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31 मार्च 2022

संभागीय आयुक्त ने ली औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की बैठक

 

संभागीय आयुक्त ने ली औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की बैठक
सभी विभाग उद्यमियों की समस्याओं का समय पर निराकरण करें- संभागीय आयुक्त
कोटा 31 मार्च। संभागीय आयुक्त दीपक नंदी ने कहा कि सभी विभाग उद्यमियों की समस्या का समयबद्ध निस्तारण कर औद्योगिक विकास में सक्रियता से भागीदारी निभाऐं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में औद्योगिक विकास अवरूद्ध हुआ था इसे गति प्रदान करने की आवश्यकता है जिससे जिले में नये उद्योग स्थापित हो सके।
संभागीय आयुक्त गुरूवार को सीएडी सभागार में उद्योग विभाग की विवाद एवं शिकायत निवारण समिति की त्रैमासिक बैठक में उपस्थित अधिकारियों एवं उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के लिए किये गये प्रावधानों एवं योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर उद्यमियों को एक ही स्थान पर आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति करवाकर लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि जिले में हुए इंवेस्टर समिट में आये हुए एमओयू की प्रगति की प्रतिमाह मॉनीटरिंग कर उद्योग स्थापना के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से तैयार होने वाले दस्तावेजों को समयबद्ध रूप से तैयार कराये। उन्होंने कहा कि रीकों औद्योगिक क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क जैसी आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए औद्योगिक संगठनों द्वारा दिये गये सुझावों एवं समस्याओं का समय पर निराकरण करें।
संभागीय आयुक्त ने जिले में उपखण्डवार औद्योगि क्षत्रों के लिए आरक्षित की गई जमीनों की प्रगति की जानकारी लेकर दीगोद, इटावा, सांगोद, कनवास एवं रामगंजमंडी में सरकार को आवंटन के लिए भिजवाये गये प्रस्तावों को निरन्तर फॉलोअप कर कार्यवाही पूरी करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने रामगंजमंडी तथा कोटा के इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में डम्पिंग यार्ड के लिए चिन्हित भूमि के आवंटन आदि की कार्यवाही की जाकर स्टोन स्लेरी के उपयोग के लिए स्टार्टअप को प्रेरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाले अतिक्रमणों को गंभीरता से लेते हुए सभी क्षेत्रों में सर्वे करवाकर पुलिस की सहायता से हटवाने तथा एनफोर्समेंट सेल गठीत कर नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिये। उन्होंने रामगंजमंडी औद्योगिक क्षेत्र में पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए वर्तमान परियोजना की क्षमता बढाने अथवा जुल्मी में बन्द पड़ी खान में पानी की उपलब्धता के आधार पर तकमीना बनाकर सरकार को भिजवाने के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर हरि मोहन मीना ने कहा कि प्रतिमाह उद्योग संगठनों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जावे। उन्होंने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करे कि जिले में कोई भी उद्यमी निवेश करने के लिए आये उसे समय पर सुविधाऐं प्रदान की जावे।
सयुक्त निदेशक उद्योग सीताराम पुनियां ने उद्यमियों की समस्या निराकरण के लिए की जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि 1 जुलाई से बन्द होने जा रहे सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद करने वाले जिले में औद्योगिक इकाईयों का चिन्हित कर लिया है ऐसी 16 इकाईयों का उत्पाद परिवर्तन के लिए सूचित कर दिया गया है। आरएम रीको एस के गर्ग ने औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं के विस्तार के बारे में बताया। एसएसआई के गोविन्दराम मित्तल ने औद्योगिक क्षेत्रों में हो रहे अतिक्रमण को हटवाने, इन्द्रप्रस्थ एरिया की 30 वर्ष पुरानी इकाईयों की बिक्री अनुमति दिलाने,डीसीएम रोड़ पर आरओबी के नीचे हो रहे अतिक्रमण को हटवाने तथा बिजली पानी की समस्या की जानकारी देकर निराकरण करवाने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर राजस्व, उद्योग, रीको, विद्युत, जलदाय, नगर निगम, नगर विकास न्यास सहित संबन्धित विभागों के अधिकारी तथा उद्योग संगठनों के प्रतिनिधी उपवस्थित रहे।
