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02 फ़रवरी 2011

संतों को भी प्रचार के लियें गिफ्टों की जरूरत

देश में संतों को अपने प्रचार प्रसार के लियें विज्ञापन एलान की तो जरूरत रही हे लेकिन अब नये फेशन के मुताबिक संतों ने प्रेस में अपनी खबरें प्रचारित करने के लियें पत्रकारों को गिफ्टें देना प्रारम्भ कर दिया ।
कल कोटा प्रेस क्लब में वरिष्ट पत्रकार राजस्थान पत्रिका के स्तम्भ रहे आदरणीय स्वर्गीय चन्द्र भान जी को श्रधान्जली देने के लियें प्रेस क्लब के लोग एकत्रित हुए थे वहां दो प्रेस कोंफ्रेस्न्से थीं एक तो दवा विक्रेताओं की और एक कबीर आश्रम के संत महाराज की दवा विक्रेताओं की प्रेस कोंफ्रेंस में तो गिफ्ट संस्क्रती कोई नई बात नहीं हे लेकिन संत महाराज ने जब अपने प्रवचन के प्रचार प्रसार के लियें अख़बार वालों को एक पम्पलेट पेन डायरी फोल्डर दिया तो कुछ अचम्भा सा लगा लेकिन इसके बाद गिफ्ट दिए जाने पर तो बस बात साफ़ हो गयी के प्रेस वार्ताओं के प्रचार प्रसार के लियें गिफ्ट संस्क्रती एक जरूरत बन गयी हे और प्रेस कोंफ्रेंस चाहे धर्म की हो चाहे साधू संत मोलवियों की प्रेस के लोग इनसे भी गिफ्ट लेने में गुरेज़ नहीं करते इसलियें साधू संतों के द्वारा गिफ्ट दिया जाना मजबूरी हो गयी हे हालात यह हे के लगभग तीन सो रूपये प्रति पत्रकार पर खर्च करने के बाद भी इन महाराज संत असंग स्वामी की खबर कोटा आंवली गाँव में ४ फरवरी से सत्संग शुरू जेसी लाइनों में सिमट गयी हे अब जरा सोचो अगर यह संत स्वामी बिना गिफ्ट की प्रेस कोंफ्रेस के अगर यह खबर छपवाते तो क्या यह खबर छपती और अगर छपती तो कितनी छपती इस पर तो प्रेस वालों को चिन्तन और मंथन की अब जरूरत होना ही चाहियें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिकार में मारी गयी बाघिन फिर से जीवित हुई

राजस्थान में आज से दो साल पहले आठ शिकारियों द्वारा एक शेरनी को मारने की खबर से सनसनी फेल गयी पुलिस और वन अधिकारीयों ने इन शिकारियों को पकड़ा जेल भेजा चालान बनाया शेरनी का पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट तय्यार की और शिकारियों को जेल भेजा जिनकी जमानत हाईकोर्ट ने भी ख़ारिज कर दी यह शिकारी अभी जेल में हें ।
लेकिन राजस्थान के वन और पुलिस के अधिकारीयों की लापरवाही का नतीजा जब आमने आया तब वन अधिकारी जी का तबादला हुआ और नये वन अधिकारी जी ने जंगल की ख़ाक छानी तो उन्होंने देखा के जिस शेरनी को रिकोर्ड में दो साल पहले मरा हुआ घोषित किया गया हे वोह शेरनी तो जीवित जंगल में विचरण कर रही हे रेडियो कोलर और दुसरे दर्ज पहचान चिन्हों से कन्फर्म किया गया तो यह वही शेरनी निकली जिसे रिकोर्ड में शिकारियों द्वारा मरना बताया गया हे और जिसकी हत्या के जुर्म में आठ लोग जेल में हे अब राजस्थान के वन और पुलिस अधिकारीयों की जब यह पोल खुली तो वोह अगल बगल झांक रहे हें और उनसे जवाब नहीं बन पढ़ रहा हे जो शिकारी बिना वजह जीवित शेरनी की हत्या के जुर्म में दो साल से सजा भुगत रहे हें अब उनकी जेल की सियाह काली रातों का क्या होगा इसका अज्वाब देने वाला भी कोई नहीं हे तो जनाब ऐसे हें हमारे राजस्थान के वन और पुलिस कर्मी ...................... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

