देश , विदेश , क्षेत्रीय पर्यटन के प्रति आकर्षण मामले में लेखन कला निश्चित तोर पर चुनौतीपूर्ण है , लेकिन डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ,, उनकी कढ़ी मेहनत , लगन , लगातार शोधग्रंथों से ,, इस चुनौतीपूर्ण कार्य को , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल कर पाए है , ,संग्रहालय ,, रेगिस्तानी पर्यटन , ,धार्मिक पर्यटन , ऐतिहासिक पर्यटन सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पुस्तक लेखन ,के बाद , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने ,,भारत में मुस्लिम स्थापत्य और पर्यटन विषय पर ,, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर , बहुउपयोगी पुस्तक का लेखन एक शोध ग्रंथ के रूप में लिखने का संकल्प लिया है , निश्चित तोर पर डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का यह लेखन ,, वर्तमान हालातों में , इतिहास के छात्र छात्रों के लिए ज़रूरी भी हो गया है , यक़ीनन ,, मुस्लिम शासकों का भारत में आगमन , कोई पर्यटन नहीं था , वोह यहां रहने , बसने , शासन करने आये थे , इसीलिए उन्होंने भारत में अलग अलग जगह , धार्मिक , सार्वजनिक हित उपयोगी , पर्यटन के प्रति आकर्षण , वैज्ञानिक , रिहायशी , मनोरजन , दृष्टि से , कई तरह की इमारतों , उद्यान , महल , वगेरा का लगातार निर्माण करवाया ,, मुस्लिम शासकों के अलग अलग काल में , चाहे वोह बाबर , अकबर , जहानगीर , औरंगज़ेब , बहादुर शाह ज़फ़र , कुतुबुद्दीन ऐबक , अलाउद्दीन खिलजी , अल्तमश , फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ , सहित किसी का भी कार्यकाल हो , हर कार्यकाल में आकर्षक इमारतों , आकर्षक पर्यटन स्थलों का निर्माण हुआ है , ,भारत में , आज अलग अलग राज्यों के महत्वपूर्ण ज़िलों में , विशिष्ठ डिज़ाइन , विशिष्ठ आंतरिक सजावट , बाहरी सजावट के साथ आरक्षक इमारते बनी है , चाहे , दिल्ली की जामा मस्जिद हो , भोपाल की तजाजुल मस्जिद हो , हैदराबाद में गोल कुंडा का क़िला हो , क़ुतुब मीनार हो , लालकिला हो , ताजमहल हो , अजमेर में अकबर महल हो , ढाई दिन का झोंपड़ा हो , टोंक में सुनहरी कोठी , अजमेर सवाईमाधोपुर रोड पर हाथी भाटा ,, सहित हर राज्य ,में ,, आकर्षक निर्माण है , जिनमे खानकाह , दरगाह , क़िले , महल , शामिल है , विशिष्ठ इमारत कला के तहत ,, मीनारों ,, गुंबद , बढे बढे दालान ,, खूबसूरत पत्थर की नक़्क़ाशी के साथ , किये गए निर्माणों में ,वैज्ञानिक व्यवस्थाएं भी है , जैसे ,टीपू सुल्तान के निर्माण में ,, सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं शामिल रही , हैदराबाद के गोलकुंडा क़िले में , ऐसी वैज्ञानिक पद्धति , के जिस तरफ महल में , सुनवाई के लिए बादशाह मौजूद रहे , वहां अगर कोई भी किसी भी तरह से , पत्थर फेंक ,कर ,, खंजर फेंक कर , गोली चलाकर , अगर मारने की कोशिश भी करे तो वोह उस तक नहीं पहुंच सकती ,, यह सुरक्षात्मक वैज्ञानिक निर्माण रहा है , जबकि इसी गोलकुण्डे क़िले के मुख्य द्वार पर , एक घंटा ऐसा लगाया गया , जिसे बजाने से , कोसों दूर , जहाँ बादशाह रहते थे वहां आवाज़ पहुंचती , आज भी लोग उस जगह ताली बजाकर आवाज़ें सुनते है , उसका निर्माण भी वैज्ञानिक निर्माण है , जबकि ऐतिहासिक स्तर पर अजमेर का ढाई दिन का झोंपड़े का निर्माण , आज भी रहस्य है , वहां अल्पसमय में ऐसा निर्माण , ऐसी नक़्क़ाशी , ऐसे इस्लामिक आयतों के आलेख असम्भव से लगते है , कोटा में , जेन दिवाकर के सामने मैगज़ीन ग्राउंड के पास , दलेर खान का मक़बरा , ,खुद मुगल निर्माण संस्कृति का उदाहरण है , टोंक में सुनहरी कोठी ,, जामा मस्जिद की खूबसूरती और आकर्षण देखने योग्य है , जबकि ताजमहल आज भी आठवें आश्चर्य ,में शामिल है , लालकिला देश में लोकतंत्र का प्रतीक है , जहाँ से , हर साल तिरंगा लहराकर , लोकतंत्र को ज़िंदाबाद कहा जाता है ,भारत को ज़िंदाबाद कहा जाता है , इस्लामिक इमारतों में भी अलग अलग काल में , अलग तरह के इंजीनियर्स , इमारत विशेषज्ञ रहे है , जिन्होंने हर कार्यकाल में , इमारतों के निर्माण , उनके आकर्षण में बदलाव किया है , भारत के अलग अलग राज्यों में , इस्लामिक इमारतों को लेकर पर्यटकों में ख़ास आकर्षण होने से , पर्यटकों की आवाजाही की बहुतायत है और सरकार को भी ,, टिकिट , रखरखाव के नाम पर करोड़ों करोड़ रूपये की आमदनी होती है , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने, अपनी पुस्तक में , खासकर इस्लामिक स्थापत्य कला और पर्यटन को लेकर , एक विशिष्ठ मुद्दे पर , खोजपूर्ण आकर्षक स्थलों को शामिल कर, उनकी विशिष्टताएं , विविधताएं , खूबसूरती , ऐतिहासिक तथ्यों, इमारतों की कलात्मक खूबसूरती सहित हर मुख्य बिंदु को आकर्षित किया है , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल की यह पुस्तक निश्चित तोर पर , भारत सहित अंतराष्ट्रीय स्तर पर , भारत के अलग अलग राज्यों , के क्षेत्रीय स्तर पर मध्यकालीन युग मामले में शोधार्थियों के लिए एक , महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने ,उनके चिर परिचित लेखन के माध्यम से , इन स्थलों के माध्यम से , क़ौमी एकता का संदेश भी देने का प्रयास किया है , ,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 जनवरी 2022
देश , विदेश , क्षेत्रीय पर्यटन के प्रति आकर्षण मामले में लेखन कला निश्चित तोर पर चुनौतीपूर्ण है
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