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13 सितंबर 2011

जी हाँ ..में हिंदी यानी भारत माता की राष्ट्र भाषा हूँ ..

जी हाँ ..में हिंदी यानी भारत माता की राष्ट्र भाषा हूँ .....में संविधान की अनुसूची में शामिल हूँ .मुझे बोलना ..मुझे लिखना .मेरे साहित्य का प्रकाशन करना ..मेरे शब्दों में देश के सभी कानून कायदे प्रकाशित करना देश की सरकार की संवेधानिक ज़िम्मेदारी है .....आज़ादी से आज तक मुझे देश भर में लागू करवाने के लियें अरबों नहीं अरबों नहीं खरबों रूपये खर्च किये जा चुके हैं ...............लेकिन अफ़सोस में सिर्फ और सिर्फ सितम्बर महीने की १४ तारीख की एक यादगार बन गयी हूँ .मेरी भाषा में चलने वाले स्कूलों को सभी शिक्षाबोर्ड खासकर केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड में उपेक्षित रखा गया है . विदेशी भाषा में गिटपिट करने वाले लोगों के बीच में अगर में फंस जाऊं तो मेरा ही नाम लेकर मेरी खिल्ली उडाई जाती है लोगों का उपहास और मजाक उढ़ाने पर मेरा नाम लेकर कहावत बनाई गयी है ..दोस्तों आपको तो सब पता है आप से क्या छुपाऊं जब किसी का मजाक उढ़ाया जाता है तो साफ तोर पर कहा जाता है के इसकी हिंदी हो गयी है .मेरे दुःख दर्द को न तो मेरे प्रधानमन्त्री ने समझा ना मेरे देश के राष्ट्रपति ने और नहीं सांसद विधायक मेरी तकलीफ समझ पाए हैं जनता का क्या कहें महाराष्ट्र में मुझे उपेक्षित किया है दक्षिण में अगर मुझे बोला जाये तो कोई बात नहीं करता बेल्लारी में अगर मुझे लागू करने की बात की जाए तो दंगे फसादात किये जाकर कत्ले आम हो जाते हैं .संविधान के रक्षकों की सांसदों वकीलों और जजों की बात करें तो वहां तो मेरा कोई वुजूद ही नहीं है ....मेरे देश मेरे भारत महान में सवा करोड़ लोग हैं और यकीन मानिये तीस करोड़ भी मुझे ठीक से बोलने और लिखने का दावा नहीं कर सकते हैं मेरा इस्तेमाल अगर केवल तीस करोड़ लोग करते हैं तो फिर में केसी राष्ट्रिय भाषा मेने देखा अल्पसंख्यक कल्याण के नाम पर देश में कथित योजनायें बनाकर अल्पसंख्यकों का जेसे शोषण हो रहा है धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का देश में जेसे ढिंढोरा पीट कर मनमानी की जा रही है गरीबी उन्मूलन का नारा देकर गरीबों पर जो अत्याचार क्या जा रहा है बस उसी तरह से देश में मेरे नाम पर राजनीति की जा रही है .अफ़सोस तो मुझे इस बात पर है के संसद में ५४४ सांसद और २७२ राज्यसभा सदस्यों में से गिनती के लोग हैं जो मुझे समझते हैं .सांसद में भाषण होता है तो अंग्रेजी में मशीने कन्वर्टर लगी हैं आम आदमी से हिंदी इस्तेमाल की बात की जाती है विधान में सातवीं अनुसूची की भाषा बना कर मेरा उपयोग आवश्यक किया जाता है लेकिन सांसद में न तो मेरी भाषा में शपथ ली जाती है और ना ही लिखा पढ़ी बात चीत की जाती है ..जितने भी लोग मेरे प्रचारक हैं सभी के बच्चे पैदा होते ही विदेशी भाषा अंग्रेजी के स्कूलों में पढने जाते हैं मेरी भाषा में चल रहे स्कुल बंद हों इसके लियें देश के सभी कोर्स की किताबें मेरी भाषा में छपवाना बंद कर दी गयीं है चाहे डॉक्टरी हो चाहे इंजीनियरिंग चाहे वैज्ञानिक हो चाहे कानून की पढाई..चाहे प्रबंधन की पढाई हो सभी तो विदेशी भाषा अंग्रेजी और अंग्रेजी में है फिर मुझे कोन और क्यूँ पसंद करेगा जब मुझे सांसद में बोलने के लियें पाबन्द नहीं किया जाता ..जब मुझे अदालतों में बोलने और लिखने के लियें पाबन्द नहीं किया जाता जब मुझे आधे से भी कम राज्यों और जिलों में बोला जाता है जब मेरे वित्तमंत्री ..कानून मंत्री ..मेरे देश को चलाने वाली सोनिया गाँधी मुझे नहीं समझती मुझे नहीं जानतीं मेरे देश के कोंग्रेस भाजपा या दुसरे कोई भी दल हो उनकी कार्यालय भाषा विदेशी अंग्रेजी है तो भाइयो क्यूँ मुझे हर साल यह दिवस बनाकर अपमानित करते हो या यूँ कहिये के कियूं मेरी हिंदी की और हिंदी करते हो ......अगर तुम्हे मुझसे प्यार हिया ....मुझे तुम इमानदारी से देश में लागू करना चाहते हो तो सबसे पहले देश में एक कानून हो जिसमें किसी भी चुनाव लड़ने वाले के लियें हिंदी जानना आवश्यक रखा जाए सभी प्रकार के चुनाव चाहे वोह लोकसभा हों .चाहे राज्यसभा ..चाहे विधानसभा चाहे पंच सरपंच चाहे पालिका चाहे कोलेज स्कूलों के चुनाव हों सभी के आवेदन पत्र हिंदी में हों और प्रत्याक्षी के द्वारा स्वयंम भरकर देना आवश्यक किया जाए सांसद और राज्यसभा .विधानसभाओं की भाषा केवल हिंदी हो और सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों की भाषा हिंदी की हो ....देश में केंद्र और राज्य सरकार से सम्बंधित विभागों में हिंदी का ही चलन हो और सभी कर्मचारियों अधिकारीयों के लियें पाबंदी हो के वोह हिंदी के जानकर होंगे सभी प्रतियोगी परीक्षाएं हिंदी भाषा में ही ली जाएँ तब कहीं में थोड़ी बहुत जी सकूंगी वरना मुझे सिसका सिसका कर राजनीती का शिकार न बनाओ यारों ॥ मेरे देश के नोजवानों .मेरे देश के नेताओं ..मेरे देश के अन्ना ..मेरे देश के अन्ना समर्थकों ...मेरे देश के कथित राष्ट्रवादी लोगों .पार्टियों क्या तुम ऐसा कर सकोगे नहीं ना इसिलियिएन में कहती हूँ के मुझे बख्शो मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो मेरे नाम पर हर साल करोड़ों रूपये बर्बाद कर गरीबों का गला मत काटो .......या तो मुझे इमादारी से लागू करो वरना दोहरा चरित्र निभाने वालों तुम चुल्लू भर पानी में ड़ूब मरो ....जय हिंदी .......जय भारत .......हम हिंदी है हिंदुस्तान हमारा क्योंकि सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा और सारे जहां से चोर बेईमान दगाबाज़ नेता हमारा .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इसकी भोली सूरत पर कतई मत जाना क्योंकि...

