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13 सितंबर 2011

वोट बैंक के लिए है आडवाणी की रथयात्रा, इंदिरा गांधी से सीखें सोनिया: अन्‍ना


नई दिल्‍ली. अन्ना हजारे ने भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी की रथयात्रा को सशर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। अन्‍ना ने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ मंत्री खुद को पीएम समझते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को 'पागलखाने' भेजने की सलाह दी है।

अन्‍ना हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में कुछ टीवी चैनलों को आज इंटरव्‍यू दिए। लालकृष्‍ण आडवाणी की रथयात्रा से जुड़े सवाल पर अन्‍ना ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि आडवाणी देश और समाज की भलाई के लिए रथयात्रा निकाल रहे हैं बल्कि वह वोट बैंक के लिए रथयात्रा निकाल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्‍या यदि आडवाणी उनसे रथयात्रा के दौरान समर्थन मांगते हैं तो अन्‍ना हजारे उन्‍हें समर्थन देंगे, अन्‍ना ने कहा, ‘यदि आडवाणी समर्थन मांगते हैं तो भी हम उन्‍हें समर्थन नहीं देंगे। लेकिन एक शर्त पर समर्थन देंगे जब बी‍जेपी शासित राज्‍यों में लोकायुक्‍त की नियुक्ति हो और भाजपा जनलोकपाल बिल को खुले तौर पर समर्थन करे।’

अन्‍ना ने कहा कि वह किसी ऐसे राजनीतिक दल या गुट को समर्थन देंगे जो भ्रष्टाचार मुक्‍त हो और जिसका ताल्‍लुक कांग्रेस और बीजेपी से नहीं हो। उन्‍होंने कहा कि यदि संसद की स्‍थायी समिति जनलोकपाल बिल को लेकर टीम अन्‍ना की मांगों पर सहमत नहीं होती है तो वो फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।

हालांकि अन्‍ना हजारे ने साफ किया कि वो कभी भी कोई राजनीतिक दल नहीं बनाएंगे लेकिन वह ऐसे नए दल का समर्थन करेंगे जिसमें सभी राजनीतिक दलों के ‘अच्‍छे लोग’ शामिल हों। उन्‍होंने कहा, ‘साफ छवि की पार्टी देश का भविष्‍य संवार सकती है। सभी पार्टियों के अच्‍छे लोगों को नई पार्टी बनानी चाहिए, हम उसका समर्थन करेंगे। हर पार्टी में अच्‍छे लोग हैं, इन्‍हें देश के भविष्‍य के लिए एकजुट होना चाहिए।’
भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर सरकार को झुकने पर मजबूर करने वाले अन्‍ना हजारे ने केंद्र में सत्‍तारुढ़ कांग्रेस की सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा है कि कांग्रेस के सरकार में कई लोग खुद को पीएम समझते हैं। अन्‍ना ने हालांकि कहा कि पीएम अच्‍छे इंसान हैं लेकिन सरकार में उनकी कुछ चलती नहीं है और वो रिमोट कंट्रोल से चलते हैं। यह पूछे जाने पर कि कौन खुद को पीएम समझते हैं, तो अन्‍ना ने नाम लेने से साफ इनकार कर दिया। अन्‍ना ने कहा, ‘नाम लिया तो केस दर्ज हो जाएगा। पहले से ही 12 मामले दर्ज हैं।

अन्‍ना हजारे ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को इंदिरा गांधी से सीखने और देश के गरीबों के लिए काम करने की भी ‘नसीहत’ दी। उन्‍होंने कहा, ‘जब तक सोनिया के हाथ में सत्‍ता है, वह कुछ भी कर सकती हैं। उन्‍हें इंदिरा गांधी के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए जो चुनाव भी हार गई थीं हालांकि वह फिर सत्‍ता में आईं और पीएम बनीं। क्‍योंकि उन्‍होंने समझ लिया था कि देश की गरीब जनता को साथ लेकर चलना है और इसके लिए काम करना है।’
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के इस आरोप पर कि अन्‍ना आरएसएस के मुखौटे हैं, अन्‍ना ने एक बार फिर दिग्विजय सिंह को ‘पागलखाने’ भेज देने की सलाह दी। हजारे ने कहा, यदि मैं आरएसएस का आदमी हूं तो दिग्विजय सिंह ने मध्‍य प्रदेश में बतौर सीएम मुझे सरकार की प्‍लानिंग कमेटी का हिस्‍सा क्‍यों बनाया। दिग्विजय सिंह को पुणे स्थित मेंटल अस्‍पताल में भेजना चाहिए। मेरा आरएसएस से कोई संबंध नहीं। अन्‍ना हजारे ने अनशन से पहले अपनी गिरफ्तारी के पीछे गृह मंत्री पी चिदंबरम की साजिश को जिम्‍मेदार ठहराया।

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