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28 मई 2013

कोटा जिले की देहात पुलिस में तेनात एक महिला थानाधिकारी चन्द्रज्योति शर्मा सियासत की शिकार

जिस देश के प्रधानमन्त्री का रिमोट सोनिया गाँधी महिला के पास हो .जिस देश की प्रतिपक्ष नेता सुषमा स्वराज महिला हो .जिस देश की लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार महिला हो और जिस राज्य की राज्यपाल महिला मार्गरेट अल्वा हो जिस सम्भाग की महिला ममता शर्मा राष्ट्रिय महिला आयोग की चेयरमेन हो उसी सम्भाग के कोटा जिले की देहात पुलिस में तेनात एक महिला थानाधिकारी चन्द्रज्योति शर्मा अगर सियासत की शिकार   बनाकर लाइन में भेज दी जाए तो फिर महिलाओं के लियें   इंसाफ कहाँ रह जायेगा .कोटा देहात पुलिस अधीक्षक कार्यक्षेत्र में स्थित सीमल्या थाने के एक थानेदार को हटाकर राजस्थान सरकार में इमानदारी का प्रतीक बने केबिनेट मंत्री भरत सिंह के क्षेत्र में महिला थानाधिकारी चन्द्रज्योति शर्मा को लगाया था पहले दिन से ही कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उसे टार्गेट बनाकर बदनाम करने और षड्यंत्रों में फंसने की कोशिशों में जुटे थे .इस महिला अधिकारी चन्द्रज्योति ने अपने साहस सुझबुझ के बल पर सिमलिया ठाणे के सभी अवेध कारोबारियों को सबक सिखाया अवेध शराब ..अवेध सट्टे के कारोबार जब बंद हो गए पुलिस की अवेध आमदनी बंद हो गयी तब कुछ लोगों ने इस महिला पुलिस अधिकारी को टारगेट बनाया पहले पुलिस अधिकारीयों को झूंठी शिकायते की गयी फिर नहीं बस चला तो फर्जी कार्यवाही कर भ्रष्टाचार निरोधक मामले में फंसाना चाहा वहां भी असफल रहे तो पुलिस अधिकारी और फर्जी शिकायत करता षड्यंत्रों की हद करते रहे आवाज़ बनाई रिश्वत के लियें उकसाया मुकदमा रिश्वत के लियें उकसाने वालों के खिलाफ दर्ज होना चाहिए लेकिन उलटा महिला थानाधिकारी को परेशान करना शुरू किया गया तब बस नहीं चला तो एक स्मेक्ची जो एक पुडिया में अपना इमान बेच देता है उसकी फर्जी शिकायत पर मनमाने तोर पर इस महिला पुलिस अधिकारी को ठाणे से हटा दिया गया इधर इस महिला को हटाया उधर अवेध कारोबारियों ..शराब माफियाओं ..सटोरियों की चढ़ बनी उन्होंने मिठाइयां बांटी ...पार्टियाँ की लेकिन दूसरी तरह इलाके की सभी निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों ने इसका पुरजोर विरोध किया और पंच ..सरपंच ..डाइरेक्टर सहित सभी महिलाओं ने इस महिला पुलिस थानाधिकारी के पक्ष में पुलिस अधीक्षक कार्यालय घेर लिया लेकिन एक ईमानदार मंत्री के कहने पर नियुक्त की गयी जांबाज़ महिला पुलिस अधिकारी को काले कारोबारियों और पुलिस की सांठ गाठ का शिकार होना पढ़ा ..एक तरफ तो एक स्मेक्ची जो एक पुडिया में अपना ईमान बेचता है उसकी फर्जी शिकायत पर सिमलिया से महिला थानाधिकारी को  हटाया गया है दूसरी तरफ केथुन और मंडाना ठाणे के थानाधिकारियों के खिलाफ स्थानीय कोंग्रेस जनप्रतिनिधियों द्वारा पुख्ता शिकायतें पेश करने के बाद भी उन्हें अब तक नहीं हटाया  गया है ..यही तो फर्क है एक महिला पुलिस अधिकारी और पुरुष पुलिस अधिकारी में शर्म आती है ऐसी व्यवस्था पर .थु थु है ऐसी व्यवस्था पर .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

धर्मगुरुओं की सियासी चापलूसी कर पद हथियाने के बाद देश में भ्रष्टाचार और पतन की शुरुआत हुई