९२ साल की एक विधवा और पेंशन के ६१ साल

देश की सरकारें केसी ही य्हना दलित,गरीबों,विधवाओं और तलाक शुदा के साथ केसा सुलूक होता हे यह तो सब जानते हें लेकिन डियूटी पर मरने वाले एक थानेदार जी की विधवा को पारिवारिक पेंशन के लियें ६१ साल टक इन्तिज़ार करना पढ़ा जिसे कल हाईकोर्ट ने न्याय दिलवाया हे , इस बीच राजस्थान में पुलिस नोकरी से निकले भेरो सिंह जी शेखावत भी मुख्यंत्री रह चुके थे ।
राजस्थान में वर्ष १९४९ में एक थानेदार जी की के दोरान म्रत्यु हो गयी थी उनकी विधवा श्रीमती लाल कंवर पारिवारिक पेंशन की हकदार थीं लेकिन उन्हें सरकार ने पेंशन नहीं दी यह विधवा अपने पति की पुलिस नोकरी का पट्टा लिए डर डर की ठोकरें खाती रही लेकिन इसे न्याय नहीं मिला आखिर इस विधवा ने राजस्थान के सभी मुख्यमंत्रियों राजनेतिक पार्टियों ने जब मुंह मोड़ लिया तो हाई कोर्ट का सहारा लिया और जयपुर हाईकोर्ट में इस मामले में मुकदमा दायर कर दिया दोस्तों इस विधवा का सफर यहीं खत्म नहीं हुआ यहाँ भी सरकार की लापरवाही से उसे तारीख पर तारीख मिलती रही लेकिन विधवा ने हिम्मत नहीं हारी और कानूनी लढाई जारी रखी कल यह पत्रावली राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर खंड पीठ के जस्टिस रफीक साहब के हाथ में जब आई तो उन्हें ताज्जुब हुआ और उन्होंने इस विधवा को न्याय देते हुए इसकी पेंशन तुरंत देने के आदेश दिए , दोस्तों यह विधवा ६१ साल तक अपनी कानूनी पेंशन के लियें संघर्ष करती रही और इस विधवा ने अपनी जवानी के कई साल इसी लड़ाई में गंवा दिए आज यह विधवा ९२ साल की हे लेकिन ६१ साल के इस खतरनाक सफर का सुखद अंत देख कर इस विधवा लाल कंवर के चेहरे की झुर्रियों की मुस्कान देखने लायक थी , यह न्याय और सरकारी हठधर्मिता का एक किस्सा हे कई फाइलें तो सरकार और अदालत की ऐसी हें के न्याय के इन्तिज़ार में प्रार्थी की म्रत्यु हो जाने से बंद हो गयी हे लाल कंवर की इस फ़ाइल का जिस तरह से और जिस धीमी गति से निस्तारण हुआ हे उससे देश को देश की न्यायिक व्यवस्था को देश की प्रसासनिक व्यवस्था को सोचने को मजबूर होना पढ़ा हे ना जाने कितनी विधवाएं आज भी ऐसे ही अदालतों में चक्कर काट कर अपना जीवन गुज़र रही हें ............... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मिस्र में जनता माई बाप .......

