वीरता और बलिदान की भूमि राजस्थान यूं तो अपनी खूबसूरती के कारण पूरे
विश्व का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। देश-विदेश के सैलानियों का तांता
यहां पूरे साल देखा जा सकता है।जहां विश्व का एक मात्र ब्रह्मा मंदिर
तीर्थनगरी पुष्कर से राजस्थान के गौरव की गाथा कह रहा है तो वहीं अजमेर
स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती की पाक दरगाह दुनियाभर के
जायरीनों के लिए सहसा ही अपनी ओर खींच लाती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 जनवरी 2013
पांच स्थान, जहां बसता है रहस्य, रोमांच और खौफ का अद्भुत संसार!
क्या आप जानते हैं क्यों गोली लगने के बाद भी अस्पताल नहीं ले जाए गए राष्ट्रपिता!
दिल्ली.
महात्मा गांधी जिन्हें देश 'बापू' कहकर संबोधित करता है, रोज शाम को
प्रार्थना किया करते थे. 30 जनवरी 1948 की शाम जब वो संध्याकालीन प्रार्थना
के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे नाम के शख्स ने पहले उनके पैर छुए और
फिर सामने से उनपर तीन गोलियां दाग दीं. उस वक़्त बापू अपने अनुचरों से
घिरे हुए थे.
नाथूराम
इससे पहले भी बापू के हत्या की तीन बार (1934, मई और सितम्बर 1944 में )
कोशिश कर चुका था, लेकिन असफल होने पर वह अपने दोस्त 'नारायण आप्टे' के साथ
वापस मुंबई चला गया. इन दोनों ने 'दत्तात्रय परचुरे' और 'गंगाधर दंडवते'
के साथ मिलकर 'बेरेत्ते' (Beretta) नामक पिस्टल खरीदी. असलहे के साथ ये
दोनों 29 जनवरी 1948 को वापस दिल्ली पहुंचे और दिल्ली स्टेशन के रिटायरिंग
रूम नंबर 6 में ठहरे.
30
जनवरी 1948 की शाम जब बापू प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी गोडसे ने
उन्हें रोकने की कोशिश की जिसपर बापू को सहारा दे रही एक स्त्री ने गोडसे
से कहा "भाई, बापू को पहले ही देर हो चुकी है"गोडसे ने उस स्त्री को धक्का
दिया और .38 बेरेत्ते पिस्टल से उनके सीने पर एक के बाद एक तीन गोलियां दाग
दीं.
बापू
की हत्या के बाद नन्द लाल मेहता द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक़ उनके मुख
से निकला अंतिम शब्द 'हे राम' था. हालांकि इस बात की कोई जानकारी नहीं
मिलती की क्यों गोली लगने के बाद भी उन्हें अस्पताल ले जाने की जगह बिरला
हाउस में ही वापस ले जाया गया.
कल तिल चतुर्थी और बुधवार का शुभ योग, जानिए महत्व व कथा
तिल चतुर्थी व्रत की कथा इस प्रकार है-
एक बार देवता अनेक विपदाओं में घिरे थे। तब वे मदद के लिए भगवान शिव के पास आए। उस समय भगवान शिव के साथ कार्तिकेय तथा गणेशजी भी थे। देवताओं की बात सुनकर शिवजी ने कार्तिकेय व गणेशजी से पूछा कि तुम में से कौन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है। तब कार्तिकेय व गणेशजी दोनों ने ही स्वयं को इस कार्य के लिए सक्षम बताया। इस पर भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा कि तुम दोनों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा वही देवताओं की मदद करने जाएगा।
यह सुनते ही कार्तिकेय तुरंत अपने वाहन मोर पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गये। गणेशजी सोच में पड़ गये कि वह चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो उन्हें बहुत समय लग जायेगा। तभी उन्हें एक उपाय सुझा वे अपने स्थान से उठकर सात बार अपने माता-पिता की परिक्रमा करके बैठ गए। परिक्रमा करके लौटने पर कार्तिकेय स्वयं को विजेता बताने लगे। तब शिवजी ने श्रीगणेश से पृथ्वी की परिक्रमा ना करने का कारण पूछा।
