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01 सितंबर 2014

टीचर्स डे पर मोदी के संबोधन के लिए बच्‍चों को स्‍कूल बुलाए जाने पर बवाल, स्‍मृति ने दी सफाई

फाइल फोटो: बच्‍चों के साथ नरेंद्र मोदी 
 
नई दिल्‍ली: 5 सितंबर को टीचर्स डे के मौके पर पीएम नरेंद्र माेदी के भाषण के दौरान सभी स्‍कूलों में बच्‍चों की मौजूदगी सुनिश्‍च‍ित कराने से जुड़े सरकारी आदेश पर विवाद बढ़ता जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से देश के सभी स्‍कूलों को जारी आदेश में कहा गया है कि 5 सितंबर को बच्चे दोपहर 3 बजे से पीएम का भाषण सुन सकें, इसकी व्‍यवस्‍था की जाए। गैर बीजेपी राज्यों में इस आदेश का विरोध शुरू हो गया है। वहीं, पश्‍च‍िम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इसका पालन करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, मानव संसाधन मंत्री स्‍मृति र्इरानी ने सोमवार को साफ किया कि पीएम का भाषण सुनना ऐच्‍छ‍िक है। ईरानी ने कहा, ''यह बच्‍चों की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह भाषण सुनना चाहते हैं कि नहीं। मुझे लगता है कि किसी तरह का मिसकम्‍यूनिकेशन हुआ है। '' 
 
क्‍या है मामला 
सभी स्‍कूलों को सर्कुलर जारी करके कहा गया है कि 5 सितंबर को दोपहर ढाई बजे से 5 बजे के बीच होने वाले इस इवेंट के लिए जरूरी तैयारियां की जाएं। मोदी बच्‍चों को न केवल संबोधित करेंगे, बल्‍क‍ि एक सवाल-जवाब का सेशन भी होगा। इस बातचीत का प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा। इसके अलावा, मानव संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट पर भी इसकी लाइव स्‍ट्रीमिंग की जाएगी। मोदी दिल्‍ली के स्‍कूली बच्‍चों के साथ आमने-सामने बातचीत करेंगे, जबकि लेह, लद्दाख, पोर्ट ब्‍लेयर, सिलचर और इंफाल जैसे सुदूर के इलाकों तक सैटेलाइट लिंक के जरिए जुड़ेंगे। सभी स्‍कूलों को सोमवार शाम 5 बजे तक यह रिपोर्ट दाखि‍ल करनी थी कि कितने बच्‍चे कार्यक्रम में शामिल होंगे और अधिकारियों ने इसके लिए क्‍या तैयारियां की हैं। कुछ स्‍कूलों ने तो अभ‍िभावकों को संदेश भेजकर कहा है कि वे अपने बच्‍चों की कार्यक्रम में मौजूदगी सुनिश्‍च‍ित करें। वहीं, दिल्‍ली सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि तैयारियों में किसी तरह की ढील होने पर सख्‍ती बरती जाएगी। 
 
क्‍या है विरोध 
अधिकतर स्‍क‍ूलों के प्रिंसिपल कार्यक्रम की टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकतर स्‍कूल दोपहर तक बंद हो जाते हैं, ऐसे में दोपहर 3 बजे से कार्यक्रम आयोजित करने का क्‍या औच‍ित्‍य है? वहीं, कुछ टीचर्स का कहना है कि उन्‍हें इस कार्यक्रम की वजह से शाम 5 बजे तक स्‍कूल में रूकना होगा। टीचरों के लिए मनाए जाने वाले इस खास दिन पर क्‍या यह ज्‍यादती नहीं है? वहीं, विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर इस पूरी प्रक्र‍िया के जरिए राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं। उनका कहना है कि क्‍या बच्‍चों को बुलाकर भाषण सुनाना जरूरी है? 
 
क्‍या कह रही हैं पार्टियां 
कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने कहा, 'सरकार अध्‍यापकों, स्‍टूडेंट्स और अभिभावकों सभी के लिए परेशानी पैदा कर रही है। पीएम को अपने भाषण का शेड्यूल बदलना चाहिए।'  
 
पश्‍च‍िम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, 'हमें केंद्र सरकार के निर्देश मिले हैं, लेकिन हम इसका पालन नहीं करेगे। हम अपनी योजना के मुताबिक ही कार्यक्रम आयोजित करेंगे।'  
 
शिवसेना के प्रवक्‍ता संजय राउत ने कहा, 'अगर केंद्र सरकार ने टीचर्स डे के संदर्भ में कुछ फैसला लिया है तो यह सबके लिए है। पीएम के पास ऐसे फैसले लेने का पूरा अधिकार है।' 
 
