में
आप सभी साथियों से माफ़ी का तलबगार हूँ ,,मेरे बारे में आप यूँ ही रोज़ अपनी
राय बदलते हो ,,कभी कोई मुसलमान समझता है ,,कभी कोई काफिर समझता है ,कभी
कोई हिन्दू पक्षधर समझता है ,कभी कोई कट्टर समझता है ,,कभी कोई मोदी
समर्थक भाजपाई तो कभी कोई कोंग्रेसी समझता है कभी कोई कम्युनटिस्ट तो कभी
कोई आपिया समझता है ,,,,,कभी कोई लेखक तो कभी कोई साहित्य्कार कभी कोई
पत्रकार समझता है ,,,,,,,कभी कोई मुझे बेदर्द तो कभी
कोई मुझे दर्दवाला समझता है ,,,,,,,,,,,,,लोगों की निगाह में मेरे अनेक
रूप अनेक विचार आखिर में लोग हर थक कर कहते है यह कोन है केसा शख्स है इसे
समझना मुश्किल है ,,यह मुस्तक़िल मिजाज़ नहीं कभी मोदी की तारीफ़ करता है तो
कभी उसकी बुराई ,,कभी राहुल को अच्छा कहता है तो कभी राहुल की बुराई करता
है कभी केजरीवाल केजरीवाल करता है तो कभी केजरीवाल के लिए बुरा बुरा लगता
है ,,दोस्तों में माफ़ी का तलबगार हूँ मुझे समझने के पहले हालात को समझो में
हिंदुस्तान हूँ में आम इंसान हूँ में किसी विचारधारा से प्रभावित नहीं
किसी विधारधारा की गुलामी का पट्टा मेरे गले में नहीं जो देश की बात करेगा
,,जो अमन की बात करेगा ,,जो इंसाफ की बात करेगा ,,जो भ्रष्टाचार मुक्त
भारत की बात करेगा में वोह हूँ और इसी विचार के साथ हूँ अब यह विचार स्थिर
है लेकिन सियासत अस्थिर है इधर उधर होती रहती है में अपने विचारों के साथ
हूँ मोदी बहतर करता है तो ज़िंदाबाद है बुरा करता है तो मुर्दाबाद है राहुल
अच्छा करता है तो ज़िंदाबाद बुरा करता है तो मुर्दाबाद है ,,क़ौम के ठेकेदार
क़ौम की बात करते है देश की अमन चेन इंसाफ की बात करते है मज़हब की बात
करते है तो ज़िंदाबाद है और धर्म के नामपर सियासी ठेकेदारी और रूपये कमाने
का व्यापार करते है तो बस मुर्दाबाद और मुर्दाबाद है ,,हाँ मुझे समझना है
तो प्लीज़ मुझे किसी पार्टी किसी व्यक्ति किसी मज़हब के साथ ना बांधो सिर्फ
मुझे हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के हाज़रा हालातों के बारे में इंसाफाना लड़ाई
की तरह देखो शायद में आप सभी को समझ में आ जाउंगा ,,,,,शायद हाँ शायद ना
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 मार्च 2014
नरेंदर मोदी को देश में मोदी की लहर होने पर भी पुरे भारत में एक लोकसभा सीट नहीं मिल रही है
नरेंदर
मोदी को देश में मोदी की लहर होने पर भी पुरे भारत में एक लोकसभा सीट नहीं
मिल रही है ,इसीलिए तो कहते है के परधानमंत्री बन्ने के लिए लोकसभा का
चुनाव जीतना होता है इसकी जानकारी मोदी हो चाहे उनके कार्यकर्ता सभी को
होना चाहिए ,,,,,,,,,,,लोकसभा चुनाव लड़ने वाले को प्रधानमंत्री उम्मीदवार
बनाते तो यह दिककतें नहीं आतीं और फिर अगर आप कहते है के मोदी की लहर बनाने
के लिए उपयुक्त सीट की तलाश है तो दिल्ली से
ही लड़वा दो साले कजरियों ने अपने गुजरात में आकर चुनौती दी है उसे वहीं
उसके गढ़ दिल्ली में जाकर हरा दो ,,हिम्मत करो ,,ललकारो ,,नहीं तो फिर रणछोड़
दास तो बन ही जाओ भाई ,,,चलो राहुल के खिलाफ लड़ लो ,चलो मुलायम के खिलाफ
लड़ लो ,,,चलो ममता के खिलाफ लड़ लो ,चलो लालू के खिलाफ लड़ लो ,,,,चलो
मायावती के खिलाफ लड़ लो ,चलो विदेशी सोनिया के खिलाफ लड़ लो ,,,इनमे से एक
भी प्रस्ताव मंज़ूर नहीं तो फिर जनता को क्यूँ बेवक़ूफ़ बनाते हो घर बेठो मस्त
रहो गुजरात दिया है गुजरात ढंग से चलाओ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
