आपका-अख्तर खान

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01 सितंबर 2014

ओहदों के लिए


दरबार में जब ओहदों के लिए
पैरों पे अना गिर जाती हैं,
कौमो के सर झुक जाते हैं
चकरा के हया गिर जाती हैं !
अब तक तो हमारी आँखों ने
बस दो ही तमाशे देखे हैं,
या कौम के रहबर गिरते हैं
या लोकसभा गिर जाती हैं !!
(जनाब मुनव्वर राना

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