जब काबिलियत, दक्षता और तमाम कोशिशों के
बावजूद भी मनचाही कामयाबी नसीब न हो, तो निराशाओं और नाउम्म्मीदों के बोझ
से मन को कमज़ोर करने के बजाए नए सिरे और मजबूत इरादों से फिर से आगे बढऩा
ही लक्ष्य को भेदने का सही तरीका होता है।
वहीं, धार्मिक उपायों से ऐसे हालात से निपटने व सुख-सफलता की बाधाओं
को दूर के लिये भगवान गणेश की उपासना ही श्रेष्ठ मानी गई है। खासतौर पर
बुधवार या चतुर्थी का दिन विशेष गणेश पूजा हर मनचाही मुराद को पूरा करने
वाली मानी गई है। अगले 30 जनवरी बुधवार को ऐसा ही शुभ संयोग हैं।
कल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा सारी
मुरादों को जल्द पूरा करने वाली मानी गई है। पौराणिक मान्यताओं में इस शुभ
तिथि को भी गणेश जन्म की पुण्य काल माना गया है।
इसी शुभ घड़ी के लिए गणेश पूजा का वह तरीका बताया जा रहा है, जिसके
संबंध में गणेश पुराण में लिखा गया है कि यह विधि स्वयं भगवान गणेश द्वारा
बताई गई है। यह विशेष पूजा-उपासना कामनासिद्धि व सौभाग्य सुनिश्चित करती
है।
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