तब गणेश जी बोले कि माता-पिता के चरणों में ही समस्त लोक हैं। यह सुनकर भगवान शिव ने गणेशजी को देवताओं के संकट दूर करने की आज्ञा दी। इस प्रकार भगवान शिव ने गणेशजी को आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी के दिन जो तुम्हारा पूजन करेगा और रात्रि में चन्द्रमा को अध्र्य देगा उसके तीनों ताप - दैहिक ताप, दैविक ताप तथा भौतिक ताप दूर होगें। उस व्यक्ति को सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलेगी। उसे सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी व सुख तथा समृद्धि में वृद्धि होगी।
एक बार देवता अनेक विपदाओं में घिरे थे। तब वे मदद के लिए भगवान शिव के पास आए। उस समय भगवान शिव के साथ कार्तिकेय तथा गणेशजी भी थे। देवताओं की बात सुनकर शिवजी ने कार्तिकेय व गणेशजी से पूछा कि तुम में से कौन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है। तब कार्तिकेय व गणेशजी दोनों ने ही स्वयं को इस कार्य के लिए सक्षम बताया। इस पर भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा कि तुम दोनों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा वही देवताओं की मदद करने जाएगा।
यह सुनते ही कार्तिकेय तुरंत अपने वाहन मोर पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गये। गणेशजी सोच में पड़ गये कि वह चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो उन्हें बहुत समय लग जायेगा। तभी उन्हें एक उपाय सुझा वे अपने स्थान से उठकर सात बार अपने माता-पिता की परिक्रमा करके बैठ गए। परिक्रमा करके लौटने पर कार्तिकेय स्वयं को विजेता बताने लगे। तब शिवजी ने श्रीगणेश से पृथ्वी की परिक्रमा ना करने का कारण पूछा।
तब गणेश जी बोले कि माता-पिता के चरणों में ही समस्त लोक हैं। यह सुनकर भगवान शिव ने गणेशजी को देवताओं के संकट दूर करने की आज्ञा दी। इस प्रकार भगवान शिव ने गणेशजी को आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी के दिन जो तुम्हारा पूजन करेगा और रात्रि में चन्द्रमा को अध्र्य देगा उसके तीनों ताप - दैहिक ताप, दैविक ताप तथा भौतिक ताप दूर होगें। उस व्यक्ति को सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलेगी। उसे सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी व सुख तथा समृद्धि में वृद्धि होगी।
कल तिल चतुर्थी और बुधवार का शुभ योग, जानिए महत्व व कथा
धर्म ग्रंथों के अनुसार इस व्रत को करने से सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान गणेश की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है। व्यक्ति को अपने व्यवसाय में बरकत मिलती है, मानसिक शांति प्राप्त होती है व घर में खुशहाली का वातावरण बना रहता है।
दान का विशेष महत्व
इस दिन दान का भी विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में लिखा है। उसके अनुसार जो व्यक्ति व्रत के साथ-साथ दान भी करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है और जो व्यक्ति व्रत न रखकर केवल दान ही करता है उसका भी कल्याण होता है। इस दिन गरीब लोगों को गर्म वस्त्र, कम्बल, कपड़े आदि दान कर सकते हैं। भगवान गणेश को तिल तथा गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाने के बाद प्रसाद को गरीब लोगों में बांटना चाहिए। लड्डुओं के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थ भी बांट सकते हैं।