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संभाग के 1855 सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों को राज्य बीमा का 120 करोड रूपये भुगतान होगा
संभागीय आयुक्त ने कम्प्युटर का बटन दबाकर की भुगतान की कार्यवाही
कोटा 31 मार्च। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सेवानिवृत होने जा रहे संभाग के 1855 राज्य कर्मचारियों की 01 अप्रैल 2022 को परिपक्व होने जा रही बीमा पॉलिसी के 120 करोड़ के भुगतान की कार्यवाही का गुरूवार को संभागीय आयुक्त दीपक नंदी ने कम्प्यूटर का बटन दबाकर पूरा किया। इस अवसर पा जिला कलक्टर हरिमोहन मीना, बीमा विभाग की अति. निदेशक दीपिका मित्तल सहित अधिकारी गण उपस्थित रहे।
अतिरिक्त निदेषक राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग श्रीमती मित्तल ने बताया कि कोटा, बून्दी, बारां, झालावाड में इस वित्तीय वर्ष में सेवा निवृत होने वाले ऐसे 1855 पॉलिसी धारकों से क्लेम फार्म प्राप्त कर अग्रिम तौर पर उनका शत प्रतिषत निस्तारण कर क्लेम अप्रुव कर दिये गये है। उन्होंने बताया कि सभी बीमेंदारों को अप्रैल 2022 के प्रथम सप्ताह में सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि कोटा जिले में 729 दावों में 48 करोड़ 62 लाख 50 हजार 143 रूपये का भुगतान होगा। बूदी जिले में 347 दावेदारों को 22 करोड़ 8 लाख 60 हजार 504 रूपये का भुगतान होगा। उन्होंने बताया कि बारां जिले में 388 दावेदारों को 23 करोड़ 45 लाख 94 हजार 662 रूपये का भुगतान होगा। झालावाड जिले के 391 दावेदारों को 26 करोड़ 48 लाख 3 हजार 503 रूपये का भुगतान किया जायेगा।
अतिरिक्त निदेशक ने सेवानिवृत होने वालेक कार्मिकों को समय पर भुगतान की कार्यवाही पूर्ण करने पर संभाग के चारों जिलों के अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रषंसा करत हुऐ
बधाई
प्रेषित की। उन्होंने बताया कि इस अभियान में कोटा के प्रोग्रामर चन्द्रषेखर, इन्द्रकुमार भानु, बून्दी के संदीप त्रिपाठी, बारां के कैलाषचन्द मीणा, झालावाड के साधुलाल मीणा, कोटा के सहायक प्रोग्रामर लेखराज महावर एवं कर्मचारियों ने टीम भावना से कार्य कर संभाग को राज्य में अग्रणी बनाया है।
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कोचिंग तथा हॉस्टल ऐसोसिएशन के प्रतिनिधियों की बैठक सम्पन्न
छात्र-छात्राओं के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ाव स्थापित करें- जिला कलक्टर
कोटा 31 मार्च। कोटा शहर में कोचिंग एवं छात्रावास में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के मानसिक तनाव एवं अवसाद को रोकने के लिए जिला कलक्टर हरिमोहन मीना की अध्यक्षता में गुरूवार को कोचिंग संस्थानों एवं होस्टल संगठनों के प्रतिनिधियांे की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
जिला कलक्टर ने कहा कि कोटा में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए भावनात्मक रूप से जुड़ाव स्थापित करें जिससे बच्चों को तनावमुक्त शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए नवाचारों को अपनाने के लिए सदैव प्रयासरत रहे। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन की शत प्रतिशत पालना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि हम सब की नैतिक जिम्मेदारी हैं कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ साथ एक ऐसा माहौल दिया जाये जिससे बच्चा कभी भी अपने आप को अकेला महसूस नहीं करें। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं एवं होस्टल के प्रतिनिधियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय स्टॉफ को प्रशिक्षण दिलाये कि किस प्रकार से बच्चों की मॉनीटरिंग की जावंे साथ ही अभिभावकों की भी काउंसलिंग की करें। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में समय समय पर खेलकूद गतिविधियों के साथ साथ मंनोरजन के कार्यक्रमों का अनिवार्य रूप से आयोजन करे ताकि बच्चों तनावमुक्त हो सके।