फिर ऐसा क्या है जो में
मुझे एक बात बताओ
मेरे दिल ,,दिमाग ,,
रोम रोम में तुम बस्ते हो ,,,,,,,
फिर ऐसा क्या है जो में
तुम्हारे दिल ,, तुम्हारे दिमाग में
आज तक भी न बस सका हूँ ,,,,,,,
मुझे एक बात बताओ
ऐसा क्यूँ है ,,किसीलिए है
वोह कोन है
जो तुम्हारे दिल में बस गया है ,,,,
में खाली खाली सा बस यूँ ही
आसमान की तरफ देख कर सोचता हूँ
मुझ में क्या कमी है आखिर
जो मेरा रोम रोम तुम्हारे लिए तड़प कर भी
तुम्हे मेरा अपना न बना पाया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मेरे दिल ,,दिमाग ,,
रोम रोम में तुम बस्ते हो ,,,,,,,
फिर ऐसा क्या है जो में
तुम्हारे दिल ,, तुम्हारे दिमाग में
आज तक भी न बस सका हूँ ,,,,,,,
मुझे एक बात बताओ
ऐसा क्यूँ है ,,किसीलिए है
वोह कोन है
जो तुम्हारे दिल में बस गया है ,,,,
में खाली खाली सा बस यूँ ही
आसमान की तरफ देख कर सोचता हूँ
मुझ में क्या कमी है आखिर
जो मेरा रोम रोम तुम्हारे लिए तड़प कर भी
तुम्हे मेरा अपना न बना पाया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर बहलाने वाले ,,
मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर
बहलाने वाले ,,
मेरी चाहत को दूसरी तस्वीरे देकर
मिटाने की कोशिश करने वाले
सुन ले तू ज़रा
तुझे तेरी ज़िद तेरे इंकार पर गुमा होगा
मुझे भी फकर है अपनी ख्वाहिश पर
तू देख लेना पिघलजाएगा मोम की तरह
ऐ आस्मां पर बिजली गिराने वाले
मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर
बहलाने वाले
एक दिन तू ही करेगा मुझ से खिताब
कहेगा
बोल क्या चाहता है
ए मुझे खुद से भी ज़यादा चाहने वाले ,,,,,,,,,,,,,,,
बहलाने वाले ,,
मेरी चाहत को दूसरी तस्वीरे देकर
मिटाने की कोशिश करने वाले
सुन ले तू ज़रा
तुझे तेरी ज़िद तेरे इंकार पर गुमा होगा
मुझे भी फकर है अपनी ख्वाहिश पर
तू देख लेना पिघलजाएगा मोम की तरह
ऐ आस्मां पर बिजली गिराने वाले
मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर
बहलाने वाले
एक दिन तू ही करेगा मुझ से खिताब
कहेगा
बोल क्या चाहता है
ए मुझे खुद से भी ज़यादा चाहने वाले ,,,,,,,,,,,,,,,
पिछले 40 साल से दुबई में हिंदुओं को पूजा का सामान बेचता है ये मुस्लिम परिवार
दुबई। मंदिर के बाहर फल-प्रसाद की दुकान तो आम बात है, लेकिन
अगर ये दुकान एक मुस्लिम परिवार लगा रहा हो, तो चौंकना लाजमी है। बुर दुबई
इलाके में मंदिर के बाहर एक मुस्लिम परिवार ऐसी ही एक दुकान चला रहा है,
जिसमें फूल-माला और फलों से लेकर पूजा-पाठ का हर सामान मिलता है। इस परिवार
को हिंदू धर्म की इतनी अच्छी समझ है, जैसी शयद ही किसी पंडित को हो।
अब्दुल्लाह हुसैन खौरी ने भीड़भाड़ वाले पुराने दुबई इलाके में चार
दशक पहले पूजा-पाठ के सामान की एक दुकान शुरू की थी। अब ये शहर में पूजा की
सामग्री की सबसे पुरानी दुकानों में से एक है।
दुकान को लेकर क्या सोचता है खौरी परिवार
दुकान चलाने वाले हसन खौरी कहते हैं कि वो अपने पूर्वजों के नक्शेकदम
पर ही चल रहे हैं, जिन्होंने ये जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। अल अशीरा पूजा
दुकान के साथ ही हसन एक खिलौने की दुकान भी चलाते हैं। हुसैन ने अपने
परिवार को अल अशीरा दुकान की जिम्मेदारी सौंपने से पहले अपनी जिंदगी का एक
लंबा वक्त सऊदी अरब में बिताया है।
वहीं, परिवार के एक सदस्य का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को
