टेक्नीशियन छुट्टी पर तो कोटा से गई टीम ने 130 किलोमीटर गरोठ जाकर लिया नेत्रदान
2. नेत्रदान लेने के लिए कोई नहीं था,तो कोटा से गरोठ पहुंच कर अंतिम इच्छा को किया पूरा
आज सुबह,कॉलेज रोड,गरोठ,मध्य प्रदेश निवासी, सेवानिवृत शिक्षक रामगोपाल तिवारी का आकस्मिक निधन हुआ,जीवन भर विद्यार्थियों को ज्ञान की रोशनी देने के बाद शिक्षक रामगोपाल तिवारी मरणोपरांत भी दो लोगों को ज्योति की रोशनी दे गए।
भारत विकास परिषद के प्रांतीय "भारत को जानो" प्रतियोगिता प्रभारी प्रभारी नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि, सेवानिवृत शिक्षक रामगोपाल तिवारी के आकस्मिक निधन के पश्चात उन्होंने पुत्र मुकेश तिवारी से नेत्रदान की चर्चा की, शिक्षित परिवार होने के कारण तुरंत नेत्रदान के प्रति सहमति हो गयी।
परंतु एक समस्या थी कि,नेत्र उत्सर्जन करने वाले शामगढ़ के टेक्नीशियन छुट्टी पर थे, ऐसे में नेत्र उत्सर्जन का कार्य कैसे संभव हो ? इसलिये शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश गुप्ता दलाल मैं कोटा के डॉ कुलवंत गौड़ को परिस्थिति से अवगत कराया । उस समय डॉ गौड़ परिवार सहित छत्र विलास उद्यान में मॉर्निंग वॉक पर थे, परिवार को वहीं पर छोड़ तुरंत ही स्वयं, नेत्र संकलन वाहिनी ज्योति रथ चलाकर कोटा से 130 किलोमीटर दूर गरोठ जा पहुंचे।
डॉ गौड़ ने सुबह 10 बजे ज्योति-रथ से गरोठ पहुंचकर नेत्रदान प्राप्त किया, नेत्रदान प्रक्रिया के समय बड़ी संख्या में नगरवासी और समाज सदस्य उपस्थित थे एवं सभी ने इस जानकारी को प्राप्त किया की, नेत्रदान में केवल कॉर्निया को निकाला जाता है । यह 10 मिनट की एक रक्तहीन प्रक्रिया है, जिसमें पूरी आँख नहीं निकाली जाती।
गरोठ कस्बे से यह शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से दुसरा नेत्रदान प्राप्त हुआ है। नेत्रदान प्रक्रिया के बाद परिषद शाखा गरोठ के द्वारा नेत्रदानी परिवार को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया, इस अवसर पर परिषद शाखा के अनिल व्यास, राधेश्याम सेठिया, मुकेश धनोतिया, राजेश मांदलिया, शरद चौधरी आदि सदस्य उपस्थित रहे। डॉ कुलवंत ने उपस्थित जन समुदाय को नेत्रदान प्रक्रिया के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की और भ्रान्तियों का निवारण किया।
डॉ कुलवंत गौड़
शाइन इंडिया फाउंडेशन, कोटा
8386900102
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