दोस्तों मेरा हिन्दुस्तान मेरा भारत महान विश्व का सबसे बढा लोकतंत्र कहलाता हे यहाँ नेता को जनता एक बार चुनती हे जो लोग नेता को चुनते हें उनकी मर्जी के बगेर वही नेता जनता के खिलाफ विचारधारा वाली पार्टी की गोद में जाकर बेठता हे और सरकार में शामिल हो जाता हे देश का यह भ्रम लोकतंत्र हे और इसी ने सियासत में सोदेबाज़ी को बढ़ावा दिया हे , चुनाव आयोग हे के चुनाव निष्पक्ष कराने के लियें एक बहुत बढा बजट और देश के कर्मचारियों को काम में लेता हे लेकिन चुनाव के वक्त कार्यवाही टांय टांय फीस रहती हे वजह चुनाव आयोग के क्म्च्री जनता टक पर्चियां नहीं पहुंचाते हें कर्मचारी सही काम करते हें खर्चे गलत बताये जाते हें मतदाता सूचि में मनमाने नाम होते हे और चुनाव हर बार प्रभावित होता हे हमारा लोकतंत्र भीड़ तन्त्र बन जाता हे अनचाहे लोग कुछ वोटों से जीत कर आजाते हें ।
दोस्तों एक तरफ हमारा देश और दूसरी तरफ मिस्र हे हम हमारे देश में कई वर्षों से नेता को जनता के हित में काम नहीं करने पर वापस से बर्खास्त करने के कानून पर विचार कर रहे हें लेकिन आज तक विचार से ज्यादा कुछ नहीं कर सके हें एक तरफ मिस्र हे जहां जनता को लगा के मुबारक हुसेन अब पद के लायक नहीं रहे हे तो बस जनता एक जुट हुई सडकों पर उतरी और खुद ने प्रदर्शन कर मुबारक हुसेन को मजबूर कर दिया के वोह पस से इस्तीफा देने की बात स्वीकारें कई नेताओं , अधिकारीयों को बर्खास्त किया गया और आज वहां जनता का शासन स्थापित हे सरकार के सेना के टेंक हथियार और फोजें इस लोकतंत्र के आगे बेबस हें जनता और जनता का शासन सर्वोपरी हे तो दोस्तों जहां जनता में हिम्मत होती हे लोकतंत्र वहां होता हे केवल किताबों में लिख देने से लोकतंत्र स्थापित नहीं होता जेसे केवल राष्ट्र भक्ति की बात करने वाला राष्ट्र भक्त नहीं हो सकता जब तक वोह खुद ऐसा कर्म करके नहीं दिखाए इसी तरह लोकतंत्र के लियें जनता को साहसिक बनना पढ़ेगा और हमारे देश की मुर्दा सोई हुई जनता को मिस्र की जनता से सबक लेना होगा जब मिस्र में हमारे देश का दो प्रतिशत भी भ्रस्ताचार नहीं हे और वहां की महंगाई आर्थिक निति अराजकता हमारे देश से आधी से भी कम हे तब वहां की जनता सडकों पर शीर्ष पद के लोगों को सबक सिखाने उतर आई हे तो फिर आज़ादी की लड़ाई लढने वाले मेरे इस देश के लोगों को क्या हो गया हे क्यों यह देश के गद्दारों और भ्रष्ट राजनेताओं के पिछ लग्गू बन गये हें क्या इनके लिये देश से बढा जाती,समाज,पार्टी हे जो यह चापलूस चमचे बन कर देश को बर्बाद होते तमाशा देख रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश की जनगणना ९ फरवरी से ....

देश की जनसंख्या की गणना अब ९ फरवरी से २८ फरवरी तक होगी इस दिन जो फ़ोरम जनगणना विभाग द्वारा बनाया गया हे उसकी समस्त जानकारी जनता के भविष्य में काम आएगी ।
देश में जाती के आधार पर जनगणना पर लोगों ने एतराज़ जताया लेकिन रोज़ देश के आंकड़े बताते हें के फलां जाती के इतने लोग हे फलन जाती के इतने बढ़ गये हें और भविष्य में इतनी संख्या हो जाएगी तो फिर यह आंकड़े खाना से आते हे , एक तरफ तो जातीय आधार पर जनगणना का विरोध और दूसरी तरफ जातीय आधार की राजनीती ऐसे में दो पहलु एक साथ नहीं चल सकते , अब देश में एक योजना बनाकर जनगणना की शुरुआत हो रही हे देश के सभी लोग इस मामले में सहयोग करें जो भी कोलम में जानकारीचाही गयी हे सब ठीक तरह से भरवाए और इसी आधार पर देश की आर्थिक योजनाएं तय्यार होना चाहियें इन आंकड़ों को सियासी लोग चोरी करके देश में अराजकता फेलाने और चुनावी गणित बिठाने में ज़्यादा लगाते हें जाती समाज संख्या बल के आधार पर अपने अपने हक की मांग करता हे । दोस्तों अभी देश में आरक्षण की आग से देश जल रहा हे आत्माएं झुलस रही हें लेकिन देश समझ नहीं पा रहा हे अगर जनता अब अंगडाई ले और देश से आरक्षण का बवाल खत्म करवा दे तो देश में काफी समस्याओं का समाधान हो जाएगा देश की जनता के साथ समान व्यवहार जरूरी हे और इसीलियें देश में अब संविधान में जो आरक्षण केवल दस वर्ष के लियें दिया गया था उसे किसी भी तरह से ६६ साल बाद बढाना नहीं चाहिए तभी हमारा देश वापस से एकता के सूत्र में बंध कर तरक्की कर सकेगा वरना जो खायी सियासत ने तय्यार की हे वोह हरी कब्रें बनते देर नहीं करेंगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक बिलखती होस्टल वाली बच्ची ...

