260 किलोमीटर के सफ़र से रोशन होगी 2 जिंदगियां
2. नेत्रदान संकल्पित वजीर चन्द्र बाटला का हुआ नेत्रदान
3. नैत्रदान की नजीर बन चुका है,छिपाबड़ोद का बाटला परिवार
1
वर्ष पूर्व छोटे भाई वेद प्रकाश बाटला के निधन के बाद 10 मिनट की,रक्त
विहीन नेत्रदान प्रक्रिया को देखने के ठीक बाद,शवयात्रा निकलने से पहले ही
पंजाबी कॉलोनी, छीपाबड़ौद,जिला बाराँ निवासी वजीर चन्द्र बाटला ने अपना
नेत्रदान संकल्प पत्र शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ भरा था ।
छीपाबड़ौद
क्षेत्र का यह एक ही परिवार है,जो नेत्रदान को परंपरा की तरह निभाता चला आ
रहा है । पिछले वर्षों में परिवार में जो भी मृत्यु हुई है,उन सभी के
नेत्रदान परिवार के सदस्यों ने सभी की सहमति से संपन्न कराये हैं ।
इसी
क्रम में कल देर रात 2:00 बजे छीपाबड़ौद निवासी नैत्रदान संकल्पित वजीर
चंद्र बाटला (कपड़ा व्यवसायी, का आकस्मिक निधन हुआ । भारत विकास परिषद् के
नेत्र शिविर एवं नेत्रदान प्रभारी नरेन्द्र बाठला ने,पहले से चली आ रही
नेत्रदान की परंपरा को कायम रखते हुए पिता वज़ीर चन्द्र का नेत्रदान करवाने
के लिये परिषद के जिला प्रभारी धीरज बाटला को कोटा में शाइन इंडिया
फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को संपर्क किया ।
सूचना मिलने के बाद
कोटा से 130 किलोमीटर दूर छीपाबड़ौद के लिये डॉ गौड़ जल्दी सुबह,स्वयं
ज्योति रथ को चलाकर, ज्योति-मित्र नरेश कपूर के साथ 5:00 बजे रवाना हो गये ।
उचित
समय पर पहुंचकर परिवार के सभी सदस्यों के बीच में डॉ गौड़ ने वजीर चन्द्र
के पार्थिव शरीर से नेत्र संकलित किया । परिषद के जिला प्रभारी धीरज ने
बताया कि,पूर्व में परिवार से अभी तक दो नेत्रदान वेद प्रकाश व ज्ञान कँवर
बाठला (पूजा) के हो चुके हैं और छीपाबड़ौद में अभी तक कुल 8 नेत्रदान व एक
देहदान हुए हैं । जिनमें,पदमा देवी,कांति देवी दक्षिणी,सोहन लाल
बाठला,प्रेम चंद झाम्ब ,वेदप्रकाश बाठला,ज्ञान कँवर बाठला (पूजा) ,देहदानी व
राजरानी अदलखा,वजीर चन्द्र बाठला।
नेत्रदान के कार्य को बढ़ाने के
उद्देश्य से भारत विकास परिषद के माध्यम से मुक्तिधाम पर अब तक हो चुके
सभी नेत्रदानी व देहदानी के नाम लिख रखे हैं,इससे प्रेरित होकर भी परिजन
नैत्रदान करने के लिए धीरे-धीरे आगे आ रहे हैं ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 नवंबर 2024
260 किलोमीटर के सफ़र से रोशन होगी 2 जिंदगियां
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)