30 को गणेशजी के ही बताए ये पूजा उपाय करेंगे परेशानियों का सफाया
जब काबिलियत, दक्षता और तमाम कोशिशों के
बावजूद भी मनचाही कामयाबी नसीब न हो, तो निराशाओं और नाउम्म्मीदों के बोझ
से मन को कमज़ोर करने के बजाए नए सिरे और मजबूत इरादों से फिर से आगे बढऩा
ही लक्ष्य को भेदने का सही तरीका होता है।
वहीं, धार्मिक उपायों से ऐसे हालात से निपटने व सुख-सफलता की बाधाओं
को दूर के लिये भगवान गणेश की उपासना ही श्रेष्ठ मानी गई है। खासतौर पर
बुधवार या चतुर्थी का दिन विशेष गणेश पूजा हर मनचाही मुराद को पूरा करने
वाली मानी गई है। अगले 30 जनवरी बुधवार को ऐसा ही शुभ संयोग हैं।
कल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा सारी
मुरादों को जल्द पूरा करने वाली मानी गई है। पौराणिक मान्यताओं में इस शुभ
तिथि को भी गणेश जन्म की पुण्य काल माना गया है।
इसी शुभ घड़ी के लिए गणेश पूजा का वह तरीका बताया जा रहा है, जिसके
संबंध में गणेश पुराण में लिखा गया है कि यह विधि स्वयं भगवान गणेश द्वारा
बताई गई है। यह विशेष पूजा-उपासना कामनासिद्धि व सौभाग्य सुनिश्चित करती
है।
युवक को अगवा कर बना दिया किन्नर, 6 साल तक बनाए रखा बंधक
अमरोहा/मेरठ. एक युवक का अपहरण कर उसे जबरन किन्नर बनाने का
मामला सामने आया है। छह साल बाद यह युवक किसी तरह से अपहरणकर्ताओं के
चंगुल से छूटने में कामयाब हुआ। युवक का कहना है कि नशे की दवा देकर उसे
बेहोश कर दिया गया और नाजुक अंगों को भंग कर दिया गया। वह छह साल से कभी
पंजाब तो कभी दिल्ली के किन्नरों की बंधुआ मजदूरी करता रहा। अब किसी
तरह से छूटकर घर पहुंचा है तो पुलिस उसकी मदद ही नहीं कर रही है।
हेमराज का सिर काटने वाले को पाक ने दिया पांच लाख का इनाम
नई दिल्ली। पुंच के मेंढर में भारतीय सैनिक हेमराज का सिर कलम
करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अनवर खान को आईएसआई और पाकिस्तानी सेना
ने पांच लाख रुपए का इनाम दिया है। आईबी और रॉ के साथ मिलिट्री इंटेलीजेंस
की गोपनीय जानकारी से यह पता चला है।
फोन इंटरसेप्ट कर जुटाई गई जानकारी गृह मंत्रालय को दी गई है।
गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भास्कर से कहा-‘अभी इस विषय में मैं कुछ कह
नहीं सकता। रिपोर्ट मिली है। हम बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं।’
खुफिया जानकारी में बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार और आईएसआई के
अधिकारियों ने आतंकी संगठनों के साथ सुनियोजित तरीके से योजना बनाई थी।
इसमें लश्कर-ए-तैयबा के 10 और जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकी शामिल थे।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आईएसआई की टाटापानी यूनिट
के सूबेदार जब्बार खान ने पाकिस्तानी सेना की मुजाहिद रेजीमेंट के साथ इस
घटना को अंजाम दिया।
सीमा से जुड़े पाक इलाकों के युवकों की पाक सेना में भर्ती हो रही है।
आतंकी संगठन भी इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हें सीमा पर सुरंग बिछाने को
5 हजार, भारतीय सैनिक को गोली मारने पर 10 हजार और सिर कलम करने पर पांच
लाख रुपए दिए जा रहे हैं।
49 दिन बाद मिला संगीतकार की बहन का कंकाल, बर्बर तरीके से हुई हत्या