दोस्तों मेरे भाई साहित्यकार कवि ने मुझे बढ़े प्रेम से एक होस्टल की दुनिया मेर रहने वाली बच्ची के तडपन और बिलखना एक कविता के माध्यम से भेजी हे उनसे इजाजत मिलने पर में उसे आप टक पहुंचा रहा हूँ ..............जो उन्हीं के शब्दों में हे .. मित्र ,आपके पास एक छोटी बच्ची जो हॉस्टल मे भेज दी गई है उसका दर्द भेज रहा हूँ आपकी प्रतिक्रिया चाहता हूँ|

मेरा दिल है बड़ा उदास|
आओ पापा मेरे पास
मेरा दिल है बड़ा उदास
मम्मी की भी याद सताती
भैया को मैं भूल न पाती|
तुमसे मैं कुछ न मांगूगी
पढने मे प्रथम आउंगी
रखो मुझको अपने पास
मेरा दिल है बड़ा उदास|
नहीं सहेली संग खेलूंगी
गुडिया को भी बंद कर दूंगी
बैठूंगी भैया के पास
मेरा दिल है बड़ा उदास|
जाओगे जब कल्ब मे आप
मम्मी को ले कर के साथ
रह लुंगी दादी के पास
मेरा दिल है बड़ा उदास|
नहीं चाहिए चोकलेट टाफी
नहीं चाहिए मुझको फ्राक
मम्मी पापा मुझे चाहिए
मेरा दिल है बड़ा उदास|
राजा रानी के किस्से
भगवान की प्यारी बात
दादी हमको रोज सुनाती
आती मुझको उनकी याद|
बुआ से छोटी करवाना
चाचा के संग बाज़ार जाना
जिद नहीं मैं कभी करुँगी
पापा मुझको घर ले जाना|
कहना मानूँ दूध पिऊँगी|
घर की छत पर नहीं चढूँगी
घर ले जाओ मुझको पापा
हॉस्टल मे मैं नहीं पढूंगी|


अ.कीर्तिवर्धन
09911323732

क्या मिला ...


क्या मिला

मजनू
तुझे
लेला के
प्यार में ,
क्या मिला

फरहाद
तुझे
शीरीं के
प्यार में
में बताऊं
मुझे
सब कुछ मिला
मेरे
इस
ज़ालिम दिल बर
से
हुई तकरार में
आज
देख लो
तुम्हारा तो
सिर्फ
नाम हे
तुम्हारा तो सिर्फ
इतिहास हे
लेकिन
सुखी तो
सिर्फ
में ही हूँ
उसके साथ
आज
इस संसार में ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तेरे इश्क ने ........


तेरे
इश्क ने
मुझे ख़ास से
आम कर दिया ,
तू ना मिली मुझे
कोई बात नहीं
लेकिन
तुझे
चाहते रहने के
मेरे
अंदाज़ ने
मुझे दुनिया में
नई पहचान देकर
दुनिया में
मेरा नाम कर दिया ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एवोकेट मिश्र को गीत चांदनी निराला सम्मान

