तेरी यादों के
रिश्ते हुए जख्मों को
चाँद की चांदनी से धोया हे ,
तू मिली नहीं
मुझे इस जिंदगी में
फिर भी कमबख्त दिल हे
बस तेरी और तेरी ही चाहत में
देखो उम्र भर रोया हे ,
तेरी याद में
देख ले
आज बंद
हो गयी हें आँखें मेरी
लोग सोचते हें
थक गया हे आदमी
इसीलियें बेचारा चेन की नींद सोया हे
बस एक वही तो अब बचे हें
जो यह सच जानते हें
के उन्होंने उनकी ही गलतियों से
एक चाहने वाला खोया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 सितंबर 2010
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bahut dard hai is kavita mein...
जवाब देंहटाएंतेरी यादों के
जवाब देंहटाएंरिश्ते हुए जख्मों को
चाँद की चांदनी से धोया हे ,
तू मिली नहीं
मुझे इस जिंदगी में
फिर भी कमबख्त दिल हे
बस तेरी और तेरी ही चाहत में
देखो उम्र भर रोया हे ,
बेहद मार्मिक
offh ....kitnee vedana hai ise kavita me...........
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