आपका-अख्तर खान

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27 सितंबर 2010

रिश्ते हुए जख्म

तेरी यादों के
रिश्ते हुए जख्मों को
चाँद की चांदनी से धोया हे ,
तू मिली नहीं
मुझे इस जिंदगी में
फिर भी कमबख्त दिल हे
बस तेरी और तेरी ही चाहत में
देखो उम्र भर रोया हे ,
तेरी याद में
देख ले
आज बंद
हो गयी हें आँखें मेरी
लोग सोचते हें
थक गया हे आदमी
इसीलियें बेचारा चेन की नींद सोया हे
बस एक वही तो अब बचे हें
जो यह सच जानते हें
के उन्होंने उनकी ही गलतियों से
एक चाहने वाला खोया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. तेरी यादों के
    रिश्ते हुए जख्मों को
    चाँद की चांदनी से धोया हे ,
    तू मिली नहीं
    मुझे इस जिंदगी में
    फिर भी कमबख्त दिल हे
    बस तेरी और तेरी ही चाहत में
    देखो उम्र भर रोया हे ,

    बेहद मार्मिक

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