बरसों से चली आ रही इस परंपरा से बहुत लगाव है। वो लोग चाहते हैं कि आगे भी
ये परंपरा ऐसे ही चलती रहे।
अल अशीरा जैसी कोई दुकान नहीं
शहर में इस वक्त अल अशीरा की तरह कोई पूजा सामग्री की दुकान नहीं है।
मंदिर एक नंबर गेट के बगल सकरी गली में मौजूद इस दुकान पर आपको रुद्राक्ष
और तुलसी की माला से लेकर पूजा का हर सामान मिल जाएगा।
इतना ही नहीं, अगर मंदिर में पहुंचने वाले ये भूल जाएं कि किसी दिन
किस भगवान को क्या प्रसाद चढ़ेगा या पूजा-सामग्री में क्या-क्या सामान
लगेगा, तो इस परिवार के पास इस परेशानी का भई समाधान है। ये मंदिर में
पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मिनटों ने बता सकते हैं कि किस दिन किस भगवान
का किन सामानों से पूजन होना है।
हसन ने कहा कि उनके लिए सबसे अच्छे दिन मंगलवार और शनिवार का होता है,
क्योंकि इन दिनों में उनकी कमाई सबसे अच्छी होती है। वो दिन भर में ढाई
हज़ार दिरहम तक कमा लेते हैं।
जानिए खौरी परिवार के बारे
ईरान में खुर से ताल्लुक रखने वाले हसन खौरी पारसी भाषा में बोलते
हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर वो अंग्रेजी, अरबी, उर्दू और हिंदी में भी
फर्राटे से बात कर सकते हैं।
हालांकि इन सब बातचीतों के दौरान उन्होंने अपने धर्म को लेकर अपनी
भावनाओं को छिपाने की कोशिश जरा भी नहीं की। दुकान के मुख्य मार्ग पर ही
अंग्रेजी में बड़े शब्दों में लिखा है कि अल्लाह सबसे बड़ा दानदाता है।
सोनीपत में पैदा हुई दो सिर वाली बच्ची, पिता बोले- ये कुदरत का करिश्मा
सोनीपत। सीजेके हिंदू अस्पताल में गुरुवार की सुबह एक महिला ने असाधारण, किंतु स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के दो सिर हैं। दोनों ही विकसित। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। परिवार के लोग कुछ चिंतित जरूर हैं, लेकिन उन्हें दोनों के स्वस्थ होने की खुशी भी है। चिकित्सकीय भाषा में इस तरह के बच्चे को कॉनज्वाइंड ट्विंस कहा जाता है।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आशीष सहगल ने बताया कि इंसान के शरीर में जींस में गड़बड़ी के कारण ऐसी स्थिति होती है। गर्भ के 12 सप्ताह के भीतर अगर अल्ट्रासाउंड कराया जाए, तो ऐसी स्थिति की पहचान हो जाती है। तब इसका उपचार करना आसान होता है। उधर, बच्ची के जन्म पर उसके पिता ने इसे कुदरत का करिश्मा बताया है।
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में 6 दिसंबर, 2013 की सुबह
कुनकुरी के होलीक्रॉस अस्पताल में एक ग्रामीण महिला ने दो सिर वाली बच्ची
को जन्म दिया था। ऐसी बच्ची का जन्म अस्पताल के अन्य मरीजों व उनके परिजनों
के लिए कौतूहल का विषय बना रहा। बच्ची हालांकि एक घंटा ही जीवित रही।
जानकारी के अनुसार, फरसाबहार ब्लॉक के ग्राम अंकिरा ढोंगअंबा निवासी अनिता
तिर्की को प्रसव के लिए कुनकुरी होलीक्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे उसने एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के लिए
उसका ऑपरेशन किया गया था। बच्ची देखने में लगभग विकसित लग रही थी। उसके दो
सिर थे और धड़ आपस में जुड़े हुए थे, धड़कनें भी चल रही थीं। लेकिन, बच्ची
के जन्म लेने के एक घंटे बाद ही उसके प्राण निकल गए।
बेटी के ससुरालवाले कर रहे थे तंग, तो एएसआई ने थाने में खुद को मार ली गोली
इंदौर. संयोगितागंज थाने में पदस्थ एएसआई फूलसिंह पाल ने
गुरुवार दोपहर थाने में सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। साथी