अहमदाबाद/पाटण. दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर धमाके के बाद अहमदाबाद में खौफनाक हमला करने की धमकी देने वाले ई-मेल की गुत्थी गुजरात पुलिस ने सुलझा ली है। साथ ही उत्तर गुजरात के पाटण से मोनू ओझा (23) नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

‘किलक्षडिया’ आईडी से मोनू ने मॉस्को के वच्यरुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) तथा ‘हाइड माईएस’ नामक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर यह ई-मेल किया था। इसमें न्यूमेरिक कोडवर्ड में राज्य के मुख्य शहर में खौफनाक हमला करने की चेतावनी दी गई थी। इसमें अली सईद अल हूरी के नाम का जिक्र किया था जो अमेरिका में एफबीआई का वांछित आतंकी है। एफबीआई की वेबसाइट ने मोनू ने अली सईद के बारे में जानकारी ली थी।

शहर पुलिस आयुक्त सुधीर सिन्हा ने बताया कि ट्यूशन की मांग पूरी न होने पर मोनू ने घर छोड़ दिया था। पश्चिमी अहमदाबाद में एक कॉलसेंटर में नौकरी करने लगा, जहां इसकी मुलाकात राजू यादव से हुई। दोस्ती बढ़ने पर वह राजू के साथ पाटण में प्रस्तावित कॉलसेंटर के लिए चला गया किन्तु यह कॉलसेंटर नहीं खुला। इस पर मोनू राजू के घर पर रह कर डेटा एंट्री आदि काम करता था। दिल्ली में विस्फोट के बाद इसने याहू के किल इंडिया नामक आईडी से धमकी भरा ई-मेल भेजा था। मोनू का परिवार गोरखपुर, सिकरिया (उत्तर प्रदेश) मूल का है। हालांकि अभी इसके पिता अहमदाबाद में रहते हैं। वहीं राजू प्रतापगंज, उत्तर प्रदेश का है।

भूल का एहसास, पुलिस को सतर्क करने की खुशी भी- मोनू : बहरहाल, सोनू को अपने किए पर कोई खास अफसोस नहीं है। उसका कहना है कि थोड़ा अपराध बोध है और थोड़ी खुशी भी कि मेरे ई-मेल की वजह से पुलिस सतर्क हुई। पांच माह पहले पिता ब्रह्मानंद ओझा के साथ मनमुटाव के बाद सोनू ने घर छोड़ दिया था।

पाटण निवासी राजू यादव नामक मित्र के साथ रहने लगा था। राजू के पाटण स्थित घर में रहते हुए लैपटॉप-कंप्यूटर से ही धमकी भरा ई-मेल किया था। हालांकि सोनू की बात पुलिस के गले नहीं उतर रही। मोनू ने यह भी बताया कि आईपी एड्रेस छुपाने के लिए उसने 11 डॉलर में हाईडमायएस नामक सॉ टवेयर भी खरीदा था । यह सॉ टवेयर क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर नेट से खरीदा था।

गले नहीं उतर रही बातें : पुलिस की आशंका है कि नौकरी छूटने की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान था। संभव है इसी उधेड़ बुन में ई-मेल किया हो। हालांकि पुलिस दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष धमाके के बाद छोटूमिनामी नामक आईडी से मेल करने वाले और किलक्ष्ंडिया नामक याहू के ई-मेल आईडी से मेल करने वालों के बीच संपकरें की भी जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष धमाके के बाद सबसे पहले ई-मेल जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से भेजा गया था। इसमें हूजी ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

बाद में छोटूमिनामी नामक आईडी से दूसरा ई-मेल मिला जिसमें इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) ने जिम्मेदारी ली। इन दोनों के बाद किल इंडिया नामक याहू के आईडी से तीसरा मेल मिला था। पुलिस इनकी कड़ी की भी जांच कर रही है।

सूरत के लिंबायत से एक संदिग्ध पकड़ा गया

सूरत. पुलिस ने लिंबायत क्षेत्र से एक युवक को हिरासत में लिया है। सूत्रों के अनुसार मुंबई एटीएस ने इस व्यक्ति की संदिग्ध बातचीत ट्रेस करने के बाद गुजरात पुलिस से मदद मांगी थी। यह युवक किसी से फोन पर बातचीत में कह रहा था कि ‘मैं मुंबई में बम रखने वाला हूं . !

सेक्स साइट: सेक्स रैकेट को भी कोई महाठग मिल गया था!




