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06 अप्रैल 2025

कांग्रेस के नेता, प्रहलाद गुंजल से सीखें, चुनाव हारने के बावजूद जनता के बीच सक्रिय रहना और उसके भविष्य में पार्टी को क्या फायदे होते हैं !

 

कांग्रेस के नेता, प्रहलाद गुंजल से सीखें, चुनाव हारने के बावजूद जनता के बीच सक्रिय रहना और उसके भविष्य में पार्टी को क्या फायदे होते हैं !
2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े प्रहलाद गुंजल भाजपा के नेता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से चुनाव हार गए थे मगर चुनाव हारने के बाद प्रहलाद गुंजल हार की कुंठा को लेकर घर नहीं बैठे बल्कि प्रहलाद गुंजल अपने लोकसभा क्षेत्र कोटा में जनता के बीच लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं गुंजल की सक्रियता की झलक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रही है ओम बिरला कोटा संसदीय क्षेत्र से लगातार तीसरी बार लोकसभा सदस्य बने और लगातार वह दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष बने, ओम बिरला अपने संसदीय क्षेत्र में जनता के बीच जीतने सक्रिए अभी नजर आ रहे हैं उतने सक्रिय वह पहले नजर नहीं आते थे इसकी वजह यह भी है कि ओम बिरला 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल से बहुत कम अंतर से जीते, यदि कांग्रेस बड़े नेता एकजुट होते तो शायद कोटा संसदीय क्षेत्र का परिणाम कुछ और ही होता, हाडोती के कद्दावर नेता पूर्व नगरीय विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने चुनाव के वक्त प्रहलाद गुंजल की जमकर मुकालफत की इसी का परिणाम रहा की कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल भाजपा के ओम बिरला से लगभग 50000 मतों से चुनाव हार गए !
हाडोती संभाग में यूं तो कांग्रेस के पास बड़े-बड़े नेता हैं मगर इस समय जनता के बीच केवल प्रहलाद गुंजल ही सक्रिय नजर आ रहे हैं ! लगता है बाकी नेता 2027 के विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं अक्सर देखा गया है कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी साल में ही सक्रिय होते हैं वह इसलिए क्योंकि उन्हें पार्टी का टिकट चाहिए टिकट तो मिल जाता है मगर कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव हार जाते हैं !
कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल की सक्रियता के कारण कांग्रेस का आम कार्य करता भी सक्रिय दिखाई दे रहा है, क्योंकि हाडोती में ज्यादातर कांग्रेस के भीतर बड़े नेता वह जो उम्र दराज हो गए हैं लेकिन उन नेताओं की राजनीतिक महत्व आकांक्षा अभी भी बुड़ी नहीं हुई है, वह अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि 2027 में एक बार फिर से उन्हें ही कांग्रेस प्रत्याशी बनाएं और शायद इसीलिए हाडोती संभाग में कांग्रेस का आम कार्य करता कुंठित और निराश होकर अपने घरों के भीतर बैठा हुआ है !
संभाग के जिलों की बात करें तो अधिकांश जिलों में जिला अध्यक्ष इन नेताओं के ही प्यादे हैं वह भी सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं अपने नेताओं की तरह वह भी 2027 होने वाले विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहे हैं और उनकी इस सक्रियता ने कहीं ना कहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को परेशान कर रखा है यही वजह है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार के मंत्री यहां तक की मुख्यमंत्री भजनलाल आए दिन कोटा आते हैं ! सवाल यह है कि हाडोती संभाग के कांग्रेसी नेता प्रहलाद गुंजल से सीखे की जनता के बीच सक्रियता के फायदे क्या होते हैं !
देवेंद्र यादव
कोटा राजस्थान
9829678916

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