मोदी के पत्र के मुख्य अंश
अहमदाबाद. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजनैतिक विश्लेषकों के लिए अलग अर्थ है, तो कानून विशेषज्ञों के लिए अलग।
- इससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि वर्ष 2002 के बाद मुझ पर तरह-तरह के मनगढ़ंत झूठे आरोप लगते रहे। उससे बने खराब वातावरण का इससे अंत हो गया है।
- 10 वर्षो से गुजरात को एवं मुझे बदनाम करने का फैशन हो गया है। राज्य का विकास जो सहन नहीं कर पा रहे, वे गुजरात को बदनाम करने का एक भी अवसर हाथ से जाने नहीं देते।
- इस फैसले के बाद भी ऐसे तत्व राज्य को बदनाम करना बंद करेंगे, यह अभी कह पाना कठिन है। इससे यह तय है कि झूठ फैलाने वाले तत्वों पर देश की जनता विश्वास नहीं करेगी।
- 6 करोड़ गुजराती - यह मात्र एक शब्द नहीं परंतु एकता एवं पुरुषार्थ का मंत्र बन गया है।
- पिछले दस सालों में राज्य ने जिस सौहार्द पूर्ण वातावरण का अनुभव किया है, वह उससे पहले कभी नहीं रहा।
- गुजराती में एक बहुत प्रचलित कहावत है कि वैर से वैर नहीं जीता जाता- यानी घृणा से घृणा का अंत नहीं होता।
- समाज की एकता और भी मजबूत बने, भाईचारा बढ़े इस आशय से मेरी इच्छा सद्भावना मिशन- शुरू करने की है।
- 17 सितंबर से इसके अंतर्गत तीन दिन का उपवास करने का मैंने निर्णय किया है। 19 सितंबर को मेरा उपवास पूरा होगा।
- मुझे विश्वास है कि मेरे इस उपवास से गुजरात की शांति, एकता एवं सौहार्द पूर्ण वातावरण को एक नई शक्ति मिलेगी।
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