वरिष्‍ठ साहित्‍यकार रघुनाथ मिश्र को 'गीत चाँदनी निराला सम्‍मान

कोटा। शहर के जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार और जनकवि श्री रघुनाथ मिश्र का हैदराबाद की प्रख्यात साहित्यिक संस्था‍ ‘गीत चाँदनी’ द्वारा वर्ष 2011 के लिए निराला सम्मान के लिए चयन किया है। यह सम्मान नगरद्वय सिकन्दराबाद-हैदराबाद के कवियों की संस्था ‘गीत चाँदनी’ द्वारा प्रतिवर्ष वसंत पंचमी पर उन साहित्‍यकारों को दिया जाता है जिन्होंने 60 वसंत देखे हों। इस वर्ष से इस संस्थान ने नगरद्वय के स्थान पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से चुनिंदा कवियों को चुना है।
इस संदर्भ में श्री रघुनाथ मिश्र का चयन होने पर कोटा के जनवादी लेखक संघ परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गयी। शहर के वरिष्ठ साहित्यकारों ने श्री मिश्र को बधाइयाँ दी। पूरे भारतवर्ष से श्री मिश्र को बधाइयों का ताँता लगा हुआ है। कोटा शहर जलेस इकाई अध्यक्ष ‘आकुल’ ने बताया कि श्री मिश्र 4 फरवरी को हैदराबाद के लिए रवाना हो रहे हैं। यह सम्मान उन्हें हैदराबाद में एक भव्य समारोह में 8फरवरी को दिया जायेगा। संस्था ‘गीत चाँदनी’द्वारा आमंत्रण पत्र श्री मिश्र को मिल चुका है और उन्होंने इसकी स्वीकृति भी भिजवा दी है।
हैदराबाद से प्रकाशित प्रख्यात साहित्यिक मासिक पत्रिका ‘गोलकोण्डा दर्पण’के सम्पादक श्री गोविन्द अक्षय ने श्री मिश्र को बताया कि समारोह में देश के अनेकों साहित्यकारों को सम्मा‍नित किया जा रहा है। इससे हैदराबाद में एक ही मंच पर साहित्यकार समागम का विहंगम दृश्य‍ देखने को मिलेगा। हैदराबाद इस समरोह का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है और संस्था गीत चाँदनी भी इसे भव्यता और उच्च स्‍तर पर आयोजन कर रही है। इस आयोजन पर शहर के सम्माननीय नागरिक, अधिकारी, प्रतिष्ठिति व्‍यक्तियों, उद्यमी-व्यवसायियों और कवियों-साहित्यकारों में बेहद उत्साह है।
साहित्य‍कारों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शाल व पुष्प दे कर सम्मानित किया जायेगा। साहित्यकारों व कवियों का लाभ लेने हेतु एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है। यह कवि सम्मेलन हैदराबाद के राजस्थानी स्नातक भवन आबिड्स, हैदराबाद में आयोजित किया जायेगा। श्री मिश्र गीत चाँदनी निराला सम्मान पाने वाले कोटा के पहले वरिष्ठ साहित्यकार हैं। श्री मिश्र हैदराबाद की अपनी यात्रा से 11 फरवरी को कोटा लौटेंगे और अपनी या्त्रा के अपने अविस्‍मरणीय क्षणों का जलेस बैठक में वर्णन करेंगे। सान्निध्‍य ब्‍लॉग पर उनका यात्रा वृत्‍तांत सचित्र प्रकाशित किया जायेगा।

बोस जीने नहीं देता गहलोत पीने नहीं देता ...

दोस्तों मेने शराब माफिया के मटके में से ८१ लाकह रूपये बरामद होने की खबर सुबह अपने ब्लॉग पर लिखी थी कुछ ने पढ़ी कुछ ने तवज्जो नहीं दी लेकिन मेरे एक मित्र भाई अतुल श्रीवास्तव ने छत्तीस गढ़ में बेठे ही बेठे एक ऐसा सच बताया जो में आप टक पहुंचा रहा हूँ ।
दोस्तों राजस्थान में गहलोत जब विपक्ष में थे तो वसुंधरा सरकार की शराब निति के खिलाफ गहलोत जम कर बरसते थे और मुख्यमंत्री भवन का १० तो ८ का वक्त बता कर इसके बाद नहीं हे सी एम का नारा देते थे फिर गहलोत मुख्यमंत्री बन गये गहलोत ने राजस्थान में शराब के मामले में निति बनाई और फिर सख्ती की कोंग्रेस अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री जो एक वोट से विधानसभा चुनाव हरे थे उन सी पी जोशी जी के इलाके उदयपुर में मेरे भाई अतुल श्रीवास्तव का जाना हुआ तो वहां उन्होंने देखा के लोगों का नया नारा हे उनका कहना हे के लोग कहते हे के ; कमबख्त बोस ऑफिस में जीने नहीं देता और गहलोत रात को आठ बजे बाद पीने नहीं देता ; मेरे भाई अतुल जी ने अपनी टिप्पणी में वही याद ताज़ा की हे लेकिन इसी बीच इन सख्तियों के बाद भी खुद मुख्यमंत्री गहलोत जी के इलाके में शराब दुखान्तिका मन झकझोर देने वाली हे ।
दोस्तों यह तो एक बात हुई दूसरी बात यह हे के मेरे भाई कोटा का नाम रोशन कर सेकड़ों लोगों को लाइलाज बीमारी केंसर से नुजात दिलाने वाले मुनीर खान के बेटे जनाब सरोश खान जो कोटा शहर की गलियों के लिएँ आज भी सरोश कहां हे लेकिन एक फिल्म पे बेक ने उन्हें स्टार बना दिया हे आज वोह फ़िल्मी दुनिया में जम गये हें और कोटा में ही उन्होंने उनकी फिल्म पे बेक का प्रीमियर भी किया था भाई सरोश कहां ने भी शिला की जवानी के मामले को खूब बहतर तरीके से परिष्क्र्त,बहिश्क्र्ट और परिभाषित किया हे हो सके तो आप जरुर देखने की कोशिश करना जो उनके ब्लॉग और फेसबुक पर भी देखा जा सकता हे । जय सरोज भाई जय हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजा का बज गया बाजा ..........