उन्हें अस्पताल ले गए। गोली सिर के आर-पार हो जाने से कुछ ही देर में उनकी
मौत हो गई। बेटे ने आरोप लगाया कि विभाग की अनदेखी के कारण पिता ने जान दे
दी। वे बेटी के ससुरालवालों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा की एफआईआर दर्ज करवाने
के लिए कई दिनों से भटक रहे थे।
एएसआई पाल दोपहर 3 बजे थाने पहुंचे। एएसआई ओके मिश्रा ने बताया पाल
तेजी से थाने में आए थे। विवेचक कक्ष में गए। तीन-चार मिनट बार वहां से
गोली चलने की आवाज आई। हम व सिपाही दौड़कर वहां गए तो पाल लहूलुहान मिले।
उन्होंने कनपटी पर दायीं तरफ से सर्विस रिवाल्वर सटाकर फायर किया था।
एमवाय अस्पताल में एक घंटे बाद उनकी मौत हो गई।
एएसआई की बेटी ने एसपी से पूछा- आप ड्यूटी पर थे ना, बताओ मेरे पापा को क्या हुआ
संयोगितागंज थाने में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले एएसआई
फूलसिंह पाल की मंझली बेटी ने अस्पताल आए पुलिस अधिकारियों से सीधे सवाल
किए। उसका दर्द और आंसू देख अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके। वे उसे ढांढस
बंधाने की कोशिश करते रहे।
एसपी ओपी त्रिपाठी जब अस्पताल पहुंचे तो एएसआई की बेटी ने कहा- मेरे
पापा को क्या हुआ आप बताओ? वे घर से तो अच्छे-भले गए थे। आप एसपी हो ड्यूटी
पर थे ना, आप बताओ क्या हुआ पापा को? थाने वाले कोई कुछ बता नहीं रहे,
क्या परेशानी थी उनको, मुझे कारण जानना है। एसपी पूरे समय उसे समझाने की
कोशिश करते रहे। उन्होंने कहा- अभी प्राथमिकता उनकी सेहत देखने की है। हम
पता लगाएंगे। पुलिस को तो पता चल गया था कि एएसआई नहीं रहे, लेकिन परिवार
को बताने की हिम्मत अधिकारी नहीं कर पा रहे थे।
सेवानिवृत्त होने वाले थे
टीआई धैर्यशील येवले ने बताया नवंबर, 2011 में प्रमोशन के बाद से पाल
थाने पर पदस्थ थे। इससे पहले वे एमजी रोड थाने पर प्रधान आरक्षक के पद पर
कार्यरत थे। जनवरी, 2016 में वे सेवानिवृत्त होने वाले थे।
मैं एक बजे से कॉल लगा रही थी
एएसआई की पत्नी श्यामकुंवर का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। उन्होंने
बताया फूलसिंह घरवालों को अपनी परेशानी बताने में संकोच करते थे। बुधवार
रात वे 10 बजे घर लौट आए थे। सुबह 6 बजे उठे और कहीं चले गए। 10 बजे लौटे
और एक घंटा सोने का कहा। 11 बजे घर से निकल गए। 1 बजे से मैं उन्हें
खाना-खाने के लिए कॉल लगा रही थी, लेकिन उनका मोबाइल बंद था। 3.30 बजे
पुलिसकर्मी घर आए तो हमें घटना का पता चला।
खुलेआम रिश्वत लेता धरा गया अफसर, पुलिस ने हाथ धुलवाकर खिंचवाए फोटो
ग्वालियर. नगर निगम के हेल्थ ऑफिसर व चिडिय़ाघर प्रभारी को
लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
लोकायुक्त अमले ने फुटपाथ पर ही एचओ डॉ. एसके मित्तल के हाथ धुलवाकर फोटो
भी खिंचवा दिए। एचओ को निगम के जेड ओ ने पकड़वाया।
वहीं निगम के डीडी नगर कार्यालय पर लोकायुक्त ने एक टीसी को रिश्वत
लेते पकड़ा, जबकि इसका एक साथी भाग गया। कार्रवाई के बाद एचओ को मूल विभाग
के लिए भारमुक्त कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग का प्रभार कार्यपालन यंत्री
अतिबल सिंह को सौंपा गया है। टीसी को सस्पेंड कर दिया गया।
नगर निगम के चर्चित हेल्थ ऑफिसर डॉ. एसके मित्तल को लोकायुक्त पुलिस
ने चिडिय़ाघर के बाहर सड़क पर छह हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ लिया। डॉ.
