सोनीपत। सीजेके हिंदू अस्पताल में गुरुवार की सुबह एक महिला ने असाधारण, किंतु स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के दो सिर हैं। दोनों ही विकसित। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। परिवार के लोग कुछ चिंतित जरूर हैं, लेकिन उन्हें दोनों के स्वस्थ होने की खुशी भी है। चिकित्सकीय भाषा में इस तरह के बच्चे को कॉनज्वाइंड ट्विंस कहा जाता है।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. आशीष सहगल ने बताया कि इंसान के शरीर में जींस में गड़बड़ी के कारण ऐसी स्थिति होती है। गर्भ के 12 सप्ताह के भीतर अगर अल्ट्रासाउंड कराया जाए, तो ऐसी स्थिति की पहचान हो जाती है। तब इसका उपचार करना आसान होता है। उधर, बच्ची के जन्म पर उसके पिता ने इसे कुदरत का करिश्मा बताया है।
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में 6 दिसंबर, 2013 की सुबह
कुनकुरी के होलीक्रॉस अस्पताल में एक ग्रामीण महिला ने दो सिर वाली बच्ची
को जन्म दिया था। ऐसी बच्ची का जन्म अस्पताल के अन्य मरीजों व उनके परिजनों
के लिए कौतूहल का विषय बना रहा। बच्ची हालांकि एक घंटा ही जीवित रही।
जानकारी के अनुसार, फरसाबहार ब्लॉक के ग्राम अंकिरा ढोंगअंबा निवासी अनिता
तिर्की को प्रसव के लिए कुनकुरी होलीक्रॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे उसने एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के लिए
उसका ऑपरेशन किया गया था। बच्ची देखने में लगभग विकसित लग रही थी। उसके दो
सिर थे और धड़ आपस में जुड़े हुए थे, धड़कनें भी चल रही थीं। लेकिन, बच्ची
के जन्म लेने के एक घंटे बाद ही उसके प्राण निकल गए।
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