उस घटना के वक्त गांधी के ठीक पीछे खड़े कल्याणम ने कहा कि गोली लगने के बाद गांधी के मुंह से एक भी शब्द निकलने का सवाल ही नहीं था। हालांकि वह अक्सर कहते थे कि जब वह मरेंगे तो उनके होठों पर राम का नाम होगा। यदि वह बीमार होते या बिस्तर पर पड़े होते तो उनके मुंह से जरूर 'राम' निकलता। गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित आयोग ने उस दिन राष्ट्रपिता के सबसे करीब रहे लोगों से पूछताछ करने की जहमत भी नहीं उठाई। फिर भी, यह दुनियाभर में मशहूर हो गया कि गांधी के मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे, लेकिन इसे कभी साबित नहीं किया जा सका।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 जनवरी 2013
'हे राम' नहीं थे गांधी के आखिरी शब्द, जानिए आखिरी समय की कहानी
उस घटना के वक्त गांधी के ठीक पीछे खड़े कल्याणम ने कहा कि गोली लगने के बाद गांधी के मुंह से एक भी शब्द निकलने का सवाल ही नहीं था। हालांकि वह अक्सर कहते थे कि जब वह मरेंगे तो उनके होठों पर राम का नाम होगा। यदि वह बीमार होते या बिस्तर पर पड़े होते तो उनके मुंह से जरूर 'राम' निकलता। गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित आयोग ने उस दिन राष्ट्रपिता के सबसे करीब रहे लोगों से पूछताछ करने की जहमत भी नहीं उठाई। फिर भी, यह दुनियाभर में मशहूर हो गया कि गांधी के मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे, लेकिन इसे कभी साबित नहीं किया जा सका।
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