 धर्मगुरुओं की सियासी चापलूसी कर पद हथियाने के बाद देश में भ्रष्टाचार और पतन की शुरुआत हुई
दोस्तों मेरे एक फेसबुक मित्र से चर्चा के दोरान एक तथ्य ...एक चिंतन ..एक शोध विचार उभर कर सामने आया है के भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा धार्मिक लोगों के राजनीति में आने की ललक प्रमुख देन है ..आज़ाद भारत में जब दंगे फसादात का माहोल था हिन्दू मुस्लिम दंगे हो रहे थे भारत पाकिस्तान बंटवारा हो रहा था तब हमारे इस देश में एक तो हिन्दू बन गया और एक मुसलमान बन गया कुछ लोग जो हिन्दुस्तानी बने वोह आज वोटर बनकर आम आदमी बनकर धक्के खा रहे है लेकिन दोस्तों आप सभी जानते है धर्म की सियासत करने वाले लोग आज ऊँचे ओहदों पर है समाज में इजात दर नागरिक के नाम से जाने जाते है ऊँचे मकान बढ़ी बढ़ी गाड़ियाँ इन लोगों के पास है .......जी हाँ दोस्तों भारत की सियासत का आप खुद ओपरेशन करे .देश के इस माहोल के चलते हर पार्टी को देश में सरकार बनाने के लियें आम आदमी ..हिन्दुस्तानी नागरिक से ज्यादा मुसलमान ..हिन्दू ..सिक्ख . इसाई की जरूरत होती है ........जी हाँ दोस्तों हिन्दू मुस्लिम या कोई भी जाती समाज के धर्म गुरु हों इन्होने देश की राजनीति को समझा दिया है के उनके मजहब से जुड़े लोग उनके ही पीछे है और इसीलियें आज सियासी मंचो पर आम हिन्दुस्तानी कम हिन्दू और मुस्लिम धर्मगुरु ज्यादा नज़र आते है .......धर्मगुरुओं ने अपने अपने धर्म का प्रचार प्रसार ..शुद्धिकरण ..अपने धर्म के लोगों को शिक्षा देने का काम तो त्याग दिया है और सियासत की दोड़ में कुर्सी हथियाने की कोशिशों में जुटे है ....इससे समाज में तो विक्रति आई है क्योंकि धर्मगुरु धर्म को उनकी समर्थित पार्टी की तरफ लेजाकर वोट बेंक बनाने की कोशिश में धर्म को भूल गए है ..भाई को भाई से लड़ा रहे है हिन्दुस्तान का अस्तित्व हिन्दुस्तानी के रूप में जो बना था उसे खत्म कर में हिन्दू में मुसलमान में सिक्ख में इसाई का माहोल बना रहे है और अब कोई भी सियासी पार्टी हो उसने राजनीति में इसे अपनी जरूरत मान लिया है हालात यह है के हर पार्टी में अब सभी धर्मों के धर्मगुरु मस्जिद ..मन्दिर ... मजार ... मट्ठ ..पाठ शालाएं मदरसे छोड़ कर सियासत के ऊँचे ओहदों पर है पार्टी का आदमी वर्षों पार्टी के झंडे बेनर उठाता है और एक दिन में धर्मगुरु सांसद ....मंत्री ..या फिर किसी बोर्ड ..कोर्पोरेशन का चेयरमेन बन जाता है ..दोस्तों  मोलवी .... मुल्ला ..काजी ..मुफ़्ती ..पंडित .सन्यासी .पुजारी ..महंत के सियासत में आने से धर्म अशुद्ध हो गया है धर्म की शिक्षा देने वाले भ्रष्ट हो गये है साधू सन्यासी पीर फकीर जो सरकार को शिक्षा और उपदेश देते थे उनके मुंह सियासी निवाले के बाद सिल गए है धर्म तो गया लेकिन सियासत और देश का भी बहुत बढ़ा नुकसान हुआ है इन लोगों ने कुर्सियों पर बेठ कर भ्रष्टाचार को नजराना ...हदिया .भेंट पूजा ....चंदा .........जुरमाना .....उपहार .दक्षिण के नाम पर भ्रष्टाचार को आम कर दिया है कोई भी धर्म किसी भी धार्मिक गुरु को बिना कुछ रोज़गार किये हराम की कमाई की इजाज़त नहीं देता है .याने कोई भी व्यक्ति किसी रोज़गार के बाद ही कुछ कमाएगा और फिर वोह उसे अपने व् अपने परिवार का पेट भरेगा लेकिन उपहार ..नजराना ......हदिया .भेंट पूजा के नाम पर धर्म और धर्म के सिद्धांतों को बेचने वाले धर्म के नाम पर सियासत करने वाले यह लोग अपना निशाना कुर्सी तक लगते है और इसके लिए वोह खुद भी गिरते है और धर्म को भी गिराते है ......एक सियासी समझ वाले व्यक्ति का अनुभव है के ऐसे लोग जब एयर कन्डीशन ट्रेन में सफर करते है तो वहा की चादर कम्बल तक नहीं छोड़ते है ..इतना ही नहीं पांच सितारा होटलों में या फिर सर्किट हाउस सरकारी गेस्ट हाउस में जब यह ठहरते है तो वहां से यह लोग साबुन ..कंगा तोलिया ...चादर तक चुरा लाते है ..इनकी सोच छोटी होने से यह चिंदी चोर कहलाते है और इन्हीं चिंदी चोरों की वजह से राजनीति में भ्रष्टाचार आम हो गया है ..........सियासत यह समझते नहीं इसलिए कुर्सी मिलने पर इनके विभाग में कुप्रबंध चापलूसी और धार्मिकता फेल जाती है ....धर्म का प्रचार यह पार्टी और अपने आका नेता के लियें करते है इसलियें धर्म का सत्यानास यह खुले रूप में करते देखे जाते है ना महबूब मिलता है न विसाले सनम ........धर्म भी गया ..देश भी गया और ठगा गया आम आदमी आम हिदुस्तानी ..कुर्सी और पावर मिलने पर यह अपने मदरसों ..अपने मठों पाठशालाओं के लियें खुला चंदा कर भ्रस्ताचार का तांडव करते है सरकारी खर्च पर लाखों करोड़ो किलोमीटर की यात्राएं बेकार करते है ..यात्राएं इधर उधर   कर सरकार पर बोझ डालते है ....इतना ही नहीं सरकार द्वारा दिया जाने वाला अतिथि सत्कार का भत्ता तक खा जाते है .....अपने सियासी चमचों के साथ यह लोग मुफ्त में मोजमस्ती करने विदेश और देश के महत्वपूर्ण स्थानों अपर सपरिवार घुमने जाते है .....ऐसे चिंदी चोर धार्मिक गुरु जब नेता बन जाते है साधू संत ..पीर फकीर धर्म के नाम पर सियासत करते है तो देश के पतन की शुरुआत देश में भ्रह्स्ताचार का नाम शिष्टाचार भेंट पूजा कर यही लोग करते है कहते है पांचो उँगलियाँ बराबर नहीं होती और सभी धर्मगुरु एक जेसे नहीं होते लेकिन जो धर्मगुर देश की बात करते है जो धर्मगुरु धार्मिक शिक्षा और आचरण की बात करते है वोह आज भी खामोश अपने कामों में जुटे है स्वाभिमान उनकी पूंजी है लेकिन जो लोग धर्म के नाम पर कोंग्रेस भाजपा ओर इन पार्टियों में भी अपने नेता को खुदा से बढ़ा खुदा और भगवान से बढ़ा भगवान समझने लगे है तो जनाब इनके फोलोअर्स भी ऐसे ही होंगे और देश दिशाहीन होकर ठगा जा रहा है .आपके इर्दगिर्द भी कई ऐसे धर्म गुरुओं के सियासत में आने की किस्से होंगे जिन्होंने कुर्सी हथियाने के लियें धर्म बेच कोम बेचीं और अब चिंदी चोर बनकर देश को दीमक बनकर चाट रहे है अगर ऐसी जानकारी हो तो प्लीज़ जनता को उजागर करे ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शादीशुदा लोगों की हर समस्या दूर कर देता है धतूरे का यह प्रयोग