सूरत। वेबसाइट पर सूरत एस्कॉट्र्स (www.suratescort.in) नाम की वेबसाइट बनाकर हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाली दो लड़कियों और एक लड़के को क्राइम ब्रांच तलाश रही है। इस सेक्स साइट का मामला चर्चित हो जाने के बाद पुलिस पूरी सरगर्मी से इनकी जड़ों को खंगालने में लगी है तो अब कई चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आती जा रही हैं।

पुलिस को जानकारी मिली है कि सेक्स रैकेट चलाने और इसके बाद लोगों को ब्लैकमेल करने वाले इस रैकेट को भी कोई चूना लगा चुका है। दरअसल 25 अगस्त को जब सूरत का व्यापारी होटल में कॉलगर्ल के साथ रात बिताने आया था। तब यहां पर कुछ युवक पुलिस की वर्दी में आए थे और कॉलगर्ल और दलाल को धमकाकर उनसे तीन लाख रुपए वसूल कर चंपत हो गए थे।

अब क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है कि ये नकली पुलिस थी या फिर असली पुलिस। लेकिन इससे इतना तो तय है कि कॉलगर्ल के यहां आने की बात उन युवकों को पता थी, वरना वे सीधे इनके कमरे तक नहीं पहुंचते। अगर यह असली पुलिस थी तो फिर उन्हें जानकारी दी गई। मतलब यह मामला बहुत पेचीदा होने जा रहा है। फिलहाल पुलिस अब सेक्स रैकेट चलाने वाली दो लड़कियों व एक लड़के के साथ इन नकली पुलिस को भी तलाश रही है, जिन्होंने कॉलगर्ल व दलाल को ब्लैकमेल किया।

पूरी जानकारी के लिए पिछली खबर पढ़ें.....

सावधान.. इस सेक्स साइट से बचना, ब्लैकमेलिंग के जाल में फंस जाओगे

सूरत (गुजरात)।वेबसाइट पर सूरत एस्कॉट्र्स (222.ह्यह्वह्म्ड्डह्लद्गह्यष्शह्म्ह्ल.द्बठ्ठ) नाम की वेबसाइट बनाकर हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाली दो लड़कियों और एक लड़के के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है। हालांकि अभी तक इन्हें पकड़ा नहीं जा सका है, सिर्फ इनके नामों का ही खुलासा हो सका है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच यह भी मान रही है कि हो सकता है कि इनके नाम भी नकली हों और इस सेक्स रैकेट से और भी व्यक्ति जुड़े हों।

ल्लेखनीय है कि दिव्य भास्कर द्वारा ही सर्वप्रथम इस वेबसाइट का खुलासा किया गया था। हाल ही में एक सूरत के एक व्यापारी ने इस वेबसाइट के द्वारा रोहन नामक दलाल से संपर्क किया था और उसे एक लड़की मुहैया कराई गई थी। व्यापारी को होटल में बुलाकर उससे एक रात के 5 लाख रुपए वसूले गए थे। लेकिन यहां पर एक नया मोड़ तब आ गया था, जब व्यापारी ने सोचा कि कहीं ये लोग फिर से उसे ब्लैकमेल न करें तो उसने अपने पैर में चाकू घोंपकर पुलिस को इनके द्वारा ब्लैकमेल करने की झूठी कहानी सुना दी थी। हालांकि यह बात बिल्कुल सच है कि इस सेक्स रैकेट का मुख्य धंधा सेक्स और उसके बाद ब्लैकमेलिंग का है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वेबसाइट किसी श्रुति सक्सेना नाम की महिला पर है और यह 25 सितंबर 2010 को बनाई गई। श्रुति के अलावा इस सेक्स रैकेट में रोहन नामक दलाल, पटेल व हेतल नाम की दो लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस इन चारों की तलाश कर रही है।

वेबसाइट में दलाल रोहन का मोबाइल नंबर भी दिया गया है और वेबसाइट की डिस्क्रिप्शन में लिखा गया है कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई लड़कियों से आपको मनचाहा और भरपूर सेक्स मिलेगा। हमारी यहां की लड़कियां कोई आम नहीं बल्कि कॉलेज गल्र्स, मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी, बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी करने वाली और बड़े घरानों से संबंध रखने वाली हैं।

इसके अलवा वेबसाइट में यह भी लिखा गया है कि आपको सेक्स के लिए सुंदर लड़कियां मिलेंगी जिनके रेट 1 घंटे के 10 हजार, 3 घंटे के 15 हजार और रात भर के लिए 20 हजार रुपए हैं। साथ ही संपर्क के लिए दलाल रोहन का मोबाइल नंबर भी दिया गया है। इसी नंबर के आधार पर सूरत के व्यापारी ने इस सेक्स रैकेट से संपर्क कर एक रात के मजे के लिए 5 लाख रुपए गंवाए थे।

ये था मामला:

सूरत। गत 25 अगस्त को पार्ले प्वाइंट के पास स्थित एक थ्री स्टार होटल के रूम में एक व्यापारी के अश्लील फोटो उतारने और पांच लाख रुपए वसूलने का मामला सामने आया था। व्यापारी के अनुसार उसे कोल्डड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर बेहोश कर दिया गया था और उसके अश्लील फोटो उतारकर दलाल व कॉलगर्ल ने उससे 5 लाख रुपए वसूल किए थे।

दरअसल पूरी कहानी कुछ इस तरह है : सूरत के एक व्यापारी मगनभाई (परिवर्तित नाम) एक बार सूरत एस्कॉट्र्स (222.ह्यह्वह्म्ड्डह्लद्गह्यष्शह्म्ह्ल.द्बठ्ठ) नाम की वेबसाइट पर पहुंच गए। जहां उन्होंने सेक्स रैकेट का पूरा डिस्क्रिप्शन पढ़ा। इसके बाद उन्होंने इसी वेबसाइट पर संपर्क करने के लिए दिए नंबर पर फोन लगा दिया। सामने वाले व्यक्ति ने अपना नाम रोहन बताया और व्यापारी को एक सुंदर कॉर्लगर्ल मुहैया कराने की बात कही।