मुंबई। संगीतकार जतिन-ललित और गायिका सुलक्षना व विजेता पंडित
की बड़ी बहन संध्या सिंह पिछले 49 दिनों से लापता थीं। सोमवार की रात पुलिस
को उनका क्षत-विक्षत शव पाम बीच रोड पर मिला।
गौरतलब है कि पंडित परिवार और उनके पति जयप्रकाश सिंह पिछले 49 दिन से
बेहद सदमे में थे। मुंबई के पॉश इलाके से दिनदहाड़े संध्या गायब हो गई थी।
उस दिन संध्या को उनके ही एक परिचित ने एक बैंक के सामने छोड़ा था।
संध्या सिंह का कंकाल पालम बीच रोड से मिला है। संध्या मुंबई के एक
बैंक में 25 लाख रुपए के गहने जमा कराने जा रही थीं। रास्ते में वे नेहरु
इलाके से गायब हो गईं।
परिवार के लोगों को शक था कि उनका अपहरण गहने के लालच में किया गया।
उन्हें उम्मीद थी कि लुटेरे गहने लेकर उन्हें छोड़ देंगे लेकिन ऐसा हुआ
नहीं।
दरिंदगी की हद पार: छात्रा से पहले किया गैंग रेप और फिर मरने के लिए सूखे कुएं में फेंका
दौसा/नांगल राजावतान. नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के ग्राम
सवाईपुरा में सोमवार रात दो युवकों ने 10वीं कक्षा की छात्रा से सामूहिक
दुष्कर्म किया। बाद में आरोपियों ने उसे सूखे कुएं में फेंक दिया। घटना से
आक्रोशित ग्रामीणों ने दोनों आरोपियों हामावास निवासी उदयपाल मीणा व आनंद
सिंह राजपूत को पकड़ लिया और जमकर धुनाई की।
घटना के विरोध में कई संगठनों के पदाधिकारी व समाजसेवी कड़ी कार्रवाई
की मांग को लेकर थाने भी पहुंचे। पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म और उसे जान
से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया है।
'हे राम' नहीं थे गांधी के आखिरी शब्द, जानिए आखिरी समय की कहानी
उस घटना के वक्त गांधी के ठीक पीछे खड़े कल्याणम ने कहा कि गोली लगने के बाद गांधी के मुंह से एक भी शब्द निकलने का सवाल ही नहीं था। हालांकि वह अक्सर कहते थे कि जब वह मरेंगे तो उनके होठों पर राम का नाम होगा। यदि वह बीमार होते या बिस्तर पर पड़े होते तो उनके मुंह से जरूर 'राम' निकलता। गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित आयोग ने उस दिन राष्ट्रपिता के सबसे करीब रहे लोगों से पूछताछ करने की जहमत भी नहीं उठाई। फिर भी, यह दुनियाभर में मशहूर हो गया कि गांधी के मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे, लेकिन इसे कभी साबित नहीं किया जा सका।
कब्र से निकाल कर खाई पोते की लाश, बच्चे को उबाल कर बाप ने मिटाई भूख?
लंदन. लगातार परमाणु हथियार विकसित करने पर अड़े उत्तर कोरिया
में भुखमरी से लोगों की हालत गंभीर हो रही है। एक शख्स भूख से इतना परेशान
हुआ कि वह अपने दो बच्चों को मार कर खा गया और इसके लिए उसे फांसी दी गई
है। अकाल से प्रभावित देश में भुखमरी फैल गई है और इस तरह की खबरें बताती
हैं कि उत्तरी कोरिया अब भुखमरी से नरभक्षी होने की ओर बढ़ रहा है। एक अन्य
मामले में एक दादा ने अपने पोते की लाश को कब्र से निकालकर खाया तो दूसरे
आदमी ने अपने बच्चे को उबाल कर उसका मांस खा लिया। इन खबरों की रिपोर्टिंग
एशिया प्रेस ने की थी और यह संडे टाइम्स में प्रकाशित हुई
है। एशिया प्रेस का दावा है कि उसे यह खबरें उत्तरी कोरिया में तैनात उसके
सिटीजन जर्नलिस्टों ने दी है। देश में भुखमरी से कुपोषण और मौतों की दर भी
बढ़ गई है।
ईरान ने दुनिया को चौंकाया, बन्दर को कराई अंतरिक्ष की सैर !
