सुरए नाज़ेआत मक्के में नाजिल हुआ और इसमें (46) आयतें और दो रुकूअ हैं
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान रहेम वाला हैं
उन (फरिश्तों) की कसम जो (कुफ्फ़ार की रूह) डूब कर सख्ती से खीच लेते हैं(1)
और उनकी कसम जो (मोमिन की जान) आसानी से खोल देता हैं (2)
और उन की कसम जो (आसमान ज़मीन के दरमियान) पैरते फिरते हैं (3)
फिर एक के आगे बढते है (4)
बढते फिर (दुनिया के) इंतेज़ाम करते हैं (5)
(उनकी कसम कि क़यामत हो कर रहेगी) जिस दिन ज़मीन को भूचाल आएगा (6)
फिर उस पीछे और ज़लज़ला आएगा (7)
उस दिन दिलों की धड़कन होंगी (8)
उन की आँखे (निदामत से) झुंकी हुई होंगी (9)
कुफ्फ़ार कहते है की क्या हम उलटे पाँव (ज़िन्दगी की तरफ) फिर लौटेंगे (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 नवंबर 2024
उन (फरिश्तों) की कसम जो (कुफ्फ़ार की रूह) डूब कर सख्ती से खीच लेते हैं
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