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13 मार्च 2014

बेटी के ससुरालवाले कर रहे थे तंग, तो एएसआई ने थाने में खुद को मार ली गोली



इंदौर. संयोगितागंज थाने में पदस्थ एएसआई फूलसिंह पाल ने गुरुवार दोपहर थाने में सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। साथी उन्हें अस्पताल ले गए। गोली सिर के आर-पार हो जाने से कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। बेटे ने आरोप लगाया कि विभाग की अनदेखी के कारण पिता ने जान दे दी। वे बेटी के ससुरालवालों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कई दिनों से भटक रहे थे। 
 
एएसआई पाल दोपहर 3 बजे थाने पहुंचे। एएसआई ओके मिश्रा ने बताया पाल तेजी से थाने में आए थे। विवेचक कक्ष में गए। तीन-चार मिनट बार वहां से गोली चलने की आवाज आई। हम व सिपाही दौड़कर वहां गए तो पाल लहूलुहान मिले। उन्होंने कनपटी पर दायीं तरफ से  सर्विस रिवाल्वर सटाकर फायर किया था। एमवाय अस्पताल में एक घंटे बाद उनकी मौत हो गई।
 
एएसआई की बेटी ने एसपी से पूछा- आप ड्यूटी पर थे ना, बताओ मेरे पापा को क्या हुआ
 
संयोगितागंज थाने में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले एएसआई फूलसिंह पाल की मंझली बेटी ने अस्पताल आए पुलिस अधिकारियों से सीधे सवाल किए। उसका दर्द और आंसू देख अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके। वे उसे ढांढस बंधाने की कोशिश करते रहे।
 
एसपी ओपी त्रिपाठी जब अस्पताल पहुंचे तो एएसआई की बेटी ने कहा- मेरे पापा को क्या हुआ आप बताओ? वे घर से तो अच्छे-भले गए थे। आप एसपी हो ड्यूटी पर थे ना, आप बताओ क्या हुआ पापा को? थाने वाले कोई कुछ बता नहीं रहे, क्या परेशानी थी उनको, मुझे कारण जानना है। एसपी पूरे समय उसे समझाने की कोशिश करते रहे। उन्होंने कहा- अभी प्राथमिकता उनकी सेहत देखने की है। हम पता लगाएंगे। पुलिस को तो पता चल गया था कि एएसआई नहीं रहे, लेकिन परिवार को बताने की हिम्मत अधिकारी नहीं कर पा रहे थे।
 
सेवानिवृत्त होने वाले थे
 
टीआई धैर्यशील येवले ने बताया नवंबर, 2011 में प्रमोशन के बाद से पाल थाने पर पदस्थ थे। इससे पहले वे एमजी रोड थाने पर प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत थे। जनवरी, 2016 में वे सेवानिवृत्त होने वाले थे।
 
मैं एक बजे से कॉल लगा रही थी
 
एएसआई की पत्नी श्यामकुंवर का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। उन्होंने बताया फूलसिंह घरवालों को अपनी परेशानी बताने में संकोच करते थे। बुधवार रात वे 10 बजे घर लौट आए थे। सुबह 6 बजे उठे और कहीं चले गए। 10 बजे लौटे और एक घंटा सोने का कहा। 11 बजे घर से निकल गए। 1 बजे से मैं उन्हें खाना-खाने के लिए कॉल लगा रही थी, लेकिन उनका मोबाइल बंद था। 3.30 बजे पुलिसकर्मी घर आए तो हमें घटना का पता चला।

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