भगवान शिव का परिवार दाम्पत्य जीवन का आदर्श और श्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है। इसलिए गृहस्थी से जुड़ी सारी इच्छाएं भी शिव भक्ति से जल्द पूरी होने वाली भी मानी गई है। 
इसी कड़ी में वैवाहिक जीवन की सफलता में संतान सुख भी अहम होता है। संतान सुख पति-पत्नी ही नहीं कुटुंब और रिश्तों को जोड़ता है। साथ ही संस्कार और परंपराओं को कायम रखता है। 
धर्म, परंपराओं और सामाजिक रस्मों के चलते आज भी पुत्र कामना हर दंपत्ति के मन में होती है। हालांकि आज के दौर में पुत्र-पुत्री का फर्क बेमानी ही है। क्योंकि पुत्र के साथ-साथ पुत्रियां भी हर क्षेत्र में सफलताओं को छू रही है। फिर भी लंबे समय तक किसी न किसी वजह से पुत्र कामना पूरी न हो तो दाम्पत्य जीवन में तनाव और कटुता के कारण पैदा होते भी नजर आते हैं। 
इस समस्या के अलावा भी दाम्पत्य की हर परेशानी दूर करने के लिए यहां बताया जा रहा है शास्त्रों में उजागर धतूरे का खास उपाय। यह उपाय पुत्र कामना पूरी करने, वंश वृद्धि करने के साथ खुशहाल बनाने वाला साबित होता है -   
 
धतूरे का यह पूजा प्रयोग शिव उपासना के विशेष दिन सोमवार को पति-पत्नी दोनों ही यहां बताए तरीके से करें - 
 
- सोमवार के दिन यथासंभव व्रत रखें। शाम के वक्त एक समय भोजन करें या उपवास रखें। 
- सुबह और शाम दोनों वक्त पति-पत्नी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन शिवालय या घर पर ही शिवलिंग को पहले जलधारा अर्पित करें। जल धारा सुख और संतान देने वाली मानी गई है। 
- जलधारा के बाद गंध, अक्षत, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, पूरा नारियल, बिल्वपत्र चढाएं। साथ ही पुत्र कामना के लिए विशेष रूप से धतूरे के फूल यथासंभव लाल डंठलवाला धतूरा चढ़ावें। शास्त्रों के मुताबिक एक लाख फूल चढ़ाने का विधान है। किंतु यह संभव न हो तो भाव से प्रसन्न होने वाले महादेव को यथाशक्ति धतूरे के फूल इस मंत्र के साथ अर्पित करें - 
भवाय भवनाशाय महादेवाय धीमहि। 
उग्राय उग्रनाशाय शर्वाय शशिमौलिने। 
- पूजा के बाद पति-पत्नी दोनों शिव स्तुति, शिव मंत्र या रुद्राष्टक का पाठ करें। 
- शिव को मौसमी फलों, सूखे मेवों या दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाकर पुत्र कामना पूरी होने की प्रार्थना करें। 

बैन हटने के साथ ही फरियादियों का बढ़ी भीड़, मंत्रियों के घर-दफ्तर में लगी लंबी कतार



 जयपुर। राज्य में तबादलों से बैन हटने के तुरंत बाद पहले ही दिन मंत्रियों, विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के यहां कर्मचारियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। मंगलवार को सचिवालय के मंत्रालय भवन में भी दिनभर भारी भीड़ रही। तबादलों की चाहत रखने वाल सरकारी कर्मचारियों की सबसे ज्यादा भीड़ शिक्षा मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा और चिकित्सा राज्य मंत्री राजकुमार शर्मा के चैंबर में रही।

तबादला चाहने वालों की गहमागहमी सीएमआर, सीएमओ, विभिन्न मंत्रियों के आवासों और दफ्तरों में भी काफी रही। तबादलों के इच्छुक राजनीतिक कार्यकर्ता पीसीसी में भी सक्रिय रहे। अपने स्थानांतरण के लिए सचिवालय में आए कर्मचारियों के अपने-अपने तर्क थे। वे कागजों और आवेदन पत्रों के साथ आए थे।


बहुतों ने खुद की या परिवार के किसी सदस्य की बीमारी का हवाला देते हुए अपना तबादला गृह जिले में करने का आग्रह आवेदन में किया था, तो कुछ ऐसे भी थे जिनकी पत्नी या पति जिस शहर में नौकरीपेशा हैं, वहां के लिए तबादले की अर्जी लेकर आए। मंगलवार दोपहर जब ज्यादातर मंत्री अपने चैंबर में नहीं थे, लेकिन उनके इंतजार में कर्मचारी मंत्रालय भवन के बाहर बैठे थे। महिलाएं बड़ी तादाद में नजर आईं और इनमें से काफी के साथ तो बच्चे भी थे।

सभी की अर्जियां लीं
सुबह-सुबह से ही सिविल लाइंस स्थिति मंत्रियों के घरों पर भी कर्मचारियों की भीड़ रही। मुख्य तौर पर शिक्षा मंत्री, चिकित्सा मंत्री, सहकारिता एवं खाद्य मंत्री आदि के सरकारी आवासों पर दिन भर कर्मचारी आते-जाते रहे। मंत्रियों ने भी सभी को सुना और उनकी अर्जियां लेकर उनके तर्क सुने।


शिक्षा विभाग में भी कसरत शुरू
बीकानेरत्नप्रतिबंध हटने के साथ ही शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर कसरत शुरू हो गई है। राज्य सरकार को ऑनलाइन फार्म भरवाने के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। प्रतिबंधित जिलों में भी तबादलों को लेकर उम्मीद जताई जा रही है। यह मामला सीएमओ में लंबित बताया जा रहा है।


पहले नीति बने
अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तु) के प्रदेशाध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि शिक्षा विभाग में तबादला प्रक्रिया तब ही शुरू की जाए, जबकि नीति-निर्देश जारी हों। यदि ऐसा नहीं किया गया तो इसमें धांधली की आशंका बनी रहेगी।

क्लीनिकल ट्रायल से प्रदेश में अब तक 95 मौतें, प्रदेश में बनी 15 एथिक्स कमेटी


 

