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06 अप्रैल 2025

एक बंधु , धर्म बंधु , जो आर्य भी हैं , भोले भाले से दिखने वाले ,, चतुरतम पत्रकार भी हैं , अदालत से संबंधित खबरों को अपने अख़बार के लिए ख़ामोशी से निकलना , दूसरे पत्रकारों से खबर लेना , लेकिन दूसरे पत्रकारों को अपनी खबर नहीं देकर , खुद के अख़बार में अलग से , एक्सक्लूज़िव खबर लगाना इनकी फितरत रही है

 

एक बंधु , धर्म बंधु , जो आर्य भी हैं , भोले भाले से दिखने वाले ,, चतुरतम पत्रकार भी हैं , अदालत से संबंधित खबरों को अपने अख़बार के लिए ख़ामोशी से निकलना , दूसरे पत्रकारों से खबर लेना , लेकिन दूसरे पत्रकारों को अपनी खबर नहीं देकर , खुद के अख़बार में अलग से , एक्सक्लूज़िव खबर लगाना इनकी फितरत रही है , ,,दैनिक भास्कर में इन्होने कई सालों तक , ज्यूडिश्यरी जर्नलिज़्म के तहत बहतरीन खबरें बटोरने और आम पाठकों के लिए बेहतर से बहतर जनउपयोगी खबरें परोसने का कामयाब काम किया है , धर्म बंधु आर्य अब , भास्कर की पत्रिका से सेवानिवृत होने के बाद ,फ्री लोन्स जर्नलिज़्म के बारे में विचार बना रहे हैं , जी हाँ दोस्तों ,, अदालत परिसर और अदालतों के फैसलों , परिवादों , अदालत परिसर की स्थिति , ज़रूरतों , वकीलों की समस्याओं , पक्षकरों की आवश्यकताओं , सहित विधिक साक्षरता , मामलों को टारगेट कर इनकी खबरें सराहनीय रही हैं , दैनिक भास्कर में पत्रकारिता के पहले , धर्म बंधु आर्य दैनिक कोटा ब्यूरों में भी पत्रकार रहे हैं ,, धर्म बंधु आर्य ,, आर्यसमाज प्रचारक भी हैं , इनके स्वर्गीय पिता श्री रामकृष्ण आर्य कटटर आर्यसमाजी और आंदोलनकारी थे , जिनका जीवन ,, सत्यमेव जयते की तलाश में संघर्ष करते हुए , सैद्धांतिक पद चिन्हों पर चलते हुए ईमानदारी से गुज़रा , ,रामकृष्ण आर्य आर्यसमाज के पंडित भी थे , धर्म बंधु उन्ही के सुपुत्र हैं , जो एक संघर्षशील मज़दूर की तर्ज़ पर , अपना संघर्ष कर रहे हैं , प्रारम्भ में कैथूनीपोल क्षेत्र में निवासित धर्म बंधु आर्य की शिक्षा पहले रेतवाली स्थित आर्य विद्यालय फिर , मल्टीपर्पस स्कूल फिर विज्ञाननगर स्कूल में इनकी शिक्षा हुई , स्कूल में शानत स्वभाव वाले धर्म बंधु आर्य के साथ जब एक स्कूली छात्र ने छेड़ छाड़ की अति कर दी तो यह अचानक गुस्से में हो गए और इतने गुस्से में हुए के उस लड़के को उन्होंने दे धनाधन के तहत पीट डाला , सभी एक शांत स्वभाव लड़के का यह उग्र स्वभाव देखकर ख़ौफ़ज़दा हुए और फिर धर्मबंधु आर्य के साथ किसी ने छेड़छाड़ का दुस्साहस नहीं किया , 1987 कोटा में दिवराला सती प्रथा काण्ड के खिलाफ आर्यसमाज का आंदोलन हुआ , प्रदर्शन हुआ उक्त प्रदर्शन में धर्मबंधु , इनके पिता रामकृष्ण आर्य और छोटे भाई वेदभूषण आर्य भी थे , अचानक प्रदर्शनकारियों पर समाज के लड़कों ने हमला कर दिया और इस हमले में धरबन्धु भी पूरी तरह से घायल हुए , पुलिस केस हुआ , तब से ही धर्मबंधु ने लिखना शुरू किया और स्ति प्रथा के खिलाफ खूब लेख लिखे , धर्मबंधु एक बहतर टाइपिस्ट भी