मित्तल निगम के ही क्षेत्रीय अधिकारी (जेडओ) अजय गुप्ता से नाला सफाई के
कार्यों के बिल समायोजन के लिए रिश्वत ले रहे थे। यह बिल 1.90 लाख रुपए का
था, जो अब 70 हजार 400 रुपए का बचा था। बिल समायोजन न होने पर जेडओ के पीएफ
से रुपए काटे जा रहे थे।
बिल समायोजन के लिए डॉ. मित्तल पूर्व में भी 18 हजार रुपए की रिश्वत
ले चुके थे। अजय गुरुवार सुबह मॉल के पास खड़े थे और लोकायुक्त अमला कुछ
दूरी पर। डॉ. मित्तल ने चिडिय़ाघर आते ही अजय को इशारे से अपने पास बुलाया
और छह हजार रुपए लेकर कार में रख दिए। वे वहां से निकल पाते उससे पहले ही
लोकायुक्त टीम ने उन्हें पकड़कर फुटपाथ पर ही हाथ धुलवा लिए। बताया गया है
कि निगम के जो जेडओ रिश्वत दे रहे थे वह भी शिकायतों के चलते तीन बार
सस्पेंड हो चुके हैं।
डॉ. एसके मित्तल (हेल्थ ऑफिसर व चिडिय़ाघर प्रभारी): वर्ष 2000
में पशु चिकित्सा विभाग से निगम में पशु चिकित्सक के रूप में तीन वर्ष के
लिए प्रतिनियुक्तिपर आए थे। इनकी मूल विभाग में वापसी के प्रयास हुए लेकिन
जोड़तोड़ कर वह बने रहे। इन्हें फिर चिडिय़ाघर प्रभारी व स्वास्थ्य अधिकारी
का प्रभार सौंप दिया गया।
रामनारायण बंसल (टीसी): निगम में वर्ष 1999 में चतुर्थ श्रेणी
के पद पर नियुक्तिहुई। गत दो वर्ष से डीडी नगर क्षेत्रीय कार्यालय में
पदस्थ हैं। निगम अफसरों के पास पूर्व में भी इनकी शिकायतें पहुंची लेकिन
क्षेत्र बदलने से ज्यादा और कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दो हजार रुपए लेते पकड़ा गया टीसी
इस कार्रवाई के एक घंटे के बाद लोकायुक्तकी दूसरी टीम ने डीडी नगर में
निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में टीसी रामनारायण बंसल को दुकान नामांतरण के
लिए दो हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। वह डीडी नगर के
अटल नगर स्थित इंदर भाटिया की दुकान के नामांतरण के लिए 2000 रुपए की
रिश्वत ले रहे थे। दो साल पहले भी रामनारायण बंसल इंदर से इसी दुकान का
नामांतरण पत्नी निर्मला के नाम करने के लिए 3000 हजार रुपए ले चुके थे।
इंदर अपनी पत्नी की मौत के बाद बीते लगभग डेढ़ माह से अपने नाम नामांतरण के
लिए चक्कर लगा रहे थे।
शिकायत का नहीं होता असर
जेडओ अजय गुप्ता ने बिल समायोजन न होने पर पीएफ से काटे जाने और डॉ.
