तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 सितंबर 2010
फरियादी की चोट कितनी गहरी हे केसे पता लगे
राजस्थान के दो दिग्गज मंत्रियों के समर्थकों में मारपिटाई क्या हुई के बारां और कोटा के डोक्टर व् पुलिस परेशनी में फंस गयी ,फरियादी पक्ष जो पिटा हे वोह गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल के समर्थक हें जबके अभीयुक्त लोग सार्वजनिक निर्माण मंत्री प्रमोद जेन भाया के कट्टर समर्थक हें , भाया चाहते हें के उनके समर्थकों के खिलाफ साधारण मारपीट का मामला दर्ज हो और मामले खत्म हो जाए जबकि धारीवाल समर्थक कहते हें के मामला जानलेवा हमले का हे चोट तलवार की हे इसलिए प्राणघातक हमले यानी ३०७ आई पी सी में मुकदमा दर्ज होना चाहिए बस इसी बात को लेकर पुलिस और डोक्टर परेशान हें वेसे कोटा की पुलिस बिना किसी चोट के प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज करने में एक्सपर्ट हे और हजारों लोगों को प्रकरण ३०७ का नहीं होने पर भी यहाँ की पुलिस ने जेल भेजा हे लकिन जब मामला मंत्री समर्थकों का आया हे तो प्रभावशाली लोगों के खिलाफ मुकदमा कमजोर धाराओं में दर्ज हो इसकी गलिय तलाशी जा रही हें जबकि दुसरा पक्ष जो फरियादी हें वोह भी पहले बारा और फिर कोटा अपनी चोटों की रिपोर्ट डॉक्टरों को दिखा चूका हे लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात हें खेर इस विवाद से डॉक्टरों के मेडिकल मुआयने में साधारण और गम्भीर चोटों का लिखने पर धाराएं किस तरह बदल जाती हें और इस में डोक्टर किस तरह भ्रष्टाचार करते हें तथा पुलिस किस तरह मामूली से मामले को प्राणघातक हमला जिसमे उम्र केद की सजा हे का बना देती हे और केसे गम्भीर मामले को भी केवल ३२३ का यानी केवल ६ माह की सजा वाला बना देती हे की पोल खुल कर रह गयी हे और इस मामले में कितना भ्रस्ताचार चल रहा होगा जाँच का विषय हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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