 जयपुर। क्लीनिकल ट्रायल में हर महीने प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह बात सुप्रीम कोर्ट में लगी एक जनहित याचिका के जवाब में राजस्थान सरकार ने मानी थी। राज्य सरकार ने बताया था कि वर्ष 2005 से 2012 के बीच 95 मरीजों ने ड्रग ट्रायल के दौरान जान गंवाई। पूरे देश में यह आंकड़ा 2644 का रहा। सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए केंद्र को इस मामले में तुरंत सुधार के निर्देश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब केंद्र सरकार की एजेंसी ने प्रदेश के 15 अस्पतालों की एथिक्स कमेटियों को ट्रायल की देखरेख के लिए ऑथोराइज्ड किया। इनमें से 14 अकेले जयपुर में ही हैं। एक अन्य अजमेर के अस्पताल की है। सभी कमेटियां ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के अधीन रहेंगी व वक्त-वक्त पर रिपोर्ट सौंपेंगी। जानकारों के मुताबिक एथिक्स कमेटियां पहले भी होती थीं, लेकिन वे डीसीजीआई के तहत ऑथोराइज्ड नहीं होती थीं।
जयपुर में एकसाथ इतनी कमेटियां क्यों?
डीसीजीआई के डॉ. जीएन सिंह के मुताबिक जयपुर के अस्पतालों में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार विकास कर रहे हैं। कई बड़े निजी अस्पताल यहां खुल चुके हैं और भी कई खुलने हैं। यहां वे सारी सुविधाएं हैं, जो किसी दवा या क्लीनिकल प्रोसिजर के ट्रायल के लिए जरूरी होती हैं। हालांकि क्लीनिकल ट्रायल करने वाले सभी डॉक्टरों व अस्पतालों की मॉनिटरिंग डीसीजीआई करेगा और वह उनका कभी भी आकस्मिक निरीक्षण कर सकता है।
इन अस्पतालों की एथिक्स कमेटियों को मंजूरी 
1. एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं संबंधित अस्पताल।
2.  भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर।
3. थायराइड एंड एंडोक्राइन सेंटर। 4. फोर्टिस हॉस्पिटल।
5. एसआर कल्ला हॉस्पिटल। 6.  मोनीलेक हॉस्पिटल।
7. सीतादेवी हॉस्पिटल। 8. यादव मेंटल हॉस्पिटल।
9. महात्मा गांधी कॉलेज हॉस्पिटल। 10. सोमानी हॉस्पिटल।
11. स्वास्थ्य एथिक्स कमेटी गामा इमेजिंग, त्रिमूर्ति सर्किल।
12.  संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल। 13. सोनी हॉस्पिटल।
14. हार्ट एंड जनरल हॉस्पिटल।

कमेटी को देनी होंगी ये जानकारियां
केंद्र सरकार के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार एथिक्स कमेटी की संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इसमें सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर व योग्यता सहित क्लीनिकल रिसर्च का प्रकार, हर साल की जाने वाली बैठक व मिनिट्स की कॉपी, ट्रायल के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट्स, ट्रायल करने वाले डॉक्टर की मरीज का सहमति-पत्र, ट्रायल के दौरान मरीज की मौत होने पर 21 दिन के भीतर डीसीजीआई को रिपोर्ट भेजना, रिकॉर्ड की सॉफ्ट व हार्ड कॉपी का उपलब्ध रखना जरूरी होगा।
 

करोड़ों के फ्रॉड में फिल्म अभिनेत्री गिरफ्तार, लिव इन पार्टनर संग कर रही थी मौज



नई दिल्ली। दक्षिण भारत की एक्ट्रेस लीना मारिया पॉल (25) को दिल्ली पुलिस ने चेन्नई पुलिस के साथ मिलकर फतेहपुर बेरी स्थित एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया है।
 
उस पर केनरा बैंक से 25 करोड़ की ठगी करने का आरोप है। वारदात के बाद से ही वह अपने प्रेमी के साथ फरार थी। गिरफ्तारी के वक्त लीना के पास से 9 महंगी कार और 81 महंगी हाथ घड़ी बरामद हुई है।
 
उसकी सुरक्षा में छह पीएसओ तैनात थे। सभी पर गैरकानूनी तरीके से दिल्ली की सीमा में हथियार लाने के कारण आम्र्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
 
लीना मद्रास कैफे, थाउजैंड इन गोवा, कोब्रा, रेड चिल्ली जैसी फिल्मों में काम कर चुकी है। चेन्नई क्राइम ब्रांच ने उस पर आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र की धारा के तहत इसी वर्ष मुकदमा दर्ज किया था।

हकीकत ने दी फिल्म को मातः पूरे देश ने देखा एक बिटिया को रचते इतिहास

हकीकत ने दी फिल्म को मातः पूरे देश ने देखा एक बिटिया को रचते इतिहास


नागदा। अनिल कपूर की फिल्म 'नायक' की तर्ज पर नागदा की सुनंदा खैरवार मंगलवार को एक दिन के लिए नगरपालिका अध्यक्ष बनीं। हालांकि 'नायक' में अनिल कपूर एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे। दरअसल 12वीं में नागदा टॉपर बनने पर शहर ने सुनंदा का स्वागत कुछ इसी तरह करने का फैसला किया था। उसके स्वागत में शहर के प्रमुख मार्गों पर चल समारोह निकाला। अध्यक्ष की कुर्सी सौंपने के लिए नपा अध्यक्ष शोभा गोपाल यादव काफिले के साथ सुनंदा के घर पहुंची और उन्हें लेकर नपा कार्यालय पहुंची। सुनंदा ने 40 लाख रुपए से बने जिम व सुविधाघर का लोकार्पण किया। सुनंदा ने गांवों में प्राइमरी स्कूलों का स्तर सुधारने की जरूरत बताई और कहा- स्कूलों में शौचालय भी बनाए जाने चाहिए।
 
माथे पर लगा कुमकुम तिलक। चेहर पर सजी गर्वीली मुस्कान। हवा में लहराते हाथ। सड़क के दोनों लगा शहरवासियों का हुजूम। जिधर देखो उधर से बरसते फूल। मंगलवार सुबह 11 बजे का यह आंखो देखा हाल माशिमं 12वीं बोर्ड परीक्षा में नागदा टॉपर रही सुनंदा खैरवार को एक दिन का नपाध्यक्ष बनाने के लिए आयोजित जलसे का है। शहर का गौरव बनी सुनंदा को अध्यक्ष की कुर्सी सौंपने के नपाध्यक्ष शोभागोपाल यादव वाहनों का काफिला लेकर बिरलाग्राम श्रमिक बस्ती पहुंची।
 