बीजेपी की सहयोगी पीएमके के नेता रामादौस ने कहा, 'हम पीएम के बच्‍चों से बातचीत करने के फैसले का स्‍वागत करते हैं, लेकिन हम इसे गुरु उत्‍सव नाम दिए जाने का विरोध करते हैं। यह संस्‍कृत थोपने की कोशिश है, जो कबूल नहीं है। '

पहचान रहने दे

Ajay Pandey

मेरी गंगो जमन तहज़ीब की पहचान रहने दे
ये नफरत से भरी बातें ,अरे नादान रहने दे
तुझे बनना है हिन्दू या तुझे होना है मुस्लिम तो
मुआफ़ी दे मुझे , मुझको अभी इंसान रहने दे
सुखन में इसके खुशबू है मेरे भारत की मिट्टी की
मेरे हाथों में तू ग़ालिब का ये दीवान रहने दे
बता दे किस तरह गुज़रे बिना साहिर के गीतों के ?
मेरे कानों में तू मेरे रफ़ी की तान रहने दे
न कोई बच्चा बाबर का न कोई है हुमायूँ का
इन्हे तू हिन्द की मिट्टी की ही संतान रहने दे

शून्य हैं .."आप"


मर चुकी मानवीय संवेदनाओं को अपने "आप" में जीवित किये बिना...
शून्य हैं .."आप"
सिर्फ और सिर्फ नारे लगा लेने से..
लाउडस्पीकर से देश प्रेम के और भावुकता भरे..गाने बजा लेने से..क्या 'अंदरूनी' परिवर्तन आएगा..
पहले..."बदलें अपने आप को..
फिर ..."बदलें हिंदुस्तान को..

कितने शर्म की बात है

कितने शर्म की बात है विश्व के सबसे शक्तिशाली सबसे बढ़े लोकतंत्र भारत के छप्पन इंच के सीने वाले ,,अच्छे दिनों का नारा देने वाले प्रधानमंत्री जो देश के सभी सांसदों की क्लास लगाते है उन्हें एक छोटे से देश जापान के एक छोटे से शहर के अदने से मेयर यानी महापौर से टिप्स लेना पढ़ रहे है ,,भारत की तो गिरा दी यार ,,हमारे यहां के मेयर दो हज़ार है,,,,,,,अख़बार की खबर ,,,,मोदी की जापान यात्रा: क्‍योटो के मेयर ने पीएम को दिए स्‍मार्ट सिटीज बनाने के टिप्‍स,,,,,,,

ओहदों के लिए


दरबार में जब ओहदों के लिए
पैरों पे अना गिर जाती हैं,
कौमो के सर झुक जाते हैं
चकरा के हया गिर जाती हैं !
अब तक तो हमारी आँखों ने
बस दो ही तमाशे देखे हैं,
या कौम के रहबर गिरते हैं
या लोकसभा गिर जाती हैं !!
(जनाब मुनव्वर राना

वोह सोचते है

वोह सोचते है
उनकी बेरुखी
उनकी बेवफाई से
मेरा प्यार कम हो जाएगा
गलत सोचते है
मेरा प्यार फौलाद है
सिर्फ दिखावा नहीं
दिल से है मेरा प्यार
ऐसा सोचते है
तो गलत सोचते है
यूँ ही बेकार में
मत करो अपना वक़्त बर्बाद
आ जाओ आ जाओ ,,,

सत्ता के भूखे भेड़िये ,

सत्ता के भूखे भेड़िये ,,धर्म के बिकाऊ लीडर ,,,तवायफ से भी बदतर बिकाऊ मिडिया ,,हमारे देश के लोगों को भूख ,,गरीबी ,,बेघर लोगों ,,भ्रष्टाचार ,,,मिलावट खोरी ,,सटोरियों और महंगाई ,,देश की सुरक्षा के बारे में तो सोचने का वक़्त ही नहीं देते ,,हम लोग भी इन लोगों के इस छलावे में आकर धर्म धर्म ,,मंदिर मस्जिद ,,हिन्दू मुस्लिम ,,नफरत का खेल खेलने में अपना सारा वक़्त लगा देते है ,,देश और देश की समस्याओं पर विचार के लिए हमारे पास वक़्त नहीं है तो फिर क्या हम घंटा के राष्ट्रभक्त और हिन्दुस्तानी है ,,हम मतलबी है ,,देश और देश की समस्याओ भागने वाले भगोड़े है ,,,,एक नादान बच्चे है जो सत्ता की चाशनी पीने वालों के बहकावे में आकर सत्ता के गिरेहबान पर अपना हाथ नहीं डालते और आपस में ही उलझे रहते है ,,,,,,,अख्तर

बीमार लिख दिया;

नब्ज़ मेरी देखी
और
बीमार लिख दिया;

रोग मेरा उसने
दोस्तों का प्यार लिख दिया;

कर्ज़दार रहेंगे उम्र भर
उस हक़ीम के;

जिसने दवा में
दोस्तों का साथ लिख दिया।.sanjay

क़ुरआन का सन्देश

 
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