उसके पास मुक़र्रिब (फ़रिश्ते) हाजि़र हैं (21)
बेशक नेक लोग नेअमतों में होंगे (22)
तख़्तों पर बैठे नज़ारे करेंगे (23)
तुम उनके चेहरों ही से राहत की ताज़गी मालूम कर लोगे (24)
उनको सर ब मोहर ख़ालिस शराब पिलायी जाएगी (25)
जिसकी मोहर मिष्क की होगी और उसकी तरफ अलबत्ता शयाक़ीन को रग़बत करनी चाहिए (26)
और उस (शराब) में तसनीम के पानी की आमेजि़ष होगी (27)
वह एक चष्मा है जिसमें मुक़रेबीन पियेंगे (28)
बेशक जो गुनाहगार मोमिनों से हँसी किया करते थे (29)
और जब उनके पास से गुज़रते तो उन पर चषमक करते थे (30)
और जब अपने लड़के वालों की तरफ़ लौट कर आते थे तो इतराते हुए (31)
और जब उन मोमिनीन को देखते तो कह बैठते थे कि ये तो यक़ीनी गुमराह हैं (32)
हालाँकि ये लोग उन पर कुछ निगराँ बना के तो भेजे नहीं गए थे (33)
तो आज (क़यामत में) ईमानदार लोग काफि़रों से हँसी करेंगे (34)
(और) तख़्तों पर बैठे नज़ारे करेंगे (35)
कि अब तो काफि़रों को उनके किए का पूरा पूरा बदला मिल गया (36)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 नवंबर 2024
तख़्तों पर बैठे नज़ारे करेंगे
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