मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर
बहलाने वाले ,,
मेरी चाहत को दूसरी तस्वीरे देकर
मिटाने की कोशिश करने वाले
सुन ले तू ज़रा
तुझे तेरी ज़िद तेरे इंकार पर गुमा होगा
मुझे भी फकर है अपनी ख्वाहिश पर
तू देख लेना पिघलजाएगा मोम की तरह
ऐ आस्मां पर बिजली गिराने वाले
मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर
बहलाने वाले
एक दिन तू ही करेगा मुझ से खिताब
कहेगा
बोल क्या चाहता है
ए मुझे खुद से भी ज़यादा चाहने वाले ,,,,,,,,,,,,,,,
बहलाने वाले ,,
मेरी चाहत को दूसरी तस्वीरे देकर
मिटाने की कोशिश करने वाले
सुन ले तू ज़रा
तुझे तेरी ज़िद तेरे इंकार पर गुमा होगा
मुझे भी फकर है अपनी ख्वाहिश पर
तू देख लेना पिघलजाएगा मोम की तरह
ऐ आस्मां पर बिजली गिराने वाले
मुझे यूँ टूटे खिलोने देकर
बहलाने वाले
एक दिन तू ही करेगा मुझ से खिताब
कहेगा
बोल क्या चाहता है
ए मुझे खुद से भी ज़यादा चाहने वाले ,,,,,,,,,,,,,,,
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