औरंगाबाद/ . आज हनुमान जंयती और ग्रहण भी है। मंदिर के पट बंद
हैं।
आपको बताने जा रहा है देश के ऐसे सात हनुमान मंदिरों को बारे में जहां
बजरंगबली की प्रतिमा लेटी अवस्था में हैं।
हमारे देश में लाखों हनुमान मंदिर हैं। इनकी मान्यताएं भी अलग-अलग
हैं। कहा जाता है कि इन सात मंदिरों, जहां हनुमानजी लेटी अवस्था में हैं
मांगी जाने वाली हर मुराद पूरी होती है। खासतौर पर युवाओं की। नौकरी की
दिक्कत हो या कोई और परेशानी उनका विश्वास है कि बजरंगबली उनकी मदद करते
हैं। इसका अंदाजा यहां लगने वाली इनकी भीड़ से लगाया जा सकता है। ये सात
मंदिर हैं अलवर, राजकोट, इलाहाबाद, इटावा, चंदौली, छिंदवाड़ा और औरंगाबाद
में।
भद्र मारुति मंदिर , औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के समीप खुल्दाबाद में भद्र मारुति मंदिर
स्थित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां बजरंगबली की प्रतिमा लेटी
अवस्था में हैं। हनुमान जयंती और राम नवमी के दौरान यहां भक्तों की जबरदस्त
भीड़ उमड़ती है। श्रावण के समय इस मंदिर में लोग नंगे पैर आते हैं।
भद्र मारुति मंदिर में मौजूद हनुमान की लेटी अवस्था की प्रतिमा के
बारे में वैसे तो कई मान्यताएं हैं हैं। लेकिन इनमें सबसे मशहूर राजा राजशी
भद्रसेन की कहानी प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि राजा राजशी भद्रसेन
तालाब के किनारे हनुमान के गीत गाया करते थे। एक दिन हनुमान वहां प्रकट हुए
और राजा के गीत सुनने लगे। गीत सुनते-सुनते हनुमान सो गए। तभी से यहां पर
हनुमान की प्रतिमा लेटी अवस्था में मौजूद है।
औरंगाबाद के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह की प्रतिमाएं
हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पिलुआ ग्राम में, इलाहाबाद में संगम तट
पर और चंदौली जिले में भी हनुमान की लेटी हुई प्रतिमा है। गुजरात के
राजकोट में भी हनुमानजी की लेटी हुई प्रतिमा है। वहीं, राजस्थान के अलवर और
मध्यप्रदेश के जाम सावली में भी हनुमानजी की लेटी प्रतिमा है।
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