खुली जीप में सवार होकर सुनंदा जुलूस के रूप में नपा कार्यालय पहुंची तो हैरान रह गई। हरे चटख रंग का मखमली कॉलीन और नपा अधिकारियों, पार्षदों व कर्मचारियों के हाथों में पुष्पमालाएं उसके स्वागत को आतुर थी। इसी बीच स्वयं को मिल रहे सम्मान से आश्र्वयचकित सुनंदा चाह कर भी बूंदों का आंखों में सहेज नहीं पाई। नपा की कुर्सी पर बैठने के बाद सुनंदा ने जो कहा वो संबोधन किसी सधे राजनीतिक का था। सुनंदा ने कहा मजबूत नींव पर ही महल बनाया जा सकता है। गर्व के क्षण है। आपने बोलने का अधिकार भी दिया है। इसलिए प्रतीकात्मक अध्यक्ष ही सही मेरे सुझाव पर अमल करना ही मेरा असली सम्मान होगा। मेरे मत में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक शालाओं का स्तर सुधारने की आवश्यकता है, क्योंकि वहीं से समाज के निर्माण की शुरूआत होती है।
 
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सबसे पहला कदम प्रत्येक सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय बनाने की जरूरत है। हालात बदतर है। मप्र के 10 हजार ४७१ स्कूलों में लड़कियों के लिए सुविधाघर नहीं है। कहीं है तो टूटे फूटे है या अपूर्ण है।
 
युवाओं को आना होगा राजनीति में
 
आदर्श समाज की स्थापना के लिए युवाओं को राजनीति में दखल करना होगा। सुनंदा ने कहा शिक्षा के प्रति संजीदा व मेधावी विद्यार्थियों को सम्मान देने की दिशा में नपाध्यक्ष श्रीमती यादव का कदम देश के इतिहास में बिरला ही अवसर है। आज मेरा सम्मान हुआ है। कल मेरी जगह कोई और होगा। यह कड़ी टूटे नहीं। यहीं कामना है प्रार्थना है।
  इतिहास में हुआ पहली बार
नागदा। देश के इतिहास में पहली बार एक दिन की नपाध्यक्ष बनने का मौका माशिमं की कक्षा 12वीं में नगर टॉपर बनी सुनंदा खेरवार को मिला। मंगलवार को शान के साथ सुनंदा का सम्मान जुलूस नगर के प्रमुख मार्गों से होकर नपा कार्यालय पहुंचा। जहां नपाध्यक्ष शोभा गोपाल यादव ने प्रतिकात्मक रुप से अपनी कुर्सी सुनंदा को सौंपी। इसके बाद करीब 40 लाख के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया गया।
 
मंगलवार सुबह 11 बजे सुनंदा खेरवार के निवास स्थान एफ ब्लॉक से जुलूस की शुरुआत हुई। जो बिरलाग्राम मार्केट, गर्वनमेंट कॉलोनी, रतलाम फाटक, चंबल सागर मार्ग, मिर्ची बाजार, एमजी रोड, जवाहर मार्ग, बस स्टैंड होकर नपा कार्यालय पहुंचा। शहर की बेटी के सम्मान में चौराहे-चौराहे पर स्वागत द्वार लगे हुए थे। खुली जीप में सुनंदा ने सभी का अभिनंदन स्वीकार कर धन्यवाद दिया। जुलूस में जहां नपा पार्षदगण, कर्मचारी व शहरवासी शामिल थे तो गाडिय़ों का काफिला भी काफी लंबा था।
 

कुरान का सन्देश

 

रास्ते ले कर चल पड़े हैं मुझको रिश्तों से बहुत दूर, ---आवाज़ मत दो.

"रास्ते ले कर चल पड़े हैं मुझको रिश्तों से बहुत दूर,
---आवाज़ मत दो.
रिश्ते कलेंडर से टंगे हैं मेरे जेहन में
तकदीर में जो दर्ज थीं तारीख अब तहरीर में तपती हुई हैं
बदलते मौसमों का रंग ...रंग में राग शामिल है
हवन की अग्नि साक्षी है की जिसकी आग शामिल है
दुआएं दूसरों की और अपना दहकता सा दंभ
घृणा की बारूद से सुलगे प्यार के थे वही जुमले
वह गमले में रोपा था जिसे तुलसी का वह पौधा
वह इमारत जिसमें लिखी थी प्यार की कितनी इबारत, ---छोड़ आया हूँ
हौसले अब लौटने के हासिये पर हैं अदालत की मिसिल में
अब चलूँ मैं गलती अगर मेरी थी तो गलतियां तेरी भी थी
राहगीरों को हम सफ़र समझो तो तेरी भूल है
अब छलकते छल के रिश्ते हैं यहाँ हर मोड़ पर
कुछ आह,
कुछ आशा बटोरे
मैं चला उस ओर
सूरज डूबता है अब जहां
और चन्दा उग रहा है अब पराजित सा
रास्ते ले कर चल पड़े हैं मुझको रिश्तों से बहुत दूर, ---आवाज़ मत दो.
मैं जानता हूँ
...मानता हूँ
--- क्षितिज का छल मुझे निश्छल बना देगा." ---- राजीव चतुर्वेदी

मेरे जज्बात से जुड़े

मेरे जज्बात से जुड़े
लिखे गए हर अलफ़ाज़ को
वोह अपनी कहानी समझते है
मेरे अल्फाजों में छुपे दर्द को
वोह अपना दिया हुआ दर्द
इन अल्फाजों में छुपे महके प्यार को
वोह अपना प्यार समझते है
सोचता हूँ
कितने नादान है वोह
यह तो मुस्व्विरी है
यह तो बाजीगरी है अल्फाजों की
में उनके लियें
उनके प्यार में
उन्हें पाने के लियें
उन्हें पढाने के लियें
उन्हें रिझाने के लियें
लिख रहा हूँ
ऐसी नादानी भरी समझ
वोह क्यूँ और किस्लियें रखते है
अगर वोह ऐसा समझते है
तो लो
आज फिर हम उन्हें
अपनी दोस्ताना लिस्ट से
बाहर बिलकुल बाहर करते है ......
अख्तर खान अकेला कोटा

दुकानों पर लगे बिकनी पहने लेडीज पुतले पुरुषों को करते हैं गलत हरकत करने के लिए मजबूर?