कॉलगर्ल के साथ रात गुजारने के लिए सौदा 25 हजार रुपए में तय हुआ। तय समय के अनुसार व्यापारी को पार्ले प्वाइंट के पास स्थित एक थ्री स्टार होटल के रूम में बुलाया गया। यहां पर दो कॉलगर्ल थीं। व्यापारी के अनुसार उसे कोल्डड्रिंक में बेहोशी की दवा मिलाकर दे दी गई थी, जिसके बाद वह बेहोश हो गया। जब होश में आया तो देखा कि कॉलगर्ल के साथ एक व्यक्ति भी था

इन्होंने व्यापारी के बेहोश हो जाने के बाद कॉलगर्ल के साथ उसकी अश£ील तस्वीरें उतार ली थीं। इन्हीं तस्वीरों के आधार पर इन लोगों ने व्यापारी से 5 लाख रुपए ऐंठे और उसके पैर में चाकू घोंपकर फरार हो गए।

लेकिन पुलिस जांच में यह साबित हुआ कि व्यापारी से इन लोगों ने 5 लाख रुपए तो वसूले थे लेकिन चाकू नहीं मारा था। चाकू मारने वाली कहानी खुद व्यापारी ने गढ़ी थी। दरअसल व्यापारी ने सोचा कि कहीं उसे फिर से ब्लैममेल न किया जाए इसलिए पुलिस तक मामला पहुंचाने के लिए उसने अपने पैर में अपने ही हाथों से चाकू घोंप लिया और पुलिस को यह कहानी सुना दी। इसी के बाद से पुलिस तीनों आरोपियों की तलाश कर रही थी। व्यापारी के बताने के बाद ही पुलिस को इस वेबसाइट का पता चला और इस सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ।

सेक्स साइट: सेक्स रैकेट को भी कोई महाठग मिल गया था!




सूरत। वेबसाइट पर सूरत एस्कॉट्र्स (www.suratescort.in) नाम की वेबसाइट बनाकर हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाली दो लड़कियों और एक लड़के को क्राइम ब्रांच तलाश रही है। इस सेक्स साइट का मामला चर्चित हो जाने के बाद पुलिस पूरी सरगर्मी से इनकी जड़ों को खंगालने में लगी है तो अब कई चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आती जा रही हैं।

पुलिस को जानकारी मिली है कि सेक्स रैकेट चलाने और इसके बाद लोगों को ब्लैकमेल करने वाले इस रैकेट को भी कोई चूना लगा चुका है। दरअसल 25 अगस्त को जब सूरत का व्यापारी होटल में कॉलगर्ल के साथ रात बिताने आया था। तब यहां पर कुछ युवक पुलिस की वर्दी में आए थे और कॉलगर्ल और दलाल को धमकाकर उनसे तीन लाख रुपए वसूल कर चंपत हो गए थे।

अब क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है कि ये नकली पुलिस थी या फिर असली पुलिस। लेकिन इससे इतना तो तय है कि कॉलगर्ल के यहां आने की बात उन युवकों को पता थी, वरना वे सीधे इनके कमरे तक नहीं पहुंचते। अगर यह असली पुलिस थी तो फिर उन्हें जानकारी दी गई। मतलब यह मामला बहुत पेचीदा होने जा रहा है। फिलहाल पुलिस अब सेक्स रैकेट चलाने वाली दो लड़कियों व एक लड़के के साथ इन नकली पुलिस को भी तलाश रही है, जिन्होंने कॉलगर्ल व दलाल को ब्लैकमेल किया।

पूरी जानकारी के लिए पिछली खबर पढ़ें.....

सावधान.. इस सेक्स साइट से बचना, ब्लैकमेलिंग के जाल में फंस जाओगे

सूरत (गुजरात)।वेबसाइट पर सूरत एस्कॉट्र्स (222.ह्यह्वह्म्ड्डह्लद्गह्यष्शह्म्ह्ल.द्बठ्ठ) नाम की वेबसाइट बनाकर हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाली दो लड़कियों और एक लड़के के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है। हालांकि अभी तक इन्हें पकड़ा नहीं जा सका है, सिर्फ इनके नामों का ही खुलासा हो सका है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच यह भी मान रही है कि हो सकता है कि इनके नाम भी नकली हों और इस सेक्स रैकेट से और भी व्यक्ति जुड़े हों।

ल्लेखनीय है कि दिव्य भास्कर द्वारा ही सर्वप्रथम इस वेबसाइट का खुलासा किया गया था। हाल ही में एक सूरत के एक व्यापारी ने इस वेबसाइट के द्वारा रोहन नामक दलाल से संपर्क किया था और उसे एक लड़की मुहैया कराई गई थी। व्यापारी को होटल में बुलाकर उससे एक रात के 5 लाख रुपए वसूले गए थे। लेकिन यहां पर एक नया मोड़ तब आ गया था, जब व्यापारी ने सोचा कि कहीं ये लोग फिर से उसे ब्लैकमेल न करें तो उसने अपने पैर में चाकू घोंपकर पुलिस को इनके द्वारा ब्लैकमेल करने की झूठी कहानी सुना दी थी। हालांकि यह बात बिल्कुल सच है कि इस सेक्स रैकेट का मुख्य धंधा सेक्स और उसके बाद ब्लैकमेलिंग का है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वेबसाइट किसी श्रुति सक्सेना नाम की महिला पर है और यह 25 सितंबर 2010 को बनाई गई। श्रुति के अलावा इस सेक्स रैकेट में रोहन नामक दलाल, पटेल व हेतल नाम की दो लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस इन चारों की तलाश कर रही है।

वेबसाइट में दलाल रोहन का मोबाइल नंबर भी दिया गया है और वेबसाइट की डिस्क्रिप्शन में लिखा गया है कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई लड़कियों से आपको मनचाहा और भरपूर सेक्स मिलेगा। हमारी यहां की लड़कियां कोई आम नहीं बल्कि कॉलेज गल्र्स, मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी, बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी करने वाली और बड़े घरानों से संबंध रखने वाली हैं।

