नई दिल्ली. आईएस अधिकारियों को ट्रेनिंग देने वाले मसूरी स्थित संगठन लालबहादुर
शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में फर्जी दस्तावेज के आधार 7
महीने रहकर फरार होने की आरोपी रूबी चौधरी ने कहा है कि अगर इस मामले में
उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेंगी। रूबी के मुताबिक, इस मामले
में उसे दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन
से भी पूछताछ होनी चाहिए। रूबी ने कहा, ''इस मामले में मेरी कोई गलती नहीं
है। मुझे फरार बताए जाने और मेरे खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराए जाने
के बाद मैं खुद सामने आई हूं। पूरी अकादमी इस मामले में दोषी अधिकारी को
बचाने में जुटी हुई है। जो भी कुछ हुआ, उसमें अकादमी के अधिकारियों की
मिली-भगत है। रूबी चौधरी ने आरोप लगाया है कि अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर
सौरभ जैन को बचाने की कोशिश की जा रही है। रूबी का कहना है कि अगर जैन दोषी
नहीं हैं तो वे सामने क्यों नहीं आ रहे हैं?
डिप्टी डायरेक्टर पर लगाए संगीन आरोप
रूबी ने बताया कि वह लाइब्रेरियन की नौकरी के लिए यहां आई थीं। अकादमी
के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन ने 20 लाख रुपए लेकर उन्हें नौकरी देने की
बात कही थी। महिला का कहना है कि वह सौरभ जैन को 5 लाख रुपए एडवांस दे चुकी
हैं। रूबी ने कहा कि सौरभ जैन ने उसका अकादमी का फर्जी आईकार्ड और गेट पास
बनवाया था। महिला का कहना है कि अकादमी को सब कुछ पता था। यह गेट पास सौरभ
जैन ने ही बनवाया था। महिला यह आरोप लगा चुकी है कि सौरभ जैन ने उसे मामला
रफा-दफा करने के लिए पांच करोड़ रुपए देने की पेशकश की थी।
एसआईटी कर रही मामले की जांच
मामले की जांच पर डीजीपी बीएस सिद्धू का कहना है कि एक महिला अधिकारी
के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है। डीजीपी का कहना है कि जांच के बाद
ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। रूबी चौधरी के मीडिया में आए
बयान पर डीजीपी ने कहा कि सिर्फ बयान के आधार पर किसी पर कार्रवाई नहीं की
जा सकती
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