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29 जनवरी 2013

'हे राम' नहीं थे गांधी के आखिरी शब्‍द, जानिए आखिरी समय की कहानी


नई दिल्‍ली. दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 को दिल्‍ली में गोली मार दी गई थी। गोली लगने के बाद गांधी के मुंह से निकले आखिरी शब्‍द को लेकर कई तरह की बातें सामने आती रही हैं। अब तक कहा जाता रहा है कि नाथूराम गोडसे ने बिड़ला भवन में जिस वक्‍त गांधी को गोली मारी तो राष्‍ट्रपिता के मुंह से 'हे राम' निकले थे। लेकिन स्वतंत्रता सेनानी और गांधी के निजी सचिव के तौर पर काम कर चुके वी कल्याणम का दावा है कि यह सच नहीं है।
उस घटना के वक्‍त गांधी के ठीक पीछे खड़े कल्‍याणम ने कहा कि गोली लगने के बाद गांधी के मुंह से एक भी शब्‍द निकलने का सवाल ही नहीं था। हालांकि वह अक्‍सर कहते थे कि जब वह मरेंगे तो उनके होठों पर राम का नाम होगा। यदि वह बीमार होते या बिस्‍तर पर पड़े होते तो उनके मुंह से जरूर 'राम' निकलता। गांधी की हत्‍या की जांच के लिए गठित आयोग ने उस दिन राष्‍ट्रपिता के सबसे करीब रहे लोगों से पूछताछ करने की जहमत भी नहीं उठाई। फिर भी, यह दुनियाभर में मशहूर हो गया कि गांधी के मुंह से निकले आखिरी शब्‍द 'हे राम' थे, लेकिन इसे कभी साबित नहीं किया जा सका।

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