इसके अलवा वेबसाइट में यह भी लिखा गया है कि आपको सेक्स के लिए सुंदर लड़कियां मिलेंगी जिनके रेट 1 घंटे के 10 हजार, 3 घंटे के 15 हजार और रात भर के लिए 20 हजार रुपए हैं। साथ ही संपर्क के लिए दलाल रोहन का मोबाइल नंबर भी दिया गया है। इसी नंबर के आधार पर सूरत के व्यापारी ने इस सेक्स रैकेट से संपर्क कर एक रात के मजे के लिए 5 लाख रुपए गंवाए थे।

ये था मामला:

सूरत। गत 25 अगस्त को पार्ले प्वाइंट के पास स्थित एक थ्री स्टार होटल के रूम में एक व्यापारी के अश्लील फोटो उतारने और पांच लाख रुपए वसूलने का मामला सामने आया था। व्यापारी के अनुसार उसे कोल्डड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर बेहोश कर दिया गया था और उसके अश्लील फोटो उतारकर दलाल व कॉलगर्ल ने उससे 5 लाख रुपए वसूल किए थे।

दरअसल पूरी कहानी कुछ इस तरह है : सूरत के एक व्यापारी मगनभाई (परिवर्तित नाम) एक बार सूरत एस्कॉट्र्स (222.ह्यह्वह्म्ड्डह्लद्गह्यष्शह्म्ह्ल.द्बठ्ठ) नाम की वेबसाइट पर पहुंच गए। जहां उन्होंने सेक्स रैकेट का पूरा डिस्क्रिप्शन पढ़ा। इसके बाद उन्होंने इसी वेबसाइट पर संपर्क करने के लिए दिए नंबर पर फोन लगा दिया। सामने वाले व्यक्ति ने अपना नाम रोहन बताया और व्यापारी को एक सुंदर कॉर्लगर्ल मुहैया कराने की बात कही।

कॉलगर्ल के साथ रात गुजारने के लिए सौदा 25 हजार रुपए में तय हुआ। तय समय के अनुसार व्यापारी को पार्ले प्वाइंट के पास स्थित एक थ्री स्टार होटल के रूम में बुलाया गया। यहां पर दो कॉलगर्ल थीं। व्यापारी के अनुसार उसे कोल्डड्रिंक में बेहोशी की दवा मिलाकर दे दी गई थी, जिसके बाद वह बेहोश हो गया। जब होश में आया तो देखा कि कॉलगर्ल के साथ एक व्यक्ति भी था

इन्होंने व्यापारी के बेहोश हो जाने के बाद कॉलगर्ल के साथ उसकी अश£ील तस्वीरें उतार ली थीं। इन्हीं तस्वीरों के आधार पर इन लोगों ने व्यापारी से 5 लाख रुपए ऐंठे और उसके पैर में चाकू घोंपकर फरार हो गए।

लेकिन पुलिस जांच में यह साबित हुआ कि व्यापारी से इन लोगों ने 5 लाख रुपए तो वसूले थे लेकिन चाकू नहीं मारा था। चाकू मारने वाली कहानी खुद व्यापारी ने गढ़ी थी। दरअसल व्यापारी ने सोचा कि कहीं उसे फिर से ब्लैममेल न किया जाए इसलिए पुलिस तक मामला पहुंचाने के लिए उसने अपने पैर में अपने ही हाथों से चाकू घोंप लिया और पुलिस को यह कहानी सुना दी। इसी के बाद से पुलिस तीनों आरोपियों की तलाश कर रही थी। व्यापारी के बताने के बाद ही पुलिस को इस वेबसाइट का पता चला और इस सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ।

'मुझे बदनाम करने का फैशन हो गया है लेकिन...'

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नई दिल्ली। 2002 के गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपनी खुली प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने गुजरात की जनता के नाम एक तीन पेज का खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में मोदी ने अपने विरोधियों पर कड़ा वार किया है साथ ही उपवास की भी घोषणा की है।

मोदी के पत्र के मुख्य अंश

अहमदाबाद. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजनैतिक विश्लेषकों के लिए अलग अर्थ है, तो कानून विशेषज्ञों के लिए अलग।

- इससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि वर्ष 2002 के बाद मुझ पर तरह-तरह के मनगढ़ंत झूठे आरोप लगते रहे। उससे बने खराब वातावरण का इससे अंत हो गया है।

- 10 वर्षो से गुजरात को एवं मुझे बदनाम करने का फैशन हो गया है। राज्य का विकास जो सहन नहीं कर पा रहे, वे गुजरात को बदनाम करने का एक भी अवसर हाथ से जाने नहीं देते।

- इस फैसले के बाद भी ऐसे तत्व राज्य को बदनाम करना बंद करेंगे, यह अभी कह पाना कठिन है। इससे यह तय है कि झूठ फैलाने वाले तत्वों पर देश की जनता विश्वास नहीं करेगी।

- 6 करोड़ गुजराती - यह मात्र एक शब्द नहीं परंतु एकता एवं पुरुषार्थ का मंत्र बन गया है।

- पिछले दस सालों में राज्य ने जिस सौहार्द पूर्ण वातावरण का अनुभव किया है, वह उससे पहले कभी नहीं रहा।

- गुजराती में एक बहुत प्रचलित कहावत है कि वैर से वैर नहीं जीता जाता- यानी घृणा से घृणा का अंत नहीं होता।

- समाज की एकता और भी मजबूत बने, भाईचारा बढ़े इस आशय से मेरी इच्छा सद्भावना मिशन- शुरू करने की है।

- 17 सितंबर से इसके अंतर्गत तीन दिन का उपवास करने का मैंने निर्णय किया है। 19 सितंबर को मेरा उपवास पूरा होगा।

- मुझे विश्वास है कि मेरे इस उपवास से गुजरात की शांति, एकता एवं सौहार्द पूर्ण वातावरण को एक नई शक्ति मिलेगी।

बिना पेट्रोल-डीजल के चलेगी देसी नैनो, दाम सुन चौंक जाएंगे आप



महुवा (गुजरात). यह है देसी नैनो कार। लागत महज 7650 रुपए। इसे चलाने के लिए न पेट्रोल चाहिए न डीजल। सौर ऊर्जा से चलने वाली यह कार 28 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकती है।

इसे दक्षिण गुजरात के ओंडच गांव के प्राथमिक शिक्षक छोटूभाई पटेल ने बनाया है। उन्होंने इसे नैनो-3 नाम दिया है। इसमें दो लोग बैठ सकते हैं। सूर्यास्त के बाद भी इससे 85 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है।


क्या है खास बात : कार के सौलर पैनल से जुड़ी बैटरी एक बार चार्ज होने पर तीन घंटे तक कार्य करती है। कार 150 किलोग्राम तक का भार ढो सकती है। इससे न तो ध्वनि प्रदूषण होता है ना ही वायु प्रदूषण।

इस शख्स की करामात सुन दांतों तले अंगुली दबा लेंगे!