मित्तल द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत अधिकारियों से भी की थी। जब श्री
गुप्ता से पूछा कि क्या रिश्वत मांगे जाने की शिकायत विभाग के अफसरों से की
थी तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जानकारी थी।
अखबार की कटिंग रखी, एसपी से शिकायत
इंदर भाटिया ने बताया कि मोचीओली में नामांतरण के लिए रिश्वत लेते हुए
पकड़े गए टीसी की अखबार में छपी खबर की कटिंग अपने पास रख ली थी। इसमें
लोकायुक्त एसपी का नंबर था। जब टीसी रामनारायण बंसल बिना रिश्वत नामांतरण
करने को तैयार नहीं हुआ तब उन्होंने एसपी संतोष सिंह गौर को फोन पर सूचना
दी। उन्होंने ऑफिस का पता बताकर पहुंचने को कहा और टीसी फंदे में फंस गया।
80 फीसदी शिकायतें तीन विभागों की
निगम में भ्रष्टाचार व आवेदन लंबित होने की सबसे ज्यादा शिकायतें भवन
शाखा, संपत्ति कर शाखा व नामांतरण शाखा से ही आती हैं। उच्च पदस्थ विभागीय
अफसरों के अनुसार 80 फीसदी शिकायतें इन्हीं शाखाओं की हैं।
शुरू करेंगे गोपनीय शाखा
निगम में रिश्वत की शिकायतों के लिए कोई अलग सेल नहीं है। आयुक्त
विनोद शर्मा ने बताया कि अब भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए गोपनीय सेल
बनाने पर विचार करेंगे। यह सेल आयुक्त के अधीन काम करेगा।
बीजेपी ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट, सुषमा स्वराज विदिशा से लड़ेंगी चुनाव
नई दिल्ली। सीटों के बंटवारे पर चर्चा के लिए गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में चली पार्टी की चुनाव समिति की अहम बैठक में कुछ नाम लगभग 'फाइनल' कर दिए गए हैं। दिनभर दो चरणों में हुई चुनाव समिति की बैठक में कई उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। पार्टी की अगली सूची 15 मार्च को आएगी।
इन्हें मिला टिकट
ग्वालियर से नरेंद्र सिंह तोमर, मैसूर से प्रताप सिन्हा, विदिशा से
सुषमा स्वराज, इंदौर से सुमित्रा महाजन। इनके अतिरिक्त यशवंत सिन्हा के
बेटे और फग्गन सिंह कुलस्ते को भी लोकसभा चुनाव का टिकट मिला है। वहीं
प्रिया दत्त के खिलाफ पार्टी ने पूनम महाजन को टिकट दिया है। कर्नाटक से
पार्टी ने पांच उम्मीदवार तय किए हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, दार्जिलिंग से एसएस आहलूवालिया और राजद छोड़कर
भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव को पार्टी ने पाटलिपुत्र से चुनाव
लड़ाने का निर्णय लिया है। वहीं, पार्टी के लिए एक अच्छी खबर यह भी है कि
कर्नाटक में बी. श्रीरामलू की पार्टी बीआरएस कांग्रेस का भाजपा में विलय
होने जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सुषमा के विरोध को खारिज करते हुए
पार्टी ने यह फैसला लिया है।बैठक के दूसरे चरण में झारखंड व हरियाणा के नामों पर चर्चा
चुनाव समिति की बैठक में भाजपा 11 राज्यों के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई। दो बजे तक चली बैठक के पहले चरण में छत्तीगसढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की सीटों पर चर्चा हुई। शाम चार बजे समिति की दूसरे चरण की बैठक शुरू हो गई, जिसमें झारखंड और हरियाणा के प्रत्याशियों पर चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक, विवादों में घिरी वाराणसी, लखनऊ और कानपुर की सीट पर इस बैठक में चर्चा नहीं हुई। बैठक में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी समेत अन्य वरिष्ठ नेता हिस्सा लिया। पार्टी ने बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड की लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा भी की।
कांग्रेस ने जारी की दूसरी लिस्ट, राज बब्बर को गाजियाबाद से और नगमा को मेरठ से मिला टिकट
नई दिल्ली. कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा उम्मीदवारों की अपनी दूसरी लिस्ट
जारी कर दी। इस लिस्ट में पार्टी ने बॉलीवुड सितारों को खास तवज्जो दी
है। पार्टी ने बॉलीवुड अभिनेता राजब्बर को जहां गाजियाबाद का उम्मीदवार
बनाया है, वहीं अभिेनेत्री नगमा को मेरठ का प्रत्याशी बनाया है। उत्तर
प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ से उम्मीदवार
बनाया है।
इनके अतिरिक्त रमेश चंद्र तोमर को नोएडा, केवी थॉमस को इरनाकुलम से, सुबोध कांत सहाय को रांची से, शशि थरूर
को तिरूवनंतपुरम से, पवन बंसल को चंडीगढ़ से, वी नारायणसामी को पुडुचेरी
से, बेगम नूर बानो को मुरादाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस ने 71 उम्मीदवारों की अपनी इस लिस्ट में 11 महिलाओं को
टिकट दिया है। इनमें 35 फीसदी ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम
है।
नंदन नीलेकणी ने दिया यूआईएआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा
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