धर्म-ज्योतिष को मानने वाले लोग शनिदेव और शनि के प्रभावों को अच्छे से जानते हैं। यदि किसी व्यक्ति से जाने-अनजाने कोई पाप या गलत कार्य हो गया है तो शनिदेव ऐसे लोगों को निश्चित समय पर इन कर्मों का फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष के अनुसार शनि को न्यायाधिश का पद प्राप्त है। इसी वजह से इन्हें क्रूर देवता माना जाता है। हमारे द्वारा किए गए कर्मों का फल शनिदेव साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में प्रदान करते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को अत्यधिक कष्ट भोगना पड़ रहे हैं तो इन अशुभ फलों के प्रभावों को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं।
कुछ लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो उसे जीवनभर कई प्रकार के कष्ट उठाने पड़ते हैं। ऐसे में प्रति शनिवार यह उपाय अपनाएं-
शनिवार को प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करके पवित्र हो जाएं। इसके बाद जल, दूध, तिल्ली के तेल का दीपक लेकर किसी पीपल के वृक्ष के समीप जाएं। अब पीपल पर जल और दूध अर्पित करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे तिल्ली के तेल के दीपक को प्रज्जवलित करें। शनिदेव प्रार्थना करें कि आपकी सभी समस्याएं दूर हो और बुरे समय से पीछा छुट जाए। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा करें।
घर लौट कर एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर इस तेल का दान करें। ऐसा करने पर कुछ ही समय में आपको सकारात्मक फल प्राप्त होने लगेंगे। इसके प्रभाव से आपके घर की पैसों से जुड़ी समस्त समस्याएं दूर होने लगेंगी और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 जनवरी 2012
शनि के बुरे समय बचने का ये है अचूक उपाय...
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