आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 सितंबर 2023
विधानसभा आमचुनाव-2023
जन्म दिवस पर सपत्निक लिया नेत्रदान संकल्प
जन्म दिवस पर सपत्निक लिया नेत्रदान संकल्प
शाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रयासों से झालावाड़ शहर में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है,इसी क्रम में कल झालावाड़ निवासी दंत चिकित्सक डॉ पीयूष कटारिया (35 वे जन्मदिवस) और उनकी पत्नी प्रिया कटारिया (29 वीं जन्मदिवस) ने बीते दिनों अपने-अपने जन्म दिवस पर नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा ।
उन दोनों को संकल्प पत्र भरता हुआ देखकर डॉ पीयूष कटारिया की माता जी सुनीता और पिता जी विमल कटारिया ने भी अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र भर दिया । डॉ पीयूष ने बताया कि,उन्होंने अपने बड़े भाई नितिन कटारिया को शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान अभियान में सहयोग करते हुए देखा ,उन्हीं के सेवा कार्य से प्रेरणा लेकर उनके मन में यह विचार आया कि क्यों ना अपने जन्म दिवस पर नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा जाए,इसी भावना के साथ दोनों पति-पत्नी ने नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा ।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र नितिन कटारिया, बादल अग्रवाल ने बताया कि झालावाड़ शहर में अभी तक 14 से अधिक देवलोकगामियों का नेत्रदान संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से संपन्न हुआ है । संस्था अपने नैत्रदान अभियान के कार्य के प्रति 24 घंटे कटिबद्ध है, संस्थान अपने प्रयासों से ना सिर्फ शहर में बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्र तक में नेत्रदान की जागरूकता फैला रही है ।
फिर वही ख़ुदा तो तुम्हारा सच्चा रब है फिर हक़ बात के बाद गुमराही के सिवा और क्या है फिर तुम कहाँ फिरे चले जा रहे हो
ऐ रसूल तुम उने ज़रा पूछो तो कि तुम्हें आसमान व ज़मीन से कौन रोज़ी देता
है या (तुम्हारे) कान और (तुम्हारी) आँखों का कौन मालिक है और कौन शख़्स
मुर्दे से जि़न्दा को निकालता है और जि़न्दा से मुर्दे को निकालता है और हर
अम्र (काम) का बन्दोबस्त कौन करता है तो फौरन बोल उठेंगे कि ख़ुदा (ऐ
रसूल) तुम कहो तो क्या तुम इस पर भी (उससे) नहीं डरते हो (31)
फिर वही ख़ुदा तो तुम्हारा सच्चा रब है फिर हक़ बात के बाद गुमराही के सिवा और क्या है फिर तुम कहाँ फिरे चले जा रहे हो (32)
(ऐ रसूल) उनसे पूछो तो कि तुम ने जिन लोगों को (ख़ुदा का) शररीक बनाया है कोई भी ऐसा है जो मख़लूकात को पहली बार पैदा करे फिर उन को (मरने के बाद) दोबारा जि़न्दा करे (तो क्या जवाब देगें) तुम्ही कहो कि ख़ुदा ही पहले भी पैदा करता है फिर वही दोबारा जि़न्दा करता है तो किधर तुम उल्टे जा रहे हो (34)
(ऐ रसूल उनसे) कहो तो कि तुम्हारे (बनाए हुए) शरीकों में से कोई ऐसा भी है जो तुम्हें (दीन) हक़ की राह दिखा सके तुम ही कह दो कि (ख़ुदा) दीन की राह दिखाता है तो जो तुम्हे दीने हक़ की राह दिखाता है क्या वह ज़्यादा हक़दार है कि उसके हुक्म की पैरवी की जाए या वह शख़्स जो (दूसरे) की हिदायत तो दर किनार खुद ही जब तक दूसरा उसको राह न दिखाए राह नही देख पाता तो तुम लोगों को क्या हो गया है (35)
तुम कैसे हुक्म लगाते हो और उनमें के अक्सर तो बस अपने गुमान पर चलते हैं (हालाकि) गुमान यक़ीन के मुक़ाबले में हरगिज़ कुछ भी काम नहीं आ सकता बेषक वह लोग जो कुछ (भी) कर रहे हैं खुदा उसे खूब जानता है (36)
और ये कुरान ऐसा नहीं कि खुदा के सिवा कोई और अपनी तरफ से झूठ मूठ बना डाले बल्कि (ये तो) जो (किताबें) पहले की उसके सामने मौजूद हैं उसकी तसदीक़ और (उन) किताबों की तफ़सील है उसमें कुछ भी शक नहीं कि ये सारे जहाँन के परवरदिगार की तरफ से है (37)
क्या ये लोग कहते हैं कि इसको रसूल ने खुद झूठ मूठ बना लिया है (ऐ रसूल) तुम कहो कि (अच्छा) तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो (भला) एक ही सूरा उसके बराबर का बना लाओ और ख़ुदा के सिवा जिसको तुम्हें (मदद के वास्ते) बुलाते बन पड़े बुला लो (38)
(ये लोग लाते तो क्या) बल्कि (उलटे) जिसके जानने पर उनका हाथ न पहुँचा हो लगे उसको झुठलाने हालाकि अभी तक उनके जे़हन में उसके मायने नहीं आए इसी तरह उन लोगों ने भी झुठलाया था जो उनसे पहले थे-तब ज़रा ग़ौर तो करो कि (उन) ज़ालिमों का क्या (बुरा) अन्जाम हुआ (39)
और उनमें से बाज़ तो ऐसे है कि इस कु़रान पर आइन्दा ईमान लाएगें और बाज़ ऐसे हैं जो ईमान लाएगें ही नहीं (40)
21 सितंबर 2023
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