दोस्तों यह हिन्दुस्तान हे यहाँ के लोग महान हे य्हना आगर पीछे पढ़ जाए तो सभी बहाने धरे के धरे रह जाते हें और जो लोग चोरों को बचना चाहते हे वही लोग चोरों को पकड़ कर खुद को साहूकार भी साबित करने का प्रयास करते हें यही मेरे इस देश के प्रधानमन्त्री और उसकी रिमोट कंट्रोलर ने घोटाला मंत्री ऐ राजा को आज गिरफ्तार कर साबित कर दिया हे ।
पूर्व संचार मंत्री ऐ राजा चाहे कोंग्रेस पार्टी के नहीं हे लेकिन सरकार में विश्वसनीय होने के कारण वोह प्रधानमन्त्री सहित कई दिग्गजों के निकटतम थे और उन्होंने जो कुछ भी किया वोह सब प्रधानमन्त्री जी सहित कई लोगों की जानकारी में था इसीलियें पहली बार जब इनका घोटाला पकड़ा गया तो फिर प्रधानमन्त्री से लेकर सभी लोग इनके बचाव में आ गये आरोप और सी वी सी की रिपोर्ट और सी ऐ जी रिपोर्ट को फर्जी आंकड़ों का भ्रम करार दिया बात बढ़ी संसद तक पहुंची मामला सुप्रीम कोर्ट में था इसलियें मजबूरी में बात कोंग्रेस के लोग दबा नहीं सके और ऐ राजा से इस्तीफा दिलवा दिया विपक्ष जे पी सी की मनाग करता रहा पूरी संसद निकल गयी लेकिन कोंग्रेस ने जे पी सी का गठन नहीं किया प्रधानमन्त्री से लेकर कोंग्रेस के प्रवक्ता तक विपक्ष के आरोपों को नकारते रहे और धन डकारते रहे कोंग्रेस ने सोचा था के बात हमेशा की तरह ठंडे बसते में बंद हो जाएगी लेकिन एक के बाद एक भ्रस्ताचार की कहानी कोंग्रेस सरकार की जुबानी चलती रही बात बिगड़ गयी और फिर संसद का बजट स्तर सर पर था आखिर कोंग्रेस को खुद को दुद्ध का धुला साबित करने के लियें ठुक कर चाटना पढ़ा और जिस राजा जी को कोंग्रेस निर्दोष कहकर सर पर बिठाये बेठी थी उन राजा जी को आज कोंग्रेस के इंस्ट्रूमेंट सी बी आई ने गिरफ्तार कर लिया ।
कोंग्रेस को पता नहीं के राजा जी गिरफ्तार होने के पहले किस किस से मिले सब को पता हे और फिर राजा जी का जब बाजा बज ही गया हे तो फिर जो इनकी बारात में शामिल थे और जो घोड़ी पर दूल्हा बन कर सवार थे अब वोह भी नहीं बच सकेंगे देखते हें के आखिर बकरे की मां कब तक खेर मनाएगी इस देश को सरकार घुन की तरह कब तक खाएगी सरकार रहेगी या फिर नया प्रधानमन्त्री जी आएंगे और तब कहीं शायद देश के सिसकते लोग चेन को इब्न्सी बजायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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