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10 नवंबर 2024

और हम ही ने दिन को (कसब) मआश (का वक़्त) बनाया

 और हम ही ने दिन को (कसब) मआश (का वक़्त) बनाया (11)
और तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत (आसमान) बनाए (12)
और हम ही ने (सूरज) को रौशन चिराग़ बनाया (13)
और हम ही ने बादलों से मूसलाधार पानी बरसाया (14)
ताकि उसके ज़रिए से दाने और सबज़ी (15)
और घने घने बाग़ पैदा करें (16)
बेशक फैसले का दिन मुक़र्रर है (17)
जिस दिन सूर फूँका जाएगा और तुम लोग गिरोह गिरोह हाजि़र होगे (18)
और आसमान खोल दिए जाएँगे (19)
तो (उसमें) दरवाज़े हो जाएँगे और पहाड़ (अपनी जगह से) चलाए जाएँगे तो रेत होकर रह जाएँगे (20)

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