1. छोटे भाई के बाद अब बड़े भाई का भी नेत्रदान संपन्न
2. गुलशन के नेत्रदान से,दृष्टिहीन की अंधेरी दुनिया रौशन
3. अब बारां के परिवारों में भी परंपरा बन रहा है नेत्रदान
4. भारी ठंड में,कोटा से बारां आकर टीम ने लिया नैत्रदान
कोटा
की सामाजिक संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के नैत्रदान-अंगदान-देहदान के
जागरूकता प्रयासों से अब संभाग के कोई भी बड़ा शहर नहीं छूटा है । अब जब भी
कभी शोक की घड़ी आती है तो शोकाकुल परिवार के सदस्यों को नेत्रदान के लिए
जागरूक करने में अब ज्यादा समय नहीं लगता है ।
आज
शुक्रवार को कृष्णा कॉलोनी,बारां निवासी गुलशन लाल डंग ( 80 वर्षीय ) का
आकस्मिक निधन हो गया, इनकी बेटी नीलम बत्रा,और इंदु अदलखा ने कोटा स्थित
शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र डॉ जितेंद्र कटियाल को,अपने दिवंगत
पिता के नैत्रदान करवाने के लिये कॉल किया । डॉ जितेंद्र ने तुरंत ही
ईबीएसआर-बीबीजे चैप्टर डॉ कुलवंत गौड़ को यह सूचना दी।
सूचना
मिलने के ठीक बाद ही डॉ कुलवंत गौड़ तुरंत ही कोटा से बारां के लिए रवाना
हो गये, और 1 घंटे में उनके निवास पर पहुंचकर स्वयं ने नेत्रदान की संपूर्ण
प्रक्रिया को समाज के सभी लोगों के बीच संपन्न किया । नेत्रदान के उपरांत
उनके बेटे सतीश डंग को संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी
किया । ज्ञात हो कि शाइन इंडिया के प्रयासों से बारां जिले से पिछले 10
वर्षों में 34 नेत्रों का संकलन किया गया है ।
गुलशन
लाल जी हंसमुख स्वभाव,मृदु-भाषी,सादा जीवन सरल सात्विक विचार वाले इंसान
थे,उनका किराने का बहुत बड़ा व्यवसाय था । बीते वर्ष इनके छोटे भाई
राधेश्याम डंग का भी मरणोपरांत कोटा में नैत्रदान सम्पन्न हुआ था। इसी क्रम
में आज बड़े भाई श्री गुलशन डंग जी का नेत्रदान संपन्न हुआ ।
संस्था
के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ का कहना है कि,अब शहरों के साथ-साथ ग्रामीण
अंचलों में भी नेत्रदान आमजन में चर्चा का विषय बन चुका है । साथ ही यह भी
देखने में आ रहा है कि,शोक के समय यदि कोई नेत्रदान के बारे में चर्चा कर
लेता है तो,नैत्रदान जैसे पुण्य कार्य संपन्न होने की संभावनाएं बहुत अधिक
रहती है ।
डॉ कुलवंत ने
बताया कि इस माह में संस्था के सहयोग से 32 नेत्रों का संकलन किया गया है,
जिसमें से पिछले 7 दिनों से दो नेत्रों का संकलन रोज किया गया है ।
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