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02 फ़रवरी 2011

संतों को भी प्रचार के लियें गिफ्टों की जरूरत

देश में संतों को अपने प्रचार प्रसार के लियें विज्ञापन एलान की तो जरूरत रही हे लेकिन अब नये फेशन के मुताबिक संतों ने प्रेस में अपनी खबरें प्रचारित करने के लियें पत्रकारों को गिफ्टें देना प्रारम्भ कर दिया ।
कल कोटा प्रेस क्लब में वरिष्ट पत्रकार राजस्थान पत्रिका के स्तम्भ रहे आदरणीय स्वर्गीय चन्द्र भान जी को श्रधान्जली देने के लियें प्रेस क्लब के लोग एकत्रित हुए थे वहां दो प्रेस कोंफ्रेस्न्से थीं एक तो दवा विक्रेताओं की और एक कबीर आश्रम के संत महाराज की दवा विक्रेताओं की प्रेस कोंफ्रेंस में तो गिफ्ट संस्क्रती कोई नई बात नहीं हे लेकिन संत महाराज ने जब अपने प्रवचन के प्रचार प्रसार के लियें अख़बार वालों को एक पम्पलेट पेन डायरी फोल्डर दिया तो कुछ अचम्भा सा लगा लेकिन इसके बाद गिफ्ट दिए जाने पर तो बस बात साफ़ हो गयी के प्रेस वार्ताओं के प्रचार प्रसार के लियें गिफ्ट संस्क्रती एक जरूरत बन गयी हे और प्रेस कोंफ्रेंस चाहे धर्म की हो चाहे साधू संत मोलवियों की प्रेस के लोग इनसे भी गिफ्ट लेने में गुरेज़ नहीं करते इसलियें साधू संतों के द्वारा गिफ्ट दिया जाना मजबूरी हो गयी हे हालात यह हे के लगभग तीन सो रूपये प्रति पत्रकार पर खर्च करने के बाद भी इन महाराज संत असंग स्वामी की खबर कोटा आंवली गाँव में ४ फरवरी से सत्संग शुरू जेसी लाइनों में सिमट गयी हे अब जरा सोचो अगर यह संत स्वामी बिना गिफ्ट की प्रेस कोंफ्रेस के अगर यह खबर छपवाते तो क्या यह खबर छपती और अगर छपती तो कितनी छपती इस पर तो प्रेस वालों को चिन्तन और मंथन की अब जरूरत होना ही चाहियें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. मार्केटिंग का जमाना है
    ये भी क्यों पीछे रहें ।

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  2. क्‍या गिफ्ट देने वाले असली दोषी हैं, लेने वाले नहीं

    जवाब देंहटाएं
  3. Akela Ji,

    PRESS KA YEH HAAL HAI TABHIE TO DESH SANKAT MAIN HAI.

    जवाब देंहटाएं

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