दुकानों पर लगे बिकनी पहने लेडीज पुतले पुरुषों को करते हैं गलत हरकत करने के लिए मजबूर?


मुंबई. मुंबई के कपड़ों की पर बिकनी पहने हुए महिलाओं के पुतले लगाना जल्द ही इतिहास का हिस्सा हो सकता है। पुरुषों की 'दुकानों गलत हरकत' को रोकने के मकसद से 227 पार्षदों वाली बीएमसी की आम सभा ने सबकी सहमति से एक प्रस्ताव पास किया है, जिसके तहत मुंबई में गारमेंट शॉप पर बिकनी पहने हुए पुतले लगाने पर रोक लगाई जा सकती है। इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने के लिए अब सिर्फ बीएमसी कमिश्नर की हरी झंडी का इंतजार है। 
 
इस प्रस्ताव को बीजेपी की पार्षद 39 साल की कॉमर्स ग्रैजुएट रितु तावड़े ने 26 अप्रैल को पेश किया था जिसे 16 मई को पास कर दिया गया। देश में सबसे ज्यादा रेप जिन शहरों में होता है, उस लिस्ट में मुंबई दूसरे नंबर पर है। इस प्रस्ताव के बारे में तावड़ने ने कहा, 'ऐसे भद्दे पुतले लगाना अश्लीलता है और इससे पुरुष गलत हरकत कर सकते हैं।'
 
3 लाख रुपये तक बिक रही है ब्रा 
 
सोने से बनी ब्रा, अंडरवेयर और नाइट गाउंस के दाम भी सुनकर अच्छे अच्छों के पसीने छूट सकते हैं। ब्रिटेन में बिक रहे सोने के ऐसे लॉन्जरी आइटम 1.5 लाख से लेकर 3 लाख रुपये तक बिक रहे हैं। 
 
24 कैरेट सोने की ब्रा बनी बाजार की रौनक 
 
ब्रिटेन में लॉन्जरी बनाने वाली कंपनी ने 24 कैरेट सोने से बने अंडरगारमेंट पेश किए हैं। रोकोको डेसुअस नाम के इस लॉन्जरी ब्रैंड को विक्टोरिया सेक्रेट की पूर्व डिजाइनर ब्रिना ली ने डिजाइन किया है। इसमें ब्रा, अंडरवेयर और नाइट गाउंस शामिल हैं। 
महिलाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएगा सोने से बना अंडरगारमेंट! 
 
सोने से बने अंडरगारमेंट को इस तरह से तैयार किए जाने का दावा किया गया है कि यह महिलाओं की त्वचा को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएगा। रोकोको डेसुअस ब्रैंड के इन अंडरगारमेंट की डिजाइनर ली का कहना है कि उन्होंने अंडरगारमेंट को खुद पर आजमाया है और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।

बीजेपी ने जेठमलानी को दिखाया बाहर का रास्ता



नई दिल्ली. मशहूर वकील और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी को बीजेपी से निकाल दिया गया है। सोमवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में राम जेठमलानी को बीजेपी से 6 साल के बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
 
 
राम जेठमलानी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी की जमकर आलोचना की थी। उसके बाद राम जेठमलानी को पार्टी ने सस्पेंड कर नोटिस दिया था। इस नोटिस के जवाब में जेठमलानी के पक्ष से बीजेपी के वरिष्ठ नेता सहमत नहीं थे। बीजेपी ने उन्हें पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और अनुशासनहीनता का दोषी पाया है।

हर सप्‍ताह नई वेश्‍या के पास जाता था साधु, बाजार में आई सीडी तो खुली पोल Agency | May 28, 2013, 13:31PM IST Email Print Comment Show Thumbnails 1 of 4 Photos Previous ImagePrev NextNext Image हर सप्‍ताह नई वेश्‍या के पास जाता था साधु, बाजार में आई सीडी तो खुली पोल अहमदाबाद। अक्‍सर विवादों में रहने वाले स्‍वामी नारायण संप्रदाय का एक साधु सेक्‍स स्‍कैंडल में फंस गया है। साधु को एक सीडी में एक वेश्‍या के साथ पैसे देकर सेक्‍स करते हुए दिखलाया गया है। स्‍वामी नारायण संप्रदाय दुनिया के सबसे अमीर संप्रदायों में से एक है। यहां के साधुओं को पहले भी कई बार समलैंगिक क्रियाओं और सेक्‍स स्‍कैंडल में पकड़ा जा चुका है। गुजरात पुलिस ने तीन शख्‍स को सीडी बनाने के आरोप में अरेस्‍ट कर लिया है। इन तीनों पर आरोप है कि उन्‍होंने साधु को ब्‍लैकमेल करने के लिए वेश्‍या के साथ सेक्‍स करते हुए सीडी बनाई। घटना गुजरात के सेजपुर के पास के विश्‍वमंगल गुरूकुल की है। साधु का नाम नीलकांत स्‍वामी है। इस साधु ने वेश्‍या के लिए पांच से दस हजार रूपये का भुगतान एजेंट को किया था। जिसके बाद कुछ लोगों ने साधु और वेश्‍या के संबंधों की सीडी बनाकर उससे पचास लाख रूपये ऐंठने की कोशिश करने लगे। ब्‍लैक‍मेलिंग से तंग आकर साधु ने अपने संप्रदाय को अपनी करतूतों की पूरी जानकारी देते हुए ब्‍लैक‍मेलिंग के बारे में बताया। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। जिसके बाद संप्रदाय और पुलिस ने मिलकर एक प्‍लान बनाया और 25 लाख रूपये ब्‍लैकमेलर को देने की ठानी। इसके बाद दो स्‍वामी ब्‍लैकमेलर को पैसे देने पहुंचे तो पुलिस ने वहां पांच में से तीन ब्‍लैकमेलर को अपने शिकंजे में ले लिया। इनके पास से एक पैन ड्राइव भी मिली है। जिसमें स्‍वामी और वेश्‍या की अश्‍लील क्लिपिंग है। इन ब्‍लैकमेलरों ने बताया कि साधु को हर सप्‍ताह नई वेश्‍या चाहती थी। जिसकी सप्‍लाई वो लोग ही करते थे। बाजार में सीडी आने के बाद से ही नीलकांत स्‍वामी गायब है। गौरतलब है कि वर्ष 2004 में भी एक ऐसी ही सीडी आई थी, जिसमें स्‍वामी नारायण संप्रदाय के दो स्‍वामियों को एक कॉल गर्ल के साथ सेक्‍स करते हुए दिखाया गया था। इसके बाद 2005 में भी जूनागढ़ में एक पुजारी समेत चार लोगों को पकड़ा गया था। सभी सेक्‍स स्‍कैंडल में शामिल थे।