उन्होंने शहर पुलिस को कोचिंग संस्थान एंवं छात्रावासों द्वारा प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की पालना नहीं किये जाने पर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की बात कही। उन्होने कहा कि विद्यार्थियों कोचिंग संस्थान एवं होस्टल संचालकों के मध्य किराये को लेकर जो अनुबंध हुआ है उसकी प्रभावी रूप से अनुपालना सुनिश्चित कराई जाये।
अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह ने कहा कि कोटा शैक्षणिक नगरी के साथ साथ अब पर्यटन सिटी के रूप में विकसित होने जा रहा है। उन्होंने सभी कोचिंग संस्थाओं एवं होस्टल संगठनों से आव्हान किया कि समन्वित प्रयास कर बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने में सक्रिय भागीदारी निभायंे। अतिरिक्त कलक्टर शहर महेन्द्र लोढ़ा ने कहा कि होस्टल संचालक अपने-अपने होस्टल का निरीक्षण करें और छात्र-छात्राओं की गतिविधियों की भी प्रभावी मॉनीटरिंग करें। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी अभिभावकों को भी अनिवार्य रूप से दी जावे। बैठक में नगर निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह, उप निदेशक समाज कल्याण ओम प्रकाश तोषनीवाल सहित शहर के कोचिंग संस्थाओं एवं होस्टल संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और मानसिक स्वास्थ्य पर ऑनलाईन स्टडी का प्रभाव पर व्याख्यान का आयोजन
कोटा 31 मार्च। राजकीय महाविद्यालय में गुरूवार को मेन्टल हेल्थ कॉउन्सलिंग प्रकोष्ठ के तत्वाधान में व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता राजकीय मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटलस के मनोचिकित्सा विभाग की सहायक आचार्य डॉ. मिथलेश खींची रही।
उन्होंने कहा कि ऑनलाईन अध्ययन के सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया कि सकारात्मक रूप में सेल्फ मॉटिवेशन आत्म-अनुशासन, कौशल विकास, विचारों में लचीलापन, उत्सुकता एवं कल्पनाशीलता आदि गुणों से व्यक्तित्व का विकास होता है। उन्हांेने ऑनलाइन अध्ययन के नकारात्मक प्रभावों में बताया कि इससे विद्यार्थियों में एकाकीपन, उग्रता, सामाजिक सरोकारों से दूरी वार्तालाप एवं परिवार में आपसी सामंजस्य का अभाव मुख्य रुप से देखे जाते हैं। जिससे विद्यार्थियों मे तनाव, चिन्ता, एकाग्रता में कमी और समय प्रबन्धन का अभाव देखा जाता है। जिसके उपाय स्वरुप श्रम एवं आउटडोर गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. जयन्त कुमार विजयवर्गीय ने कहा कि माता पिता को विशेष रुप से सर्तक रहते हुए बच्चों के बदलते व्यवहार के प्रति सजग रहना चाहिए, जिससे उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण संभव हो सकें। संयोजक मेन्टल हेल्थ काउन्सलिंग सेन्टर डॉ. उत्तरा चन्द्रावत नेशनल मेन्टल हेल्थ मिशन के अन्तर्गत स्थापित किये गये मेन्टल हेल्थ काउन्सलिंग सेन्टर के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली की जानकारी दी।
इस अवसर पर सहायक निदेशक डॉ. रघुराज परिहार उपस्ािित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सविता गुप्ता द्वारा किया गया। डॉ. मीनाक्षी मंयगर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस व्याख्यान से राजकीय महाविद्यालय, कोटा के विद्यार्थियों सहित सभी संकाय सदस्य भी लाभान्वित हुये।

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