गोरखपुर।देवरिया के भुजौली कालोनी में 14 साल का रंजन रहता है। जन्म लेने के कुछ दिन बाद ही बड़ा हादसा हो गया। करंट लगने के कारण उसका हाथ काटना पड़ा। अब हाथ के भरोसे पूरे जीवन की गाड़ी चलानी थी। फिर भी रंजन ने कभी हिम्मत नहीं हारी। एक हाथ के बूते उसने ताइक्वांडो में महारत हासिल कर ली है। दर्जनों मेडल हासिल कर मिसाल कायम कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, रामेश्र्वर पासवान के तीन बेटों में दूसरे नम्बर के रंजन का हाथ बचपन में करंट लगने के कारण काटना पड़ा था। बेटे का एक हाथ कटने के बाद माता-पिता को उसके भविष्य की चिंता इस कदर सताने लगी कि वह अवसाद के शिकार हो गए। मां-बाप की भावनाओं को समझकर उसने संकल्प लिया कि एक हाथ के बूते ऐसा करिश्मा कर दिखाएगा कि लोग दांतों तले अंगुली दबा लेंगे।

रंजन के मुताबिक, जब ताइक्वांडो सीखने गया तो बच्चे उसका एक हाथ देखकर खिल्ली उड़ाने लगे। पर वह छह महीने के भीतर ताइक्वांडो का एक कुशल खिलाड़ी बन गया। 2008 में स्टेट ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त कर सबको चौंका दिया। राज्य स्तर पर कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते।

आज रंजन इस संघर्ष में संघर्षरत है। आर्थिक स्थिति खराब होने कारण कारपेंटर का काम रहा है। उसने सोचा था नेशनल प्लेयर बनकर पूरे देश का नाम करेगा। पर हाय रे मजबूरी जो ना करा दे। इतने प्रतिभावान खिलाड़ी को पेट भरने के लिए यह सब करना पड़ रहा है।

अंगोला की लेइला बनीं मिस यूनिवर्स, भड़काऊ पहनावे पर कईयों को पड़ी डांट

साओ पाउलो (ब्राजील). अंगोला की लेइला लोप्स ने मिस यूनिवर्स 2011 का खिताब अपने नाम कर लिया है। यूक्रेन और ब्राजील की सुंदरियां दूसरे और तीसरे स्‍थान पर जबकि फिलीपिन्‍स और चीन की सुंदरियां चौथे और पांचवे स्‍थान पर रहीं।
प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचने वाली टॉप टेन प्रतियोगियों में ऑस्‍ट्रेलिया, कोस्‍टा रिका, फ्रांस, पुर्तगाल और पनामा की सुंदरियां भी शामिल थीं। जबकि परंपरागत फाइनलिस्‍ट मिस यूएसए और मिस वेनेजुएला इस बार आखिरी 10 में भी जगह बनाने में नाकामयाब रहीं।

इस बीच, फाइनल में पहुंचीं ऑस्ट्रेलिया की शेरी-ली बिग्स अपने पहनावे को लेकर विवादों में घिर गई हैं। 21 साल की बिग्स उन प्रतियोगियों में से एक हैं जिन्हें अभ्यास के दौरान कई बार उनके कपड़ों के लिए डांटा जा चुका है। खबरों के मुताबिक आयोजकों ने बिग्स के इवनिंग गाउन पर आपत्ति जाहिर की है।

आयोजकों के मुताबिक बिग्स का गाउन पारदर्शी है। साथ ही उनकी बिकनी पर भी सवाल उठे हैं। आयोजकों ने बिग्स से कहा है कि वे बिकनी की चौड़ाई बढ़ाएं ताकि इस प्रतियोगिता के दौरान शालीनता का दायरा न लांघा जाए। बिग्स के अलावा कई प्रतियोगियों को उनके कपड़ों के लिए झिड़का जा चुका है।
इसमें मिस कोलंबिया कैटालीना रोबायो भी शामिल हैं। रोबायो से मिस यूनिवर्स स्टाफ ने कहा है कि वे सुपर मिनी स्कर्ट पहनते समय अंडरवियर पहनना न भूलें। रोबायो को इसी बात के लिए बार समझाया गया है। आयोजकों ने रोबायो से कहा है कि इससे कई लोगों को परेशानी हो रही है। यह चेतावनी फाइनल के लिए भी सभी प्रतियोगियों को दी गई है।


मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के आयोजकों ने इस बार फैशन के नियमों का कड़ाई से पालन करने का फैसला किया है। इसके तहत स्विम सूट स्पॉन्सर से कहा गया है कि वह बिकनी के बॉटम (निचला हिस्सा) और चौड़े बनाएं ताकि नियमों का पालन किया जा सके।
बिग्स के कॉस्ट्यूम डिजाइनर निक्की सिल्वरथॉर्न ने इन नियमों पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, शेरी को अपने कपड़ों में बदलाव करना पड़ सकता है। मेलबर्न में इसी साल जुलाई में मिस यूनिवर्स ऑस्ट्रेलिया का खिताब जीतने वाली शेरी ली बिग्स मॉडलिंग के साथ-साथ संचार की छात्रा हैं और पेंटिंग का शौक रखती हैं।

जुड़वां हम भी है जरा हमारी तरफ भी देख लो भाई .....



