हर सप्‍ताह नई वेश्‍या के पास जाता था साधु, बाजार में आई सीडी तो खुली पोल


अहमदाबाद। अक्‍सर विवादों में रहने वाले स्‍वामी नारायण संप्रदाय का एक साधु सेक्‍स स्‍कैंडल में फंस गया है। साधु को एक सीडी में एक वेश्‍या के साथ पैसे देकर सेक्‍स करते हुए दिखलाया गया है। स्‍वामी नारायण संप्रदाय दुनिया के सबसे अमीर संप्रदायों में से एक है। यहां के साधुओं को पहले भी कई बार समलैंगिक क्रियाओं और सेक्‍स स्‍कैंडल में पकड़ा जा चुका है।
गुजरात पुलिस ने तीन शख्‍स को सीडी बनाने के आरोप में अरेस्‍ट कर लिया है। इन तीनों पर आरोप है कि उन्‍होंने साधु को ब्‍लैकमेल करने के लिए वेश्‍या के साथ सेक्‍स करते हुए सीडी बनाई।
घटना गुजरात के सेजपुर के पास के विश्‍वमंगल गुरूकुल की है। साधु का नाम नीलकांत स्‍वामी है। इस साधु ने वेश्‍या के लिए पांच से दस हजार रूपये का भुगतान एजेंट को किया था। जिसके बाद कुछ लोगों ने साधु और वेश्‍या के संबंधों की सीडी बनाकर उससे पचास लाख रूपये ऐंठने की कोशिश करने लगे। ब्‍लैक‍मेलिंग से तंग आकर साधु ने अपने संप्रदाय को अपनी करतूतों की पूरी जानकारी देते हुए ब्‍लैक‍मेलिंग के बारे में बताया। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।
जिसके बाद संप्रदाय और पुलिस ने मिलकर एक प्‍लान बनाया और 25 लाख रूपये ब्‍लैकमेलर को देने की ठानी। इसके बाद दो स्‍वामी ब्‍लैकमेलर को पैसे देने पहुंचे तो पुलिस ने वहां पांच में से तीन ब्‍लैकमेलर को अपने शिकंजे में ले लिया। इनके पास से एक पैन ड्राइव भी मिली है। जिसमें स्‍वामी और वेश्‍या की अश्‍लील क्लिपिंग है। इन ब्‍लैकमेलरों ने बताया कि साधु को हर सप्‍ताह नई वेश्‍या चाहती थी। जिसकी सप्‍लाई वो लोग ही करते थे। बाजार में सीडी आने के बाद से ही नीलकांत स्‍वामी गायब है।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में भी एक ऐसी ही सीडी आई थी, जिसमें स्‍वामी नारायण संप्रदाय के दो स्‍वामियों को एक कॉल गर्ल के साथ सेक्‍स करते हुए दिखाया गया था। इसके बाद 2005 में भी जूनागढ़ में एक पुजारी समेत चार लोगों को पकड़ा गया था। सभी सेक्‍स स्‍कैंडल में शामिल थे।

कर्मा के बेटे ने की सीबीआई जांच की मांग, कहा- नरसंहार नक्‍सली हमला नहीं राजनीतिक साजिश का नतीजा



रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए नक्‍सली हमले (देखें एक्‍स्‍क्‍लूसिव तस्‍वीरें) की जिम्‍मेदारी तो भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने ले ली है, लेकिन इस हमले के पीछे राजनीतिक साजिश की भी बू आने लगी है। हमले में मारे गए नेता महेंद्र कर्मा के बेटे ने तो साफ तौर पर इस नरसंहार को  राजनीतिक साजिश का नतीजा बताया है। कर्मा के बेटे दीपक कर्मा ने साफ कहा है कि शनिवार को नक्सली घटना नहीं हुई है। यह राजनीतिक साजिश है। अगर केवल महेंद्र कर्मा की मौत होती तो कहा जा सकता था कि यह नक्सली वारदात है। नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल की मौत से संदेह गहरा जाता है। इसलिए पूरी घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। दीपक ने यह मांग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह से भी की है। 
 
यही नहीं, घटना के पीछे राजनीतिक साजिश की बू उठने की और वजह भी है। 

साजिश का शक और गहराया 
 
परिवर्तन यात्रा के तयशुदा कार्यक्रम में किया गया बदलाव कई संदेहों को जन्म दे रहा है। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक परिवर्तन यात्रा के तहत कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के विधानसभा क्षेत्र (कोंटा) के सुकमा में 22 मई को सभा रखी गई थी। इस दिन सिर्फ यही एक कार्यक्रम तय था, लेकिन बाद में इस मूल कार्यक्रम में दो बड़े बदलाव किए गए। पहला- सुकमा की 22 मई को होने वाली सभा 25 मई को कर दी गई और दूसरा- सुकमा के साथ ही एक और सभा दरभा में भी रख दी गई। और उसी दिन कांग्रेस नेताओं के सुकमा से दरभा जाने के दौरान ही नक्सलियों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। यह किसी का आरोप नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रेस विज्ञप्ति से ही साफ हो रहा है।
 
2 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस की आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया था कि परिवर्तन यात्रा के तहत 22 मई को सुकमा में और 25 मई को अंतागढ़ और दल्लीराजहरा में सभा होनी है। बाद में इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया। इस बदलाव की जानकारी बाकायदा 1 मई को जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। 
 
सामान्य परिस्थितियों में इस बदलाव का कोई महत्व नहीं रहता लेकिन इस गंभीर हादसे के बाद यह सबसे महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला बिंदु हो गया है। कार्यक्रम को अंतिम रुप देने वाले पटेल अब नहीं रहे। इसलिए इस बारे में शायद अब कोई यह नहीं बता सकेगा कि किसके कहने पर परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम बदला गया। 
 
हत्‍याकांड की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है, पर अभी यह तय नहीं है कि राजनीतिक साजिश के एंगल से जांच हो रही है या नहीं?
 
