबन स्थित राष्ट्रीय पुरातत्व संग्राहलय में रखी 285 से 230 ईसा पूर्व काल की इस ममी के कूल्हे और रीढ़ की हड्डी के बीच कई रसौलियां (ट्यूमर) पाए गए हैं। इस व्यक्ति की मौत 51 से 60 वर्ष की अवस्था के दौरान प्रोस्टेट कैंसर से हो गई थी।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस ममी का डिजीटल एक्स-रे निकालने से पता चला कि ट्यूमर इसकी हड्डियों तक फ़ैल चुका था। कैंसर के फैलने को मेटास्टेटिक चरण करार दिया जाता है जो बेहद जानलेवा होता है।
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