दुनिया के सबसे उम्रदराज जुड़वा ने अपना 50वां जन्मदिन मनाया

तीस साल से ज्यादा नहीं जी पाओगे", लेकिन फिर जो हुआ वो 'चौंकाने' वाला था



डॉक्टरों की आशंका को झुठलाते हुए दुनिया के सबसे उम्रदराज जुड़वा ने अपना 50वां जन्मदिन मनाया है। इस जुड़वा के साथ ख़ास बात यह है कि ये आपस में एक दूसरे से शारीरिक रूप से जुड़े हुए हैं।

जॉर्ज और लोरी स्कैपल एक दूसरे से सिर से जुड़े हुए हैं। इन्होंने बीते रविवार अपना 50 वां जन्मदिन मनाया।

लोरी ने बताया "जब हम पैदा हुए तो डॉक्टरों ने कहा था कि हम 30 साल से ज़्यादा नहीं जीवित रह पाएगें, लेकिन हमने उन्हें ग़लत साबित कर दिया।"

इस मौके पर जॉर्ज ने कहा "अधिकतर लोगों को यकीन नहीं होता, लेकिन हम दोनों बहुत ही सामान्य जीवन जीते हैं। हम घूमते हैं, अपने अधिकतर काम खुद ही करते हैं और लोरी का तो एक ब्वायफ्रेंड भी है।"

पेंसिलवेनिया, अमेरिका के रहने वाले इन जुड़वा की मस्तिष्क के अगले भाग की 30 प्रतिशत नसें और ऊतक जुड़े हुए हैं। मतलब साफ है कि इन्हें अलग नहीं किया जा सकता।




अमर सिंह को खतरा? बेल पर फिर टला फैसला, बात से पलटे राम जेठमलानी


नई दिल्‍ली. समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव और राज्‍यसभा सदस्‍य अमर सिंह को बीमारी की दलील के बावजूद मंगलवार को भी जमानत नहीं मिल सकी। स्‍थानीय तीस हजारी अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 15 सितंबर तक टाल दी गई। अदालत ने 14 सितंबर तक एम्‍स से अमर सिंह की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

सिंह को सोमवार रात अचानक तिहाड़ जेल से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। ‘नोट के बदले वोट’ कांड में तिहाड़ जेल भेजे गए सिंह के शरीर में क्रेटिनीन की मात्रा बढ़ गई बताई जाती है। इसके चलते उन्‍हें किडनी में परेशानी बताई जा रही है। एम्स की तरफ से जारी अमर सिंह की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उनकी सेहत अभी स्थिर है। नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. संजय गुप्ता उनका इलाज कर रहे हैं।
उधर, अमर सिंह के वकील और बीजेपी के राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी मंगलवार को अपनी बात से पलट गए। सोमवार को उन्‍होंने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि बीजेपी के सांसदों ने लोकसभा में 22 जुलाई, 2008 को जो नोटों की जो गड्‍डियां लहराई थीं, हो सकता है उनका इंतजाम बीजेपी ने किया हो। पर मंगलवार को वह मीडिया से बोले, 'मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। आप लोग ऐसी बातें फैला रहे हैं। मैंने सिर्फ यही कहा था कि इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि अमर सिंह ने पैसे दिए। चार्जशीट पढ़िए।'

मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक जेठमलानी ने इस बारे में सोमवार को कोर्ट में कहा था, 'हाल ही में लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा में कहा था कि स्टिंग ऑपरेशन बीजेपी ने किया था। इसलिए हो सकता है कि स्टिंग में इस्तेमाल हुए नोटों का इंतजाम बीजेपी के किसी सोर्स ने किया हो। अमर सिंह ने पैसे नहीं दिए। और तो और स्टिंग भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए किया गया था, यह साबित करता है कि उन्होंने जो किया वह कानूनी नहीं था। अगर लोकसभा में बीजेपी सांसदों ने नोट लहराए तो उसका सोर्स भी बीजेपी ही हो सकती है।'

बीजेपी ने इस मामले में यह कहते हुए राम जेठमलानी का बचाव किया है कि वे एक वकील की हैसियत से कोर्ट में बहस कर रहे थे। पार्टी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए इनकार किया है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

वोट बैंक के लिए है आडवाणी की रथयात्रा, इंदिरा गांधी से सीखें सोनिया: अन्‍ना


नई दिल्‍ली. अन्ना हजारे ने भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी की रथयात्रा को सशर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। अन्‍ना ने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ मंत्री खुद को पीएम समझते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को 'पागलखाने' भेजने की सलाह दी है।

अन्‍ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में कुछ टीवी चैनलों को आज इंटरव्‍यू दिए। लालकृष्‍ण आडवाणी की रथयात्रा से जुड़े सवाल पर अन्‍ना ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि आडवाणी देश और समाज की भलाई के लिए रथयात्रा निकाल रहे हैं बल्कि वह वोट बैंक के लिए रथयात्रा निकाल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्‍या यदि आडवाणी उनसे रथयात्रा के दौरान समर्थन मांगते हैं तो अन्‍ना हजारे उन्‍हें समर्थन देंगे, अन्‍ना ने कहा, ‘यदि आडवाणी समर्थन मांगते हैं तो भी हम उन्‍हें समर्थन नहीं देंगे। लेकिन एक शर्त पर समर्थन देंगे जब बी‍जेपी शासित राज्‍यों में लोकायुक्‍त की नियुक्ति हो और भाजपा जनलोकपाल बिल को खुले तौर पर समर्थन करे।’

अन्‍ना ने कहा कि वह किसी ऐसे राजनीतिक दल या गुट को समर्थन देंगे जो भ्रष्टाचार मुक्‍त हो और जिसका ताल्‍लुक कांग्रेस और बीजेपी से नहीं हो। उन्‍होंने कहा कि यदि संसद की स्‍थायी समिति जनलोकपाल बिल को लेकर टीम अन्‍ना की मांगों पर सहमत नहीं होती है तो वो फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।