लखमा बोले- मुझे क्यों छोड़ दिया, मैं क्या जानूं 
 
दरभा इलाके में हुए नक्सली हमले में घायल कोंटा के कांग्रेस विधायक कवासी लखमा वारदात पर उठ रहे सवालों और षड्यंत्र के आरोपों से बिफरे हुए हैं।  इन सवालों को लेकर आज उनसे बातचीत की। वारदात के बाद इस बात की जबर्दस्त चर्चा है कि नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल को तो मार डाला, पर लखमा को जिंदा जाने दिया। भास्कर ने कोशिश की कि इस बारे में सीधे लखमा से ही जानकारी ली जाए। 
 
इस बारे में सवाल पूछते ही बिफर गए लखमा ने कहा कि नक्सलियों ने उनको क्यों जिंदा जाने दिया, यह तो आप नक्सलियों से ही पूछें। मैं इस बारे में क्या बताऊं। नक्सली गोलियां दाग रहे थे, चारों तरफ लाशें बिखरी हुईं थीं। मैंने पटेल को लेकर जा रहे नक्सलियों को रोकने की कोशिश की थी। पर उन्होंने मुझे भी धमका दिया।
 
केंद्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे समेत बाकी लोग इस वारदात के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र होने की बात कर रहे हैं। इस बारे में लखमा का कहना था कि षड्यंत्र था या नहीं, इस बारे में मैं क्या बोल सकता हूं। मैं कोई जांच एजेंसी तो हूं नहीं, जो किसी नतीजे पर पहुंच जाउं। लखमा इस समय राजधानी के एक अस्पताल में भर्ती हैं। गोलीबारी के बीच घटनास्थल पर जिस तरह वे मोटरसाइकिल का इंतजाम करके सुरक्षित दरभा थाने पहुंचे, उसे लेकर भी कई सवाल हैं। इस बारे जब भास्कर ने सवाल पूछे तो वे उखड़ गए। 
 
लखमा ने कहा कि यह मोटरसाइकिल उनको घटनास्थल के पास रोड़ के किनारे खड़ी मिली थी। उसमें चाबी लगी हुई थी। वह उसे लेकर सीधे थाने पहुंच गए। थाना पहुंचकर पता चला कि यह मोटरसाइकिल थाने में पदस्थ पुलिस कर्मचारी की थी, जिसे लेकर एक मीडिया कर्मी घटनास्थल चला गया था। वारदात के तुरंत बाद गाड़ी से झिरम घाटी तक पहुंचने के जोखिम को देखते हुए मीडिया कर्मी ने इस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया था। चाबी गाड़ी में ही लगा रहना उनके लिए वरदान साबित हुआ। वह जान बचाने और पुलिस को सूचित करने के लिए वहां से निकल भागे। हमले में लखमा के चेहरे पर कार की खिड़की का कांच टूटकर चेहरे पर कई जगह घुस गया था।
माओवादियों की ओर से भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि दमन की नीतियों को लागू करने में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की समान भागीदारी है और इसलिए संगठन ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को निशाने पर लिया है। यह विज्ञप्ति दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी के प्रवक्ता गुड्सा उसेंडी की ओर से भेजी गई है। पत्र में लिखा गया है कि राज्य के गृहमंत्री रह चुके छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष नंदकुमार पटेल जनता पर दमनचक्र चलाने में आगे रहे थे। पटेल के समय में ही बस्तर क्षेत्र में पहली बार अर्ध-सैनिक बलों की तैनाती की गई थी। 
 
 
पत्र में आगे लिखा है कि ये भी किसी से छिपी हुई बात नहीं कि लम्बे समय तक केन्द्रीय मंत्रिमंडल में रहकर गृह विभाग समेत विभिन्न अहम मंत्रालयों को संभालने वाले वीसी शुक्ल भी जनता के दुश्मन हैं, जिन्होंने साम्राज्यवादियों, दलाल पूंजीपति और ज़मींदारों के वफादार प्रतिनिधि के रूप में शोषणकारी नीतियों को बनाने और लागू करने में सक्रिय भागीदारी की।
 
आदिवासी नेता कहलाने वाले महेन्द्र कर्मा का ताल्लुक एक सामंती मांझी परिवार से रहा। कर्मा का परिवार भूस्वामी होने के साथ-साथ आदिवासियों का अमानवीय शोषक व उत्पीड़क रहा है। छत्तीसगढ़ के मुंख्यमंत्री रमन सिंह और महेन्द्र कर्मा के बीच कितना अच्छा तालमेल रहा, इसे समझने के लिए एक तथ्य काफी है - कि मीडिया में कर्मा को रमन मंत्रिमंडल का सोलहवां मंत्री कहा जाने लगा था। 
 
बस्तर में जो तबाही मचाई गई और जो क्रूरता बरती गई, उसकी तुलना में इतिहास में बहुत कम उदाहरण है। कुल एक हजार से ज्यादा लोगों की हत्या कर, 640 गांवों को कब्रगाह में तब्दील कर, हजारों घरों को लूट कर, मुर्गों, बकरों, सुअरों आदि को खाकर और दो लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित कर, 50 हजार से ज्यादा लोगों को बलपूर्वक राहत शिविरों में घसीटकर सलवा जुडूम जनता के लिए अभिशाप बना था। सलवा जुडूम के दौरान सैकड़ों महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। 
 
हमले को सही ठहराते हुए दावा किया गया है कि एक हजार से ज्यादा आदिवासियों की ओर से बदला ले लिया है जिनकी सलवा जुडूम के गुण्डों और सरकारी सशस्त्र बलों के हाथों हत्या हुई थी। इस हमले का लक्ष्य मुख्य रूप से महेन्द्र कर्मा तथा कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं का खात्मा करना था। 
 
राज्य सरकार ने महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल के परिवार को सुरक्षा व्यवस्था जस की तस बनाए रखने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिया है कि कर्मा के परिवार को जेड प्लस और पटेल के परिवार को जेड श्रेणी की सुरक्षा यथावत मिलती रहेगी। दोनों नेताओं को यह सुरक्षा दी जा रही थी।
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