ईरान ने एक बंदर को अंतरिक्ष में भेजने का दावा किया है। यहां के सरकारी
चैनल पर बंदर के सफलतापूर्वक अंतरिक्ष से वापस आते दिखाया गया है। ईरान की
इस उपलब्धि पर पश्चिमी देशों ने चिंता जाहिर की है।
इन देशों का कहना है कि ईरान अपने अंतिरिक्ष कार्यक्रम के बहाने अपनी मिसाइल क्षमता को बढ़ा रहा है। ये मिशाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होंगे।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिए है।
ईरान का यह अभियान उसके मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अभियान का हिस्सा है। ईरानी सरकार 2019 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजना चाहती है। इसी अभियान के तहत 2010 में भी एक कछुए चूहे और कीड़ों को अंतरिक्ष में भेजा था, लेकिन ये अभियान असफल रहा था। 2009 में पहली बार ईरान ने अपने देश में बना उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा था।
इन देशों का कहना है कि ईरान अपने अंतिरिक्ष कार्यक्रम के बहाने अपनी मिसाइल क्षमता को बढ़ा रहा है। ये मिशाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होंगे।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिए है।
ईरान का यह अभियान उसके मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अभियान का हिस्सा है। ईरानी सरकार 2019 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजना चाहती है। इसी अभियान के तहत 2010 में भी एक कछुए चूहे और कीड़ों को अंतरिक्ष में भेजा था, लेकिन ये अभियान असफल रहा था। 2009 में पहली बार ईरान ने अपने देश में बना उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा था।
जिन्ना से की शाहरुख के पिता की तुलना, भाजपा-शिवसेना का सवाल- पाकिस्तान को क्यों नहीं देते जवाब?
शाहरुख खान के लिए सुरक्षा मांगे जाने संबंधी पाकिस्तानी गृह मंत्री के बयान का भारत में कड़ा विरोध हुआ है। तमाम राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ सरकार ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा है कि पाकिस्तान पहले अपना घर ठीक करे, जबकि भाजपा ने मांग की है कि भारत मलिक के बयान का कड़ा औपचारिक विरोध दर्ज कराए और मलिक माफी मांगें। भारत सरकार की ओर से गृह सचिव आरके सिंह ने कहा है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा करना हमारा काम है और हम उनकी सुरक्षा करने में सक्षम हैं। इस बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। हमें किसी नसीहत की जरूरत नहीं है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मलिक के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारत में कानून सबके लिए बराबर है। पाकिस्तान को बयानबाजी से पहले अपने यहां हिंदुओं की सुरक्षा करनी चाहिए।
भाजपा और शिवसेना ने इस मामले में शाहरुख के बयान की मांग की है। इन पार्टियों का कहना है कि शाहरुख को सोच-समझ कर लेख लिखना चाहिए था (उनके लेख के बारे में विस्तार से आगे के स्लाइड में दिया गया है)। शाहरुख ने इस बारे में मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादक प्रेम शुक्ला ने कहा कि पाकिस्तान में आसिफ अली जरदारी और खुद रहमान मलिक जितने सुरक्षित नहीं हैं, उससे ज्यादा महफूज हिंदुस्तान में शाहरुख खान हैं। पाकिस्तान में जब सेना की बंदूकें तन जाती हैं तो आसिफ अली जरदारी को भागने के लिए विमान तैयार करना पड़ता है। पाकिस्तान में मस्जिद, दरगाह तक सुरक्षित नहीं है और वह हमारे स्टार को सुरक्षा दिए जाने की मांग कर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश पर काम कर रहा है।
शुक्ला ने कहा कि अब शाहरुख खान को बयान देना चाहिए और बताना चाहिए कि उनकी सुरक्षा की चिंता पाकिस्तान को करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के मुसलमानों को भड़ाकने की चाल चल रहा है। उसकी यह चाल नाकाम करते हुए भारत के मुसलमानों को आगे आना चाहिए और बताना चाहिए कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा कर ले, उसके लिए यही काफी होगा। हिंदुस्तान को नसीहत देने की उसे कोई जरूरत नहीं है।
शुक्ला ने आगे यह भी कहा कि अगर शाहरुख भारत में पैदा नहीं हुए होते तो इतने बड़े स्टार नहीं होते। भारत में ही होने के कारण शाहरुख, सलमान और आमिर खान इतने बड़े स्टार हैं। वरना इस्लाम में तो फिल्मों में काम करना हराम है और पाकिस्तान में हाफिज सईद जैसे कट्टरपंथी कहां उन्हें ऐसा करने देते।
प्रेम शुक्ला ने यह प्रतिक्रिया पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक के बयान पर दी है। मलिक ने कहा था कि भारत सरकार को शाहरुख को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें धमकियां नहीं मिलें
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