आपका-अख्तर खान

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02 फ़रवरी 2011

मिस्र में जनता माई बाप .......

दोस्तों मेरा हिन्दुस्तान मेरा भारत महान विश्व का सबसे बढा लोकतंत्र कहलाता हे यहाँ नेता को जनता एक बार चुनती हे जो लोग नेता को चुनते हें उनकी मर्जी के बगेर वही नेता जनता के खिलाफ विचारधारा वाली पार्टी की गोद में जाकर बेठता हे और सरकार में शामिल हो जाता हे देश का यह भ्रम लोकतंत्र हे और इसी ने सियासत में सोदेबाज़ी को बढ़ावा दिया हे , चुनाव आयोग हे के चुनाव निष्पक्ष कराने के लियें एक बहुत बढा बजट और देश के कर्मचारियों को काम में लेता हे लेकिन चुनाव के वक्त कार्यवाही टांय टांय फीस रहती हे वजह चुनाव आयोग के क्म्च्री जनता टक पर्चियां नहीं पहुंचाते हें कर्मचारी सही काम करते हें खर्चे गलत बताये जाते हें मतदाता सूचि में मनमाने नाम होते हे और चुनाव हर बार प्रभावित होता हे हमारा लोकतंत्र भीड़ तन्त्र बन जाता हे अनचाहे लोग कुछ वोटों से जीत कर आजाते हें ।
दोस्तों एक तरफ हमारा देश और दूसरी तरफ मिस्र हे हम हमारे देश में कई वर्षों से नेता को जनता के हित में काम नहीं करने पर वापस से बर्खास्त करने के कानून पर विचार कर रहे हें लेकिन आज तक विचार से ज्यादा कुछ नहीं कर सके हें एक तरफ मिस्र हे जहां जनता को लगा के मुबारक हुसेन अब पद के लायक नहीं रहे हे तो बस जनता एक जुट हुई सडकों पर उतरी और खुद ने प्रदर्शन कर मुबारक हुसेन को मजबूर कर दिया के वोह पस से इस्तीफा देने की बात स्वीकारें कई नेताओं , अधिकारीयों को बर्खास्त किया गया और आज वहां जनता का शासन स्थापित हे सरकार के सेना के टेंक हथियार और फोजें इस लोकतंत्र के आगे बेबस हें जनता और जनता का शासन सर्वोपरी हे तो दोस्तों जहां जनता में हिम्मत होती हे लोकतंत्र वहां होता हे केवल किताबों में लिख देने से लोकतंत्र स्थापित नहीं होता जेसे केवल राष्ट्र भक्ति की बात करने वाला राष्ट्र भक्त नहीं हो सकता जब तक वोह खुद ऐसा कर्म करके नहीं दिखाए इसी तरह लोकतंत्र के लियें जनता को साहसिक बनना पढ़ेगा और हमारे देश की मुर्दा सोई हुई जनता को मिस्र की जनता से सबक लेना होगा जब मिस्र में हमारे देश का दो प्रतिशत भी भ्रस्ताचार नहीं हे और वहां की महंगाई आर्थिक निति अराजकता हमारे देश से आधी से भी कम हे तब वहां की जनता सडकों पर शीर्ष पद के लोगों को सबक सिखाने उतर आई हे तो फिर आज़ादी की लड़ाई लढने वाले मेरे इस देश के लोगों को क्या हो गया हे क्यों यह देश के गद्दारों और भ्रष्ट राजनेताओं के पिछ लग्गू बन गये हें क्या इनके लिये देश से बढा जाती,समाज,पार्टी हे जो यह चापलूस चमचे बन कर देश को बर्बाद होते तमाशा देख रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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