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13 जनवरी 2022

देश , विदेश , क्षेत्रीय पर्यटन के प्रति आकर्षण मामले में लेखन कला निश्चित तोर पर चुनौतीपूर्ण है

 देश , विदेश , क्षेत्रीय पर्यटन के प्रति आकर्षण मामले में लेखन कला निश्चित तोर पर चुनौतीपूर्ण है , लेकिन डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ,, उनकी कढ़ी मेहनत , लगन , लगातार शोधग्रंथों से ,,  इस चुनौतीपूर्ण कार्य को , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल कर पाए है , ,संग्रहालय ,, रेगिस्तानी पर्यटन , ,धार्मिक पर्यटन , ऐतिहासिक पर्यटन सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पुस्तक लेखन ,के बाद , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने ,,भारत में मुस्लिम स्थापत्य और पर्यटन विषय पर ,,  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर , बहुउपयोगी पुस्तक का लेखन एक शोध ग्रंथ के रूप में लिखने का संकल्प लिया है , निश्चित तोर पर  डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का यह लेखन ,, वर्तमान हालातों में , इतिहास के छात्र छात्रों के लिए ज़रूरी भी हो गया है , यक़ीनन ,, मुस्लिम शासकों का भारत में आगमन , कोई पर्यटन नहीं था , वोह यहां रहने , बसने , शासन करने आये थे , इसीलिए उन्होंने भारत में अलग अलग जगह , धार्मिक , सार्वजनिक हित उपयोगी , पर्यटन के प्रति आकर्षण , वैज्ञानिक , रिहायशी , मनोरजन , दृष्टि से , कई तरह की इमारतों , उद्यान , महल , वगेरा का लगातार निर्माण करवाया ,, मुस्लिम शासकों के अलग अलग काल में , चाहे वोह बाबर , अकबर , जहानगीर , औरंगज़ेब , बहादुर शाह ज़फ़र , कुतुबुद्दीन ऐबक , अलाउद्दीन खिलजी , अल्तमश , फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ ,  सहित किसी का भी कार्यकाल हो , हर कार्यकाल में आकर्षक इमारतों , आकर्षक पर्यटन स्थलों का निर्माण हुआ है , ,भारत में , आज अलग अलग राज्यों के महत्वपूर्ण ज़िलों में , विशिष्ठ डिज़ाइन , विशिष्ठ आंतरिक सजावट , बाहरी सजावट के साथ आरक्षक इमारते बनी है , चाहे , दिल्ली की जामा मस्जिद हो , भोपाल की तजाजुल मस्जिद हो , हैदराबाद में गोल कुंडा का क़िला हो , क़ुतुब मीनार हो , लालकिला हो , ताजमहल हो , अजमेर में अकबर महल हो , ढाई दिन का झोंपड़ा हो , टोंक में सुनहरी कोठी , अजमेर सवाईमाधोपुर रोड पर हाथी भाटा ,, सहित हर  राज्य ,में ,, आकर्षक निर्माण है , जिनमे खानकाह , दरगाह , क़िले , महल , शामिल है , विशिष्ठ इमारत कला के तहत ,, मीनारों ,, गुंबद , बढे बढे दालान ,, खूबसूरत पत्थर की नक़्क़ाशी के साथ , किये गए निर्माणों में ,वैज्ञानिक व्यवस्थाएं भी है , जैसे ,टीपू सुल्तान के निर्माण में ,, सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं शामिल रही , हैदराबाद के गोलकुंडा क़िले में , ऐसी वैज्ञानिक पद्धति , के जिस तरफ महल में , सुनवाई के लिए बादशाह मौजूद रहे , वहां अगर कोई भी किसी भी तरह से , पत्थर फेंक ,कर ,, खंजर फेंक कर , गोली चलाकर , अगर मारने की कोशिश भी करे तो वोह उस तक नहीं पहुंच सकती ,, यह सुरक्षात्मक वैज्ञानिक निर्माण रहा है , जबकि इसी गोलकुण्डे क़िले के मुख्य द्वार पर , एक घंटा ऐसा लगाया गया , जिसे बजाने से , कोसों दूर , जहाँ बादशाह रहते थे वहां आवाज़ पहुंचती , आज भी लोग उस जगह ताली बजाकर आवाज़ें सुनते है , उसका निर्माण भी वैज्ञानिक निर्माण है , जबकि ऐतिहासिक स्तर  पर अजमेर का ढाई दिन का झोंपड़े का निर्माण , आज भी रहस्य है , वहां अल्पसमय में ऐसा निर्माण , ऐसी नक़्क़ाशी , ऐसे इस्लामिक आयतों के आलेख असम्भव से लगते है , कोटा में , जेन दिवाकर के सामने मैगज़ीन ग्राउंड के पास , दलेर खान का मक़बरा , ,खुद मुगल निर्माण संस्कृति का उदाहरण है , टोंक में सुनहरी कोठी ,, जामा मस्जिद की खूबसूरती और आकर्षण देखने योग्य है , जबकि ताजमहल आज भी आठवें आश्चर्य ,में शामिल है , लालकिला देश में लोकतंत्र का प्रतीक है , जहाँ से , हर साल तिरंगा लहराकर , लोकतंत्र को ज़िंदाबाद कहा जाता है ,भारत को ज़िंदाबाद कहा जाता है , इस्लामिक इमारतों में भी अलग अलग काल में , अलग तरह के इंजीनियर्स , इमारत विशेषज्ञ रहे है , जिन्होंने हर कार्यकाल में , इमारतों के निर्माण , उनके आकर्षण में बदलाव किया है , भारत के अलग अलग राज्यों में , इस्लामिक इमारतों को लेकर पर्यटकों में ख़ास आकर्षण होने से , पर्यटकों की आवाजाही की बहुतायत है और सरकार को भी ,, टिकिट , रखरखाव के नाम पर करोड़ों करोड़ रूपये की आमदनी होती है , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने, अपनी पुस्तक में , खासकर इस्लामिक स्थापत्य कला और पर्यटन को लेकर , एक विशिष्ठ मुद्दे पर , खोजपूर्ण आकर्षक स्थलों को शामिल कर,  उनकी विशिष्टताएं , विविधताएं , खूबसूरती ,  ऐतिहासिक तथ्यों, इमारतों की कलात्मक खूबसूरती सहित हर मुख्य बिंदु को आकर्षित किया है ,  डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल की यह पुस्तक निश्चित तोर पर , भारत सहित अंतराष्ट्रीय स्तर पर , भारत के अलग अलग राज्यों , के क्षेत्रीय स्तर पर मध्यकालीन युग मामले में शोधार्थियों के लिए एक , महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने ,उनके चिर परिचित लेखन के माध्यम से , इन स्थलों के माध्यम से , क़ौमी एकता का संदेश भी देने का प्रयास किया है , ,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा

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