हालांकि अन्‍ना हजारे ने साफ किया कि वो कभी भी कोई राजनीतिक दल नहीं बनाएंगे लेकिन वह ऐसे नए दल का समर्थन करेंगे जिसमें सभी राजनीतिक दलों के ‘अच्‍छे लोग’ शामिल हों। उन्‍होंने कहा, ‘साफ छवि की पार्टी देश का भविष्‍य संवार सकती है। सभी पार्टियों के अच्‍छे लोगों को नई पार्टी बनानी चाहिए, हम उसका समर्थन करेंगे। हर पार्टी में अच्‍छे लोग हैं, इन्‍हें देश के भविष्‍य के लिए एकजुट होना चाहिए।’
भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर सरकार को झुकने पर मजबूर करने वाले अन्‍ना हजारे ने केंद्र में सत्‍तारुढ़ कांग्रेस की सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा है कि कांग्रेस के सरकार में कई लोग खुद को पीएम समझते हैं। अन्‍ना ने हालांकि कहा कि पीएम अच्‍छे इंसान हैं लेकिन सरकार में उनकी कुछ चलती नहीं है और वो रिमोट कंट्रोल से चलते हैं। यह पूछे जाने पर कि कौन खुद को पीएम समझते हैं, तो अन्‍ना ने नाम लेने से साफ इनकार कर दिया। अन्‍ना ने कहा, ‘नाम लिया तो केस दर्ज हो जाएगा। पहले से ही 12 मामले दर्ज हैं।

अन्‍ना हजारे ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को इंदिरा गांधी से सीखने और देश के गरीबों के लिए काम करने की भी ‘नसीहत’ दी। उन्‍होंने कहा, ‘जब तक सोनिया के हाथ में सत्‍ता है, वह कुछ भी कर सकती हैं। उन्‍हें इंदिरा गांधी के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए जो चुनाव भी हार गई थीं हालांकि वह फिर सत्‍ता में आईं और पीएम बनीं। क्‍योंकि उन्‍होंने समझ लिया था कि देश की गरीब जनता को साथ लेकर चलना है और इसके लिए काम करना है।’
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के इस आरोप पर कि अन्‍ना आरएसएस के मुखौटे हैं, अन्‍ना ने एक बार फिर दिग्विजय सिंह को ‘पागलखाने’ भेज देने की सलाह दी। हजारे ने कहा, यदि मैं आरएसएस का आदमी हूं तो दिग्विजय सिंह ने मध्‍य प्रदेश में बतौर सीएम मुझे सरकार की प्‍लानिंग कमेटी का हिस्‍सा क्‍यों बनाया। दिग्विजय सिंह को पुणे स्थित मेंटल अस्‍पताल में भेजना चाहिए। मेरा आरएसएस से कोई संबंध नहीं। अन्‍ना हजारे ने अनशन से पहले अपनी गिरफ्तारी के पीछे गृह मंत्री पी चिदंबरम की साजिश को जिम्‍मेदार ठहराया।

अफगानिस्तान-इराक पर अमेरिका के 60 अरब डालर बर्बाद

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लंदन.अमेरिका ने इराक और अफगानिस्तान अपनी कार्रवाइयों में कम से कम 31 अरब डालर और अधिकतम 60 अरब डालर बेकार उत्पादों और घोटालों में गंवाया। यह दावा एक स्वतंत्र आयोग ने किया है।

इराक और अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान दिए गए अनुबंधों के अध्ययन के लिए गठित युद्धकालीन अनुबंध आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि पिछले 10 साल में इराक और अफगानिस्तान की आकस्मिक कार्रवाइयों के दौरान रोजाना 1.2 करोड़ डालर घोटालों में या बेकार उत्पादों के अनुबंध पर बर्बाद हुए।

पीडब्ल्यूसी ने अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी अपनी 240 पन्ने की रपट में कहा, ‘कम से कम 31 अरब डालर और संभवत 60 अरब डालर इराक और अफगानिस्तान में हुई कार्रवाइयों के दौरान अमेरिका बर्बाद किए।’ इधर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल डेव लैपन ने कहा, ‘विशेष तौर पर आयोग की इस बात के लिए सराहना करना चाहेंगे इसने कांट्रेक्टरों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करने, एजेंसियों द्वारा अनुबंध की कार्रवाइयों को और सुदृढ़ करने और अपने प्रदर्शन के लिए कांट्रेक्टरों को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत को प्रकाश डाला।’

अफगानिस्तान-इराक पर अमेरिका के 60 अरब डालर बर्बाद

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लंदन.अमेरिका ने इराक और अफगानिस्तान अपनी कार्रवाइयों में कम से कम 31 अरब डालर और अधिकतम 60 अरब डालर बेकार उत्पादों और घोटालों में गंवाया। यह दावा एक स्वतंत्र आयोग ने किया है।

इराक और अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान दिए गए अनुबंधों के अध्ययन के लिए गठित युद्धकालीन अनुबंध आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि पिछले 10 साल में इराक और अफगानिस्तान की आकस्मिक कार्रवाइयों के दौरान रोजाना 1.2 करोड़ डालर घोटालों में या बेकार उत्पादों के अनुबंध पर बर्बाद हुए।

पीडब्ल्यूसी ने अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी अपनी 240 पन्ने की रपट में कहा, ‘कम से कम 31 अरब डालर और संभवत 60 अरब डालर इराक और अफगानिस्तान में हुई कार्रवाइयों के दौरान अमेरिका बर्बाद किए।’ इधर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल डेव लैपन ने कहा, ‘विशेष तौर पर आयोग की इस बात के लिए सराहना करना चाहेंगे इसने कांट्रेक्टरों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करने, एजेंसियों द्वारा अनुबंध की कार्रवाइयों को और सुदृढ़ करने और अपने प्रदर्शन के लिए कांट्रेक्टरों को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत को प्रकाश डाला।’
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