फिर वह घाटी पर से होकर (क्यों) नहीं गुज़रा (11)
और तुमको क्या मालूम कि घाटी क्या है (12)
किसी (की) गर्दन का (गुलामी या कर्ज़ से) छुड़ाना (13)
या भूख के दिन रिश्तेदार यतीम या ख़ाकसार (14)
मोहताज को (15)
खाना खिलाना (16)
फिर तो उन लोगों में (शामिल) हो जाता जो ईमान लाए और सब्र की नसीहत और तरस खाने की वसीयत करते रहे (17)
यही लोग ख़ुश नसीब हैं (18)
और जिन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार किया है यही लोग बदबख़्त हैं (19)
कि उनको आग में डाल कर हर तरफ से बन्द कर दिया जाएगा (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 दिसंबर 2024
फिर वह घाटी पर से होकर (क्यों) नहीं गुज़रा
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