रहे , अदालत में आ गए , इसी दौरान , उन लड़कों से जिन्होंने इन्हे पीटा था उनके द्वारा माफ़ी मांगने पर इन्होने उन्हें माफ़ किया , , धर्मबंधु गुरुकुल केलवाड़ा के सीताबाड़ी के छात्र भी रहे ,हैं इन्होने आर्य समाज के समाज सुधार आन्दोलन में दिल्ली की रैलियों में भी हिस्सेदारी दिखाई है , अदालत परिसर में रहकर इन्होने , कलेक्ट्रेट पर होने वाले प्रदर्शन , धरने , ज्ञापनबाज़ी की खबरें पूरी तरह से कवर कीं , फिर अदालत में होने वाले घटनाओं , परिवाद , दर्ज मुक़दमों के फैसले , अदालतों की स्थिति , ज़रूरतें , परेशानियां ,, पक्षकारों को होने वाली असुविधाओं , बार एसोसियेशन , बार कौंसिल के चुनाव , अदालतों की हड़तालें , धरने , प्रदर्शन को खूब बहतर तरीके से , धर्म बंधु ने बेस्ट रिपोर्टर की हैसियत से कवर किया , ,जो लगातार दैनिक भास्कर में प्रकाशित होती रहीं , और इनकी कई खबरों का संज्ञान , अदालत प्रशासन ने लेकर , प्रश्नगत असुविधाओं को सुधारकर , सुविधाएं भी मुहय्या कराया हैं , धर्मबंधु आर्य की खबरें विधिक सक्षरता से भी जुडी रहीं , पक्षकारों , और वकील साथियों को इनकी खबरों से कई तरह के विधिक ज्ञान भी प्राप्त हुए हैं , जबकि बारां और अटरू में दर्ज कुछ मुक़दमों में इन्हे इनकी प्रकाशित खबरों को लेकर ,अदालत में बयां भी देने जाना पढ़ा है , कोटा में अदालत परिसर से संबंधित खबरों की तरफ , पत्रकारिता का कोई खास रुझान नहीं था , लेकिन एक मुल्कराज अरोड़ा पत्रकार जब अदलात की खबरों को बेहतर तरीके से प्रकाशित करने लगे तो पाठकों की डिमांड और टेस्ट को देखते हुए , पत्रिका , भास्कर जैसे समाचार पत्रों को , अदालत परिसर की खबरों की एक अलग से बीट स्थापित करना पढ़ी , और कोटा ब्यूरों में अदलात की खबरों को बहतर तरीके से प्रकाशित करने वाले धर्म बंधु को दैनिक भास्कर ने अदालत परिसर की खबरों के लिए चयन किया , तब से ही , धर्म बंधु ने तीन दशक के लगभग दैनिक भास्कर को , अदालत परिसर की सभी तरह की खबरें देकर , अन्य अख़बारों से उसे अलग साबित करें का प्रयास किया है , ददल्त परिसर की बीट होने से हर समाचार पत्र के रिपोर्टर्स अदालत में आते थे , लेकिन धर्म बंधु कॉमन खबरों में तो सभी पत्रकारों को शामिल कर लेते थे , और एक खबर दिन प्रतिदिन अपने पास एक्सक्लुजिज़व रखते थे , जो अलग से इनके अख़बार में प्रकाशित होती थी , बस दूसरे दिन इसी बात को लेकर , अदालत परिसर में आने वाले पत्रकार इनकी क्लास लेते थे , यह मुस्कुराते ,, सभी की सुनते और कहते , छोडो यार आप भी महनत करो , आपको भी अलग से खबर मिल जायेगी , धर्म बंधु आर्य प्रेस क्लब कोटा , आर्यसमाज नई दिल्ली सहित कई संस्थानों द्वारा पुरस्कृत भी किये जा चुके हैं , इन्हे बधाई , यूँ तो अभी यह रिटायर्ड जर्नलिस्ट हैं , लेकिन पत्रकार कभी बूढ़ा नहीं होता , कभी रिटायर नहीं होता , इसी तर्ज़ पर धर्म बंधु अब ,,,आसमान तलाश रहे हैं , ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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